बच्चेदानी में घाव होने का कारण - bachchedaanee mein ghaav hone ka kaaran

बच्चेदानी में घाव होने का कारण - bachchedaanee mein ghaav hone ka kaaran

गलत जीवनशैली, असंतुलित खानपान और शारीरिक स्वास्थ्य से जुड़ी गड़बड़ी के कारण महिलाओं के शरीर में कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं। खानपान और लाइफस्टाइल में गड़बड़ी की वजह से गर्भाशय (बच्चेदानी) से जुड़ी समस्या हो सकती है जो आगे चलकर गंभीर समस्या बन सकती है। बच्चेदानी में घाव होना ज्यादातर मामलों में सर्वाइकल कैंसर का लक्षण माना जाता है। एक आंकड़े के मुताबिक पूरी दुनिया में लगभग 2.6 प्रतिशत महिलाएं ही इस समस्या में कैंसर की जांच कराती हैं। बच्चेदानी में घाव (Wound in Uterus) होने के कई कारण हो सकते हैं। इस समस्या को नजरअंदाज करना कैंसर के खतरे को बढ़ाना होता है। सही समय पर इलाज कराने और सावधानियां बरतने से आप बच्चेदानी के घाव की समस्या के गंभीर होने से बच सकती हैं। हर महीने पीरियड्स के दौरान ब्लड गर्भाशय (बच्चेदानी) से गर्भाशय ग्रीवा के माध्यम से वेजाइना तक आता है। ऐसे में इन्फेक्शन आदि के कारण भी बच्चेदानी में घाव होने का खतरा रहता है। आइये विस्तार से जानते हैं बच्चेदानी में घाव के कारण, लक्षण और इलाज के बारे में।

बच्चेदानी में घाव के कारण (Wound in Uterus Causes in Hindi)

गर्भाशय या बच्चेदानी में घाव की समस्या ज्यादातर मामलों में यौन संचारित संक्रमण (STI) के कारण होती है। इसके अलावा इस समस्या के लिए कई अन्य कारण भी जिम्मेदार होते हैं। स्टार हॉस्पिटल की गायनेकोलॉजिस्ट डॉ विजय लक्ष्मी के मुताबिक बच्चेदानी में घाव की समस्या पीरियड्स के दौरान ब्लीडिंग की वजह से हुए इन्फेक्शन, गलत खानपान और जीवनशैली से जुड़े कारणों की वजह से भी हो सकती है। बच्चेदानी में घाव की समस्या के कुछ प्रमुख कारण इस प्रकार से हैं। 

  • क्लैमाइडिया इन्फेक्शन की वजह से।
  • यूरियाप्लाज्मा नामक संक्रमण के कारण।
  • एलर्जी के कारण संक्रमण की वजह से घाव।
  • योनी में टैम्पोन की वजह से।
  • बैक्टीरियल वेजिनोसिस के कारण।
  • प्रेगनेंसी के दौरान।
  • कैंसर या सर्वाइकल कैंसर की वजह से।
  • असुरक्षित यौन संबंध के कारण।

बच्चेदानी में घाव होने का कारण - bachchedaanee mein ghaav hone ka kaaran

बच्चेदानी में घाव के लक्षण (Wound in Uterus in Hindi)

बच्चेदानी में घाव होने पर सबसे पहले महिला को ब्लीडिंग की समस्या होती है। इसके अलावा गंभीर दर्द, वेजाइना में खुजली की समस्या होना बच्चेदानी में घाव का लक्षण माना जाता है। बच्चेदानी में घाव होने पर दिखाई देने पर आपको ये लक्षण प्रमुखता से दिखाई दे सकते हैं।

1. वेजाइना में खुजली और जलन।

2. ब्लीडिंग की समस्या।

3. सेक्स के बाद गंभीर ब्लीडिंग।

4. बार-बार पेशाब आना।

5. पेशाब के दौरान गंभीर दर्द।

6. शारीरिक संबंध बनाते समय दर्द।

7. पेट में गंभीर दर्द।

8. बुखार।

बच्चेदानी में घाव का इलाज और बचाव (Wound in Uterus Treatment And Prevention in Hindi)

गर्भाशय या बच्चेदानी में घाव की समस्या होने पर सबसे पहले डॉक्टर इसकी जांच करते हैं। ज्यादातर मामलों में यह समस्या यौन संचारित संक्रमण के कारण होती है। ऐसे में डॉक्टर सबसे पहले कारण का पता लगाने की कोशिश करते हैं। इसके बाद डॉक्टर आपसे कुछ सवाल पूछ सकते हैं जो उन्हें यह समझने में मदद करता है कि यह समस्या किस कारण से शुरू हुई है। जिसके बाद वे संक्रमण को खत्म करने और घाव को ठीक करने के लिए कुछ एंटीबायोटिक दवाओं के सेवन की सलाह दे सकते हैं। अगर यह समस्या आपको एसआईटी के कारण नहीं हुई है तो ऐसे में डॉक्टर इस समस्या में इलाज के दौरान संक्रमण को खत्म करने के लिए दवाएं देते हैं। इस समस्या में एंटीबायोटिक के अलावा एंटीफंगल और एंटीवायरल दवाएं इस्तेमाल की जाती हैं। 

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बच्चेदानी में घाव की समस्या में डॉक्टर आपको कुछ बातों का ध्यान रखने की सलाह देते हैं। सबसे पहले आपको जब तक यह घाव ठीक न हो जाए शारीरिक संबंध नहीं बनाने की सलाह दी जाती है। इसके अलावा असामान्य रूप से ब्लीडिंग या वेजाइना में दर्द होने पर तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। खानपान और लाइफस्टाइल में सुधार करने से और किसी भी तरह के लक्षण दिखने पर तुरंत जांच के बाद इलाज लेने से यह समस्या जल्दी ठीक हो जाती है और सर्वाइकल कैंसर का खतरा भी कम हो जाता है।

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RANCHI : बच्‍चेदानी में घाव, मतलब मेडिकल भाषा में सर्वाइकल कैंसर। यह‍ कैंसर बेहद खतरनाक और जानलेवा। सबसे चिंता की बात यह है कि महिलाओं की कुल आबादी के 2.6 प्रतिशत महिलाएं ही यह जांच कराती हैं। सर्वाइकल कैंसर से बचने का सबसे अच्‍छा उपाय है नियमित जांच। नियमित जांच से शुरुआत में ही इसकी पहचान हो जायेगी। जिससे समय पर इलाज पर इसे ठीक किया जा सकता है। झारखंड की बात करें तो सर्वाइकल कैंसर से हो रही मौत के आंकड़ों पर अंकुश और बेहतर जांच की सुविधा देने में कई राज्‍यों से बेहतर है। झारखंड सरकार ने 11 जिलों में सर्वाइकल प्री कैंसर की जांच और इलाज की मशीनें लगा दी है। वहीं गांव-देहात और शहर में रहनेवाली 15 से 50 साल तक की लड़की और महिलाओं को इस रोग के बारे में बताया और समझाया जा रहा है। यह कहना है वीमेन डॉक्टर्स विंग आईएमए झारखण्ड की अध्‍यक्ष डॉ भारती का।

बच्चेदानी में घाव होने का कारण - bachchedaanee mein ghaav hone ka kaaran
dr bharti kashyap

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30 नवम्बर को वीमेन डॉक्टर्स विंग आईएमए झारखण्ड एवं स्वास्थ्य विभाग के साझा बैनर तले रातू के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में “मेगा महिला स्वास्थ्य शिविर” लगेगा। यहां शारीरिक जांच की जायेगी। वहीं सरकारी स्त्री रोग डॉक्‍टरों को ट्रेनिंग भी दी जायेगी। शिविर का उद्घाटन स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता करेंगे। वहीं  आईएमए के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. जेए जयालाल भी मौजूद रहेंगे। शिविर में मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, दिल्ली की जानी मानी स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. कनिका गुप्ता की टीम जांच और इलाज करेगी। शिविर में आने वाली सभी महिलाओं को 1 महीने की आयरन, फोलिक एसिड एवं कैल्शियम की गोली मुफ्त में दी जायेगी। जननांग से सफ़ेद स्त्राव यानी लुकोरिया एवं इन्फेक्शन से ग्रसित सभी महिलाओं को Kit 2 एवं Kit 6 की गोलियां मुफ्त में दी जायेगी।

ऐसा करने से बचें

  • 18 वर्ष के कम आयु में सम्भोग करना।
  • एक से अधिक लोगों के साथ यौन संबंध।
  • यौन रोगों का व्यक्तिगत इतिहास।
  • कई गर्भधारण।
  • बिना डॉक्टर की सलाह के गर्भनिरोधक गोलियों को लम्बे समय तक प्रयोग।
  • कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली।
  • धुम्रपान/ तम्बाकू का सेवन।

रोग के लक्षण

  • संभोग के दौरान रक्तस्राव होना।
  • दो महवारियों के बीच में अचानक रक्तस्राव होना।
  • महिलाओं में रजोनिवृत्ति के उपरांत रक्तस्राव होना।
  • योनि से बदबूदार स्राव।

इनमें से कोई भी लक्षण लगे तो डॉक्‍टर से तुरंत सलाह लें।

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बच्चेदानी में घाव क्यों होता है?

जवाब: बच्चेदानी की सूजन रसौली, एंड्रोमेट्रियोसिस, बच्चेदानी के मुंह पर घाव के कारण हो सकती है। इसकी जांच करा लें, जिस कारण से सूजन है उसका इलाज कराएं। सवाल: शरीर में दर्द रहता है, वजन भी बढ़ रहा है।

बच्चेदानी में इन्फेक्शन होने के क्या लक्षण है?

गर्भाशय में सूजन के दौरान अनियमित पीरियड्स, पीरियड्स के दौरान अत्यधिक दर्द होना और ठंड लगना, बार बार यूरिन आने की समस्या, पेट के निचले हिस्से में दर्द, पीठ में दर्द, कमजोरी और थकान, चिड़चिड़ाहट, कब्ज, गैस या एसिडिटी की समस्या, प्राइवेट पार्ट में जलन या खुजली, इंटरकोर्स के समय दर्द आदि इसके लक्षणों के रूप में सामने आते ...

बच्चेदानी खराब होने के क्या कारण होते हैं?

किन कारणों से होती है बच्चेदानी कमजोरी?.
मानसिक स्वास्थ्य का सही न रहना या मानसिक कमजोरी.
यूट्रस संबंधी कोई बीमारी भी बच्चेदानी के कमजोर होने का कारण बन सकती है।.
प्रसव के बाद भी बच्चेदानी कमजोर हो सकती है।.
बाहरी या अंदरूनी चोट के कारण.
खानपान की गलत आदत या अस्त व्यस्त लाइफस्टाइल.

बच्चेदानी का कैंसर कैसे पता चलता है?

पीरियड्स के अलावा भी ब्लीडिंग होना: यूट्रस कैंसर के लक्षण आपको सामान्य लग सकते हैं। हालांकि, इन्हें कभी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। यदि आपको पीरियड्स के अलावा भी अचानक से ब्लीडिंग होती है या खून के अलावा किसी भी तरह का लिक्विड डिस्चार्ज होता है, तो ये एंडोमेट्रियल कैंसर के लक्षण हो सकते हैं।