संघ की राजभाषा नीतिसंघ की राजभाषा नीतिसंघ की राजभाषा हिंदी और लिपि देवनागरी है । संघ के शासकीय प्रयोजनों के लिए प्रयोग होने वाले अंकों का रूप भारतीय अंकों का अंतराष्ट्रीय रूप है {संविधान का अनुच्छेद 343 (1)} । परन्तु हिंदी के अतिरिक्त अंग्रेजी भाषा का प्रयोग भी सरकारी कामकाज में किया जा सकता है (राजभाषा अधिनियम की धारा 3) । Show
संसद का कार्य हिंदी में या अंग्रेजी में किया जा सकता है । परन्तु राज्यसभा के सभापति महोदय या लोकसभा के अध्यक्ष महोदय विशेष परिस्थिति में सदन के किसी सदस्य को अपनी मातृभाषा में सदन को संबोधित करने की अनुमति दे सकते हैं । {संविधान का अनुच्छेद 120} किन प्रयोजनों के लिए केवल हिंदी का प्रयोग किया जाना है, किन के लिए हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं का प्रयोग आवश्यक है और किन कार्यों के लिए अंग्रेजी भाषा का प्रयोग किया जाना है, यह राजभाषा अधिनियम 1963, राजभाषा नियम 1976 और उनके अंतर्गत समय समय पर राजभाषा विभाग, गृह मंत्रालय की ओर से जारी किए गए निदेशों द्वारा निर्धारित किया गया है । राजभाषा (संघ के शासकीय प्रयोजनों के लिए प्रयोग)नियम, 1976(यथा संशोधित, 1987, 2007 तथा 2011)सा.का.नि. 1052 --राजभाषा अधिनियम, 1963 (1963 का 19) की धारा 3 की उपधारा (4) के साथ पठित धारा 8 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, केन्द्रीय सरकार निम्नलिखित नियम बनाती है, अर्थातः-
[भारत का राजपत्र, भाग-2, खंड 3, उपखंड (i) में प्रकाशनार्थ] भारत सरकार गृह मंत्रालय राजभाषा विभाग नई दिल्ली, दिनांक: अगस्त, 2007 अधिसूचना का.आ. (अ). -- केन्द्रीय सरकार, राजभाषा अधिनियम, 1963 (1963 का 19) की धारा 3 की उपधारा (4) के साथ पठित धारा 8 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, राजभाषा (संघ के शासकीय प्रयोजनों के लिए प्रयोग) नियम, 1976 का और संशोधन करने के लिए निम्नलिखित नियम बनाती है, अर्थात:-
नियम 2 के खंड (च) के स्थान पर निम्नलिखित खंड रखा जाएगा, अर्थात्:- “क्षेत्र क” से बिहार, छत्तीसगढ, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, मध्यप्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली तथा अंडमान और निकोबार द्वीप समूह संघ राज्य क्षेत्र’ अभिप्रेत हैं; ’ [(फा.सं. I/14034/02/2007-रा.भा.(नीति-1)] (पी.वी.वल्सला जी.कुट्टी) संयुक्त सचिव, भारत सरकार भारत के राजपत्र, भाग-II, खंड 3, उपखंड (i) में प्रकाशित]पृष्ठ संख्या 576-577दिनांक 14-5-2011भारत सरकार गृह मंत्रालय राजभाषा विभाग *** नई दिल्ली, 4 मई, 2011 अधिसूचनासा.का.नि. 145 केन्द्रीय सरकार, राजभाषा अधिनियम, 1963 (1963 का 19) की धारा 3 की उपधारा (4) के साथ पठित धारा 8 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, राजभाषा (संघ के शासकीय प्रयोजनों के लिए प्रयोग) नियम, 1976 का और संशोधन करने के लिए निम्नलिखित नियम बनाती है, अर्थात्:-
“क्षेत्र ख” से गुजरात, महाराष्ट्र और पंजाब राज्य तथा चंडीगढ़, दमण और दीव तथा दादरा और नगर हवेली संघ राज्य क्षेत्र अभिप्रेत हैं;’ [(फा.सं.I/14034/02/2010-रा.भा. (नीति-1)] डी.के.पाण्डेय, संयुक्त सचिव टिप्पण:- मूल नियम भारत के राजपत्र में सा.का.नि.संख्यांक 1052 तारीख 17 जुलाई, 1976 द्वारा प्रकाशित किए गए थे और सा.का.नि.संख्यांक 790, तारीख 24 अक्तूबर, 1987 तथा सा.का.नि.संख्यांक 162 तारीख 03 अगस्त, 2007 द्वारा उनमें पश्चातवर्ती संशोधन किए गए। सरकार की राजभाषा नीति का आधार क्या है?संघ की राजभाषा हिंदी और लिपि देवनागरी है । संघ के शासकीय प्रयोजनों के लिए प्रयोग होने वाले अंकों का रूप भारतीय अंकों का अंतराष्ट्रीय रूप है {संविधान का अनुच्छेद 343 (1)} । परन्तु हिंदी के अतिरिक्त अंग्रेजी भाषा का प्रयोग भी सरकारी कामकाज में किया जा सकता है (राजभाषा अधिनियम की धारा 3) ।
संविधान के अनुसार भारत की सह राजभाषा कौन सी है?अनुच्छेद 343(3) के प्रावधान व श्री जवाहर लाल नेहरू के आश्वासन को ध्यान में रखते हुए राजभाषा अधिनियम बनाया गया। इसके अनुसार हिन्दी संघ की राजभाषा व अंग्रेजी सह-राजभाषा के रूप में प्रयोग में लाई गई।
भारत के संविधान में हिंदी को राजभाषा का दर्जा कब दिया गया?हिंदी को राजभाषा का दर्जा 14 सितंबर, 1949 को मिला और संविधान के भाग-17 में इससे संबंधित महत्त्वपूर्ण प्रावधान किए गए। इसी ऐतिहासिक महत्व के कारण 1953 से राष्ट्रभाषा प्रचार समिति द्वारा प्रतिवर्ष 14 सितंबर को 'हिंदी दिवस' का आयोजन किया जाता है।
राजभाषा विभाग की स्थापना कब की गई थी?राजभाषा विभाग भारत सरकार के गृह मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन एक विभाग है। राजभाषा के बारे में संवैधानिक और विधिक प्रावधानों के अनुपालन तथा संघ के कार्यालयीन प्रयोजनों के लिए हिन्दी के प्रयोग को बढावा देने के लिए जून १९७५ में, गृह मंत्रालय के एक स्वतन्त्र विभाग के रूप में राजभाषा विभाग की स्थापना की गयी थी।
|