चावल की रोटियां नाटक के पात्रों के नाम लिखो l - chaaval kee rotiyaan naatak ke paatron ke naam likho l

चावल की रोटियाँ 5th Class NCERT CBSE Hindi Book Rimjhim Chapter 11

चावल की रोटियाँ – प्रश्न: नाटक में हिस्सा लेने वालों को पात्र कहते हैं। जिन पात्रों की भूमिका महत्वपूर्ण होती है उन्हें ‘मुख्य पात्र’ और जिनकी भूमिका ज़्यादा महत्वपूर्ण नहीं होती है उन्हें ‘गौण पात्र’ कहते हैं। बताओ इस नाटक में कौन-कौन मुख्य और गौण पात्र कौन हैं?

उत्तर: इस नाटक में ‘कोको’, ‘मिमि’ और ‘तिन सू’ मुख्य पात्र हैं, वहीं ‘नीनी’ और ‘उ बा तुन’ गौण पात्र हैं।

प्रश्न: पात्रों को जो बात बोलनी होती है उसे संवाद कहते हैं। क्या तुम किसी एक परिस्थिति के लिए संवाद लिख सकती हो? (इसके लिए तुम टोलियों में भी काम कर सकती हो।) उदाहरण के लिए खो-खो या कबड्डी जैसा कोई खेल-खेलते समय दूसरे दल के खिलाड़ियों से बहस।

उत्तर: 

  1. पहले दल का सदस्य: तुम्हारा खिलाड़ी आउट है।
  2. दूसरे दल का सदस्य: किस तरह आउट है?
  3. पहले दल का सदस्य: क्योंकि वह लाइन के बाहर है।
  4. दूसरे दल का सदस्य: नहीं वह पाले में था।
  5. पहले दल का सदस्य: तुमने ठीक से नहीं देखा।
  6. दूसरे दल का सदस्य: बेईमानी से मत खेलो। ……….. आदि

प्रश्न: क्या कभी आपने कोई चीज़ या बात दूसरों से छिपाई है या छिपाने की कोशिश की है, उस समय क्या-क्या हुआ था?

उत्तर: इसे अपने अनुभव से छात्र स्वयं कर सकते हैं; जैसे:

एक बार मेरे मित्र ने मुझसे गणित कि किताब माँगी। मैं अपनी किताब उसे देना नहीं चाहता था। अत: मैंने अपनी किताब छिपा दी और उससे कहा- “मेरे पास किताब नहीं है।” मैंने अपनी किताब गद्दे के नीचे छिपाई थी। वह वहीं पर बैठ गया, उसके बैठते ही किताब खड़खड़ करने लगी। उसकी नज़र बचाकर, मैंने चुपके से किताब दराज़ में छिपा दी। अचानक किसी काम से मैंने वही दराज़ उसके सामने खोल दी। उस समय मेरी हालात देखने वाली थी। बहाना बनाकर स्वयं को बचाना पड़ा।

चावल की रोटियाँ – प्रश्न: कहते हैं, एक झूठ बोलने के लिए सौ झूठ बोलने पड़ते हैं। क्या तुम्हें कहानी पढ़कर ऐसा लगता है? कहानी की मदद से इस बात को समझाओ।

उत्तर: यह कहावत सच है कि एक झूठ छिपाने के लिए सौ झूठ बोलने पड़ते हैं। कहानी में भी ‘कोको’, ‘नीनी’ और ‘मिमि’ से चावल की रोटियाँ बचाने के लिए छिपाता है। इसके लिए वह अनेकों झूठ बोलता है; जैसे: पेट भरा होना, रोटियों का खराब होना, घर में चूहा होना, रोटियाँ खा लेना, माँ को एलर्जी होना आदि।

प्रश्न: कोको की माँ ने उसके लिए चावल की रोटियाँ बनाकर रखी थीं। भारत के विभिन्न प्रांतों में चावल अलग-अलग तरीके से इस्तेमाल किया जाता है – भोजन के हिस्से के रूप में भी और नमकीन और मीठे पकवान के रूप में भी। तुम्हारे प्रांत में चावल का इस्तेमाल कैसे होता है? घर में बातचीत करके पता करो और एक तालिका बनाओ। कक्षा में अपने दोस्तों की तालिका के साथ मिलान करो तो पाओगी कि भाषा, कपड़ों और रहन-सहन के साथ-साथ खान-पान की दृष्टि से भी भारत अनूठा है।

उत्तर: छात्र स्वयं कर सकते हैं; जैसे:

मैं उत्तर भारत का रहने वाला हूँ। मेरे घर मैं चावल का प्रयोग निम्नलिखित रुप में होता है; जैसे: सादे चावल, मीठे चावल, बिरयानी, पुलाव, रोटियाँ, नमकीन इत्यादि।

प्रश्न: “कोको के माता-पिता धान लगाने के लिए खेतों में गए।”
“कोको की माँ ने उसके लिए चावल की रोटियाँ बनाईं।”

एक ही चीज़ के विभिन्न रूपों के अलग-अलग नाम हो सकते हैं। नीचे ऐसे कुछ शब्द दिए गए हैं। उनमें अंतर बताओ।

चावल – धान – भात – मुरमुरा – चिउड़ा
साबुत दाल – धुली दाल – छिलका दाल
गेहूँ – दलिया – आटा – मैदा – सूजी

उत्तर: 

  1. चावल: धान से निकला दाना चावल कहलाता है।
  2. धान: छिलका चढ़ा हुआ चावल धान कहलाता है।
  3. भात: पका हुआ चावल भात कहलाता है।
  4. मुरमुरा: धान को भाड़ में भूनने से वह मुरमुरा बन जाता है।
  5. चिउड़ा: धान को भिगाकर पीसने से चिउड़ा बनता है।
  6. साबुत दाल: दाल का पुरा दाना (जिसे तोड़ा न जाए) साबुत दाल कहलाता है।
  7. धुली दाल: बिना छिलके की दाल धुली दाल कहलाती है।
  8. छिलका दाल: छिलके वाली दाल छिलका दाल कहलाती है ।
  9. गेहूँ: एक अनाज जिससे आटा बनता है।
  10. दलिया: गेहूँ को मोटा-मोटा पीसा जाता है, वह दलिया कहलाता है।
  11. आटा: गेहूँ को बारीक पीस कर आटा बनता है।
  12. मैदा: आटे को और बारीक पीसकर मैदा बनायी जाती है।
  13. सूजी: गेहूँ जौ आदि से बना मोटा आटा सूजी कहलाता है।

प्रश्न: “कोको की माँ ने कल दुकान से एक फूलदान खरीदा था।”

ऊपर लिखे वाक्य में जिन शब्दों के नीचे रेखा खिंची है वे वाक्य में शब्दों का आपस में संबंध बताते हैं। नीचे एक मज़ेदार किताब “अनारको के आठ दिन” का एक अंश दिया गया है। उसके खाली स्थानों में इस प्रकार के सही शब्द लिखो।

अनारको एक लड़की है। घर …………….. लोग उसे अन्नो कहते हैं। अन्नो नाम छोटा जो है, सो उस ………………. हुक्म चलाना आसान होता है। अन्नों, पानी ले आ, अन्नो धूप में मत जाना, अन्नो बाहर अँधेरा-कहीं मत जा, बारिश…………. भीगना मत, अन्नो! और कोई बाहर ………….. घर में आए तो घरवाले कहेंगे-ये हमारी अनारको है, प्यार से हम इसे अन्नो कहते हैं। प्यार …………….. हुँ-ह-ह!

आज अनारको सुबह सोकर उठी तो हाँफ रही थी। रात सपने …………… बहुत बारिश हुई। अनारको ……………. याद किया और उसे लगा, आज ……………… सपने में जितनी बारिश हुई उतनी तो पहले के सपनों ……………….. कभी नहीं हुई। कभी नहीं। जमके बारिश हुई थी आज …………………. सपने ……………… और जमकर उसमें भीगी थी अनारको। खूब उछली थी, कूदी थी, चारों तरफ़ पानी छिटकाया था और खूब-खूब भीगी थी।

उत्तर: अनारको एक लड़की है। घर के लोग उसे अन्नो कहते हैं। अन्नो नाम छोटा जो है, सो उस से हुक्म चलाना आसान होता है। अन्नो, पानी ले आ, अन्नो धूप में मत जाना, अन्नो बाहर अँधेरा-कहीं मत जा, बारिश में भीगना मत, अन्नो! और कोई बाहर से घर में आए तो घरवाले कहेंगे – ये हमारी अनारको है, प्यार से हम इसे अन्नो कहते हैं। प्यार से हुँ-ह-ह!

आज अनारको सुबह सोकर उठी तो हाँफ रही थी। रात सपने में बहुत बारिश हुई। अनारको ने याद किया और उसे लगा, आज के सपने में जितनी बारिश हुई उतनी तो पहले के सपनों में कभी नहीं हुई। कभी नहीं। जमके बारिश हुई थी आज के सपने में और जमकर उसमें भीगी थी अनारको। खूब उछली थी, कूदी थी, चारों तरफ़ पानी छिटकाया था और खूब-खूब भीगी थी।

Chawal Ki Rotiyan / चावल की रोटियाँ:
यह कार्यक्रम कक्षा 05 के लिए हिन्दी की पाठ्यपुस्तक रिमझिम के अध्याय 11 के एक नाटक पर आधारित है, जिसमें जहां एक बच्चे की चावल की रोटियाँ अकेले बैठकर खाने की अभिलाषा का वर्णन किया गया है जो अंत तक पूरी नहीं होती है

Ch-11 चावल की रोटियाँ (नाटक) / रिमझिम भाग 5 / chaval kee rotiyan / rimjhim bhag 5 #CBSE, #NCERT
Sonia Mehani

चावल की रोटियाँ कितने पात्र हैं?

'चावल की रोटियाँ एक एकांकी है, जिसमें कोको मुख्य भूमिका में है। वह आठ साल का एक बर्मी लड़का है। उसके तीन दोस्त हैं—नीनी, तिन सू और मिमि । नीनी और तिन सू बर्मी लड़के हैं और मिमि बर्मी लड़की।

चावल की रोटियां में मुख्य और गौण पात्र कौन कौन है?

(कोको और मिमि मेज़ के इर्द-गिर्द बैठते हैं।) मुझे अभी-अभी तुम्हारे माता- पिता मिले | तुम्हारी माताजी ने कहा कि तुम्हारे लिए चावल की कुछ रोटियाँ रखी हैं।

कोको के कितने दोस्त थे?

(ii) नीनी रेडियो पर सूचना सुनने आया । केले के पापड़ देखकर कोको के मुँह में पानी आ गया । उ बा तुन फूलदान बदलने आया ।

कोको कितने साल का बच्चा था?

लेकिन जनता ने हम पर भरोसा किया. सबसे बड़ा धन्यवाद हऊ को, जिसने कोको को खा लिया.