सिंह राशि में क्या दोष चल रहा है? - sinh raashi mein kya dosh chal raha hai?

अक्षर तालिका : मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे।

राशि विशेषता : स्थिर मन, पराक्रम, स्पष्टवादिता, ईमानदारी और न्यायप्रियता।


सिंह राशि (Leo) का स्थान पेट में होता है। इसके कारक ग्रह सूर्य और मंगल माने गए हैं। अग्नि तत्व प्रधान सिंह राशि का स्वामी सूर्य है। भाग स्थिर है और सिंह लग्न की बाधक राशि कुंभ तथा बाधक ग्रह शनि है। लेकिन लाल किताब अनुसार शत्रु और मित्र ग्रहों का निर्णय कुंडली अनुसार ही होता है।

लाल किताब अनुसार पाँचवें भाव में सिंह राशि मानी गई है जिसके सूर्य का पक्का घर पहला माना जाता है। अग्नि तत्व प्रधान सिंह राशि का स्वामी सूर्य है। इस राशि को पूर्व दिशा का स्वामित्व प्राप्त है। लाल किताब की कुंडली अनुसार सूर्य के खराब या अच्छा होने की कई स्थितियाँ हैं। यदि आप सिंह राशि के जातक हैं तो आपके लिए यहाँ लाल किताब अनुसार सामान्य सलाह दी जा रही है।

अशुभ की निशानी : सूर्य से संबंधित बीमारियों में दिल की धड़कन, मुँह से झाग निकलना, अंगों की ताकत का खत्म होना, रक्तचाप आदि प्रमुख हैं। सामान्य तौर पर भी मुँह में बार-बार बलगम का आना। सोना खो जाना या चोरी हो जाना। पिता या संतान को कष्ट आदि।


सावधानी व उपाय : शराब और माँस का सेवन न करें। किसी से मुफ्त में कुछ न लें। यात्रा के समय अपने मुँह में कोई मीठी वस्तु रखें। दादी माँ से आशीर्वाद लें। आग को दूध से बुझाएँ। रात को दो रोटियाँ आग में जलाएँ।

सिंह राशि वालों में स्वास्थ्य की दृष्टि से रीढ़ से सम्बन्धित बीमारी, दिल की धड़कन का तेज होना, मन में बेचैनी, मन में अचानक भय आना, एनिमिया, हृदय रोग, खून के थक्के जमना जैसी बीमारियाँ होने की संभावना रहती है। उन्हें इससे सावधान रहना चाहिए।

अग्नि तत्व प्रधान सिंह राशि के कारक ग्रह सूर्य है। इसके कारक ग्रह सूर्य और मंगल माने गए हैं। सिंह लग्न की बाधक राशि कुंभ तथा बाधक ग्रह शनि है। लाल किताब अनुसार पांचवें भाव में सिंह राशि मानी गई है जिसके सूर्य का पक्का घर पहला माना जाता है। यदि आप सिंह राशि के जातक हैं तो आपके लिए यहाँ लाल किताब अनुसार सामान्य सलाह दी जा रही है।
सिंह राशि का ग्रह सूर्य होता है। यदि आपकी कुंडली में सूर्य खराब है तो आप निम्नलिखित सावधानी और उपाय अपना सकते हैं। सूर्य खराब होने की नीचे अशुभ की निशानी दी गई है। इससे आप पता लगा सकते हैं कि आपका सूर्य खराब है या नहीं।

अशुभ की निशानी

*मुंह में बार-बार बलगम का आना।

*सोना खो जाना या चोरी हो जाना।

*शरीर में अकड़न का बने रहना।

*पिता या संतान को कष्ट होना।

*अंगों की ताकत खत्म होना, रक्तचाप, रीढ़ का रोग, धड़कन तेज होना, मन में बेचैनी और भय, एनिमिया, हृदय रोग, खून के थक्के जमना जैसी बीमारियां होना आदि उपरोक्त सभी सूर्य के अशुभ होने की निशानी है।

वीडियो देखने के लिए क्लिक करें...

सावधानी
*पिता का सम्मान करें।

*किसी से मुफ्त में कुछ न लें।

*शराब और मांस का सेवन न करें।

*पेट साफ रखें और व्यायाम करें।

उपाय

*मुँह में मीठा डालकर ऊपर से पानी पीकर ही घर से निकले।

*दादी मां से आशीर्वाद लें।

*आग को दूध से बुझाएं।

*रात को दो रोटियां आग में जलाएं।

*भगववान विष्णु की उपासना।

*सूर्य को अर्घ्य देना।

*रविवार का व्रत रखना।

*थोड़ा थोड़ा गुड़ खाते रहें।

सिंह

मेष • वृषभ • मिथुन • कर्क • सिंह • कन्या • तुला
वृश्चिक • धनु • मकर • कुम्भ • मीन
राशि चिह्नअवधि (ट्रॉपिकल, पश्चिमी)नक्षत्रराशि तत्त्वराशि गुणस्वामीडेट्रिमेण्टएग्ज़ाल्टेशनफ़ॉल

सिंह
22 जुलाई – 23 अगस्त (2022, यूटीसी)
सिंह
अग्नि
फ़िक्स्ड
सूर्य
शनि
कोई ग्रह नहीं
कोई ग्रह नहीं
खगोलशास्त्र प्रवेशद्वार खगोलशास्त्र परियोजना

सिंह (Leo) राशि चक्र की पाचवीं राशि है। और पूर्व दिशा की द्योतक है। इसका चिन्ह शेर है। इसका विस्तार राशि चक्र के 120 अंश से 150 अंश तक है।सिंह राशि का स्वामी सूर्य है, और इस राशि का तत्व अग्नि है। इसके तीन द्रेष्काण और उनके स्वामी सूर्य,गुरु, और मंगल, हैं। इसके अन्तर्गत मघा नक्षत्र के चारों चरण,पूर्वाफ़ाल्गुनी के चारों चरण, और उत्तराफ़ाल्गुनी का पहला चरण आता है। यह बहुत शक्तिशाली है।

नक्षत्र चरण और उनके फ़ल[संपादित करें]

  • मघा के प्रथम चरण का मालिक केतु-मंगल है, जो जातक में दिमागी रूप से आवेश पैदा करता है।
  • द्वितीय चरण के मालिक केतु-शुक्र है, जो जातक में सजावटी और सुन्दरता के प्रति भावना को बढाता है।
  • तीसरा चरण केतु-बुध के अन्तर्गत आता है, जो जातक में कल्पना करने और हवाई किले बनाने के लिये सोच पैदा करता है,
  • चौथा चरण चन्द्र-केतु के अन्तर्गत आता है, जो जातक में की जाने वाली कल्पना शक्ति का विकास करता है।
  • पूर्वाफ़ाल्गुनी नक्षत्र का प्रथम चरण शुक्र-सूर्य के सानिध्य में जातक को स्वाभाविक प्रवॄत्तियों की तरफ़ बढाता है।
  • दूसरा चरण सुन्दरता का बोध करवाने में सहायक होता है।
  • तीसरा चरण सुन्दरता के प्रति मोह देता है और कामुकता की तरफ़ भेजता है।
  • चौथा चरण जातक के द्वारा किये गये वादे को क्रियात्मक रूप मे बदलने में सहायता करता है।
  • उत्तराफ़ाल्गुनी नक्षत्र का प्रथम चरण जातक में अपने प्रति स्वतन्त्रता की भावना भरता है, और जातक को किसी की बात न मानने के लिये बाध्य करता है।

लगन[संपादित करें]

जिन व्यक्तियों के जन्म समय में चन्द्रमा सिंह लगन मे होता है, वे सिंह राशि के जातक कहलाते हैं, जो इस लगन में पैदा होते हैं वे भी इस राशि के प्रभाव में होते है।पांडु मिट्टी के रंग वाले जातक,पित्त और वायु विकार से परेशान रहने वाले लोग, रसीली वस्तुओं को पसंद करने वाले होते हैं, कम भोजन करना और खूब घूमना, इनकी आदत होती है, छाती बडी होने के कारण इनमें हिम्मत बहुत अधिक होती है और मौका आने पर यह लोग जान पर खेलने से भी नही चूकते.इस लगन में जन्म लेने वाला जातक जीवन के पहले दौर में सुखी, दूसरे में दुखी और अन्तिम अवस्था में पूर्ण सुखी होता है।

प्रकृति और स्वभाव[संपादित करें]

सिंह राशि शाही राशि मानी जा्ती है, सोचना शाही, करना शाही, खाना शाही, और रहना शाही, इस राशि वाले लोग जुबान के पक्के होते हैं, उनके अन्दर छीछोरापन वाली बात नही होती है, अपनी मर्यादा में रहना, और जो भी पहले से चलता आया है, उसे ही सामने रख कर अपने जीवन को चलाना, इस राशि वाले व्यक्ति से सीखा जा सकता है। सिह राशि वाला जातक जब किसी के घर जायेगा, तो वह किसी के द्वारा दिये जाने वाले आसन की आशा नही करेगा, वह जहां भी उचित और अपने लायक आसन देखेगा, जाकर बैठ जायेगा, वह जो खाता है वही खायेगा, अन्यथा भूखा रहना पसंद करेगा, वह आदेश देना जानता है, किसी का आदेश उसे सहन नही है, जिस किसी से प्रेम करेगा, उसके मरते दम तक निभायेगा, जीवन साथी के प्रति अपने को पूर्ण रूप से समर्पित रखेगा, अपने व्यक्तिगत जीवन में किसी का आना इस राशि वाले को कतई पसंद नही है, और सबसे अधिक अपने जीवन साथी के बारे में वह किसी का दखल पसंद नही कर सकता है ।

मुख्य विशेषताएं[संपादित करें]

सिंह राशि वाले जातक या व्यक्ति के पास, जंगल के राजा सिंह के समान नेतृत्व क्षमता होती है । चाहे वह समूह का नेतृत्व करे या ना करे, लेकिन समूह स्वयं उसके पास चला आता है । यानि नेतृत्व क्षमता सिंह राशि वाले जातक के पास मुख्य और विशेष गुण होता है । अपने लिए हुए निर्णय में वो किसी और की दखल अंदाजी कभी बर्दाश्त नहीं करते है । सिंह राशि बहुप्रसव राशि नहीं मानी जाती, यह खुद कोई कार्य स्वयं कभी नहीं करते है, तो इनके साथियोंसे कार्य करवाते है, आप इसे इनके नेतृत्व कला की आप देन मान सकते हो । इनकी नेतृत्व क्षमता विश्वास रखने योग्य हो सकती है ।

आर्थिक गतिविधियां[संपादित करें]

इस राशि वाले जातक कठोर मेहनत करने के आदी होते हैं, और राशि के प्रभाव से धन के मामलों में बहुत ही भाग्यशाली होते हैं, पंचम राशि का प्रभाव कालपुरुष की कुन्डली के अनुसार इनको तुरत धन वाले क्षेत्रों में भेजता है, और समय पर इनके द्वारा किये गये पूर्व कामों के अनुसार ईश्वर इनको इनकी जरूरत का चैक भेज देता है। इस राशि वाले जातक जो भी काम करते हैं वे दूसरों को अस्मन्जस में डाल देने वाले होते है, लोग इनके कामों को देखकर आश्चर्य में पड़ जाते हैं। स्वर्ण, पीतल, और हीरा जवाहरात के व्यवसाय इनको बहुत फ़ायदा देने वाले होते हैं,सरकार जैसे और राजाओं जैसे ज़िन्दगी जीने का शौक रखते हैं|

स्वास्थ्य और रोग[संपादित करें]

इस राशि के जातकों की वाणी और चाल में शालीनता पायी जाती है। इस राशि वाले जातक सुगठित शरीर के मालिक होते हैं |अधिकतर इस राशि वाले या तो बिलकुल स्वस्थ रहते है, या फ़िर आजीवन बीमार रहते हैं, जिस वातावरण में इनको रहना चाहिये, अगर वह न मिले, इनके अभिमान को कोई ठेस पहुंचाये, या इनके प्रेम में कोई बाधा आये, तो यह लोग अपने मानसिक कारणों से बीमार रहने लगते है, इनके लिये भदावरी ज्योतिष की यह कहावत पूर्ण रूप से खरी उतरती है, कि मन से तन जुडा है, और जब मन बीमार होगा तो उसका प्रभाव तन पर पडेगा, अधिकतर इस राशि के लोग रीढ की हड्डी की बीमारी या चोटों से अपने जीवन को खतरे में डाल लेते हैं, और इस हड्डी का प्रभाव सम्पूर्ण शरीर पर होने से, चोट अथवा बीमारी से शरीर का वही भाग निष्क्रिय हो जाता है, जिस भाग में रीढ की हड्डी बाधित होती है। वैसे इस राशि के लोगों के लिये ह्रदय रोग,धडकन का तेज होना,लू लगना, और संधिवात ज्वर होना आदि होता है.

सिंह राशि के कौन से ग्रह खराब चल रहे हैं?

सिंह राशि का स्वामी सूर्य है, और इस राशि का तत्व अग्नि है। ... सिंह.

सिंह राशि में कौन सा ग्रह कमजोर है?

कुंडली में कमजोर हो सूर्य सिंह राशि का स्वामी ग्रह सूर्य है. ऐसे में अगर किसी जातक की कुंडली में सूर्य कमजोर होता है, तो उसे माणिक्य रत्न धारण करने की सलाह दी जाती है.

सिंह राशि पर कौन सा ग्रह चल रहा है 2022?

सिंह राशिफल 2022 के अनुसार आर्थिक जीवन लेकिन आपको अपने बजट के अनुसार धन खर्च करने की सलाह दी जाती है। जून से अक्टूबर माह के बीच आर्थिक जीवन के लिए कई सुंदर योग बनेंगे। मंगल का गोचर भाग्य को चमका देगा।

सिंह राशि पर कौन सी दशा चल रही है?

नोट: नीचे दिए गए टेबल में सिंह राशि पर शनि की साढ़े साती साल 1998 से 2116 तक दिखाई गयी हैं। इसमें सिंह राशि के लिए वर्ष 2022, 2023 और 2024 की साढ़े साती भी शामिल हैं।

संबंधित पोस्ट

Toplist

नवीनतम लेख

टैग