अक्सर आप लोग अपनी मम्मी, दादी व नानी से सुनते आ रहे हैं। कि इस मिठाई के लिए एक तार की चाशनी बनानी चाहिए उस मिठाई के लिए दो की तार चाशनी बनानी चाहिए। तो ऐसे में आप लोग बहुत ज़्यादा Confuse हो जाते होंगे कि आखिर चाशनी में अंतर क्या होता है बनानी तो आखिर मिठाई ही है। तो आज हम आपको बताते हैं एक, दो और तीन तार की चाशनी बनाने का एकदम परफेक्ट तरीका क्या है। Show
टिप्सचाशनी बनाने के लिए ज़रूरी सामग्री – chashni recipe
विधि – how to make chashniचाशनी बनाने के लिए मीडियम गैस पर एक भगोने में चीनी और पानी दोनों को एक साथ डालकर उबालने के लिए रख दें। जब इस मिश्रण में उबाल आ जाए तो फिर इसमें एक चुटकी फिटकरी डाल दें। अगर आपके पास फिटकरी नहीं है तो फिर आप एक से दो चम्मच दूध भी डाल सकती हैं। दूध या फिटकरी मिलाने से चाशनी का कलर एकदम साफ आता है। और ऐसा करने से चीनी या गुड़ की सारी गंदगी ऊपर झाग के रूप में तैरने लगती है जिसे चम्मच या फिर छलनी से आसानी से निकाला जा सकता है। अच्छी व बढ़िया चाशनी पकाने के लिए मीडियम गैस पर करीब दस मिनट तक चशनी को पकाना चाहिए। ऐसे बनाएं एक तार वाली चाशनीहमारी एक तार की चाशनी बनकर तैयार हो चुकी है या फिर नहीं इसको चेक करने के लिए चम्मच से दो बूंद चाशनी को एक कटोरी में निकाल लें। और उंगली व अंगूठे के बीच रखकर चिपकाए अगर आपकी चाशनी में एक तार बनने लगा है तो आपकी एक तार की चाशनी बन चुकी है। एक तार की चाशनी बनाने के लिए 220-222 डि फा. या 104 -105 डि सें तक तापमान तक चाशनी को बना कर तैयार कर लें। दो तार वाली चाशनी बनाने का सही तरीकादो तार की चाशनी बनाने के लिए आप इसी चाशनी को करीब पांच मिनट तक और पका लें। और फिर चेक करें दो बूंद चाशनी को उंगली व अंगूठे के बीच रखकर चिपकाएं अगर इसमें दो तार बनने लगे या फिर चाशनी की तार थोड़ी मोटी हो जाएँ तो आपकी दो तार की चाशनी बनकर तैयार। दो तार की चाशनी के लिए केन्डी थर्मामीटर तापमान 235-240 डि फा./ 112- 115 डि. से. होना चाहिए। तीन तार वाली चाशनी पहचानने का सही तरीका3 तार की चाशनी बनाने के लिए इस चाशनी को करीब पांच मिनट तक और पकाएं और फिर इसको जाँच लें। अगर इसमें 3 तार बनने लगे या फिर उंगली व अंगूठे के बीच बनने वाली तार बहुत मोटी हो गई हो तो समझ जाएं तीन तार की चाशनी बनकर तैयार है। तीनों तरह की चाशनी को छलनी से छानकर बाउल में निकाल लें। अब इस चाशनी में छोटी इलायची पाउडर डाल दें। अगर आप चाहें तो इसमें केसर भी डाल सकते हैं छोटी इलायची को आप चाशनी बनते समय भी डाल सकते है। तीन तार की चाशनी बनाने के लिए केन्डी थर्मामीटर तापमान ,250-265 डि. फा./ 125- 130 डि. से. होना चाहिए। किन-किन मिठाइयों में होता है एक, दो और तीन तार की चाशनी का प्रयोगएक तार की चाशनी का इस्तेमाल होता हैगुलाब जामुन, काला जामुन, जलेबी, मीठी बूंदी, इमरती और शाही टोस्ट को बनाने के लिए किया जाता है। दो तार वाली चाशनी का प्रयोगगुझिया, मठरी व शक्करपारे-खुरमा बनाने के लिए किया जाता है। तीन तार वाली चाशनी का इस्तेमाल इन मिठाइयों में होता हैबर्फी, बूरा, बताशे, इलाइची दाने वगेरह बनाने के लिए 3 तार की चाशनी का प्रयोग किया जाता है।
चीनी को पानी में मिला कर, चीनी घुलने तक पकाकर, सीरप यानी कि चाशनी तैयार की जातौ है. बहुत सारी भारतीय मिठाइयों में चीनी की चाशनी बनाकर प्रयोग में लाई जाती है. चाशनी कई प्रकार की होती है, अलग अलग मिठाइयों में अलग अलग तरीके की चाशनी प्रयोग की जाती है और इन चाशनी को 1 तार की चाशनी (One string Sugar Syrup), 2 तार की चाशनी (two string Sugar Syrup), और 3 तार की चाशनी (three string Sugar Syrup), कहते हैं, जो इनके गाड़े और पतले पन के अनुसार पहंचानी जाती है. चाशनी बनाने के लिये हम अधिकतर 2 भाग चीनी और 1 भाग पानी का यूज करते हैं, और चाशनी को पकाते समय, चीनी घुलने के बाद कम या ज्यादा समय पकाकर उसकी कनसिसटेन्सी को चैक करके मिठाई के अनुसार चाशनी तैयार कर लेते हैं, या चाशनी को उसकी कनसिसटेन्सी के हिसाब से बनाने के लिये चीनी और पानी का अनुपात कम ज्यादा करके बनाते हैं. चीनी को घुलने तक पकाकर उसकी कनसिसटेन्सी को चैक करके चाशनी तैयार करते हैं. किसी भी तरीके से बनायें बाद में चाशनी को चैक अवश्य करना है. गुलाब जामुन बनाने के लिये 1 तार की चाशनी तैयार करनी होती है. इसके लिये 1 कप चीनी और आधा कप पानी किसी बर्तन में डालिये और गरम करने के लिये रख दीजिये, पानी में उबाल आने और चीनी पानी में घुलने के बाद चैक कीजिये, चमचे से 2 बूंद चाशनी की किसी प्याली में निकालिये और उंगली और अंगूठे के बीच चिपकाइये, चाशनी में 1 तार बने लेकिन तार की लम्बाई अधिक न हो, बहुत कम हो 3-4 मिमि. हो, चाशनी बन कर तैयार है, अगर चाशनी में तार बिलकुल नहीं बन रहा है, तब उसे और 1-2 मिनिट पकाइये और फिर से इसी तरह चैक कीजिये, जैसे ही आपको 1 तार की कनसिसटेन्सी मिल जाय, गैस बन्द कर दीजिये. रसगुल्ला के लिये चाशनी 1 तार की चाशनी बन कर तैयार हो जायेगी. केन्डी थर्मामीटर से तापमान लेकर भी चाशनी बनाई जाती है. 1 तार की चाशनी बनाने के लिये 220 -222 डि फा. या 104 - 105 डि सें तक तापमान तक चाशनी को बना कर तैयार कर लीजिये. एक तार की चाशनी - How to make one string sugar syrup1 तार की चाशनी एसी मिठाइयों के लिये आवश्यकता होती है, जो चाशनी को एब्जोर्ब करते हैं, जैसे गुलाब जामुन, काला जाम, जलेबी, इमरती, मीठी बूंदी, शाही टोस्ट आदि. दो तार की चाशनी - Two string sugar syrup2 तार की चाशनी बनाने के लिये, 1 तार की चाशनी को 3-4 मिनिट और उबलने दीजिये, और 1-2 बूंद प्याली में गिरा कर, थोड़ा ठंडा होने के बाद, उंगली से चिपका लीजिये, उंगली और उंगूठे बीच चिपका कर देखिये कि 2 तार
निकल रहे हैं और तार पहले से लम्बा हो रहा है. तीन तार की चाशनी - Three string sugar syrup3 तार की चाशनी बनाने के लिये, 2 तार वाली चाशनी को और 2 -3 मिनिट तक उबलने दीजिये. प्याली में 1 ड्रोप चाशनी डालिये, थोड़ा ठंडा होने के बाद उंगली और अंगूठे के बीच चिपका कर देखिये, अब चाशनी से 3 तार निकलने लगेंगे और तार की लम्बाई भी अधिक होगी,
और आप चिपकाते समय महसूस करेंगे कि चाशनी की गोली बनने लगेगी और वह तुरन्त जमने लगेगी. तीन तार की चाशनी का प्रयोग बर्फी बनाने के लिये, बूरा बनाने के लिये, बताशे बनाने के लिये, लाई या खील पर चढ़ाने के लिये, इलाइची दाने बनाने के लिये आदि के लिये किया जाता है. सुझाव:
How to make Chashni for Indian Sweets
TagsCategoriesPlease rate this recipe: 5.00 Ratings. (Rated by 1 people) चाशनी - How to make Chashni - sugar syrup thick Nisha Madhulika Rating: 5.00 out of 5 और आर्टिकल पढे़ं1 किलो चीनी में कितना पानी डालें?कृषि लागत और मूल्य आयोग (सीएसीपी) के अनुसार, महाराष्ट्र में एक किलोग्राम चीनी का उत्पादन करने में 2,515 लीटर पानी लगता है।
जलेबी के लिए कितने तार की चाशनी?केसरी जलेबी बनाने के लिए सामग्री: मैदे और दही को मिलाकर एक घोल तैयार किया जाता है इसमें खमीर उठने के बाद ही इससे जलेबी बनाई जाती है।
गुलाब जामुन की चाशनी कितने तार की होती है?गुलाब जामुन बनाने के लिये 1 तार की चाशनी तैयार करनी होती है.
चाशनी कैसे साफ करें?एक तरह की चाशनी ऐसी होती है जिसमें बहुत ज्यादा गाढ़ापन नहीं होता और ये गुलाब जामुन वाली चाशनी से भी ज्यादा पतली होती है। ये शक्कर और पानी को उबालने और शक्कर के पूरे घुलने तक बनाई जाती है। इसे गाजर का हलवा, काजू कतली, बूंदी लड्डू, मैसूर पाक, नारियल की बर्फी जैसी मिठाइयों में इस्तेमाल किया जाता है।
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