Short Note
निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर दीजिए :
एक को साधने से सब कैसे सध जाता है?
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Solution
कवि की मान्यता है कि ईश्वर एक है। उसकी ही साधना करनी चाहिए। वह मूल है। उसे ही सींचना चाहिए। जैसे जड़ को सीचने से फल फूल मिल जाते हैं, उसी तरह एक ईश्वर को पूजने से सभी काम सफल हो जाते हैं। केवल एक ईश्वर की साधना पर ध्यान लगाना चाहिए।
Concept: पद्य (Poetry) (Class 9 B)
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Chapter 8: रहीम - दोहे - प्रश्न अभ्यास [Page 80]
Q 1.4Q 1.3Q 1.5
APPEARS IN
NCERT Class 9 Hindi - Sparsh Part 1
Chapter 8 रहीम - दोहे
प्रश्न अभ्यास | Q 1.4 | Page 80
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एक को साधने से सब कैसे सघ जाते हैं?
4. एक को साधने से सब कैसे सध जाता है? उत्तर:- कवि रहीम के अनुसार एक ही ईश्वर पर अटूट विश्वास रखने से सारे कार्य सिद्ध हो जाते हैं। जिस प्रकार जड़ को सींचने से हमें फल और फूलों की प्राप्ति हो जाती है उसी प्रकार एक ही ईश्वर को स्मरण करने से हमें सारे सुख प्राप्त हो जाते हैं।
एक को साधने से सब कैसे सध जाता है तर्क सहित व्याख्या करें?
Answer: जिस तरह से जड़ को सींचने से ही पेड़ में फूल और फल लगते हैं उसी तरह से एक को साधने से सब सध जाता है। एक काम के पूरा होने से अन्य कार्यों के लिए रास्ता अपने आप खुल जाता है।
पंक जल को पीकर कौन तृप्ति का अनुभव करता है?
(ग) रहीम ने सागर की अपेक्षा पंक जल को धन्य इसलिए कहा है क्योंकि सागर का जल खारा होता है, वह किसी की प्यास नहीं बुझा सकता जबकि पंक जल धन्य है जिसे पीकर छोटे-छोटे जीवों की प्यास तृप्त हो जाती है इसलिए कवि ने ऐसा कहा है।
धागा जोड़ने से कवि क्या कहना चाहते हैं?
(क) कवि प्रेम रूपी धागा न तोड़ने की बात कहता है कि एक बार यह टूट जाए तो सामान्य स्थिति नहीं आ पाती है। उसे जोड़ भी दिया जाए तो उसमें गाँठ पड़ जाती है क्योंकि इसके टूटने पर अविश्वास और संदेह का भाव आ जाता है।