भारत के राष्ट्रपति का चुनाव कौन करता है? - bhaarat ke raashtrapati ka chunaav kaun karata hai?

भारत के राष्ट्रपति का चुनाव कौन करता है? - bhaarat ke raashtrapati ka chunaav kaun karata hai?
 

भारत के राष्ट्रपति का चुनाव कौन करता है? - bhaarat ke raashtrapati ka chunaav kaun karata hai?

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अस्वीकरण: यह साइट छोटे फोण्ट में 800x600 पिक्सल के स्क्रीन रेजल्यूशन में सबसे अच्छा दिखता है। इसे संसदीय सूचना विज्ञान प्रभाग, राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केन्द्र द्वारा अभिकल्पित और विकसित किया गया है और इसके लिए सामग्री राज्य सभा के सभापति के कार्यालय द्वारा उपलब्ध करायी गयी है।

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Solution

The correct option is B: केवल 1, 3 और 4व्याख्या राष्ट्रपति सीधे लोगों द्वारा निर्वाचित नहीं होते, बल्कि निर्वाचक मंडल के सदस्यों द्वारा उनका निर्वाचन किया जाता है जिसमें: संसद के दोनों सदनों के निर्वाचित सदस्य;राज्यों के विधान सभा के निर्वाचित सदस्य; तथादिल्ली और पुडुचेरी संघ शासित प्रदेशों के विधान सभा के निर्वाचित सदस्य सम्मिलित होते हैं। इस प्रकार, संसद के दोनों सदनों के मनोनीत सदस्य, राज्य विधानसभाओं के मनोनीत सदस्य, राज्य विधान परिषदों (द्विसदनीय विधायिका के मामले में) के सदस्य (निर्वाचित या मनोनीत) और दिल्ली तथा पुडुचेरी विधानसभा के मनोनीत सदस्य राष्ट्रपति के निर्वाचन में भाग नहीं लेते हैं ।

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भारत में राष्ट्रपति पद का चुनाव अप्रत्यक्ष निर्वाचन प्रणाली के द्वारा होता है। दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत में राष्ट्रपति का चुनाव काफी अहम होता है। देश के प्रथम नागरिक का चुनाव सीधे जनता न करके उसके चुने हुए प्रतिनिधि यानी विधायक और सांसद करते हैं। आइए जानते हैं कि राष्ट्रपति किस तरह चुना जाता है और इस पद की क्या शक्तियां हैं....

सबसे बड़ा लोकतंत्र : भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है और राष्ट्रपति यहां सर्वोच्च संवैधानिक पद है। संवैधानिक प्रक्रिया के अंतर्गत हर 5 वर्षों में राष्ट्रपति का चुनाव होता है। अमेरिका में कोई भी व्यक्ति दो कार्यकाल से ज्यादा राष्ट्रपति नहीं बन सकता, लेकिन भारत में ऐसी बाध्यता नहीं है। यहां अधिकतम की कोई सीमा नहीं है। हालांकि देश के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ही एकमात्र ऐसे व्यक्ति हैं, जो दो कार्यकाल तक राष्ट्रपति रहे।

योग्यता : देश का कोई भी नागरिक जिसकी उम्र 35 साल या इससे अधिक है राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ सकता है। राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार को राज्य या केन्द्र सरकार के तहत किसी लाभ के पद पर नहीं होना चाहिए। मानसिक रूप से स्वस्थ होने के साथ ही उसे दिवालिया नहीं होना चाहिए। न ही किसी आपराधिक मामले में सजायाफ्ता होना चाहिए। राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार को अपनी संपत्ति का खुलासा करना भी आवश्यक है।

अप्रत्यक्ष निर्वाचन : भारत में जनता अपने राष्ट्रपति का चुनाव सीधे नहीं करती, बल्कि उसके द्वारा चुने हुए प्रतिनिधि राष्ट्रपति का चुनाव करते हैं। संविधान के अनुच्छेद 54 में इसका उल्लेख है। चुनाव में मतदाता सभी राज्यों के 4120 विधायक, 543 लोकसभा सदस्य और 233 राज्यसभा के सदस्य वोट डालते हैं अर्थात 4896 वोटर राष्ट्रपति चुनाव में मतदान करते हैं।

वोटों का मूल्य : 4896 निर्वाचकों के वोटों का कुल मूल्य 10 लाख 98 हजार 882 है। विधायकों के वोटों का मूल्य 5 लाख 49 हजार 474 है, जबकि सांसदों के वोटों का मूल्य 5 लाख 49 हजार 408 है। वोटों का मूल्य 1971 की जनगणना की आबादी के आंकड़ों के आधार पर निकाला जाता है। विधायक के मामले में जिस राज्य का विधायक हो, उसकी आबादी देखी जाती है। इसके साथ उस प्रदेश के विधानसभा सदस्यों की संख्या को भी ध्यान में रखा जाता है। वोटों का वेटेज निकालने के लिए प्रदेश की जनसंख्या को चुने गए विधायकों की संख्या से बांटा जाता है। इस तरह जो भी आंकड़ा मिलता है, उसे फिर एक हजार से भाग दिया जाता है। अब जो आंकड़ा हाथ लगता है, वही उस राज्य के एक विधायक के वोट का वेटेज होता है। एक हजार से भाग देने पर अगर शेष पांच सौ से ज्यादा हो तो वेटेज में एक जोड़ दिया जाता है।

सांसदों के मतों के वेटेज का गणित अलग है। सबसे पहले सभी राज्यों की विधानसभाओं के चुने गए सदस्यों के वोटों का वेटेज जोड़ा जाता है। अब इस सामूहिक वेटेज का राज्यसभा और लोकसभा के चुने गए सदस्य की कुल संख्या से भाग दिया जाता है। इस तरह जो नंबर मिलता है, वह एक सांसद के वोट का वेटेज होता है। अगर इस तरह भाग देने पर शेष 0.5 से ज्यादा बचता हो तो वेटेज में एक का इजाफा हो जाता है।


ये नहीं डाल सकते हैं वोट : राष्ट्रपति द्वारा संसद में नामित सदस्य तथा राज्यों की विधान परिषदों के सदस्य राष्ट्रपति चुनाव में वोट नहीं डाल सकते, क्योंकि ये जनता द्वारा चुने गए सदस्य नहीं होते हैं।

सिंगल ट्रांसफरेबल वोट : राष्ट्रपति चुनाव में खास तरीके से मतदान होता है, जिसे 'सिंगल ट्रांसफरेबल वोट सिस्टम' या एकल परिवर्तनीय वोट पद्धति कहते हैं अर्थात वोटर एक ही वोट देता है, लेकिन वह राष्ट्रपति चुनाव में भाग ले रहे सभी उम्मीदवारों में से अपनी प्राथमिकता तय कर देता है। यदि पहली पसंद वाले उम्मीदवार के वोटों से विजेता का फैसला नहीं हो सका तो उम्मीदवार के खाते में वोटर की दूसरी पसंद को नए सिंगल वोट की तरह ट्रांसफर किया जाता है।

वोटों की गिनती : राष्ट्रपति चुनाव में सबसे ज्यादा वोट हासिल करने से ही जीत तय नहीं होती। महामहिम वही बनता है, जो वोटरों यानी सांसदों और विधायकों के वोटों के कुल वेटेज का आधे से अधिक हिस्सा हासिल करे। अर्थात इस चुनाव में पहले से तय होता है कि जीतने वाले को कितने वोट या वेटेज पाना होगा।

शक्तियां : अनुच्छेद 52 के अनुसार संघ की शक्ति राष्ट्रपति में निहित है। भारत का राष्ट्रपति भारत का प्रथम नागरिक होने के साथ ही सशस्त्र सेनाओं का सर्वोच्च सेनानायक भी होता है। देश में आपातकाल लगाने, युद्ध अथवा शांति की घोषणा करने का अधिकार राष्ट्रपति के पास होता है। सिद्धांततः राष्ट्रपति के पास पर्याप्त शक्ति होती है। पर कुछ अपवादों के अलावा राष्ट्रपति के पद में निहित अधिकांश अधिकार वास्तव में प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली मंत्रिपरिषद् के द्वारा उपयोग किए जाते हैं। इसके अलावा राष्ट्रपति को मृत्युदंड प्राप्त व्यक्ति को क्षमादान, सजा कम करने आदि अधिकार भी प्राप्त हैं।

सुविधाएं : भारत के राष्ट्रपति का वेतन डेढ़ लाख रुपए प्रतिमाह है, जो कि करमुक्त है। साथ ही यह वेतन निकट भविष्य में 5 लाख रुपए तक हो सकता है। अन्य सुविधाएं और भत्ते भी कम नहीं हैं। राष्ट्रपति का आवास एवं कार्यालय रायसीना हिल के नाम से मशहूर है। यह वेटिकन सिटी से तीन गुना बड़ा है तथा यह ब्रुनेई के सुल्तान, ब्रिटेन के राजनिवास तथा अमेरिका के राष्ट्रपति के आवास से भी बड़ा है। 33 एकड़ में फैले पेड़ पौधे, 340 कमरे और 11.5 मील लंबा गलियारा देखते ही बनता है। 200 से ज्यादा सेवक और अंगरक्षक हर समय राष्ट्रपति की सेवा में मौजूद रहते हैं।

महाभियोग : अनुच्छेद 61 के अनुसार राष्ट्रपति को महाभियोग प्रस्ताव के जरिए अपने पद से हटाया जा सकता है। राष्ट्रपति को संसद में प्रस्तुत किसी ऐसे प्रस्ताव से हटाया जा सकता है, जिसे प्रस्तुत करते समय सदन के 1/4 सदस्यों का समर्थन मिले। प्रस्ताव पारित करने से पूर्व 14 दिन पहले नोटिस देना होता है। प्रस्ताव सदन की कुल संख्या के 2/3 से अधिक बहुमत से पारित होना चाहिए। राष्ट्रपति अपना पक्ष स्वयं अथवा वकील के माध्यम से रख सकता है। दूसरे सदन में भी प्रस्ताव 2/3 बहुमत से पारित होना चाहिए। दोनों सदनों द्वारा प्रस्ताव पारित करने के बाद राष्ट्रपति को अपने पद से हटना होगा।

भारत के राष्ट्रपति को पद की शपथ कौन दिलाता है?

इस अर्थ में, राष्ट्रपति भारतीय संविधान के अभिभावक के रूप में शपथ लेते हैं। भारत के मुख्य न्यायाधीश या उनके अनुपस्थिति में सर्वोच्च न्यायलय के वरिष्ठ न्यायाधीश द्वारा शपथ लेता है। Q. यदि भारत के राष्ट्रपति का उनके कार्यालय में निधन हो जाता है, तो उनके शेष कार्यकाल में भारत के उपराष्ट्रपति राष्ट्रपति का कार्य करेंगे।

भारत के राष्ट्रपति की सुरक्षा कौन करता है?

देश की राष्ट्रपति की हिफाजत करने वाले ये सुरक्षाकर्मी अंगरक्षक यानि प्रेसीडेंट्स बॉडी गार्ड्स कहलाते हैं. राष्ट्रपति भवन हो या फिर उसके बाहर के इलाके सभी जगह महामहिम इनकी निगहबानी में रहते हैं. ये भी बड़ी खास बात है कि इस दस्ते में केवल जाट, सिख और राजपूतों को ही प्राथमिकता मिलती है.

भारत के पहले राष्ट्रपति कौन है?

26 नवंबर 1949 को संविधान को अपनाने के बाद डॉ. राजेंद्र प्रसाद को भारत के पहले राष्ट्रपति के रूप में चुना गया था. द्रोपति मुर्मू 25 जुलाई, 2022 को भारत के 15वें राष्ट्रपति बनी।

भारत के राष्ट्रपति का चुनाव कब हुआ था?

भारत में १७ जुलाई २०१७ को राष्ट्रपति का चुनाव सम्पन्न हुआ तथा २० जुलाई २०१७ को मतों की गणना करके परिणाम घोषित किए गए। रामनाथ कोविंद भारत के १४वें राष्ट्रपति बने।