बस की यात्रा पाठ में लेखक पेड़ों को अपना दुश्मन क्यों समझ रहा था? - bas kee yaatra paath mein lekhak pedon ko apana dushman kyon samajh raha tha?

NCERT solutions for Class 8 Hindi Bus ke yatra Class 8 Hindi book solutions are available in PDF format for free download. These ncert book chapter wise questions and answers are very helpful for CBSE exam. CBSE recommends NCERT books and most of the questions in CBSE exam are asked from NCERT text books. Class 8 Hindi chapter wise NCERT solution for Class 8 Hindi all the chapters can be downloaded from our website and myCBSEguide mobile app for free.

NCERT solutions for Class 8 Hindi Bus ke yatra Download as PDF

बस की यात्रा पाठ में लेखक पेड़ों को अपना दुश्मन क्यों समझ रहा था? - bas kee yaatra paath mein lekhak pedon ko apana dushman kyon samajh raha tha?

NCERT Class 8 Hindi Chapter wise Solutions

  • पाठ-01 ध्वनि
  • पाठ-02 लाख की चूड़ियाँ
  • पाठ-03 बस की यात्रा
  • पाठ-04 दीवानों की हस्ती
  • पाठ-05 चिट्ठियों की अनूठी दुनिया
  • पाठ-06 भगवान के डाकिए
  • पाठ-07 क्या निराश हुआ जाए
  • पाठ-08 यह सब से कठिन समय नहीं
  • पाठ-09 कबीर की साखियाँ
  • पाठ-10 कामचोर
  • पाठ-11 जब सिनेमा ने बोलना सिखा
  • पाठ-12 सुदामा चरित
  • पाठ-13 जहाँ पहिया है
  • पाठ-14 अकबरी लोटा
  • पाठ-15 सूरदास के पद
  • पाठ-16 पानी की कहानी
  • पाठ-17 बाज और साँप
  • पाठ-18 टोपी

NCERT solutions for Class 8 Hindi Bus ke yatra

कारण बताएँ
1. “मैंने उस कंपनी के हिस्सेदार की तरफ़ पहली बार श्रद्धाभाव से देखा।”
लेखक के मन में हिस्सेदार साहब के लिए श्रद्धा क्यों जग गई?

उत्तर:- लेखक के मन में बस कंपनी के हिस्सेदार साहब के लिए श्रद्धा इसलिए जाग गई कि वह टायर की स्थिति से परिचित होने के बावजूद भी बस को चलाने का साहस जुटा रहा था। कंपनी का हिस्सेदार अपनी पुरानी बस की खूब तारीफ़ कर रहा था। अर्थ मोह की वजह से आत्म बलिदान की ऐसी भावना दुर्लभ थी जिसे देखकर लेखक हतप्रभ हो गया और उसके प्रति उनके मन में श्रद्धा भाव उमड़ता है।


2. “लोगों ने सलाह दी कि समझदार आदमी इस शाम वाली बस से सफ़र नहीं करते।”
लोगों ने यह सलाह क्यों दी?

उत्तर:- लोगों ने लेखक को यह सलाह इसलिए दी क्योंकि वे जानते थे की बस की हालत बहुत खराब है। बस का कोई भरोसा नहीं है कि यह कब और कहाँ रूक जाए, शाम बीतते ही रात हो जाती है और रात रास्ते में कहाँ बितानी पड़ जाए, कुछ पता नहीं रहता। उनके अनुसार यह बस डाकिन की तरह है।


NCERT solutions for Class 8 Hindi Bus ke yatra

3. “ऐसा जैसे सारी बस ही इंजन है और हम इंजन के भीतर बैठे हैं।”
लेखक को ऐसा क्यों लगा?

उत्तर:- जब बस चालक ने इंजन स्टार्ट किया तब सारी बस झनझनाने लगी। लेखक को ऐसा प्रतीत हुआ कि पूरी बस ही इंजन है। मानो वह बस के भीतर न बैठकर इंजन के भीतर बैठा हुआ हो। अर्थात् इंजन के स्टार्ट होने पर इंजन के पुर्जो की भांति बस के यात्री हिल रहे थे।


4. ”गज़ब हो गया। ऐसी बस अपने आप चलती है।”
लेखक को यह सुनकर हैरानी क्यों हुई?

उत्तर:- बस की वर्तमान स्थिति देखते हुए इस प्रकार का आश्चर्य व्यक्त करना स्वाभाविक था। देखने से लग नहीं रहा था कि बस चलती भी होगी परन्तु जब लेखक ने बस के हिस्सेदार से पूछा तो उसने कहा चलेगी ही नहीं, अपने आप चलेगी।


NCERT solutions for Class 8 Hindi Bus ke yatra

5. “मैं हर पेड़ को अपना दुश्मन समझ रहा था।”
लेखक पेड़ों को अपना दुश्मन क्यों समझ रहा था?

उत्तर:- बस की जर्जर अवस्था से लेखक को ऐसा महसूस हो रहा था कि बस की स्टीयरिंग कहीं भी टूट सकती है तथा ब्रेक फेल हो सकता है। ऐसे में लेखक को डर लग रहा था कि कहीं उसकी बस किसी पेड़ से टकरा न जाए। एक पेड़ निकल जाने पर वह दूसरे पेड़ का इंतज़ार करता था कि बस कहीं इस पेड़ से न टकरा जाए। यही वजह है कि लेखक को हर पेड़ अपना दुश्मन लग रहा था।


6. ‘सविनय अवज्ञा आंदोलन’ किसके नेतृत्व में, किस उद्देश्य से तथा कब हुआ था? इतिहास की उपलब्ध पुस्तकों के आधार पर लिखिए।

उत्तर:- ‘सविनय अवज्ञा आंदोलन’ महात्मा गाँधी के नेतृत्व में १९३० में अंग्रेज़ी सरकार से असहयोग करने तथा पूर्ण स्वाधीनता प्राप्त करने के लिए किया गया था।


NCERT solutions for Class 8 Hindi Bus ke yatra

7. सविनय अवज्ञा का उपयोग व्यंग्यकार ने किस रूप में किया है? लिखिए।

उत्तर:- ‘सविनय अवज्ञा आंदोलन’ १९३० में में सरकारी आदेशों का पालन न करने के लिए किया था। इसमें अंग्रेज़ी सरकार के साथ सहयोग न करने की भावना थी।
लेखक ने ‘सविनय अवज्ञा’ का उपयोग बस के सन्दर्भ में किया है। वह इस प्रतीकात्मक भाषा के माध्यम से यह बताना चाह रहा है कि बस विनय पूर्वक अपने मालिक व यात्रियों से उसे स्वतंत्र करने का अनुरोध कर रही है।


NCERT solutions for Class 8 Hindi Bus ke yatra

भाषा की बात
8. बस, वश, बस तीन शब्द हैं – इनमें बस सवारी के अर्थ में, वश अधीनता के अर्थ में, और बस पर्याप्त (काफी) के अर्थ में प्रयुक्त होता है,
जैसे – बस से चलना होगा।
मेरे वश में नहीं है।
अब बस करो।
उपर्युक्त वाक्यों के समान वश और बस शब्द से दो-दो वाक्य बनाइए।

उत्तर:- वश – आज-कल के बच्चों को समझाना सबके वश की बात नहीं।
वश – भगवान की करनी मनुष्य के वश में नहीं।
बस – बस करो, कितना खाओगे?
बस – बस करो, इतना काफी है।


NCERT solutions for Class 8 Hindi Bus ke yatra

9. “हम पाँच मित्रों ने तय किया कि शाम चार बजे की बस से चलें। पन्ना से इसी कंपनी की बस सतना के लिए घंटे भर बाद मिलती है।”
ऊपर दिए गए वाक्यों में ने, की, से आदि वाक्य के दो शब्दों के बीच संबंध स्थापित कर रहे हैं। ऐसे शब्दों को कारक कहते हैं। इसी तरह दो वाक्यों को एक साथ जोड़ने के लिए ‘कि’ का प्रयोग होता है।
कहानी में से दोनों प्रकार के चार वाक्यों को चुनिए।

उत्तर:- कारक शब्द से निर्मित वाक्य –
१ यह समझ में नहीं आता कि सीट पर हम बैठे हैं या सीट हम पर बैठी है।
२ नई नवेली बसों से ज़्यादा विश्वसनीय है।
३ यह बस पूजा के योग्य थी।
४ बस कंपनी के एक हिस्सेदार भी उसी बस में जा रहे थे।


NCERT solutions for Class 8 Hindi Bus ke yatra

10. “हम फ़ौरन खिड़की से दूर सरक गए। चाँदनी में रास्ता टटोलकर वह रेंग रही थी।”
दिए गए वाक्यों में आई ‘सरकना’ और ‘रेंगना’ जैसी क्रियाएँ दो प्रकार की गतियाँ दर्शाती हैं। ऐसी कुछ और क्रियाएँ एकत्र कीजिए जो गति के लिए प्रयुक्त होती हैं, जैसे – घूमना इत्यादि। उन्हें वाक्यों में प्रयोग कीजिए।

उत्तर:- टहलना – दादाजी को टहलना अच्छा लगता है।
चलना – चलना सेहत के लिए बहुत लाभदायक है।


NCERT solutions for Class 8 Hindi Bus ke yatra

11. “काँच बहुत कम बचे थे। जो बचे थे, उनसे हमें बचना था।”
इस वाक्य में ‘बच’ शब्द को दो तरह से प्रयोग किया गया है। एक ‘शेष’ के अर्थ में और दूसरा ‘सुरक्षा’ के अर्थ में।
नीचे दिए गए शब्दों को वाक्यों में प्रयोग करके देखिए। ध्यान रहे, एक ही शब्द वाक्य में दो बार आना चाहिए और शब्दों के अर्थ में कुछ बदलाव होना चाहिए।
(क) जल (ख) हार

उत्तर:- (क) जल – मीना गरम जल से बुरी तरह जल गई।
(ख) हार – यह प्रतियोगिता के इस पड़ाव में जिसकी जीत होगी उसे मोतियों का हार मिलेगा और जिसकी हार होगी वह प्रतियोगिता के बाहर हो जाएगा।


NCERT solutions for Class 8 Hindi Bus ke yatra

12. बोलचाल में प्रचलित अंग्रेजी शब्द ‘फर्स्ट क्लास’ में दो शब्द हैं – फर्स्ट और क्लास। यहाँ क्लास का विशेषण है फर्स्ट। चूँकि फर्स्ट संख्या है, फर्स्ट क्लास संख्यावाचक विशेषण का उदाहरण है। ‘महान आदमी’ में किसी आदमी की विशेषता है महान। यह गुणवाचक विशेषण है। संख्यावाचक विशेषण और गुणवाचक विशेषण के दो-दो उदाहरण खोजकर लिखिए।

उत्तर:- संख्यावाचक विशेषण – चार, आठ, दस
गुणवाचक विशेषण – चाँदनीरात, समझदार आदमी

NCERT solutions for Class 8 Hindi

NCERT Solutions Class 8 Hindi PDF (Download) Free from myCBSEguide app and myCBSEguide website. Ncert solution class 8 Hindi includes text book solutions from Class 8 Hindi Book . NCERT Solutions for CBSE Class 8 Hindi have total 18 chapters. 8 Hindi NCERT Solutions in PDF for free Download on our website. Ncert Hindi class 8 solutions PDF and Hindi ncert class 8 PDF solutions with latest modifications and as per the latest CBSE syllabus are only available in myCBSEguide.

CBSE app for Students

To download NCERT Solutions for class 8 Social Science, Computer Science, Home Science,Hindi ,English, Maths Science do check myCBSEguide app or website. myCBSEguide provides sample papers with solution, test papers for chapter-wise practice, NCERT solutions, NCERT Exemplar solutions, quick revision notes for ready reference, CBSE guess papers and CBSE important question papers. Sample Paper all are made available through the best app for CBSE students and myCBSEguide website.

लेखक को पेड़ों को दुश्मन क्यों समझ रहा था?

लेखक पेड़ों को दुश्मन क्यों समझ रहा था? Solution : बस की दशा ऐसी थी कि उसे जबरदस्ती चलाया जा रहा था। कभी भी उसकी ब्रेक फेल हो सकती थी या कोई पुरजा खराब हो सकता था। इस भयभीत मनःस्थिति में जो भी पेड़ आता उसे देखकर लेखक को डर लगता कि उसकी बस उससे टकरा जायेगी।

लेखक बस के सामने आने वाले हरे भरे पेड़ों को क्या समझ रहा था?

उसे डर लग रहा था कि बस कहीं किसी पेड़ से न टकरा जाए। इसीलिए वह सभी पेड़ों को दुश्मन समझ रहा था। (छ) लेखक ने पन्ना पहुँचने की उम्मीद इसलिए छोड़ दी थी कि बस की हालत बहुत खराब थी। उसके टायर एक ही नहीं, सभी खराब थे।

बस की यात्रा पाठ के माध्यम से लेखक क्या कहना चाहता है?

मैंने उस कंपनी के हिस्सेदार की तरफ़ पहली बार श्रद्धाभाव से देखा। वह टायरों की हालत जानते हैं फिर भी जान हथेली पर लेकर इसी बस से सफ़र कर रहे हैं। उत्सर्ग की ऐसी भावना दुर्लभ है। सोचा, इस आदमी के साहस और बलिदान भावना का सही उपयोग नहीं हो रहा है।

दीवानों की हस्ती कविता में ऐसी कौन सी बात है जो आपको सबसे अच्छी लगती है?

हैं आज यहाँ, कल वहाँ चले, मस्ती का आलम साथ चला, हम धूल उड़ाते जहाँ चले। आए बनकर उल्लास अभी, आँसू बनकर बह चले अभी, सब कहते ही रह गए, अरे, तुम कैसे आए, कहाँ चले? हम भिखमंगों की दुनिया में, स्वच्छंद लुटाकर प्यार चले, हम एक निसानी - सी उर पर, ले असफलता का भार चले ।