वर्तमान समय में इस्तेमाल की जाने वाली घडी का एक बार में अविष्कार नहीं हुआ है. किसी ने पहले घंटे वाली सुई बनायी तो किसी ने मिनट वाली सुई. इस प्रकार विश्व में घड़ी का विकास कई चरणों में हुआ है. जब घडी का अविष्कार नहीं हुआ था तब लोग सूरज की रोशनी और पानी के उतार-चढ़ाव के आधार पर भी समय का पता लगा लेते थे. इस लेख में हमने घड़ी के पूरे इतिहास के बारे में बताया है.
आज की दुनिया में हम सब लोग घडी की सुइयों की नोंक पर दौड़ते हैं अर्थात सभी लोग समय के हिसाब से जागते हैं, ऑफिस जाते हैं, लंच करते और सोते हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि उस समय के लोग अपनी दिनचर्या को कैसे चलाते होंगे जब घड़ी ही नहीं हुआ करती थी.
इसका उत्तर है कि जब घड़ी का अविष्कार नहीं हुआ था तो लोग सूरज की दिशा को देखकर ही समय का अनुमान लगा लेते थे. लेकिन आकाश में बदल होने की स्थिति में मामला फस जाता था इसलिए लोगों ने जल घड़ी का आविष्कार हुआ जिसका श्रेय चीन को जाता है जहाँ पर "सु संग" नामक व्यक्ति ने जल घडी बनायीं थी.
टाई का एक संक्षिप्त इतिहास
हालाँकि लगभग सवा दो हज़ार साल पहले प्राचीन यूनान यानी ग्रीस में पानी से चलने वाली अलार्म घड़ियाँ हुआ करती थीं जिममें पानी के गिरते स्तर के साथ तय समय बाद घंटी बज जाती थी.
पत्रकारों के शॉर्टहैंड का नतीजा था @
एक कहानी यह भी कहती है कि फ्रांसीसी पत्रकारों ने इसका उपयोग सबसे पहले किया था. वो at को छोटा करने के लिए (à) का उपयोग करते थे. समय बचाने के लिए. जो धीरे-धीरे करके @ में तब्दील होता चला गया, क्योंकि फ्रांसीसी पत्रकार ज्यादा लिखने के मूड में उस समय नहीं थे. लेकिन @ का मतलब ठीक वैसा ही था, जैसा आज है.
व्यवसायिक चिट्ठी में पहला उपयोग
एक थ्योरी ये भी है कि @ का पहला उपयोग एक दस्तावेज में हुआ था. जो 1536 का है. यह एक पत्र था, जिसे फ्लोरेंटीन के व्यवसायी फ्रांसेस्को लापी ने लिखा था. उन्होंने शॉर्टहैंड में each at के लिए इसका उपयोग किया था. जैसे- 14 नींबू @ $10. उन्होंने a और e को मिलाकर @ बनाया था. इस निशान का कोई उपयोग फिर सदियों तक नहीं हुआ. शुक्र है कि कंप्यूटर साइंटिस्ट रे टॉमलिन्सन (Ray Tomlinson) ने स्मिथसोनियन को बताया था कि वो सिर्फ एक सिंबल खोज रहे थे. जिसका उपयोग कम से कम हुआ हो. थोड़ी रिसर्च के बाद @ के बारे में पता चला. तो उन्होने इसे अपने आर्पानेट सिस्टम में संदेश भेजने के लिए उपयोग कर लिया. इसके बाद से अब तक इंटरनेट की दुनिया में एक बड़ा आधार बनकर @ रह रहा है. यह रिपोर्ट हाल ही में IFLScience में प्रकाशित हुई है.