हेलो फ्रेंड्स आप और हम एक प्रश्न दिया हुआ है देखिए प्रश्न मारा इस प्रकार से हैं एक कोशिकीय जीव किसे कहते हैं तो हम देख लेते हैं इस प्रश्न के बारे में कोशिश की है इसको हम बोलेंगे क्या यूनिसेल्यूलर क्या बोलेंगे यूनिसेल्यूलर यूनी मतलब होता है सर मतलब सर जो जीव हमारी कोशिकाओं से मिलकर बने होते हैं उन्हें क्या कहते हैं एक कोशिकीय जीव कहते हैं जो जीव जीव मकई दोनों आ जाएंगे पादप एवं जंतु पादप जंतु जो जीव एक कोशिका से या के बने होते हैं बनी होते हैं उन्हें क्या कहते हैं एक कोशिकीय जीव कहते हैं एक कोशिकीय जीव कहते हैं अब देख लेते Show अभी कुछ कुछ अजीब होते हैं इनके जीवन की सारी क्रिया क्या है एक ही कोशिका के अंदर होते हैं कोशिका सारा क्या कार्य करती है कोशिका सभी जैविक क्रिया जैविक क्रिया जो भी होती हमारी कौन-कौन सी वाटर एक्टिविटी जैविक क्रियाएं जैविक क्रिया क्रिया में कौन-कौन से होते हैं जैसे की पाचन स्वसन उत्सर्जन उत्सर्जन और क्या हो जाएगा प्रजनन आदि की सारी की सारी क्रियाएं एक ही कोशिका के अंदर होती हैं आदि सभी क्या होंगी एक कोशिका के अंदर होगी तो उन जीवो का हम क्या बोलते हैं एक कोशिकीय जीव बोलते हैं ठीक है तो यह तो हमारा आज का प्रश्न इसमें हमने आपको बताया कि एक कोशिकीय जीव किसे कहते हैं जिनकी बॉडी शरीर संरचना की कोशिका से बनी होती है वह क्या कहलाते हैं एक कोशिकीय जीव कहलाते हैं आई हो पर प्रश्न आपको समझ आया होगा थैंक यू वलोनिया वेंट्रिकोसा नामक शैवाल (ऐल्गी) एककोशिकीय सबसे बड़े एककोशिकीय जीवों में से है एककोशिकीय जीव (unicellular organism) वह जीव होते हैं जिनमें केवल एक ही कोशिका (सेल) हो। इनके विपरीत बहुकोशिकीय जीवों में एक से अधिक कोशिकाएँ होती हैं। अधिकतर एककोशिकीय जीवों को देखने के लिए सूक्ष्म्बीन (माइक्रोस्कोप) की ज़रुरत होती है हालांकि लगभग एक दर्ज़न एककोशिकीय जीव ऐसे भी हैं जिन्हें सीधा आँख से देखा जा सकता है। ऐसे भी कुछ जीव हैं, जैसे कि डिक्टियोस्टीलियम (Dictyostelium) जो अलग-अलग परिस्थितियों में कभी एककोशिकीय और कभी बहुकोशिकीय होते हैं।[1] इन्हें भी देखें[संपादित करें]
सन्दर्भ[संपादित करें]
पादप या उद्भिद (plant) जीवजगत का एक बड़ी श्रेणी है जिसके अधिकांश सदस्य प्रकाश संश्लेषण द्वारा शर्कराजातीय खाद्य बनाने में समर्थ होते हैं। ये गमनागम (locomotion) नहीं कर सकते। वृक्ष, फर्न (Fern), मॉस (mosses) आदि पादप हैं। हरा शैवाल (green algae) भी पादप है जबकि लाल/भूरे सीवीड (seaweeds), कवक (fungi) और जीवाणु (bacteria) पादप के अन्तर्गत आते। पादपों के सभी प्रजातियों की कुल संख्या की गणना करना कठिन है किन्तु प्रायः माना जाता है कि सन् २०१० में ३ लाख से अधिक प्रजाति के पादप ज्ञात हैं जिनमें से 2.7 लाख से अधिक बीज वाले पादप हैं। पादप जगत में विविध प्रकार के रंग बिरंगे पौधे हैं। कुछ एक कवक पादपो को छोड़कर प्रायः सभी पौधे अपना भोजन स्वयं बना लेते हैं। इनके भोजन बनाने की क्रिया को प्रकाश-संश्लेषण कहते हैं। पादपों में सुकेन्द्रिक प्रकार की कोशिका पाई जाती है। पादप जगत इतना विविध है कि इसमें एक कोशिकीय शैवाल से लेकर विशाल बरगद के वृक्ष शामिल हैं। ध्यातव्य है कि जो जीव अपना भोजन खुद बनाते हैं वे पौधे होते हैं, यह जरूरी नहीं है कि उनकी जड़ें हों ही। इसी कारण कुछ बैक्टीरिया भी, जो कि अपना भोजन खुद बनाते हैं, पौधे की श्रेणी में आते हैं। पौधों को स्वपोषित या प्राथमिक उत्पादक भी कहा जाता है।[2] 'पादपों में भी प्राण है' यह सबसे पहले जगदीश चन्द्र बसु ने कहा था।[3] पादपों का वैज्ञानिक अध्ययन वनस्पति विज्ञान कहलाता है। महत्व[संपादित करें]संसार की अधिकांश मुक्त आक्सीजन हरे पादपों द्वारा ही दी गयी है। हरे पादप ही धरती की अधिकांश जीवन के आधार हैं। अन्न, फल, सब्जियाँ मानव के मूलभूत भोजन हैं और इनका उत्पादन लाखों वर्षों से हो रहा है। पादप हमारे जीवन में फूल और शृंगार के रूप में प्रयुक्त होते हैं। अभी हाल के वर्षों तक पादपों से ही हमारी अधिकांश दवाइयाँ प्राप्त की जाती थीं। छवि-मंजूषा[संपादित करें]
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