क्या आपके घर में बनाया है किसी पक्षी या कीट ने अपना बसेरा, जानिए ये शुभ है या अशुभ
ज्योतिष डेस्क, अमर उजाला Published by: शशि सिंह Updated Thu, 25 Nov 2021 10:49 AM IST
वैसे तो पक्षी अपना घोंसला पेड़ों की डाल पर ही बनाना पसंद करते हैं लेकिन आज के समय में स्थान के अभाव में घरों की खिड़कियों या रोशनदान आदि में भी पक्षी अपना घोंसला बना लेते हैं। अक्सर देखने में आता है कि हमारे घरों में कई बार पक्षी अपने घोंसले बना लेते हैं या फिर मधुमक्खी आदि भी अपना छत्ता बना लेते हैं। क्या आपको पता है कि घर में किसी कीट का बसेरा होना या पक्षी का घोंसला बनाना आदि भी शुभ और अशुभ संकेत देते हैं। वास्तु शास्त्र में पक्षियों या कीटों के घर में घोंसला बनाने के बारे में भी शुभ-अशुभ संकेतों के बारे में बताया गया है। यदि आपके घर में भी किसी कीट या पक्षी ने बसेरा किया है तो जान लें कि क्या वो है आपके लिए शुभ या किसी अशुभता का देता है संकेत।
घर में तैतया या मधुमक्खी का छत्ता बनाना-
अगर घर में किसी भी स्थान पर मधुमक्खियों या ततैया ने छत्ता बना लिया हो तो यह किसी के लिए भी परेशानी का सबब बन सकता है। घर में छत्ता बने होने से दुर्घटना होने का डर तो बना ही रहता है साथ ही में यह शुभ भी नहीं माना जाता है।
घर में गौरेया का घोंसला बनाना-
अगर आपके घर में गौरेया घोंसला बनाती है, तो यह बहुत ही शुभ माना जाता है। यदि किसी के घर में गौरेया घोंसला बनाती है तो यह सुख-समृद्धि के आगमन का संकेत माना जाता है। माना जाता है कि इससे वास्तु दोष के बुरे प्रभाव से निजात मिलती है और घर में रहने वाले लोगों का भाग्य जागता है।
घर में कबूतर का घोंसला बनाना-
वैसे तो लोग अपने घर में कबूतर का पालन करते हैं। कबूतर का घर में होना और घोंसला बनाना दोनों ही शुभ माना जाता है। माना जाता है कि घर में कबूतर का घोंसला होने से सुख और शांति बनी रहती है।
चमगादड़ का बसेरा होना-
यदि घर के किसी हिस्से में चमगादड़ अपना बसेरा बना लेते हैं तो यह बहुत ही अशुभ संकेत माना जाता है। यह किसी बुरी घटना का संकेत हो सकता है।
चिड़िया का घर में घोंसला बनाना शुभ है. अक्सर गर्मियों में चिड़िया घरों में घोंसला बनाती हैं. इनका घोंसला बनाना आपके लिए शुभ और सौभाग्य का संकेत ले कर आते हैं. कभी भी अपने सौभाग्य को न उजाड़ें बल्कि उनका स्वागत करें. वास्तुशास्त्र के अनुसार गौरैया के घर में घोंसला बनाने से दस तरह के वास्तुदोष दूर होते हैं.
ज्ञातव्य है कि हिन्दू धर्म में देवी देवताओं के वाहन पक्षी हैं. जैसे भगवान कार्तिकेय का वाहन मोर, माता सरस्वती का वाहन हंस, विष्णु जी का गरुड़, शनिदेव का वाहन कौवा और माता लक्ष्मी का वाहन उल्लू होता है. ये सभी वाहन आपके पूजा स्थान में अपने देवों और दवियों के साथ पूजा ग्रहण करते हैं. आप उन्हें पूजते हैं और उनकी कृपा के लिए लगातार प्रार्थना करते हैं. जब उन देव देवियों के वाहन आपके निवास में निवास करने आ रहे हैं तो उनका स्वागत करिए वे आपको सौभाग्य की सूचना ले कर आ रहे हैं. घर में अक्सर गौरैया और कबूतर ही अपना घोंसला बनाते हैं. कबूतर माँ लक्ष्मी के भक्त माने जाते हैं. उनके निवास से घर में सुख शान्ति आती है। कबूतरों के निवास को उजाड़ना अशुभ माना जाता है. इसलिए उनके निवास को कभी उजाड़ना नहीं चाहिए.
गौरैया का घोंसला बनाना तो अत्यंत शुभ माना जाता है. गौरैया से दस तरह के वास्तुदोष दूर होते हैं. गौरैया का घोंसला घर के पूर्वी भाग में बनता है तो मान-सम्मान में वृद्धि होती है.
आग्नेय कोण पर घोंसला बनाने से पुत्र का विवाह शीघ्र होता है. दक्षिण दिशा में ये घोंसला बनाए जाए तो धन की प्राप्ति होती है. दक्षिण-पश्चिम कोण का घोंसला बनाएं तो परिवार वालों को दीर्घ आयु देता है. पश्चिमी भाग में घोंसला बनाएं तो लक्ष्मी की कृपा बरसती है. उत्तर-पश्चिमी कोण पर गौरैया का घोंसला बनता है तो सुख देने वाला होता है. इसी तरह उत्तर दिशा और ईशान कोण का घोंसला बनता है तो सुख-सुविधाएं प्रदान करता है.
यहां हम महत्वपूर्ण बात स्पष्ट कर दें कि ये घोंसले घर के खुले हुए हिस्से में होने चाहिए. पुराने घरों को देखें तो वहां पेड़, आंगन और बगीचे के साथ बड़ा हिस्सा खुला हुआ रहता है. चिड़ियों का यह घोंसला इन्हीं पेड़ पौंधों बगीचे और खुले हिस्से में होना चाहिए. छत और चारदीवारी वाले हिस्से में इन्हे शुभ नहीं माना जाता है.
नन्हीं चिरैया जानें लाती है कितनी खुशियां
कभी छत पर तो कभी घर की दहलीज नन्हीं चिरैया गौरैया की संख्या दिन-ब-दिन कम होती जा रही है। ऐसे में गौरैया के संरक्षण के लिए प्रत्येक वर्ष विश्व स्तर पर ‘विश्व गौरैया दिवस’ मनाया जाता है। ताकि लोगों को इस नन्हीं चिरैया के प्रति जागरुक किया जा सके। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि गौरैया का घर के वास्तु से भी गहरा संबंध होता है। तो आइए जानते हैं कि कैसे गौरैया घर का वास्तु सुधार देती है….
तुलसीदासजी ने भी किया है गौरैया का वर्णन
गौरैया का हमारे जीवन में कितना महत्वपूर्ण स्थान है। यह तो हम सभी जानते हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि गोस्वामी तुलसीदास ने भी राजा दशरथ के घर में गौरैया के घोंसले का वर्णन मिलता है। वास्तुशास्त्र के अनुसार अगर घर में उत्तर दिशा और ईशान कोण में गौरैया अपना घोंसला बनाए तो यह अत्यंत शुभ होता है। इससे घर में सुख-समृद्धि का वास होता है और पारिवारिक दिक्कतें भी धीरे-धीरे दूर होने लगती हैं।
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महाभारत काल का भी मिलता है उल्लेख
पक्षी विज्ञान के जनक गौतम ऋषि के अनुसार अगर किसी जगह पर गौरैया का घोंसला हो। तो यह अत्यंत शुभ संकेत माना जाता है। कहते हैं कि इससे 10 प्रकार के वास्तुदोष अपने आप ही दूर हो जाते हैं। मान्यता है महाभारत काल में महारानी कुंती के महल में भी गौरैया का घोंसला था।
बन जाते हैं बिगड़े काम
वास्तुशास्त्र के अनुसार गौरैया का घर में आना बहुत ही शुभ होता हैं। इनके आने से जीवन में मधुरता आती हैं। बिगड़ते कार्य बनने लगते हैं। कार्यक्षेत्र में सफलता मिलती हैं। इनका सुबह-सुबह दिखना बहुत ही शुभ माना जाता हैं। कहते हैं जो व्यक्ति इनको देख लेता हैं। उसका पूरा दिन शुभ हो जाता हैं। उसे हर कार्य में सफलता मिलती है।
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