बार बार बुखार आने का कारण क्या हो सकता है? - baar baar bukhaar aane ka kaaran kya ho sakata hai?

बार बार बुखार आने का कारण क्या हो सकता है? - baar baar bukhaar aane ka kaaran kya ho sakata hai?

Show

बार-बार बुखार आने के कारण जानें. (Image-canva)

जब आपको कई बार बुखार आता है, तो यह बार-बार होने वाला बुखार होता है. ये बुखार आमतौर पर 5 साल से कम उम्र के बच्चों में अधिक देखा जाता है. बार-बार होने वाला बुखार किसी बीमारी का संकेत भी हो सकता है.

  • News18Hindi
  • Last Updated : September 07, 2022, 14:20 IST

हाइलाइट्स

37 डिग्री सेल्सियस से तापमान का बढ़ना बुखार होता है.
बार-बार बुखार आने से कमजोरी महसूस हो सकती है.

Recurrent Fever-बार-बार बुखार आना, एक चिंतनीय विषय है. इसके कई कारण हो सकते हैं, लेकिन इसके साथ ये किसी बीमारी का भी संकेत हो सकता है. देखा जाए तो, बुखार में शरीर का तापमान 100.4 डिग्री से ज्यादा होता है, लेकिन ये बुखार बार-बार आ रहा है तो ये बात चिंताजनक हो सकती है. ये किसी बीमारी का भी संकेत हो सकता है. रिसर्च के अनुसार, एवरेज बॉडी टेंपरेचर 98.6 डिग्री फारेनहाइट होती है. 100.4 डिग्री से ऊपर टेंपरेचर बुखार की श्रेणी में आता है. बार-बार बुखार होने को एपिसोडिक फीवर कहा जाता है यानी कि ऐसा फीवर जो आता-जाता रहता है. बार-बार बुखार आने की ये समस्या ज्यादातर 5 से कम उम्र के बच्चों में अधिक देखी जाती है. बार-बार बुखार के और भी कारण हो सकते हैं, जो इस प्रकार हैं.

क्यों आता है बार-बार बुखार
बॉडी टेंपरेचर दिन में या एक्सरसाइज के बाद थोड़ा सा बढ़ सकता है और कुछ डिग्री ही बढ़ता है, नार्मल टेंपरेचर के मुकाबले. लेकिन बार-बार बुखार होना वायरस या बैक्टीरियल इंफेक्शन की वजह से हो सकता है या पीरियोडिक फीवर सिंड्रोम के कारण ऐसा हो सकता है. यह सिंड्रोम कभी-कभी जेनेटिक डिफेक्ट की वजह से होते हैं. बार-बार बुखार आना जब पीरियोडिक फीवर सिंड्रोम से होता है तो शरीर का टेंपरेचर बढ़ सकता है. इसके आने के और भी अलग कारण हो सकते हैं जो आपको जान लेने चाहिए.
-वायरस.
-बैक्टीरियल इन्फेक्शन.
-वैक्सीनेशन.

बार बार बुखार आने की कुछ खास मेडिकल स्थिति
-फैमिलियल मेडिटेरियन फीवर.
-टयूमर नैक्रोसिस फैक्टर रिसेप्टर एसोसिएटेड पीरियोडिक फीवर सिंड्रोम.
-हाइपर इम्यूनो ग्लोबुलिन डी.
-न्यू नेटल ऑन सेट मल्टीसिस्टम इन्फ्लेमेटरी डिजीज.
-मक्कल वेल सिंड्रोम.
-एफ्थस स्टामाटाइटिस.
-फैरिजाइटिस आदि

यह भी पढ़ेंः महिलाओं को इन वजहों से हो सकता है हार्ट अटैक, ये लक्षण न करें नजरअंदाज

समय पर पहचानें लक्षण
बार-बार बुखार आने से कमजोरी महसूस हो सकती है. ऐसे में निम्न शुरुआती लक्षणों को पहचानकर समय पर उपचार ज़रूरी है.

यह भी पढ़ेंः सर्सापैरिला खाने से सोरायसिस से मिलेगी राहत, हेल्थ के लिए फायदेमंद

-37 डिग्री सेल्सियस से तापमान का बढ़ना.
-शरीर में ठंड लेकिन त्वचा में गर्माहट महसूस होना.
-चिड़चिड़ापन और खाने का मन नहीं करना.
-शरीर में थकान और शीथलता महसूस करना.
-अगर बच्चे को बुखार है तो जोर से रोना.
-बार-बार कान खींचना.

कैसे करें इलाज
बार-बार बुखार होने पर उसका इलाज भी समान्य बुखार की तरह ही किया जाता है. बार-बार बुखार आने में निम्न इलाज कर सकते हैं
बुखार होने में ढेर सारा पानी पीना फायदेमंद हो सकता है.
-अगर बच्चे को बुखार है तो उसके सांस लेने पैटर्न पर निगरानी रखना जरूरी है.
-अगर बच्चे को सांस लेने में तकलीफ है और बुखार को 5 दिन हो चुके हैं तो, तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है.
-बुखार कब और कितनी देर तक बना है, इस पर ध्यान करना जरूरी है.
-बार-बार होने वाला बुखार किसी बीमारी का संकेत हो सकता है. इसलिए एक्सपर्ट से सलाह लेनी जरूरी है.
इसे भी पढ़ें : डैंड्रफ से हैं परेशान, तो इस तरह करें नीम का इस्‍तेमाल

बार-बार बुखार आने से सबसे ज्यादा बच्चे प्रभावित होते हैं, क्योंकि उनकी इम्यूनिटी इतनी मजबूत नहीं होती, इसलिए बच्चे सबसे ज्यादा इसकी चपेट में रहते हैं. थोड़ी सी सावधानी और सर्तकता किसी बड़ी बीमारी से बचा सकती है. अगर आपको भी बच्चे या किसी अन्य सदस्य को बार-बार बुखार आने के लक्षण दिखते हैं तो बिना देर किए तुरंत डॉक्टर से सलाह जरूरी है.

ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|

Tags: Health, Infection, Lifestyle

FIRST PUBLISHED : September 07, 2022, 14:20 IST

शरीर का इम्यून सिस्टम बीमारी को दूर भगाने का काम करता है. जब इस पर बाहरी तत्वों का हमला होता है, तो शरीर का तापमान अपने आप बढ़ जाता है. अमूमन एक सामान्य व्यक्ति के शरीर का तापमान 98.6 डिग्री फारेनहाइट रहता है. 100.4 डिग्री फारेनहाइट या इससे ज्यादा के तापमान को बुखार माना जाता है. कई दफा बार-बार बुखार आता और जाता है, इसका एक निश्चित पैटर्न होता है. ऐसे में पर्याप्त आराम करने व दवा लेने से इस समस्या को ठीक किया जा सकता है.

आज इस लेख में आप जानेंगे कि बार-बार बुखार आने का कारण क्या है और इसे कैसे ठीक किया जा सकता है -

(और पढ़ें - बुखार भगाने के घरेलू उपाय)

  1. बार-बार बुखार आने के कारण
    • वायरस
    • बैक्टीरियल इंफेक्शन
    • वैक्सीनेशन
    • पीरियॉडिक फीवर
  2. बार-बार बुखार आने को ठीक करने के उपाय और इलाज
    • दवाइयों का सेवन
    • पर्याप्त आराम
    • तरल पदार्थ का सेवन
  3. सारांश

बार-बार बुखार आने के कारण, उपचार व उपाय के डॉक्टर

बार बार बुखार आने का कारण क्या हो सकता है? - baar baar bukhaar aane ka kaaran kya ho sakata hai?

बार-बार बुखार आने के कारण

अमूमन बार-बार बुखार होने की समस्या 5 वर्ष इससे कम आयु के बच्चों में ही देखी जाती है. कुछ मामलों में बड़ों को भी बार-बार बुखार होने की समस्या हो सकती है. बार-बार बुखार आने को कुछ इस तरह से समझा जा सकता है कि बच्चे को महीने में एक बार बुखार जरूर आता है या महीने में दो बार बुखार का आना तय है. बार-बार बुखार आने के पीछे वायरस, बैक्टीरियल इंफेक्शन व वैक्सीनेशन जैसे कारण हो सकते हैं. इन कारणों के बारे में नीचे बताया गया है -

वायरस

कई दफा बार-बार बुखार आने की वजह कोई वायरस हो सकता है, जो शरीर में अपना घर बना लेता है. दरअसल, बच्चों का शरीर वायरस से निपटने के लिए कमजोर होता है, जिसके कारण बार-बार बुखार आता रहता है. 

(और पढ़ें - तेज बुखार होने पर क्या करें)

बैक्टीरियल इंफेक्शन

वैक्सीनेशन

बच्चे को लगने वाले टीके के कारण भी बार-बार बुखार आ सकता है. वैक्सीनेशन के बाद छोटे बच्चे को बुखार आना सामान्य माना गया है. आमतौर पर ये बुखार एक-दो दिन में अपने उतर जाता है.

(और पढ़ें - वायरल फीवर)

पीरियॉडिक फीवर

कई बार बार-बार बुखार आना बिना किसी वायरस या बैक्टीरियल इंफेक्शन के भी हो जाता है. इसे पीरियॉडिक फीवर कहा जाता है. इसका कोई पैटर्न और कारण नहीं होता है. यह अमूमन जेनेटिक डिफेक्ट की वजह से हो सकता है. जब बार-बार बुखार आने को पीरियॉडिक फीवर सिंड्रोम से जोड़कर देखा जाता है, तो शरीर का तापमान जेनेटिक डिफेक्ट की वजह से ज्यादा हो सकता है.

कई बार दिन के अलग-अलग समय में भी बुखार आ जाता है. यह नॉर्मल बॉडी टेम्परेचर से थोड़ा ही ज्यादा रहता है. यह बुखार थोड़े समय के बाद अपने आप चला भी जाता है.

(और पढ़ें - बच्चे को बुखार)

बार-बार बुखार आने को ठीक करने के उपाय और इलाज

बार-बार बुखार आना सामान्य बुखार की तरह ही होता है. बार-बार बुखार आने पर व्यक्ति के शरीर का तापमान 100.4 डिग्री फारेनहाइट हो सकता है. इसके अलावा, ठंड और थकान महसूस हो सकती है. ऐसी स्थिति से निजात पाने में कुछ दवाइयां लेने व आराम करने से फायदा हो सकता है. आइए विस्तार से बार-बार बुखार आने के उपाय जानते हैं -

दवाइयों का सेवन

एसिटामिनोफेन के सेवन से बुखार के लक्षणों को मैनेज और शरीर के तापमान को कम करने में मदद मिल सकती है. बच्चे को ये दवा देने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लेनी चाहिए. बच्चे को कितनी दवा देनी है, यह बच्चे के वजन और उम्र के अनुसार डॉक्टर ही तय कर सकते हैं.

(और पढ़ें - बुखार का आयुर्वेदिक इलाज)

पर्याप्त आराम

बार-बार बुखार आने से शरीर को बहुत थकान महसूस होती है. ऐसे में पर्याप्त आराम करने को कहा जाता है. इससे शरीर को बुखार से लड़ने में मदद मिलती है. 

(और पढ़ें - बुखार की होम्योपैथिक दवा)

तरल पदार्थ का सेवन

बार-बार बुखार आने पर लिक्विड का सेवन, खासकर पानी पीना जरूरी हो जाता है. इससे शरीर डिहाइड्रेट नहीं होता है और रिकवर होने में भी मदद मिलती है.

(और पढ़ें - टाइफाइड के घरेलू उपाय)

सारांश

बच्चे को बार-बार बुखार आए, तो यह पेरेंट्स को डरा देने वाला होता है. बार-बार बुखार आने के कारणों में वायरस, बैक्टीरियल इंफेक्शन व वैक्सीनेशन शामिल है. बार-बार आने वाले बुखार को ठीक करने में डॉक्टर द्वारा दी गई दवाइयां, पूरा आराम और लिक्विड का सेवन मददगार साबित हो सकते हैं. साथ ही किसी भी तरह का उपाय करने से पहले डॉक्टर से सलाह लेना और उनसे मिलना जरूरी है. 

(और पढ़ें - बुखार में क्या खाएं)

शहर के आयुर्वेदिक डॉक्टर खोजें

  1. पुणे के आयुर्वेदिक डॉक्टर
  2. दिल्ली के आयुर्वेदिक डॉक्टर
  3. मुंबई के आयुर्वेदिक डॉक्टर
  4. गुडगाँव के आयुर्वेदिक डॉक्टर
  5. औरंगाबाद के आयुर्वेदिक डॉक्टर
  6. अहमद नगर के आयुर्वेदिक डॉक्टर
  7. बुलढाना के आयुर्वेदिक डॉक्टर
  8. वाराणसी के आयुर्वेदिक डॉक्टर
  9. पटियाला के आयुर्वेदिक डॉक्टर
  10. जयपुर के आयुर्वेदिक डॉक्टर

बार बार बुखार आने का कारण क्या हो सकता है? - baar baar bukhaar aane ka kaaran kya ho sakata hai?

बार-बार बुखार आने के कारण, उपचार व उपाय के डॉक्टर

सम्बंधित लेख

बार बार बुखार आने के क्या लक्षण हो सकते हैं?

लेकिन बार-बार बुखार होना वायरस या बैक्टीरियल इंफेक्शन की वजह से हो सकता है या पीरियोडिक फीवर सिंड्रोम के कारण ऐसा हो सकता है. यह सिंड्रोम कभी-कभी जेनेटिक डिफेक्ट की वजह से होते हैं. बार-बार बुखार आना जब पीरियोडिक फीवर सिंड्रोम से होता है तो शरीर का टेंपरेचर बढ़ सकता है.

बुखार किसकी कमी से होता है?

बुखार की स्थिति तब बनती है जब हमारे शरीर में मौजूद सैनिक या ऐंटिबॉडी बाहर से आए हुए ऐंटिजेन यानी वायरस या बैक्टिरिया या किसी भी तरह के इन्फेक्शन से लड़ने में फेल हो जाते हैं। तब शरीर के पास ऐसे ऐंटिजेन की संख्या को काबू में करने का एकमात्र तरीका होता है शरीर का तापमान बढ़ना।

ठंड लग के बुखार आने का क्या मतलब है?

आमतौर पर वायरल फीवर में रोगी को खांसी, जुकाम के साथ हल्का बुखार और बदन दर्द रहता है। लेकिन इस बार वायरल फीवर के नेचर में बदलाव आया है। मरीजों को ठंड देकर तेज बुखार आने और गले में दर्द की शिकायत भी है। ठंड देकर तेज बुखार मलेरिया का लक्षण है।

ज्यादा बुखार आने से क्या होता है?

बुखार सबसे जादा पायी जानेवाली स्वास्थ्य समस्या है। बुखार मूलत: सूक्ष्म जीव संक्रमण से जुडी शरीर की प्रतिरक्षा प्रक्रिया है। आमतौर पर बुखार एक सामान्य और मर्यादित लक्षण होता है, सिवाय कुछ गंभीर रोग छोड़ के। कभी कभी बुखार की समस्या जानपदिक याने सामूहिक होती है जैसे की मलेरिया, फ्लू या डेंगू आदि।