Show गाँववालों को जब पता लगा की शिव की प्राचीन मूर्ति चोरी हो गई है, तो वे दुखी हो उठे। शिव की मूर्ति उनके गाँव के बाहर एक पेड़ के सहारे रखी हुई थी। गाँववाले उसकी पूजा किया करते थे। उनकी आस्था तथा श्रद्धा पूर्ण रूप से शिव पर ही थी। जब लेखक उनके गाँव के पास से गुज़रा, तो उसने पुरानी मूर्ति जानकर उसे अपने साथ ले गया। मूर्ति न पाकर गाँव वाले दुखी हो गए। उन्होंने तय किया कि जब तक शिव की मूर्ति वापस नहीं आएगी, वे न कुछ खाएँगे और न कुछ पिएँगे। इस तरह सभी ने उपवास करना आरंभ कर दिया। गाँववालों को लेखक पर शक था। अतः वे सब मिलकर उसके पास जा पहुँचे और उनसे शिव की मूर्ति वापस माँगी। लेखक ने बिना किसी परेशानी के सम्मान सहित वह मूर्ति गाँववालों के साथ भेज दी। उसने गाँववालों को पानी तथा मिठाई खिलाकर उनका व्रत तुड़वाया। गांव वालों ने उपवास क्यों रखा और उसे कब तोड़ा?जब लेखक उनके गाँव के पास से गुज़रा, तो उसने पुरानी मूर्ति जानकर उसे अपने साथ ले गया। मूर्ति न पाकर गाँव वाले दुखी हो गए। उन्होंने तय किया कि जब तक शिव की मूर्ति वापस नहीं आएगी, वे न कुछ खाएँगे और न कुछ पिएँगे। इस तरह सभी ने उपवास करना आरंभ कर दिया।
वर्सोवा की प्रसिद्धि का क्या कारण था और लेखक वहां क्यों जाना चाहता था?पसोवा की प्रसिद्धि का क्या कारण था और लेखक वहाँ क्यों जाना चाहता था? उत्तर: पसोवा में जैन धर्म का तीर्थ स्थल है। यहाँ पर जैन समुदाय का बहुत बड़ा मेला लगता था। यह भी कहा जाता था कि सम्राट अशोक द्वारा यहाँ पर स्तूप बनवाया गया था।
लेखक के द्वारा शंकर भगवान की मूर्ति को गांव वालों को क्यों लौटा दिया गया?गाँववालों को लेखक पर शक था। अतः वे सब मिलकर उसके पास जा पहुँचे और उनसे शिव की मूर्ति वापस माँगी। लेखक ने बिना किसी परेशानी के सम्मान सहित वह मूर्ति गाँववालों के साथ भेज दी। उसने गाँववालों को पानी तथा मिठाई खिलाकर उनका व्रत तुड़वाया।
लेखक गुड़िया से बोधिसत्व की 8 फुट लंबी सुंदरमूर्ति प्राप्त करने में कैसे सफल हुआ?वह समझ गया कि बुढ़िया लालची है। अतः उसने बुढ़िया को पैसों का लालच दिया। आखिरकार उसने बुढ़िया को दो रुपए दिए और मूर्ति खरीद ली। इस तरह लेखक बुढ़िया से बोधिसत्व की आठ फुट की लंबी मूर्ति प्राप्त करने में सफल हुआ।
|