हिजरी या इस्लामी पंचांग को (अरबी: التقويم الهجري; अत-तक्वीम-हिज़री; फारसी: تقویم هجری قمری 'तकवीम-ए-हिज़री-ये-क़मरी) जिसे हिजरी कालदर्शक भी कहते हैं, एक चंद्र कालदर्शक है, जो न सिर्फ मुस्लिम देशों में प्रयोग होता है बल्कि इसे पूरे विश्व के मुस्लिम भी इस्लामिक धार्मिक पर्वों को मनाने का सही समय जानने के लिए प्रयोग करते हैं। यह चंद्र-कालदर्शक है, जिसमें वर्ष में बारह मास, एवं 354 या 355 दिवस होते हैं। क्योंकि यह सौर कालदर्शक से 11 दिवस छोटा है इसलिए इस्लामी धार्मिक तिथियाँ, जो कि इस कालदर्शक के अनुसार स्थिर तिथियों पर होतीं हैं, परंतु हर वर्ष पिछले सौर कालदर्शक से 11 दिन पीछे हो जाती हैं। इसे हिज्रा या हिज्री भी कहते हैं, क्योंकि इसका पहला वर्ष वह वर्ष है जिसमें कि हज़रत मुहम्मद स. अ. की मक्का शहर से मदीना की ओर हिज्ऱत (प्रवास) हुई थी। हर वर्ष के साथ वर्ष संख्या के बाद में H जो हिज्र को संदर्भित करता है या AH (लैटिनः अन्नो हेजिरी (हिज्र के वर्ष में) लगाया जाता है।[1]हिज्र से पहले के कुछ वर्ष (BH) का प्रयोग इस्लामिक इतिहास से संबंधित घटनाओं के संदर्भ मे किया जाता है, जैसे हज़रत मुहम्मद साहब का जन्म लिए 53 BH। वर्तमान हिज्री़ वर्ष है 1443 AH. इतिहास[संपादित करें]इस्लाम पूर्व कालदर्शक[संपादित करें]अरब की सन्स्कृती परंपरा के अनुसार, इथियोपिया के "अक़्सूम साम्राज्य" का येमन का गवर्नर "अब्रहा" जो के क्रैस्तव धर्म से था उस ने ई ५७० में मक्के पर चढाई की और काबा गृह को ढाना चाहा। इस काम के लिये वह अप्ने सैन्य के कई हाथी लेकर आया। लैकिन नाकाम होगया और उसे बुरी हार के साथ वापस जाना पडा। इस वर्ष को अरबी लोग "आम्म अल फ़ील" (हाथियों का वर्ष) कह्ते हैं। इस अरबों के विजह को हर्शोल्लास के साथ मनाते थे, और इस साल के आधार पर अरब नया केलंडर बनालिये, जिस की शुरूआत "आम्म अल फ़ील" साल से होती है। इस मामले का ज़िक्र कुर'आन में से सूरा "अल-फ़ील" में है। महीने[संपादित करें]इस्लामी महीने या मास नाम हैं:[2]
इन सभी महीनों में, रमजान का महीना, सबसे आदरणीय माना जाता है। मुस्लिम लोगों को इस महीने में पूर्ण सादगी से रहना होता है दिन के समय। ओर सबसे अफ्ज्ल रबी अल-अव्वल क महीना माना जाता है। इस्मे प्यारे नबी सल्ल्ल््लाहु अल््य्ही व्स्ल्ल्म की पैदाइष हुई। सप्ताह के दिवस[संपादित करें]इस्लामी सप्ताह, यहूदी सप्ताह के समान ही होता है, जो कि मध्य युगीय ईसाई सप्ताह समान होता है। इसका प्रथम दिवस भी रविवार के दिन ही होता है। इस्लामी एवं यहूदी दिवस सूर्यास्त के समय आरंभ होते हैं, जबकि ईसाई एवं ग्रहीय दिवस अर्धरात्रि में आरम्भ होते हैं।[3] मुस्लिम साप्ताहिक नमाज़ हेतु मस्जिदों में छठे दिवस की दोपहर को एकत्रित होते हैं, जो कि ईसाई एवं ग्रहीय शुक्रवास को होता है। ("यौम जो संस्कृत मूल "याम" से निकला है,يوم" अर्थात दिवस)
वर्षों की सँख्या[संपादित करें]सारणीकृत इस्लामी कालदर्शक[संपादित करें]मुख्य तिथियाँ[संपादित करें]इस्लामी कालदर्शक की कुछ महत्वपूर्ण तिथियाँ हैं:
वर्तमान सम्बन्ध[संपादित करें]ग्रेगोरियन सूर्यमान केलंडर और ईस्लामी या अन्य चंद्रमान केलंडर के बीच ११ दिनों का व्यत्यास होता है। इस प्रकार अगर हिसाब लगायें तो नीचे बताई गयी सूची का व्याव्यास नज़र आता है। हर 33 या 34 इस्लामी साल 32 या 33 ग्रेगोरियन साल एक बार एक ही तरह देखने को मिलते हैं।:
प्रयोग[संपादित करें]देखें[संपादित करें]सन्दर्भ[संपादित करें]
बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]
तिथि परिवर्तक[संपादित करें]
इस्लाम कैलेंडर कब से शुरू हुआ?मुहर्रम को इस्लामिक साल का पहला महीना माना जाता है जो रमजान के बाद दूसरा सबसे पवित्र महीना होता है. इस्लामिक न्यू ईयर की शुरुआत 622 AD में हुई थी जब पैगंबर मोहम्मद और उनके साथियों को मक्का छोड़कर मदीना जाने के लिए मजबूर किया गया था.
इस्लामिक कैलेंडर का पहला महीना कौन है?पहला महिना – मोहर्रम
मुहर्रम इस्लामिक कैलेंडर का पहला महीना है, मुहर्रम का मतलब “निषिद्ध” (Forbidden) है। मोहर्रम की पहली तारीख को हिजरी कैलेंडर का नया साल होता है। इसके अलावा, मुहर्रम 'पवित्र महीना' है, अल्लाह ताला ने कुरान में इसका उल्लेख करके इसे और अधिक पवित्र बढ़ा दिया है।
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