गांधी जी अफ्रीकावासियों और भारतीय प्रवासियों को सुसंस्कृत और नैतिक क्यों बनाना चाहते थे? - gaandhee jee aphreekaavaasiyon aur bhaarateey pravaasiyon ko susanskrt aur naitik kyon banaana chaahate the?

अपठित गद्यांश,प्रस्तुत गद्यांश को पढ़िए और उचित विकल्पों का चयन करके उत्तर दीजिये

सामान्य हिन्दी
अभ्यास-1 अपठित गद्यांश

अपठित गद्याशं का अर्थ होता है जो पढा हुआ न हो परीक्षाओं में एक भाग(Passage) देके उनसे कुछ प्रश्न पुछ लिये जाते हैं।
इससे छात्रों का मानसिक स्तर की जँच की जाती है।

विधि- इस तरह के प्रश्न को हल करने के लिये निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिये।

1. गद्यांश को ध्यान पूर्वक पढ़ना चाहिये।
2. पढ़ते समय मुख्य बातो को रेखांकित करते रहना चाहिये। और उत्तर सरल भाषा में ही देना चाहिये।
3.उत्तर कम से कम शब्दों में देना चाहिये। जितना पुछा जाये उतना ही लिखना चाहिए।
4. यदि गद्यांश का शीर्षक पुछा गया है तो बहुत ध्यान से पढ़ने के बाद उस गद्यांश का मूलभाव ही उसका शीर्षक बनता है। और कोशिश हो कि वह शीर्षक शब्द गद्यांश में मौजूद हो।

नोट- अगर सारांश पुछा जाए तो हमेशा गद्याश के एक तिहाई हिस्से से कम शब्द में लिखा जाना चाहिये।

आइये एक उदाहरण करके देखते है।

प्रस्तुत गद्यांश को पढ़िए और उचित विकल्पों का चयन करके उत्तर दीजिये

गांधीजी ने दक्षिण अफ्रीका में प्रवासी भारतीयों को मानव-मात्र की समानता और स्वतंत्रता के प्रति जागरुक बनाने का प्रयत्न किया। इसी के साथ उन्होंने भारतीयों के नैतिक पक्ष को जगाने और सुसंस्कृत बनाने के प्रयत्न भी किए। गांधी जी ने ऐसा क्यों किया? इसलिए कि वे मानव-मानव के बीच काले-गोरे, या ऊँच-नीच का भेद ही मिटाना प्रयाप्त नहीं समझते थे, वरन उनके बीच एक मानवीय स्वभाविक स्नेह और हार्दिक सहयोग का संबंध भी स्थापित करना चाहते थे। इसके बाद जब वे भारत आए, तब उन्होंने इस प्रयोग को एक बड़ा और व्यापक रुप दिया विदेशी शासन के अन्याय-अनीति के विरोध में उन्होंने जितना बड़ा सामूहिक प्रतिरोध संगठित किया, उसकी मिसाल संसार के इतिहास में अन्यत्र नहीं मिलती। पर इसमें उन्होंने सबसे बड़ा ध्यान इस बात का रखा कि इस प्रतिरोध में कहीं भी कटुता, प्रतिशोध की भावना अथवा कोई भी ऐसी अनैतिक बात न हो जिसके लिए विश्व-मंच पर भारत का माथा नीचा हो। ऐसा गांधी जी ने इसलिए किया क्योंकि वे मानते थे कि बंधुत्व, मैत्री, सदभावना , स्नेह-सौहार्द आदि गुण मानवता रूप टहनी के ऐसे पुष्प हैं जो सर्वदा सुगंधित रहते हैं।

1-अफ्रीका में प्रवासी भारतीयों के पीड़ित होने का क्या कारण था?
क) निर्धनता धनिकता पर आधारित भेदभाव
) रंगभेद और सामाजिक स्तर से संबंधित भेदभाव
ग) धार्मिक भिन्ता पर आश्रित भेदभाव
घ) विदेशी होने से उत्पन्न मन-मुटाव

2-गांधी जी अफ्रीकावासियों और भारतीय प्रवासियों के मध्य क्या स्थापित करना चाहते थे?
) सहज प्रेम एवं सहयोग की भावना
ख) पारिवारिक अपनत्व की भावना
ग) अहिंसा एवं सत्य के प्रति लगाव
घ) विश्वबंधुत्व की भावना

3-भारत में गांधीजी का विदेशी शासन का प्रतिरोध किस पर आधारित था?
क) संगठन की भावना पर
ख) नैतिक मान्यताओं पर
ग) राष्ट्रीयता के विचारों पर
घ) शांति की सदभावना पर

4-बंधुत्व, मैत्री आदि गुणों की पुष्पों के साथ तुलना आधारित है –
क) उनकी सुंदरता पर
ख) उनकी कोमलता पर
) उनके अपनत्व पर

घ) उनके कायिक प्रभाव पर

5-गद्यांश का उपयुक्त शीर्षक क्या होगा?
क) अफ्रीका में गांधी जी
ख) प्रवासी भारतीय और गांधी जी
ग) गांधी जी की नैतिकता
घ) गांधी जी और विदेशी शासन

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गांधी जी अफ्रीकावासियों और भारतीय प्रवासियों को सुसंस्कृत और नैतिक क्यों बनाना चाहते थे *?

गांधी जी अफीकावासियों और भारतीय प्रवासियों के मध्य स्थापित करना चाहते थे- 1) सहज प्रेम एवं सहयोग 2) पारिवारिक अपनत्व की भावना 3) अहिंसा एवं सत्य के प्रति लगाव

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