Water Cycle: जल चक्र क्या है साथ ही बादल बनने से लेकर बारिश तक की पूरी प्रक्रिया और जल-चक्र में जल कि कौन-कौन सी अवस्थाएँ पायी जाती हैं?
हमारी पृथ्वी पर मौजूद पानी में से मात्र 3% पानी भी पीने लायक है। आइए देखें कि जल किस तरीके से वायुमंडल में घूमता रहता…
आशा है आपको बादल कितने प्रकार के होते हैं के बारे में पूरी जानकारी मिल गई होगी। अगर अभी भी आपके मन में badal kaise bante hain (Cloud in Hindi) और बादल से बारिश कैसे होती है को लेकर आपका कोई सवाल है तो आप बेझिझक कमेंट सेक्शन में कमेंट करके पूछ सकते हैं। अगर आपको यह जानकारी अच्छी लगी हो तो इसे शेयर जरूर करें ताकि सभी को badal kaise bante hain में जानकारी मिल सके।इसे सुनेंरोकेंसमुद्र, झील, तालाब और नदियों का पानी सूरज की गर्मी से वाष्प बनकर ऊपर उठता है। इस वाष्प से बादल बनते हैं। ये बादल जब ठंडी हवा से टकराते हैं तो इनमें रहने वाले वाष्प के कण पानी की बूँद बन जाते हैं। ठीक वैसे ही जैसे कमरे की हवा में रहने वाली वाष्प फ्रिज से निकाले गए ठंडे के कैन से टकरा कर पानी की बूँद बन जाती है।
बारिश होने का क्या कारण है?
इसे सुनेंरोकेंवायु में मिला जलवाष्प शीतल पदार्थों के संपर्क में आने से संघनन (condensation) के कारण ओसांक तक पहुंचता है। जब वायु का ताप ओसांक से नीचे गिर जाता है, तब जलवाष्प पानी की बूँदों अथवा ओलों के रूप में धरातल पर गिरने लगता है। इसी को वर्षा कहते हैं।
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क्लाउड कैसे बनते हैं?
इसे सुनेंरोकेंबादल तब बनते हैं जब हवा का कोई क्षेत्र ठंडा होकर भाप को द्रव में बदल देता है. वो हवा जहाँ बादल बनते हैं, जलवाष्प को संघनित (गैस से द्रव में परिवर्तन) करने के लिए पर्याप्त ठंडी होनी चाहिए. पानी हवा में मौजूद डस्ट, बर्फ या समुद्री नमक, जिन्हें संघनन नाभिक (Condensation nuclei) कहा जाता है, के साथ संघनित होता है.
बादलों का निर्माण कैसे होता है?
इसे सुनेंरोकेंबादल तब बनते हैं जब हवा में अदृश्य जल वाष्प संघनित होकर दृश्य जल की बूंदों या बर्फ के क्रिस्टल में बदल जाता है। हमारे चारों ओर हर समय छोटे गैस कणों के रूप में पानी रहता है, जिसे जलवाष्प भी कहा जाता है। हवा में चारों ओर तैरने वाले छोटे कण भी होते हैं – जैसे नमक और धूल – इन्हें एरोसोल कहा जाता है।
बादल कैसे बनते हैं Class 2?
इसे सुनेंरोकेंबादलों का निर्माण कैसे होता है? बादल कैसे बनते हैं? वायुमंडल में जब पानी की बूंदें और बर्फ के छोटे छोटे टुकड़े एक दूसरे के साथ मिश्रित हो जाते हैं, तब बादलों का निर्माण होता है। इनका घनत्व एवं आयतन बहुत ज्यादा होता है।
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आसमान में काले बादल कैसे बनते हैं?
इसे सुनेंरोकेंमतलब जब बादल में पानी की बूंदें सभी रंगों को अवशोषित कर लेती हैं तो बादलों का रंग काला नजर आता है. जो वस्तु जिस रंग को अवशोषित कर लेती हैं, वह उसी रंग की दिखाई देती है. अगर कोई वस्तु सारे रंग को रिफ्लेक्ट कर देगी तो वह सिर्फ सफेद दिखाई देगी और जो सभी रंगों को अवशोषित कर लेगी, वह काले रंग की दिखने लगेगी.
बादल कैसे बनते हैं class 6?
इसे सुनेंरोकेंजलवाष्प आकाश में उपर उठती जाती है जहॉ वह ठंडी होती जाती है। ठंड के कारण संघनन की प्रक्रिया आरम्भ हो जाती है। इस से जलवाष्प नन्ही नन्ही बून्दें बन कर बादल का रूप ले लेते हैं। जब तक बादल हल्के होते हैं, वे उपर की स्तह पर, हवा के रुख के साथ बहते रहते हैं।
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StudyTutorialबादल कैसे बनते हैं | Badal kaise Bante Hain
Pooja Tuli Send an email January 26, 2022
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आइए दोस्तों आज यह जनना चाहते हैं कि बादल कैसे बनते हैं ( Badal kaise Bante Hain ) और वाष्पीकरण कैसे होता है वाष्पीकरण की प्रक्रिया क्या है हम ने यह सब टॉपिक इस आर्टिकल में कवर किए हैऔर आप को यह सब अच्छे लगे होगे हम को कमेंट कर के जरुरु बताये
Submitted by Hindi on Wed, 12/29/2010 - 10:16
Source
अभिव्यक्ति हिन्दी, 9 जनवरी 2007
बादल पानी या बर्फ़ के हज़ारों नन्हें नन्हें कणों से मिलकर बनते हैं। ये नन्हें कण इतने हल्के होते हैं कि वे हवा में आसानी से उड़ने लगते हैं।
बादल के तीन प्रमुख प्रकार होते हैं— सिरस, क्युमुलस और स्ट्रेटस। इन नामों को बादलों की प्रकृति और आकार के आधार पर रखा गया है। बहुत बार बादल मिलेजुले आकार-प्रकार के भी होते हैं। ऐसे बादलों को मिलेजुले नामों से जाना जाता है। इन प्रकारों के विषय में ठीक से जानने के लिए उन के दस नाम रखे गए हैं। ये सब नाम लैटिन भाषा में हैं।
क्युमुलस का अर्थ है ढेर। अपने नाम के अनुरूप ये बादल रूई के ढेर की तरह दिखाई देते हैं। कभी कभी ये गहरे रंग के होते हैं तब इनमें से पानी या ओलों की वर्षा हो सकती है। ऐसे बादलों को क्युमुलोनिंबस कहते हैं। क्युमुलोनिंबस बादल एवरेस्ट पर्वत से दुगुने ऊँचे हो सकते हैं और अकसर उनमें आधा करोड़ टन से ज्यादा पानी होता है। लैटिन भाषा में क्युमुलोनिंबस का अर्थ है पानी से भरा हुआ बादल।
बादलों में संघनन के कारण बूँदें बनती हैं। ऐसा तब होता है जब गरम हवा ऊपर उठती है और ठंडी हो जाती है। बादलों को देखकर मौसम की भविष्यवाणी की जा सकती है।
स्ट्रेटस का अर्थ है फैला हुआ। अपने नाम के अनुरूप ये बादल काफ़ी नीचे होते है और पूरे आकाश को घेर लेते है। जब ऐसे बादल वर्षा करते हैं तो उन्हें निंबोस्ट्रेटस कहते हैं।
इस खबर के स्रोत का लिंक:
//www.abhivyakti-hindi.org/phulwari/
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