चीन का प्राचीन धर्म क्या था? - cheen ka praacheen dharm kya tha?

चीन में धर्म और संस्कृति का दीर्घकालीन इतिहास यह प्रदर्शित करता है कि यहाँ की संस्कृति और जनचेतना को कन्फ़्यूशियवाद, ताओवाद और बौद्ध धर्म ने मिलकर वर्तमान स्वारूप में साकार किया है। इन तीनों धर्मों में आपस में बहुतेरी समानतायें हैं और एक एक दूसरे से अलग होने का दावा करने के बजाय अपने विचारों और रिवाजों से चीनी लोक धर्म को समृद्ध बनाने का कार्य करते रहे हैं।

चीन, 1949 से साम्यवादी शासन के अंतर्गत है, जिसमें पार्टी के सदस्यों को धर्म से परहेज रखने को कहा जाता है। वर्ष 1966-76 के दौरान चीनी सांस्कृतिक क्रान्ति के दौरान यह शासन द्वारा धर्मों पर विविध निर्बन्ध भी लगाए गए। वर्तमान सरकार आधिकारिक तौर पर पाँच धर्मों को पहचान देती है: बौद्ध, ताओ, इस्लाम, प्रोटेस्टैंट और (कुछ बन्धनों के साथ) कैथोलिक धर्म।

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. For Chinese Family Panel Studies 2014 survey (which surveyed a sample of 19,260 people) results see release #1 and release #2. The tables also contain the results of CFPS 2012 (sample 20,035) and Chinese General Social Survey (CGSS) results for 2006, 2008 and 2010 (samples ~10.000/11,000). Also see, for comparison, The World Religious Cultures issue 2014: 卢云峰:当代中国宗教状况报告——基于CFPS(2012)调查数据. p. 13, reporting the results of the CGSS 2006, 2008, 2010 and 2011, and their average (fifth column of the fist table).


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चीन का प्राचीन धर्म क्या था? - cheen ka praacheen dharm kya tha?

चीन का प्राचीन धर्म क्या था? - cheen ka praacheen dharm kya tha?

वूशी, जियांगसु, चीन में बौद्ध वेटिकन (梵 宫) के 'ब्रह्मा पैलेस'

चीन का प्राचीन धर्म क्या था? - cheen ka praacheen dharm kya tha?

बीजिंग में सरकार द्वारा अनुमोदित बौद्ध 'हाउस-चर्च' (居士林 jūshìlín)

चीनी बौद्ध धर्म के विभिन्न रूप

चीनी बौद्ध धर्म (हान चीनी बौद्ध धर्म) बौद्ध धर्म की चीनी शाखा है। बौद्ध धर्म की परम्पराओं ने तक़रीबन दो हज़ार वर्षों तक चीनी संस्कृति एवं सभ्यता पर एक गहरा प्रभाव छोड़ा, यह बौद्ध परम्पराएँ चीनी कला, राजनीति, साहित्य, दर्शन तथा चिकित्सा में देखी जा सकती हैं। दुनिया की 65% से अधिक बौद्ध आबादी चीन में रहती हैं।

भारतीय बौद्ध धर्मग्रन्थों का चीनी भाषा में अनुवाद ने पूर्वी एशिया व दक्षिण पूर्व एशिया में बौद्ध धर्म को बहुत बढ़ावा दिया, इतना कि बौद्ध धर्म कोरिया, जापान, रयुक्यु द्वीपसमूह और वियतनाम तक पहुँच पाया था।

चीनी बौद्ध धर्म में बहुत सारी ताओवादी और विभिन्न सांस्कृतिक चीनी परम्पराएँ मिश्रित हैं।

इतिहास[संपादित करें]

चीन में बौद्ध धर्म
कुल जनसंख्या
1.07 अरब – 1.22 अरब (2010)[1]
चीन की जनसंख्या में 80% – 91%
विशेष निवासक्षेत्र
शिंजियांग के अलावा चीन के सभी प्रशासनिक विभागों में बहुसंख्यक
भाषाएँ
चीनी, मन्दारिन, चीनी-तिब्बती एवं तिब्बती

चीन की सभ्यता विश्व की पुरातनतम सभ्यताओं में से एक है। प्राचीन चीन में बौद्ध धर्म के पहले कई महान राजवंशों का धर्म प्रचलित था। उनमें से एक शा राजवंश था, जो 2070 ईसा पूर्व था। शा वंश से पहले चीन में तीन अधिपतियों और पांच सम्राटों का काल था। पांच सम्राटों में से अंतिम सम्राट शुन था। शुन ने अपनी गद्दी यु महान को सौंपी और उसी से शा राजवंश सत्ता में आया। इसे शिया राजवंश भी कहा जाता था जिसके बाद शांग राजवंश का दौर आया, जो 1600 ईसापूर्व से 1046 ईसापूर्व तक चला। शांग राजवंश के बाद चीन में झोऊ राजवंश सत्ता में आया।

यदि विश्वस्तर पर देखा जाए तो गौतम बुद्ध के समय में चीन में कन्फ्यूशियस विचार, भारत में वैदिक और बुद्ध के विचार तथा ईरान में जरथुस्त्र विचारधारा का बोलबाला था, बाकी दुनिया ग्रीस को छोड़कर लगभग विचारशून्य ही थी। न ईसाई धर्म था और न इस्लाम। ईसा मसीह के जन्म के पूर्व बौद्ध धर्म की गूंज येरुशलम तक पहुंच चुकी थी।

चीन में झोऊ राजवंश का काल लंबे समय तक चला। इनके ही काल में चीन में कन्फ्यूशियस के विचार और बौद्ध धर्म (गौतम बुद्ध) का विकास हुआ। बाद में ताओ वाद (लाओत्से तुंग), मोहीवाद (मोजी) और न्यायवाद (हान फेईजी और ली सी) भी खूब फला-फूला। लेकिन इन सभी के बीच बौद्ध धर्म ने अपनी जड़ें जमाईं और इसने चीन की भिन्न-भिन्न विचारधाराओं को एक सूत्र में बांध दिया। बौद्ध धर्म के कारण चीन में जातिगत एकता और शक्ति का विकास हुआ। इस विचारधारा के फैलने के कारण चीन में दासप्रथा के खात्मे के साथ ही छिन राजवंश का उदय हुआ। छिन के बाद हान ने 8वीं सदी तक राज्य किया।

इन सभी राजवंशों और धर्म व दर्शन के विकास के पूर्व काल में चीन का नाम हरिवर्ष था। भारतीय धर्मग्रंथों के अनुसार उसे हरिवर्ष कहा जाता था। जम्बूदीप के राजा अग्नीघ्र के 9 पुत्र हुए- नाभि, किम्पुरुष, हरिवर्ष, इलावृत, रम्य, हिरण्यमय, कुरु, भद्राश्व और केतुमाल। राजा अग्नीघ्र ने उन सब पुत्रों को उनके नाम से प्रसिद्ध भूखंड दिया। हरिवर्ष को मिला आज के चीन का भाग, जो प्राचीन भूगोल के अनुसार जंबूद्वीप का एक भाग या वर्ष था।

बौद्ध धर्म[संपादित करें]

बौद्ध धर्म

की श्रेणी का हिस्सा

चीन का प्राचीन धर्म क्या था? - cheen ka praacheen dharm kya tha?
बौद्ध धर्म का इतिहास
· बौद्ध धर्म का कालक्रम
· बौद्ध संस्कृति
बुनियादी मनोभाव
चार आर्य सत्य ·
आर्य अष्टांग मार्ग ·
निर्वाण · त्रिरत्न · पँचशील
अहम व्यक्ति
गौतम बुद्ध · बोधिसत्व
क्षेत्रानुसार बौद्ध धर्म
दक्षिण-पूर्वी बौद्ध धर्म
· चीनी बौद्ध धर्म
· तिब्बती बौद्ध धर्म ·
पश्चिमी बौद्ध धर्म
बौद्ध साम्प्रदाय
थेरावाद · महायान
· वज्रयान
बौद्ध साहित्य
त्रिपतक · पाळी ग्रंथ संग्रह
· विनय
· पाऴि सूत्र · महायान सूत्र
· अभिधर्म · बौद्ध तंत्र


बौद्ध धर्म चीन में सबसे प्रचलित धर्म है। बौद्ध धर्म वैसे तो भिक्षुओं के माध्यम से 200 ईसा पूर्व ही चीन में प्रवेश कर गया था। संभवत: उससे पूर्व, लेकिन राजाओं के माध्यम से यह व्यापक पैमाने पर पहली शताब्दी के आसपास चीन का राजधर्म बनने की स्थिति में आ गया था। धीरे-धीरे बौद्ध धर्म के कारण चीन में राष्ट्रीय एकता स्थापित होने लगी। राजवंशों के झगड़े कम होने लगे। आज बौद्ध धर्म चीन का प्रमुख धर्म है। एक सर्वेक्षण के अनुसार चीन की ५० से ८० प्र.श. आबादी या ७० करोड़ से १.१ अरब तक लोग बौद्ध है। एक अन्य सर्वेक्षण के अनुसार चीन की जनसंख्या में ९१% या १२२ करोड़ (१.२ अरब) बौद्ध अनुयायि है।

चीन में भाषा की दृष्टि से बौद्ध धर्म की 3 शाखाएं हैं यानी हान भाषा में प्रचलित बौद्ध धर्म, तिब्बती भाषी बौद्ध धर्म तथा पाली भाषी बौद्ध धर्म। इन तीन भाषी बौद्ध धर्म के भिक्षुओं की कुल संख्या 2 लाख 40 हजार से अधिक है। तिब्बती बौद्ध धर्म चीनी बौद्ध धर्म की एक शाखा है, जो चीन के तिब्बत स्वायत्त प्रदेश, भीतरी मंगोलिया स्वायत्त प्रदेश तथा छिंग हाई प्रांत आदि क्षेत्रों में प्रचलित है।

तिब्बती जाति, मंगोल जाति, य्युकू जाति, मन बा जाति, लोबा जाति और थू जाति तिब्बती बौद्ध धर्म में विश्वास करती हैं जिनकी जनसंख्या लगभग 70 लाख है। पाली भाषी बौद्ध धर्म मुख्य तौर पर दक्षिण-पश्चिमी चीन के युन्नान प्रांत के शिश्वांगपानना ताई स्वायत्त प्रिफैक्चर, तेहोंग ताई व चिंगपो जातीय स्वायत्त प्रिफैक्चर और सी माओ आदि क्षेत्रों में प्रचलित है। ताई जाति, बुलांग जाति, आछांग जाति और वा जाति के ज्यादातर लोग भी पाली भाषा में चले बौद्ध धर्म के अनुयायी हैं जिसकी संख्या 10 लाख से ज्यादा है। हान भाषी बौद्ध धर्म के अनुयायी हान (हुण) जाति के लोग हैं और पूरे देश में फैले हुए हैं। वर्तमान में मूल चीन में 28 हजार बौद्ध मठ और 16 हजार से ज्यादा बौद्ध विहार हैं और बौद्ध धर्म के स्कूलों व कॉलेजों की संख्या 33 और धार्मिक पत्र-पत्रिकाओं की संख्या करीब 50 है।

ताओ धर्म[संपादित करें]

ईसा की दूसरी शताब्दी में ताओ धर्म की शुरुआत हुई। ताओ धर्म में प्राकृतिक आराधना होती है और इतिहास में उसकी बहुत-सी शाखाएं थीं। अपने विकास के कालांतर में ताओ धर्म धीरे-धीरे दो प्रमुख संप्रदायों में बंट गया। एक है- आनचनताओ पंथ और दूसरा है- चड यीताओ पंथ। जिन का चीन की हान जाति में बड़ा प्रभाव होता है। चीन में कुल 1,500 से ज्यादा ताओ विहार हैं जिनमें धार्मिक व्यक्तियों की संख्या 25 हजार है। हालांकि ताओवादियों की संख्या कितनी है, यह कह पाना मुश्किल है। हालांकि अधिकतर ताओवादी भी बौद्ध धर्म का ही पालन करते हैं।

चीन नें प्रमुख धर्म
  • 91% -- बौद्ध धर्म
  • 2.5% -- ईसाई धर्म
  • 1.5% -- इस्लाम धर्म
  • 5% -- निधर्मी और अन्य धर्म

इन्हें भी देखे[संपादित करें]

  • विश्व में बौद्ध धर्म
  • हान चीनी
  • चीन
  • भारतीय बौद्ध धर्म

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. चीनी बौद्ध जनसंख्या [1]

चीन का मूल धर्म कौन सा है?

बौद्ध धर्म चीन में सबसे प्रचलित धर्म है।

चीन में बौद्ध धर्म से पहले कौन सा धर्म था?

चीन में अभी भी बहुत सारे धर्म हैं, बौद्ध धर्म से पहले चीनी लोक धर्म, कुंगफुत्सीवाद और ताओ धर्म था

चाइना के भगवान कौन थे?

चीन के ही लो-यांग जिले के सुआन वु क्षेत्र में एक ऐसा खंबा है। भगवान शिव प्राचीन चीन में पू्ज्य थे। बौद्ध धर्म की प्रधानता वाले इस देश में पहले भगवान शिव की पूजा की जाती थी।

चीन का पुराना नाम क्या है?

ऐतिहासिक रूप से चीन को सिना या सिनो, सिने, कैथे, या पश्चिमी देशों द्वारा सेरेस के नाम से भी जाना जाता है। चीन का आधिकारिक नाम प्रत्येक वंश के साथ बदलता रहा है और सबसे प्रचलित और आम नाम है झोंग्गुओ (中國), जिसका अर्थ है "केंद्रीय राष्ट्र", या "मध्य साम्राज्य"।