बिहार में मुस्लिम की आबादी कितनी है - bihaar mein muslim kee aabaadee kitanee hai

क्रमांक .प्रखंड का नामपंचायतो की संख्यागांवों की संख्या1औराई26 1162बंदरा12323बोचहा201344गायघाट231145काँटी211166कटरा22807कुढ़नी391668मरवन14609मीनापुर2815410मोतीपुर3213711मुरौल93712मुशहरी2611713साहेबगंज2113114सकरा2812115पारू3415816सरैया30124

किशनगंज एक और से नेपाल और दूसरी ओर से पश्चिम बंगाल से घिरा हुआ बिहार का अहम जिला है. यह पूर्णिया डिविजन का हिस्सा है. यह पश्चिम में बिहार का अररिया जिला, दक्षिण-पश्चिम में पूर्णिया जिला, पूर्व में पश्चिम बंगाल के उत्तर दिनाजपुर जिला, और उत्तर में पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग और नेपाल से घिरा हुआ है. पश्चिम बंगाल की लगभग 20 किमी चौड़ी पट्टी इसे बांग्लादेश से अलग करती है. 

किशनगंज जिले के गठन की कहानी
किशनगंज पूर्णिया के पुराना और अहम अनुमंडल रहा है. सोशल वर्कर्स, नेताओं, पत्रकारों, व्यापारियों, किसानों समेत किशनगंज के लोगों के 17 साल के लंबे और कठिन संघर्ष के बाद, किशनगंज 1990 में स्वतंत्र जिले के तौर पर सामने आया. जिले में महानंदा, कनकी, मेची, डोंक रतुआ नदियां प्रमुख तौर पर बहती हैं. किशंनगंज बिहार में चाय पैदा करने वाला एकमात्र जिला है. 

किशनगंज का सामाजिक तानाबाना
2011 की जनगणना के अनुसार किशनगंज जिले की आबादी करीब 17 लाख है. जिले में जनसंख्या का घनत्व 898 प्रति व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर है. किशनगंज में बिहार के कुछ जिलों के मुकाबले लिंगानुपात थोड़ा कम खराब है. यहां प्रत्येक 1,000 पुरुषों पर 946 महिलाएं है. जिले में साक्षरता की दर 57.04% है. यह बिहार का अकेला जिला है जहां मुस्लिम आबादी बहुसंख्यक है. जिले में  करीब 68 फीसदी मुस्लिम आबादी है तो लगभग 31 फीसदी हिंदू आबादी है.

मुस्लिम बहुल आबादी वाला जिला
जिले की अधिसंख्य आबादी गांवों में रहती है. जिले के अधिकांश लोग मैथिली बोलते हैं. इसके बाद सुरजापुरी (42.61 फीसदी) बोलने वालों की तादाद भी अच्छी खासी है. उर्दू बोलने वालों की संख्या 32.62 फीसदी, उर्दू बोलने वालों की 9.05 और हिंदी बोलने वालों की संख्या 6.66 फीसदी  है. इसके अलावा कुछ लोग बंगाली, संथाली, मैथिली और भोजपुरी में बोलते हैं. अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के किशनगंज कैंपस की नींव 2014 में रखी गई थी.

मुस्लिम मतदाता तय करते हैं राजनीतिक तस्वीर 
किशनगंज जिले में किशनगंज लोकसभा सीट आती है. मुस्लिम बहुल आबादी होने की वजह से यहां पर अधिकतर पार्टियां मुस्लिम उम्मीदवारों को मैदान में उतारती हैं. यहां पर एक बार 1967 के लोकसभा चुनाव में प्रजा सोशलिस्ट पार्टी के उम्मीदवार लाखन लाल कपूर को जीत मिली थी. इस सीट पर नौ बार कांग्रेस को जीत मिली है तो तीन बार आरजेडी ने भी जीत का स्वाद चखा है. भाजपा ने एक बार 1999 में शाहनवाज हुसैन के रूप में यहां से सासंद बनाया है. किशनंगज में चार विधानसभा सीटें- बहादुरगंज, किशनगंज, ठाकुरगंज और कोचाधामन सीटें आती हैं. वोटों का गणित देखते हुए विधानसभा सीटों पर भी सभी पार्टियां मुस्लिम उम्मीदवारों को प्राथमिकता देती हैं. इनमें से फिलहाल दो सीटें जेडीयू के पास हैं और एक-एक सीट कांग्रेस और AIMIM (कांग्रेस विधायक के सांसद बनने के बाद)  के पास है. 

जिले के प्रमुख अधिकारी
किशनगंज के डीएम आदित्य प्रकाश हैं. उनकी ई-मेल आईडी [email protected] है. उनका टेलीफोन नंबर 06456-222530 है. जिले के एसपी कुमार आशीष हैं. जिनकी ई-मेल आईडी [email protected] है. उनका टेलीफोन नंबर 06456-222438 है.

2011 की जनगणना के अनुसार आबादी के आंकड़ों के मुताबिक

2011 की जनगणना के अनुसार, मुंगेर नगर निगम और जमालपुर नगर परिषद की कुल आबादी 3,88,000 है, जिसमें से 2,00,000
पुरुष और 18 हजार 88 हजार महिलाएं थीं। इसका 883 लिंग अनुपात था। 5 साल से कम की आबादी 42,260 थी। 7+ आबादी की
साक्षरता दर 81.83 प्रतिशत थी।

मुंगेर में धर्म

हिंदू धर्म 51.02%
इस्लाम 48%
ईसाई 0.98%
सिख धर्म 0.30%
दूसरों 0.34%

क्षेत्र फल14,019 वर्ग किलोमीटरकुल अनुमण्डल03कुल जनसंख्या13,67,765कुल अंचल09कुल प्रखंड09कुल ग्राम पंचायत101कुल नगरपालिका02कुल नगर निगम01साक्षरता अनुपात14कुल गांव861

जायसवाल ने दावा किया कि किशनगंज और अररिया ऐसे जिले हैं, जहां जनसंख्या वृद्धि दर केवल ‘‘पाकिस्तान के कबायली क्षेत्रों और इथियोपिया के कुछ हिस्सों’’ से मेल खाती थी।

2011 की जनगणना के अनुसार, किशनगंज में 67 प्रतिशत मुस्लिम आबादी थी जो बिहार के अन्य जिलों की तुलना में सबसे अधिक है। इसके बाद उसका पड़ोसी जिला अररिया है जहां मुस्लिम आबादी 43 प्रतिशत थी।

भाजपा नेता ने अररिया में यह टिप्पणी की, जो इस महीने के अंत में पूर्णिया में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की रैली के लिए समर्थन जुटाने के मकसद से जिले के दौरे पर हैं।

बाद में पत्रकारों के संपर्क करने पर जायसवाल ने कहा, ‘‘मैंने तथ्यों को सामने रख यह कहा था, जिसका गृह मंत्री के 23-24 सितंबर के दौरे से कोई लेना-देना नहीं है।’’

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा हाल में भाजपा से अचानक गठबंधन तोड़ राज्य में राष्ट्रीय जनता दल (राजद), कांग्रेस सहित सात दलों के साथ नयी महागठबंधन सरकार बनाए जाने के बाद गृह मंत्री का राज्य का यह पहला दौरा होगा। शाह को व्यापक रूप से उनकी पार्टी का प्रमुख रणनीतिकार माना जाता है।

शाह के इस दौरे को लेकर कुमार की पार्टी जनता दल (यूनाइटेड) (जद-यू) इस बात से आशंकित है कि दौरे को सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की कोशिश की जा सकती है।

हालांकि, जायसवाल ने कहा कि वह ‘‘जनसंख्या स्थिरीकरण की आवश्यकता पर जोर दे रहे थे जिसे पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल में हासिल किया गया है।’’

उन्होंने मुसलमानों के परिवार नियोजन को धर्म के विरूद्ध मानने के रुख को उच्च जनसंख्या वृद्धि के लिए दोष देने से भी परहेज करते हुए यह जरूर कहा कि अररिया और किशनगंज में उच्च जनसंख्या वृद्धि के पीछे एक कारण बांग्लादेशी प्रवासियों की आमद है जिसे लोग स्वीकार करने को तैयार नहीं हैं।

उन्होंने केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जैसे पार्टी सहयोगियों के विपरीत जनसंख्या वृद्धि को रोकने के लिए एक कानून की मांग नहीं की पर यह जरूर कहा कि कम बच्चे पैदा करने वालों को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है।’’

बिहार में हिन्दू कितने परसेंट है?

प्रदेश की कुल आबादी में हिन्दू 82.69 प्रतिशत तथा मुस्लिम 16.87 प्रतिशत हैं।

बिहार में सबसे ज्यादा जनसंख्या किसका है?

बिहार के सबसे ज्यादा जनसंख्या वाला जिला का नाम पटना है जिसकी आबादी 58 लाख से भी अधिक है। जबकि बिहार का सबसे कम आबादी वाला जिला शेखपुरा है जिसकी आबादी 6 लाख से अधिक है। 2011 के जनगणना के अनुसार, रैंक के अनुसार बिहार के जिलों का नाम एवं उसकी आबादी। शेखपुरा – 6,36,342।

भारत में मुसलमानों की संख्या कितनी है?

इसमें 96.63 करोड़ हिंदू और 17.22 करोड़ मुस्लिम हैं. भारत की कुल आबादी में 79.8% हिंदू और 14.2% मुस्लिम हैं. इनके बाद ईसाई 2.78 करोड़ (2.3%) और सिख 2.08 करोड़ (1.7%) हैं. बाकी बौद्ध और जैन धर्म को मानने वालों की आबादी 1% से भी कम है.

2022 में बिहार की जनसंख्या कितनी है?

निर्वाचन आयोग के अनुसार बिहार की जनसंख्या 14,91, 41, 337 तक पहुंच गई है. पुरुषों की संख्या 7,54,93,251 है, जबकि महिलाओं की आबादी 7,3648,86 बताई गई है. भारत निर्वाचन आयोग ने 1 जनवरी 2022 के आधार पर निर्वाचकों की यह सूची प्रकाशित की है.