बंगाल में रंगोली को क्या कहते हैं? - bangaal mein rangolee ko kya kahate hain?

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विषयसूची

  • 1 उत्तरांचल में रंगोली को क्या कहते है?
  • 2 रंगोली क्यों बनाई जाती है?
  • 3 रंगोली में क्या क्या लगता है?
  • 4 रंगोली को कितने नामों से जानते हैं?
  • 5 महाराष्ट्र की लोक कला क्या है?
  • 6 दीपावली पर रंगोली क्यों बनाई जाती है?
  • 7 रंगोली कितने प्रकार से बनाई जाती है?
  • 8 रंगोली के लिए रंग कैसे बनाएं?

उत्तरांचल में रंगोली को क्या कहते है?

इसे सुनेंरोकेंविभिन्न प्रांतों की रंगोली उत्तर प्रदेश में चौक पूरना, राजस्थान में मांडना, बिहार में अरिपन, बंगाल में अल्पना, महाराष्ट्र में रंगोली, कर्नाटक में रंगवल्ली, तमिलनाडु में कोल्लम, उत्तरांचल में ऐपण, आंध्र प्रदेश में मुग्गु या मुग्गुलु, हिमाचल प्रदेश में ‘अदूपना’, कुमाऊँ में लिखथाप या थापा, तो केरल में कोलम।

रंगोली क्यों बनाई जाती है?

इसे सुनेंरोकेंमां लक्ष्मी के साथ रंगोली दीवाली पर घर में आने वाले मेहमानों के स्वागत के लिए भी बनाई जाती है। माना जाता है कि बिना रंगों के हर खुशी अधूरी है, इसी वजह से देश में लगभग हर बड़े त्योहार पर रंगोली बनाने की परंपरा है। दीवाली पर लोग रंगोली को जरूर बनाते हैं क्योंकि ऐसा माना जाता है कि मां लक्ष्मी रंगोली से खुश होती हैं।

रंगोली कब बनाई जाती है?

इसे सुनेंरोकेंज्यादातर रंगोली को दिवाली के उत्सव पर बनाया जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि हम हर दिवाली पर अपने घरों में रंगोली क्यों बनाते हैं। सूखा आटा, रंगीन चावल, रंगीन रेत, फूलों की पंखुड़ी, गीला पाउडर चावल जिसमें सरमिसरी (सिंदूर) या हल्दी हो सालों पहले लोग इस तरह से रंगोली बनाते थे।

रंगोली में क्या क्या लगता है?

“रंगोली” बालू से बनी कलाकृति है, जो केवल भारत में ओणम, दिवाली इत्यादि, जैसे शुभ त्योहारों के मौके पर, घर के सामने ज़मीन पर बनाई जाती है।…

  • रंगोली का रंग, बालू या सूजी, के साथ पेंट के पाउडर का मिश्रण।
  • फूलों की पंखुड़ियाँ, पत्तियाँ।
  • पेंट।
  • रंगीन बालू /sawdustलकड़ी का बुरादा।
  • अन्य सामाग्री जिनका आप प्रयोग करना चाहते हैं।

रंगोली को कितने नामों से जानते हैं?

इसे सुनेंरोकेंदेश के विविध प्रांतों में इस अलंकरण कला को अलग-अलग नामों से जाना जाता है। उत्तर प्रदेश और बिहार में चौक पूरना, राजस्थान में मांडना, बंगाल में अल्पना, महाराष्ट्र में रंगोली, कर्नाटक में रंगवल्ली, तमिलनाडु में कोल्लम, उत्तरांचल में ऐपण, आंध्र प्रदेश में मुग्गु या मुग्गुलु और केरल में कोलम के नाम से जाना जाता है।

अल्पना शब्द की उत्पत्ति कहाँ से हुई?

इसे सुनेंरोकेंअल्पना वात्स्यायन के ‘कामसूत्र’ में वर्णित चौंसठ कलाओं में से एक है। यह अति प्राचीन लोक कला है। इसकी उत्पत्ति के संबंध में साधारणत: यह माना जाता है कि ‘अल्पना’ शब्द संस्कृत के ‘ओलंपेन’ शब्द से निकला है, जिसका अर्थ है- ‘लेप करना’। इसी दृष्टिकोण से अल्पना का धार्मिक और सामाजिक अवसरों पर प्रचलन शुरू हुआ।

महाराष्ट्र की लोक कला क्या है?

इसे सुनेंरोकेंरंगोली कला ..!! हर घर के आगे मतलब आँगन में मुख्य द्वार के सामने जमिन पर इस कला का मनोरम आविष्कार देखने को मिला । यहाँ तीज त्योहारों में ऐसी खुब सुरत रंगों से रंगोली उतारी जाती हैं । रंगोली महाराष्ट्र में उत्सव का मांगल्य, शुभता का प्रतिक माना जाता हैं ।

दीपावली पर रंगोली क्यों बनाई जाती है?

इसे सुनेंरोकेंमांडना या रंगोली को श्री और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। यह माना जाता है कि जिसके घर में इसका सुंदर अंकन होता रहता है, वहां लक्ष्मी निवास करती है। सभी देवी और देवता मांडना या रंगोली देखकर प्रसन्न होते हैं। यह घर की सुंदरता में चार चांद लगा देते हैं।

रंगोली बनाने से क्या लाभ होता है?

इसे सुनेंरोकेंयह आपको हाई ब्लडप्रेशर से बचाती है और मानसिक व आत्म‍िक तौर पर शांति प्रदान करती है। 4 रंगों के सकारात्मक एवं नकारात्मक प्रभाव को विज्ञान और विभिन्न चिकित्सा पद्धतियों ने माना है। जब आप रंगों के संपर्क में आते हैं, तो इनसे उत्सर्जित ऊर्जा आप पर प्रभाव डालती है, जिससे कई तरह की मानसिक और शारीरिक समस्याओं का इलाज संभव है।

रंगोली कितने प्रकार से बनाई जाती है?

इसे सुनेंरोकेंरंगोली दो प्रकार से बनाई जाती है। सूखी और गीली। दोनों में एक मुक्तहस्त से और दूसरी बिंदुओं को जोड़कर बनाई जाती है। बिंदुओं को जोड़कर बनाई जाने वाली रंगोली के लिए पहले सफेद रंग से जमीन पर किसी विशेष आकार में निश्चित बिंदु बनाए जाते हैं फिर उन बिंदुओं को मिलाते हुए एक सुंदर आकृति आकार ले लेती है।

रंगोली के लिए रंग कैसे बनाएं?

बनाने का तरीका-

  1. सबसे पहले किसी बर्तन में एक कप चावल लें।
  2. चावल को मिक्सी की मदद से पीस लें और पीसकर किसी बर्तन में रख दें।
  3. मन चाहा कलर पाने के लिए फूड कलर को चावल में डालें।
  4. मिक्सी की मदद से चावल और फूड कलर को अच्छे से मिक्स कर लें।
  5. इन आसान स्टेप्स के साथ आप अपना मनचाहा कलर बना सकते हैं।

बंगाल में रंगोली को क्या कहा जाता है?

बंगाल में रंगोली को अल्पना कहा जाता है। यह चावल को पीसकर उसके पाउडर या पेस्ट से बनाई जाती है।

रंगोली को और कितने नाम से जाना जाता है?

क्षेत्रों के अनुसार रंगोली के विभिन्न नाम और उनके महत्व.
अरिपन रंगोली – बिहार अरिपान बिहार की लोक चित्र कला है. ... .
मांडना रंगोली- राजस्थान राजस्थान की लोक कला और चित्रकला मांडना है. ... .
अल्पना रंगोली- बंगाल ... .
ऐपण रंगोली – उत्तराखंड ... .
झोटी और चिता रंगोली – उड़ीसा ... .
कोलम रंगोली – केरल ... .
मुग्गु रंगोली – आंध्र प्रदेश.

महाराष्ट्र में रंगोली को क्या कहा जाता है?

महाराष्ट्र में इसे रंगोली, उत्तर प्रदेश में चौक पूरना, बिहार में अरिपन, राजस्थान में मांडना तो आंध्र प्रदेश में इसे मुग्गु के नाम से जाना जाता है.

रंगोली नाम क्या है?

रंगोली को 'अल्पना' के नाम से भी जाना जाता है. देश के विभिन्न प्रांतों की लोककलाओं में रंगोली के नाम और निर्माण शैलियों में भी विविधता देखने को मिलती है, लेकिन इसके पीछे निहित भावना, उद्देश्य और संस्कृति में पर्याप्त समानता है. इसकी यही विशेषता इसे विविधता देती है और इसके विभिन्न आयामों को भी प्रदर्शित करती है.