गुड़हल पौधे को इंग्लिश में क्या कहते हैं? - gudahal paudhe ko inglish mein kya kahate hain?

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गुड़हल में फैली फंगस की बीमारी, सूख रहे फूल-पत्तियां

बीते कुछ दिनों से शहर के विभिन्न हिस्सों में गुड़हल में एक बीमारी फैली हुई है। इस बीमारी की चपेट में आकर गुड़हल के फूल, पत्तियां व शाखाएं सूख जा रहीं हैं।

गुड़हल दिखने में सुंदर एक बहुवर्षीय पौधा है। जो लगभग 4 से 8 फीट ऊंचा होता है। इसका वानस्पतिक नाम ‘हिबिसकस रोसा साइनेसिस’ है। इसमें दो तरह की किस्में पाई जाती हैं, जिनमें लाल तथा सफेद रंग के फूल लगते हैं। जिनकी अपनी अलग-अलग उपयोगिता है। इसके पत्ते चमकीले गहरे हरे रंग के होते हैं तथा इनके किनारे गुलाब के पत्तों की तरह कटे हुए होते हैं।

जशपुर में गुड़हल फूल का पौधा प्राय: सभी स्थानों पर है। पर पिछले करीब एक माह से इसके पौधों में यह बीमारी देखने में आ रही है। शहर के कई मोहल्लों में गुड़हल के पौधों में यह बीमारी फैली हुई है। बसंत विहार निवासी संजीव शर्मा ने बताया कि फूलों में सफेद रंग की फफूंद लग रही है। धीरे-धीरे फूल और पत्तियों के साथ उसकी शाखाएं भी सूख जा रहीं हैं। उन्होंने कहा कि यह बीमारी तेजी से फैल रही है। इस बारे में बीज दुकान संचालक जयप्रकाश पाठक ने बताया कि प्राय: गर्मी के सीजन में फंगस की बीमारी होती है। अभी गुड़हल में इसके फैलने की अधिक शिकायत है। उन्होंने बताया कि आम के पौधों में भी फंगस लग रहा है, पर वह बहुत कम मात्रा में है।

ऐसे करें उपचार

कई नामों से जाना जाता है गुड़हल

उद्यान अधीक्षक श्री पाठक ने कहा कि जिस टहनी में सफेद फंगस दिखे, उस टहनी को काट दें। अगर स्थिति ऐसी है कि टहनी काटते न बने, तो धीरे-धीरे उसमें पानी डालकर हल्के हाथों से उसे रगड़ दें। इससे फंगस दूर हो जाएगा। इसके बाद डाइफेन एम 45 या जेड 78 व अन्य कोई फंगस नाशक दवा डालें। श्री पाठक ने बताया कि 3 ग्राम दवा 1 लीटर पानी में डालकर उसका छिड़काव करें। इससे यह बीमारी नहीं होगी।

इसे असमी और बंगाली में जोबा, गुजराती में जसुवा, कन्नड़ में दसवाल, कोंकणी में दासुन, मलयाली में चेंबाराठी, संस्कृत में जपा और तमिल में सेंपरुथी व इंग्लिश में शू फ्लावर कहते हैं। इस फूल के कई औषधीय उपयोग भी हैं। साथ ही लाल प्रजाति के फूल का धार्मिक महत्व भी है।

जीवनशैली, डेस्क रिपोर्ट। सदियों से आयुर्वेद में फूलों (Flowers) का इस्तेमाल स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के समाधान के लिए किया जा रहा है। भारत के मेडिकल सा विज्ञान में फूलों का बहुत ही ज्यादा महत्व होता है। सिंगार और घर की शोभा ही नहीं बल्कि स्वास्थ संबंधी कई समस्याओं का निवारण भी होता है। हम अक्सर अपने घरों में अनेक प्रकार के सुंदर सुंदर फूलों के पौधे लगाते हैं लेकिन क्या आपको पता है आपके आसपास मौजूद यह फूल आपके लिए कितने ज्यादा गुणकारी साबित हो सकते और आपको कई बीमारियों से निजात भी दिला सकते। तो आइए जाने इन फूलों के बारे में।

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गुड़हल का फूल

आयुर्वेद में गुड़हल के फूल को बहुत ही ज्यादा चमत्कारी माना गया है। धार्मिक तौर पर भी इस का अपना अलग ही महत्व होता है। साथ ही देवताओं का भी पसंदीदा माना जाता है। उनका फूल ना सिर्फ बालों के लिए बल्कि कई प्रकार की बीमारियों के लिए भी कारगर साबित हो सकता है। लाल रंग का दिखने वाला यह फूल विटामिन सी और अन्य कई पोषक तत्वों से भरपूर होता है।

गेंदा फूल

गेंदे का फूल जिसे इंग्लिश में मेरीगोल्ड भी कहते हैं। इसकी खेती सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि दुनिया के कई भागों में भी होती है। इस फूल का सजावट में बहुत ही खास महत्व होता है। दीपावली और अन्य कई धार्मिक कार्यों में इसे आप देख सकते हैं। इसका इस्तेमाल आयुर्वेद स्वास्थ्य के लिए भी किया जाता है। इसमें त्वचा के कोशिकाओं को ठीक करने की क्षमता होती है। साथ ही इस फूल से बनी चाय आपको मुंह में और पेट में होने वाले छालों से निजात दिला सकती है।

अपराजिता

अपराजिता का फूल जो दिखने में ब्लू और कितने प्रकार का होता है दिखने में ही सुंदर नहीं बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी बहुत ज्यादा फायदेमंद माना जाता है। आयुर्वेद में इसका इस्तेमाल याददाश्त बढ़ाने और घाव को साफ करने के लिए बताया गया है।

सदाबहार

सदाबहार ल फूल आपको हर मौसम में मिल जाएगा। इस भारत में ही नहीं दुनिया के कई हिस्सों में पाया जाता है और सजावट में भी इसका इस्तेमाल किया जाता है। आयुर्वेद के मुताबिक सिर्फ इसके फूल ही नहीं बल्कि इसके तने और जड़े भी काफी ज्यादा मददगार होती है। साथ ही कई बीमारियों से भी निजात दिला सकती है।

पारिजात

पारिजात जिसे नाइट फ्लावरिंग जैसमिन भी कहा जाता है। इसकी सुगंध ही आपको अपनी और खींच सकती है। सुंदर और सुगंधित यह फूल भारत के कई हिस्सों में पाया जाता है। आयुर्वेद और होम्योपैथी में भी इस फूल का इस्तेमाल किया जाता है। सिर्फ इसका फूल ही नहीं बल्कि इसके बीज और पत्ते भी स्वास्थ संबंधित समस्याओं का निवारण कर सकते हैं। भारत में ही नहीं बल्कि कई देशों में भी इस फूल का इस्तेमाल स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं का समाधान करने के लिए किया जाता है।

Disclaimer: इस खबर का उद्देश्य केवल शिक्षित करना है। कोई भी कदम उठाने से पहले विशेषज्ञों की सलाह जरूर लें।

गुड़हल को अंग्रेजी में क्या कहा जाता है?

गुड़हल या जवाकुसुम वृक्षों के मालवेसी परिवार से संबंधित एक फूलों वाला पौधा है। इसका वनस्पतिक नाम है- हीबीस्कूस् रोज़ा साइनेन्सिस।

गुलहड़ के फूल को हिंदी में क्या कहते हैं?

गुड़हल (Gudhal) के फूल को आपने देखा होगा। गुुड़हल के फूल को अड़हुल का फूल भी बोलते हैं

चंपा के फूल का अंग्रेजी नाम क्या है?

champa ko English mein plumeria khte hain.

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