गणेश जी का व्रत करने से क्या होता है? - ganesh jee ka vrat karane se kya hota hai?

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बुधवार को किस देवता की होती है पूजा, जानें इस दिन व्रत करने के नियम और फायदे

जानिए बुधवार को दिन किस भगवान को समर्पित है और इसे करने से भक्तों को क्या लाभ मिलता है?

हिंदू धर्म की मान्याओं के अनुसार हफ्ते का प्रत्येक दिन अलग-अलग देवताओं को समर्पित है. बुधवार का दिन भी बड़ा खास होता है और इस दिन भगवान गणेश जी की पूजा की जाती है. यह दिन भगवान को समर्पित है और गणेश जी में आस्था रखने वाले लोग इस दिन बड़ी ही श्रद्धा के साथ उनकी पूजा-अर्चना और व्रत भी करते हैं. कहा जाता है कि इस दिन व्रत करने के कई लाभ हैं. आइए जानते हैं बुधवार को व्रत करने की विधि और इससे मिलने वाले लाभ.Also Read - बुधवार के उपाय: करियर में तरक्की पाना चाहते हैं तो बुधवार के दिन जरूर करें ये उपाय, हर अड़चन होगी दूर

बुधवार के व्रत की पूजा विधि
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  1. बुधवार के व्रत को 7 बुधवार तक किया जाना चाहिए और इसकी शुरुआत महीने के शुक्ल पक्ष करना ही उचित माना जाता है.
  2. बता दें कि किसी भी व्रत की शुरुआत पितृ पक्ष में नहीं करनी चाहिए.
  3. बुधवार को सुबह स्नान-ध्यान से निवृत होकर सबसे पहले तांबे के पात्र में भगवान गणेश जी मूर्ति स्थापित करें.
  4. पूजा के लिए पूर्व दिशा की ओर मुख करना शुभ होता है. यदि पूर्व दिशा में मुख करना संभव न हो तो आप उत्तर दिशा की ओर मुख करके भी पूजा की शुरुआत कर सकते हैं.
  5. आसन पर बैठकर भगवान गणेश जी की फूल, धूप, दीप, कपूर, चंदन से पूजा अर्चना करें.
  6. मान्यता है कि पूजा में दूब यानि दूर्वा अर्पित करना शुभ होता है.
  7. इसके बाद गणेश जी को मोदन अर्पित करें और मन ही मन भगवान का ध्यान करते हुए 108 बार इस मंत्र का जाप करें. ‘ॐ गं गणपतये नमः’

बुधवार को व्रत करने के नियम Also Read - Happy Anant Chaturdashi 2022 Wishes: श्री गणेश की कृपा बनी रहे...! अनंत चतुर्दशी पर भक्तों को भेजें ये संदेश

  1. बुधवार के व्रत में नमक खाने से परहेज करना चाहिए.
  2. साथ ही बुधवार के दिन गणेश जी को घी और गुड़ का भोग लगाएं और इस भोग को गाय को खिलाएं.
  3. बुधवार व्रत की कथा जरूर पढ़ें और आरती भी करें.
  4. मान्यता है कि बुधवार के व्रत में हरे रंग के वस्त्र पहनना शुभ होता है.
  5. बुधवार को व्रत करने के लाभ
  6. मान्याओं के अनुसार बुधवार को व्रत करने वाले जातक के जीवन में सुख, शांति और यश बना रहता है.
  7. इस व्रत को करने से आपके अन्न के भंडार कभी खाली नहीं होते.
  8. बुधवार के गणेश की पूजा करने से जीवन के सभी संकट दूर होते हैं.
  9. माना जाता है कि बुधवार के दिन बुध ग्रह की पूजा करने से कुंडली में बुध ग्रह की उपस्थिति शुभ जगह पर होती है.
  10. यदि आपका कमाया हुआ धन व्यर्थ जा रहा है तो बुधवार का व्रत करें.

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Bhudwar Vrat ki vidhiBudhwar Vrat ke labhLord GaneshWednesday Fasting

Published Date: September 22, 2021 10:07 AM IST

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Updated Date: September 22, 2021 10:13 AM IST

Budhvar Vrat Vidhi: बुधवार के दिन गणेश जी की खास पूजा अर्चना की जाती है और बच्चों के लिए भी ये बेहद लाभकारी होता है। अगर आपको एकाग्रता की समस्या का सामना करना पड़ता है, तो गणेश जी का व्रत आपके लिए काफी कारगर साबित हो सकता है। इस दिन आपको सुबह जल्दी उठकर, हरे रंग के कपड़े पहनने चाहिए और गणेश जी की उपासना करनी चाहिए। बुधवार के दिन अगर आप घर में हरे रंग का खाना बनाते हैं, तो ये आपके और आपके परिवार के लिए काफी कारगर साबित हो सकता है। इस दिन गणेश जी को बेसन के लड्डू का भोग लगाया जाता है। गणेश जी के व्रत से आपके घर में धन की कमी महसूस नहीं होती है और आपके कारोबार में भी वृद्धि आती है। व्रत की पूरी विधि जानने के लिए आप इस वीडियो को देख सकते हैं। 

Bhudwar Ganesh Katha: हिंदू धर्म में गणेश पूजा (Ganesh Puja) का विशेष महत्व है. कहते हैं कि किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत गणेश पूजन (Ganesh Pujan) से ही की जानी चाहिए. हिंदू धर्म (Hindu Dharma) में हर दिन किसी न किसी देवी-देवता को समर्पित है. ऐसे में बुधवार का दिन गणेश जी (Wednesday Ganesh Puja) को समर्पित है. कहते हैं जो भक्त गणपति (Ganpati Puja) की सच्चे दिल से अराधना करते हैं उनके सभी विघ्न गणपति हर लेते है. इसी कारण गणेश जी को विघ्नहर्ता (Vighanharta) भी कहा जाता है. कुछ लोग गणेश भगवान (Ganesh Bhagwan) की कृपा प्राप्त करने के लिए बुधवार के दिन व्रत भी रखते हैं. मान्यता है कि साधक को व्रत की शुरुआत से लेकर अगले 7 बुधवार तक लगातार गणपति के व्रत (Ganpati Vrat) रखने चाहिए. मान्यता है कि गणपति के व्रत करने वाले साधक के जीवन में सुख, शांति और यश बना रहता है. साथ ही उनके अन्न भंडार और धन की कभी कमी नहीं होती. व्रत के दौरना गणेश जी की कथा अवश्य करनी चाहिए. आइए जानते हैं बुधवार के दिन व्रत (Budhwar Vrat) के समय किस कथा का स्मरण करना चाहिए. 

बुधवार व्रत कथा (Budhwar Vrat Katha)

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, प्राचीन काल की बात है, एक धनी व्यक्ति मधुसूदन अपनी पत्नी को विदा करवाने अपने ससुराल गया. पत्नी के साथ वहां वह कुछ दिन रहने के बाद उसने अपने सास-ससुर से विदा करने को कहा. लेकिन मधसुदन को सभी ने कहा कि बुधवार के दिन गमन नहीं करना चाहिए. इसलिए तुम आज मत जाओ. लेकिन वह नहीं माना और जिद्द करके बुधवार के दिन ही पत्नी को विदा कराकर घर की ओर चल दिया. रास्‍ते में जब पत्नी को प्यास लगी, तो वह लोटा लेकर रथ से उतरकर पानी लाने चला गया. लेकिन जब वो पानी लेकर वापस आया तो देखकर हैरान रह गया कि उसके जैसी सूरत वाला व्यक्ति उसकी पत्नी के साथ रथ में बैठा हुआ है. 

मधुसूदन ने क्रोधित होकर रथ में बैठे हुए व्यक्ति से पूछा कि तू कौन है, जो मेरी पत्नी के साथ बैठा है. तभी दूसरा व्यक्ति बोला ये मेरी पत्नी है, इसे में अभी-अभी ससुराल से विदा कराकर लाया हूं. वे दोनों व्यक्ति आपस में झगड़ा करने लगे. तभी वहां राज्य के सिपाही आ गए और लोटे वाले व्यक्ति को पकड़ने लगे. फिर सिपाहियों ने स्त्री से पूछा, इनमें से तुम्हारा पति कौन है? पत्नी कुछ न बोली और शांत रही क्योंकि दोनों एक जैसे थे. वह व्यक्ति ईश्वर से प्रार्थना करते हुए बोला, ‘हे भगवान! यह क्या लीला है. यहां सच्चा झूठा बन रहा है. तभी आकाशवाणी हुई कि तुझे आज बुधवार के दिन गमन नहीं करना चाहिए, लेकिन सबके मना करने के बाद भी तूने गमन किया और तूने किसी की नहीं मानी.

यह सारी लीला बुधदेव भगवान की है. तब उस व्यक्ति ने बुधदेव जी से प्रार्थना करते हुए अपनी गलती के लिए क्षमा मांगी. वैसे ही बुधदेव जी अन्तर्ध्यान हो गए. इसके बाद मधुसूदन अपनी स्त्री को लेकर घर आया. इसके बाद से ही वे दोनों पति-पत्नी बुधवार का व्रत हर सप्‍ताह नियमपूर्वक करने लगे. मान्‍यता है कि जो व्यक्ति इस कथा को सुनता है और दूसरे लोगों को भी सुनाता है, उसको बुधवार के दिन यात्रा करने का कोई दोष नहीं लगता. साथ ही, सभी प्रकार के सुख प्राप्त होते हैं.

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गणेश जी का व्रत करने से क्या फल मिलता है?

मान्याओं के अनुसार बुधवार को व्रत करने वाले जातक के जीवन में सुख, शांति और यश बना रहता है. इस व्रत को करने से आपके अन्न के भंडार कभी खाली नहीं होते. बुधवार के गणेश की पूजा करने से जीवन के सभी संकट दूर होते हैं. माना जाता है कि बुधवार के दिन बुध ग्रह की पूजा करने से कुंडली में बुध ग्रह की उपस्थिति शुभ जगह पर होती है.

गणेश जी का व्रत कब करना चाहिए?

बुधवार व्रत कब से शुरू करें - धर्म ग्रंथों के अनुसार किसी भी शुक्ल पक्ष के पहले बुधवार से इस व्रत की शुरुआत करना उचित माना गया है. मनोकामना पूर्ति के लिए इस व्रत की संख्या 7 या 21 होनी चाहिए. आखिरी व्रत वाले दिन विधि वत पूजा कर उद्यापन करें. मान्यता है कि पितृ पक्ष में इस व्रत को शुरु नहीं करना चाहिए.

बुधवार को गणेश जी का व्रत कैसे करना चाहिए?

शुद्ध आसन पर बैठकर सभी पूजन सामग्री को एकत्रित कर पुष्प, धूप, दीप, कपूर, रोली, मौली लाल, चंदन, मोदक आदि गणेश भगवान को समर्पित कर, गणेशजी को सूखे सिंदूर का तिलक लगाएं और इनकी आरती करें। अंत में भगवान गणेश जी का स्मरण कर ॐ गं गणपतये नमः का 108 नाम मंत्र का जाप करना चाहिए

गणेश भगवान का व्रत कैसे रखा जाता है?

व्रत की विधि इस दिन प्रात:काल स्नान आदि से निवृत्त होकर यथाशक्ति चांदी, तांबे, मिट्टी या फिर गोबर से भगवान गणेश की प्रतिमा बनानी चाहिए। इसके बाद नया कलश लेकर इसके मुख पर सफेद या लाल वस्त्र बांधकर उसके ऊपर गणेश जी की प्रतिमा स्थापित करनी चाहिए और मंत्रोच्चारण के साथ विधिवत रूप से इनका पूजन और अर्चन करना चाहिए।

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