जहाँ से विभिन्न संस्कृति का जन्म हुआ है,
जहाँ से भिन्न-भिन्न भाषाओं ने अपना रूप लिया है,
जो अद्भुत कलाओं का उदाहरण है,
समस्त विश्व को आकर्षित करने का कारण है।
जहां हुए हैं अनूठे आविष्कार,
जिनकी कल्पना नहीं कर सकता था यह संसार।
सदियों की पराधीनता न डाल सकी प्रभाव जहां की सभ्यता संस्कृति पर,
जहां अतिथि का दर्जा होता है ईश्वर के बराबर।
हिमालय है जिसका पहरेदार,
पवित्र नदियां करती है जिसका श्रगांर,
जहां होती है हर जाति धर्म की पूजा,
समस्त विश्व में भारत जैसा देश ना दूजा।
जिस मातृभूमि की गोद से जन्म लिया है धरती पर स्वर्ग ने,
हर जाति मजहब से ऊपर उठकर खुद को भारतीय कहा है हर वर्ग ने।
अनेक महापुरुषों के जन्म से हुई है यहां की धरती पावन,
ऐसी महान भूमि पर जिसने जन्म लिया,धन्य हुआ उसका जीवन।
- संचिता सिंह
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4 years ago