भारत में बाल श्रमिक को कैसे रोका जा सकता है? - bhaarat mein baal shramik ko kaise roka ja sakata hai?

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Hindimen- बाल मजदूरी एक प्रमुख सामाजिक समस्या  है. जब कोई बच्चा अपने बचपन में यानी कानूनी रूप से 14 साल से जीविका चलाने के लिए जो मजदूरी करता है, उसे बाल मजदूरी या बाल श्रम कहते हैं. आज की पोस्ट में हम बाल मजदूरी को रोकने के उपाय के बारे में चर्चा करेंगे.

भारत में बाल श्रमिक को कैसे रोका जा सकता है? - bhaarat mein baal shramik ko kaise roka ja sakata hai?

बाल मजदूरी रोकने के उपाय.
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बाल मजदूरी रोकने के उपाय निमनलिखित है-
1- बाल मजदूरी रोकने के लिए सबसे पहले गरीबी को कम करना पड़ेगा, क्योंकि बाल मजदूरी  का मुख्य कारण गरीबी है. इसलिए बाल मजदूरी रोकने के लिए पहले गरीबी को मिटाना होगा, जिस से गरीब आदमी अपने बच्चों को मजदूरी करने नहीं भेजेगा.
2- बाल मजदूरी रोकने का दूसरा उपाय है शिक्षा का प्रसार प्रचार, क्योंकि अशिक्षित व्यक्ति बाल मजदूरी को नहीं समझता है. शिक्षा का प्रचार होगा तो बाल मजदूरी पर रोक लगेगी तथा लोग बाल श्रम के प्रति जागरूक होंगे.
3- बाल मजदूरी रोकने का तीसरा उपाय बेरोजगारी को खत्म करना या इस पर लगाम लगाना है. क्योंकि बेरोजगारी के चलते ही के लोग अपने परिवार का खर्चा नहीं चला पाते हैं, जिस कारण वह अपने बच्चों से बाल मजदूरी या बाल श्रम करवाते हैं. बेरोजगारी खत्म हो गई तो अपने बच्चों को पढ़ने लिखने भेजेंगे तथा उनका बचपन सुखमय होगा.
4- बाल मजदूरी या बाल श्रम रोकने का चौथा उपाय है कड़ा कानून, जिससे सस्ती मजदूरी के चकर में बच्चों से काम करवाने वाले दुकानदारों, मिल मालिकों को कड़ी सजा हो सके जिससे वह बाल मजदूर को अपने यहां काम नहीं करवा सके.
5- बाल मजदूरी रोकने का सबसे महत्वपूर्ण उपाय है बाल मजदूरी के खिलाफ जागरूकता फैलाना, ताकि लोग समझ सके की बाल मजदूरी देश के भविष्य के साथ खिलवाड़ है. उन्हें बताना होगा कि बाल मजदूरी के द्वारा भारत के भविष्य जो इन बच्चों में है, वह मानसिक व शारीरिक रुप से कमजोर हो रहा है.
6- इसके अलावा  आम आदमी को यह दृढ़ संकल्प लेना चाहिए की वो ऐसी दुकानों से समान या अन्य वस्तु नहीं खरीदेगा जहां पर कोई बच्चा बाल मजदूरी कर रहा है तथा इसे देखते ही पुलिस में या अन्य जगह पर इसकी शिकायत करें. इस तरह सरकार में आम जनता मिलकर बाल मजदूरी को रोकथाम में सहायता कर सकते हैं.

अन्य मह्त्वपूर्ण लेेख-

बाल मजदूरी रोकने के उपाय

बाल मजदूरी रोकने के उपाय- आज हम अपनी इस पोस्‍ट में आपको बाल मजदूरी से जुड़ी कुछ जानकारी और उससे जुड़े कुछ कानूनों से अवगत करवाते हैं। साथ ही आपको बताएँगे कि बाल मजदूरी रोकने के उपाय क्या है हम हमारे देश में बाल मजदूरी रोकने में किस तरह से अपना योगदान दे सकते हैं।

भारत में बाल मजदूरी एक गंभीर समस्‍या है। आज आप देश के किसी भी कोने में चले जाइए आपको बेहद ही कम उम्र के बच्‍चे काम करते आसानी से दिखाई दे जाएंगे। मासूम से इन बच्‍चों को काम करते देख कई बार हमारे मन में दया भी आ जाती है कि देखिए ये बच्‍चे कितनी कम उम्र में ही अपने मां बाप का सहारा बने हुए हैं।

ये बच्‍चे ज्‍यादातर हमें चाय की दुकानों, छोटे होटलों और घर या किरयाणे की दुकानों में काम करते दिखाई दे जाएंगे। पैसों के लालच में कई बार तो इन बच्‍चों से लोग 12 से 15 घंटे तक काम करवाते हैं। लेकिन क्‍या आप जानते हैं इन बच्‍चों से इस तरह काम करवाना कानूनी रूप से अपराध है। जिसकी सजा का भी प्रावधान है। तो चलिए जानते है बाल मजदूरी क्या है? और बाल मजदूरी रोकने के उपाय कौन से है?

बाल मजदूरी क्या है?

बाल मजदूरी रोकने के उपाय जानने से पहले हमें यह समझ लेना आवश्यक है कि आखिर बाल मजदूरी क्या है? किसे कहते है बाल मजदूरी?

बाल मजदूरी पर रोक लगाने की शुरूआत हमारे संविधान के द्वारा ही हो गई थी। संविधान के अनुच्‍छेद 24 में भारत में किसी भी तरह की बाल मजदूरी पर रोक लगाने का प्रावधान है। इसके साथ ही संविधान ने हमें शिक्षा में अधिकार को मौलिक अधिकार के रूप में शामिल किया गया है।

जिसके तहत देश के 6 से लेकर 14 वर्ष की आयु के हर बच्‍चे को शिक्षा देना अनिवार्य है। जो कि संबधित राज्य सरकार की तरफ से नि:शुल्‍क दी जानी चाहिए। ताकि इस उम्र में हर बच्‍चा पढ़ सके और अपने सपनों को पूरा कर सके। यदि इस उम्र के बीच में कोई भी बच्‍चा काम करता है तो उसे हम बाल मजदूरी के रूप में देखते हैं।

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बाल श्रम पर क्‍या कानून है?

भारत में बाल श्रमिक को कैसे रोका जा सकता है? - bhaarat mein baal shramik ko kaise roka ja sakata hai?

बाल मजदूरी रोकने के उपाय जानने से पहले यह समझ लेना आवश्यक है कि कौन से ऐसे क्षेत्र है जिनमे कम उम्र के बालकों का काम करना बाल मजदूरी नहीं माना जाता?

बाल श्रम से जुड़े कानूनों में साल 2016 में संशोधन किया गया था। ये संशोधन बालश्रम अधिनियम 1986 में किया गया था। जिसके तहत यदि कोई भी व्‍यक्ति 14 साल के कम उम्र के बच्‍चे को किसी व्‍यवसायिक काम में लगाता है तो उसके ऊपर 50 हजार रुपए का जुर्माना और दो साल तक की कैद हो सकती है। जबकि किसी ज्‍वलनशील पदार्थ या विस्‍फोटक खान आदि में काम करवाना जहां काफी जोखिम भरा माहौल रहता हो तो ये उम्र 14 साल से बढ़कर 18 वर्ष तक हो जाती है।

लेकिन बाल मजदूरी से जुड़े कानूनों में फिल्‍मों, विज्ञापनों और टीवी जगत में छूट दी गई है। इस क्षेत्र में किसी भी उम्र के बच्‍चे को काम में लगाया जा सकता है। बाल मजदूरी को रोकने के लिए अक्‍सर उस इलाके की लोकल पुलिस ढाबों, दुकानों और फैक्‍टरी आदि में छापे मारती रहती है। ताकि जो भी लोग बाल मजदूरी करवाने में लगे है उन्‍हें सजा दी जा सके और बच्‍चों को इस काम से बाहर निकाला जा सके।

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बाल श्रम से होने वाले नुकसान

यहाँ हमने कुछ ऐसे नुकसानों के बारे में चर्चा की है ताकि हम यह समझ सकें कि बाल मजदूरी रोकने के उपाय जानना हम सभी के लिए इतना जरुरी क्यों है?

  • बाल श्रम से सबसे बड़ा नुकसान यही है कि जिन बच्‍चों को इस काम में लगाया जाता है वो शिक्षा के अधिकार से वंचित रह जाते हैं। जिसके बाद उनका पूरा जीवन इसी तरह के कामों में बीतता है और उनका परिवार कभी भी गरीबी से बाहर नहीं निकल पाता।
  • क्‍योंकि बाल श्रम करवाने वाले लोग नियम कायदों को ताक पर रखकर उन्‍हें खतरनाक काम में लगाते हैं। साथ ही उनसे कई घंटों तक काम करवाते हैं और कई बार उन्‍हें सप्‍ताह के दौरान मिलने वाली छुट्टी भी नहीं दी जाती है। ऐसे में इससे उनके शरीर में में त्‍वचा रोग, फेफड़ों के रोग, टीबी और नजर तक कई बार कमजोर हो जाती है। साथ ही काम के दौरान चोट आदि लगने का भय भी हमेशा बना रहता है।
  • बाल मजदूरी में जो लड़कियां शामिल होती हैं। कई बार देखा ये भी गया है कि उनका कार्यस्‍थल पर यौन शोषण भी होने लगता है और उन्‍हें किसी को ना बताने की धमकी दी जाती है या पैसों के लालच में ये सब उनसे करवाया जाता है।
  • ये बच्‍चे अपने आगे के जीवन में सरकार की तरफ से चलाए जा रहे विकास के अवसरों से भी वंचित रह जाते है और एक अकुशल मजदूर के तौर पर ही जीवन भर काम करते देखे जाते हैं। जिससे इनकी अगली पीढी भी गरीबी के इस बोझ को ढोने के लिए मजबूर हो जाती है।
  • बाल मजदूरी और बाल तस्‍करी एक दूसरे के समपूरक हैं। क्‍योंकि कई बार किसी विशेष जगह के बच्‍चों को बेहतर काम दिलवाने के नाम पर कहीं दूसरी जगह लाया जाता है और काम के आड़ में बाल तस्‍करी को अंजाम दे दिया जाता है। जो कि एक बेहद ही खतरनाक काम है।

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  • बाल मजदूरी रोकने के उपाय यह है कि बाल मजदूरी को रोकने में सबसे पहले माता पिता को आगे आना चाहिए। यदि माता पिता अपने बच्‍चे को काम की बजाय पढ़ाई के लिए प्रोत्‍साहित करेंगे तो इसे आसानी से रोका जा सकता है। ल‍ेकिन कई बार माता पिता गरीबी को इसका कारण बताते हैं। इसका समाधान यही है कि वो सरकार की योजनाओं की मदद ले सकते हैं और अपने बच्‍चे को बेहतर शिक्षा दे सकते हैं।
  • देखा ये भी जाता है कि बाल मजदूरी बड़े पैमाने पर ग्रामीण इलाकों में की जाती हैं। क्‍योंकि वहां अक्‍सर पुलिस और छापों आदि का भय नहीं रहता है। ऐसे में ग्राम पंचायतों को चाहिए कि वो आगे बढ़कर आएं और अपने गांव में हो रही बाल मजदूरी को रोकने में पुलिस और कानून की मदद करें।
  • बाल मजदूरी रोकने के लिए हमारी सरकार और समाज को ऐसा माहौल बनाना चाहिए कि बच्‍चे बाल मजदूरी की तरफ रूख ही ना करें। बाल्‍कि वो बचपन से ही स्‍कूल की तरफ जाने के विचार को अपने अंदर लाएं।

  • इसके साथ ही बच्‍चों को स‍रकारी स्‍कूल में पर्याप्‍त सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएं, ताकि बच्‍चे स्‍कूल जाने के लिए स्‍वंय भी प्रेरित हो सकें।
  • बाल श्रम से जुड़े कानून भले ही कठोर हों पर फिर भी हम देखते हैं कि इसमें पुलिस और प्रशासन का सुस्‍त रवैया होता है। ऐसे में जरूतर है कि हर इलाके की पुलिस अपने इलाके में इस बात को सुनिश्‍चित करे कि वाकई उसके इलाके में किसी तरह का कोई बाल श्रम नहीं हो रहा है।
  • हर साल 12 जून को बाल श्रम निषेध दिवस मनाया जाता है। जरूरत है कि इस दिन बाल श्रम से जुड़े कानूनों पर खुलकर चर्चा की जाए। सेमिनार आयोजित किए जाएं। ताकि लोग बाल मजदूरी से अवगत हो सकें और अपने बच्‍चों को बाल मजदूरी के दलदल में फंसने से बचा सकें।
  • मजदूरी रोकने के लिए हमारी भूमिका भी बड़ी अहम हो सकती है। इसके लिए चाहिए कि यदि हमारे घर के आसपास या हमारी गली में कोई बाल मजदूरी करने को मजबूर है तो अपनी तरफ से उसे किसी तरह की आर्थिक मदद या किताबें आदि देकर स्‍कूल जाने के लिए प्रेरित करें। यदि हर गली मोहल्‍ले में ये एक अभियान की तरह आगे बढ़ता है तो यकीन मानिये एक दिन हमारे देश में बाल मजदूरी करने को कोई भी मजबूर नहीं होगा।

Conclusion

आज आपने जाना कि बाल मजदूरी क्या है? इससे जुड़े नियम और बाल मजदूरी रोकने के उपाय के बारे में, बाल मजदूरी किसी भे देश के लिए श्राप की भाती है यदि बाल मजदूरी पर लगाम ना लगायी जाय तो देश का विकाश संभव नहीं है। ऐसे में हम सभी की यह जिम्मेदारी है कि ऐसी जानकारी सभी के पास हो ताकि जरुरत पड़ने पर क्या करना है यह हमें ज्ञात हों।

भारत में बाल श्रम को कैसे रोका जा सकता है?

बाल मजदूरी तथा शोषण एकीकृत दृष्टिकोण के माध्‍यम से रोके जा सकते हैं जो बाल सुरक्षा प्रणाली को मज़बूत बनाने के साथ-साथ गरीबी तथा असमानता जैसे मुद्दों, गुणात्‍मक शिक्षा के बेहतर अवसरों, और बच्‍चों के अधिकारों की रक्षा के लिए जन सहयोग जुटाने में मदद करते हैं।

बाल श्रमिक बनने से रोकने के उपाय क्या है?

सामान्य विकास कार्यक्रम पर ध्यान देना – जहाँ तक संभव हो विभिन्न मंत्रालयों/विभागों द्वारा बाल श्रमिकों के कल्याण के लिए चलाए जा रहे विकास कार्यक्रमों का उपयोग करना। परियोजना आधारित कार्य योजना – जिन क्षेत्रों में बाल-श्रमिकों का प्रभाव अधिक है उन क्षेत्रों में कार्यरत बच्चों के लिए योजनाएँ बनाना।

बाल श्रम को रोकने के लिए कौन सा अनुच्छेद है?

भारत और बंगलादेश सहित कई देशों में अभी भी बाल श्रम व्यापक रूप से विद्यमान है। यद्यपि इस देश के कानून के अनुसार १४ वर्ष से कम आयु के बच्चे काम नहीं कर सकते, फ़िर भी कानून को नजरअंदाज कर दिया है।