जनसंख्या वृद्धि के कौन कौन से कारक है? - janasankhya vrddhi ke kaun kaun se kaarak hai?

नमस्कार दोस्तों प्रश्न है जनसंख्या वृद्धि को प्रभावित करने वाले कारक कौन-कौन से हैं तो दोस्तों हमें यहां पर निम्नलिखित जारी कर दिए गए हैं जिसमें पहला है जन्म दर मृत्यु दर तीसरा विकल्प है आवास प्रवास और चौथा और आखिरी विकल्प है उपरोक्त सभी दोस्तों हमें यहां पर बताना है कि जनसंख्या वृद्धि को निम्नलिखित दिए गए विकल्पों में से कौन से कारक प्रभावित करते हैं तो दोस्तों बात करें अगर जनसंख्या वृद्धि की तो दोस्तों किसी भौगोलिक क्षेत्र की ठीक है किसी भौगोलिक ठीक है किसी भौगोलिक क्षेत्र की टिकट जनसंख्या के आकार में जनसंख्या के जनसंख्या के आकार में एक निश्चित समय में

होने वाला परिवर्तन ठीक है निश्चित समय में होने वाला परिवर्तन क्या कहलाता है जनसंख्या वृद्धि कहलाता है ठीक है और दोस्तों पर बात करें विकल्पों की तो हमें यहां पर निम्नलिखित जारी कर दिए गए हैं जिसे पहला है जन्मदिन तो दोस्तों जो जनसंख्या होती है ठीक है वह जनसंख्या के अंतर जो के अंतर्गत नई संतति जो उत्पन्न होती है ठीक है वह क्या कहलाती है जन्म दर कहलाती है ठीक है और जन्म धरती कांड जनसंख्या वृद्धि प्रभावित होती है ठीक है तो यह विकल्प हमारा सही है मृत्यु दर तो दोस्तों जनसंख्या में जनसंख्या के अंतर्गत लगने वाले टीके जीवो की टिकट

मरने वाली जो जीव होते हैं यह जनसंख्या की मृत्यु दर को प्रभावित करते हैं भाई अभी कल भी मारा सही है आवास पर वास्तु क्षेत्र की जनसंख्या का 11 का 32 या 1 क्षेत्र से ठीक है दूसरे क्षेत्र में आना और जाना क्या कहलाता है आवास प्रभास कहलाता है उसके कारण भी जनसंख्या की वृद्धि प्रभावित होती है अतः यह विकल्प हमारा सही है और चौथा रात्रि निकलते उपरोक्त सभी सदस्य जनसंख्या वृद्धि को जन्म दर मृत्यु दर और आवास प्रभास तीनों क्या करते प्रभावित करते हैं अतः हमारे प्रश्न का सही उत्तर होगा चौथा विकल्प धन्यवाद

हेलो फ्रेंड प्रश्न है जनसंख्या वृद्धि के मुख्य कारक कौन-कौन से हैं जनसंख्या वृद्धि को नियंत्रित करने के लिए उपाय लिखिए आइए इस प्रश्न का उत्तर देखते हैं तो प्रश्न में क्या दिया गया है जनसंख्या वृद्धि जनसंख्या वृद्धि की मतलब की भारत में क्या हो गई है जो जनसंख्या है उसकी क्या हो रही है निरंतर वृद्धि हो रही है जनसंख्या की क्या हो रही है निरंतर वृद्धि हो रही है और उसके कारण पूछे गए हैं तो जनसंख्या वृद्धि के मुख्य कारक है पर निरक्षरता यानी कि जो जनता है वह क्या है साक्षर नहीं है जिसके कारण क्या हो रहा है कि जो जनसंख्या वृद्धि निरंतर बढ़ रही है ठीक है दूसरा है कि कम उम्र में भी भाई आने की जो बाल विवाह है जो बाल विवाह होते हैं उसके कारण क्या होता है जो गरबा धारण की अवधि होती है यानी कि जो गर्भधारण की जो अवधि होती है वह क्या होती है वह अधिक होती है जिसके कारण जो शिशु जन्म लेते हैं वह क्या होती है अधिक होती है यानी कि जो जनसंख्या

क्या होती है बढ़ रही है कारण है कि उचित चिकित्सा यानी कि अच्छे चिकित्सा होने के कारण जो मृत्यु दर है जो मृत्यु दर है वह क्या हो गई है वह कम हो गई है तथा जो जन्म दर है जो जन्म दर है वह क्या है अधिक है जिसके कारण भी जनसंख्या वृद्धि हो रही अब हम देखते हैं इसको रोकने के उपाय रोकने के उपाय है यानी की जनसंख्या नियंत्रण तो पहला तो यह कि गर्भनिरोधक तथा नसबंदी नसबंदी के कारण क्या हो सके जनसंख्या क्या हो सके कम हो सके ठीक है साथ ही साथ परिवार नियोजन योजना परिवार नियोजन योजना के क्या आता है इसमें की जो बच्चे हैं वह दो या तीन सिर्फ दो या तीन ही बच्चे हो जिसके कारण क्या हो सके जिसके कारण जो जनसंख्या है जो जनसंख्या है वह स्थिर रहें और जनसंख्या

नियंत्रण होने के साथ-साथ जो विवाह की अवधि है जो विवाह की उम्र है वह क्या हो गई है उसको भी बढ़ा दिया गया है जिसके कारण भी क्या हुआ जो जनसंख्या कंट्रोल हुए यानी की जनसंख्या नियंत्रण हुई है और लोगों को क्या कराना अवगत कराना यानी कि लोगों को शिक्षित करना लोगों को शिक्षित कराना तथा जनसंख्या के नियंत्रण करवाना साथी साथ उनको बताना की जनसंख्या वृद्धि से कौन-कौन सी हानि होती है ठीक है और क्या करना जो बच्चे हैं यानी कि बच्चों में कम से कम 3 साल का अंतर रखना कम से कम 3 साल का अंतर गंडक ना उससे भी क्या होता है कि जनसंख्या नियंत्रण में सहायता मिलती है तो यह उसको जनसंख्या नियंत्रण करने के उपाय हो गए हैं ठीक है और जनसंख्या वृद्धि के कारण क्या होता है जनसंख्या वृद्धि के कारण गरीबी आ रही है गरीबी के साथ-साथ बेरोजगारी क्या-क्या रही है गरीबी के साथ-साथ बेरोजगारी क्योंकि अगर जनसंख्या

दीदी को भी आने की अधिक बच्चे होंगे जिसके कारण क्या होगा भरण-पोषण अच्छे से नहीं कर पाएंगे उनका देखभाल अच्छे से नहीं कर पाएंगे तो यह थे उसके मुख्य कारक तथा वृद्धि का नियंत्रण के लिए उपाय धन्यवाद दोस्तों आशा करती हूं कि आपको इस प्रश्न का उत्तर समझ आया होगा इस वीडियो को देखने के लिए धन्यवाद

इस लेख में हमलोग यह जानने का प्रयास करेंगे कि जनसंख्या वृद्धि के कारण कौन-कौन है। कारणों को जानने से पहले संक्षिप्त में जनसख्या वृद्धि क्या है उसे जानते है।

किसी निश्चित क्षेत्र में निश्चित समय अंतराल में जनसंख्या में होने वाले परिवर्तन को जनसंख्या वृद्धि या जनसंख्या परिवर्तन कहा जाता है। यह परिवर्तन धनात्मक एवं ऋणात्मक दो तरह के होते है। धनात्मक परिवर्तन में किसी क्षेत्र में दो समयांतराल में और जनसंख्या जुड़ जाती है। और ऋणात्मक परवर्तन में दो समयांतराल में जनसंख्या घट या कम हो जाती है।

  • जनसंख्या में धनात्मक वृद्धि (परिवर्तन)के कारण
    • अशिक्षा और अज्ञानता
    • गरीबी
    • बाल विवाह
    • जलवायु
    • स्वास्थ्य संबंधी सुविधाओं का विकास
    • धार्मिक मान्यताएँ
  • जनसंख्या में ऋणात्मक वृद्धि (परिवर्तन) के कारण
    • रहन-सहन का उच्च स्तर
    • सरकार की जनसंख्या नीति
    • महामारियाँ, आपदाएँ(प्राकृतिकऔर मानव निर्मित)
    • साक्षरता दर का उच्च होना
    • महिला साक्षरता दर उच्च होना
    • जलवायु

जनसंख्या में धनात्मक वृद्धि (परिवर्तन)के कारण

जनसंख्या वृद्धि के कौन कौन से कारक है? - janasankhya vrddhi ke kaun kaun se kaarak hai?
जनसंख्या वृद्धि के कारण

किसी क्षेत्र कि जनसंख्या में धनात्मक वृद्धि (परिवर्तन) का मुख्य कारण किसी क्षेत्र में जन्मदर, मृत्युदर से अधिक रहने से होता है। जिससे किसी क्षेत्र में प्रत्येक वर्ष जनसंख्या जुड़ती जाती है। और एक निश्चित समय के बाद उस क्षेत्र की जनसंख्या में धनात्मक वृद्धि हो जाती है। जैसे: भारत कि जनसंख्या 2001 में 102 करोड़ थी जो 2011 आते-आते यह 121 करोड़ हो गई और दस वषो में भारत की जनसंख्या में 19 करोड़ की धनात्मक वृद्धि हो गई।

किसी क्षेत्र में उच्च जन्मदर और निम्न मृत्युदर को कई कारक प्रभावित करते है। जो जनसंख्या के वृद्धि का कारण बनता है। किसी क्षेत्र में जनसंख्या के वृद्धि के निम्न कारण हो सकते है।

अशिक्षा और अज्ञानता

जनसंख्या के आंकड़ों के विश्लेषण करने से पता चलता है कि जिन क्षेत्रो में साक्षरता दर कम होती है वहां पर जनसंख्या वृद्धि दर अधिक पाई जाती है। जैसे: अफ्रीकी एवं एशियाई देश। अशिक्षा के कारण लोगो में अन्धविश्वास की भावना अधिक होती है। जैसे शादी के बाद सन्तानोउतपत्ति अनिवार्य है नहीं तो लोग उन्हें हे दृष्टि से देखगें।पुत्र प्राप्ति की चेस्टा प्रबल होती है कम से कम एक पुत्र तो होना ही चाहिए। अन्धविश्वास के कारण ही मृत्यु के पश्चात उसका अंतिम संस्कार पुत्र के हाथो होना स्वर्ग की प्राप्ति दिलाता है। और भी कई अन्धविश्वास है जो जनसंख्या बढ़ाने में सहायक होती है। अशिक्षा के कारण लोग परिवार नियोजन के उपायों से वंचित रह जाते है और ना चाहते हुए भी सन्तानोउतपत्ति निरंतर चलता रहता है। और जनसंख्या बढ़ती रहती है।

गरीबी

जनसंख्या वृद्धि का मुख्य कारणों में गरीबी को भी शामिल किया जाता है। गरीबी के कारण लोगो के धन का स्रोत संतान ही होते है। जिसके पास जितना संतान होगा वह उतना अधिक धनवान होगा। ज़्यदा संतान रहेंगे तो ज़्यदा आमदनी होगी और परिवार का भरण-पोषण में कठिनाई नहीं होगी। बच्चे अधिक रहेंगे तो उनके आर्थिक गतिविधियों में सहयोग करेंगे। गरीब लोगों में अधिक बच्चे जन्म देने की प्रवृति इस लिए भी होती है। क्योकि बच्चों की जीवित रहने की संभावना कम रहती है। इसलिए लोग ज़्यदा से ज़्यदा बच्चे पैदा करना चाहते है। और यह सोचते है कि जितने बच्चे होंगे उनमे से कुछ न कुछ जीवित रहेंगे ही।

बाल विवाह

विकासशील एवं थर्ड कंट्री (पिछड़े देश) में देखा जाता है की विवाह बहुत ही कम उम्र में कर दिया जाता है जिसके कारण जनसंख्या बढ़ने की संभवना बढ़ जाती है। क्योकि लड़कियों में माँ बनने की क्षमता की शुरुआत तरह से चौदह वर्ष के लगभग में सुरु हो जाती है और वह चालीस से बयालीस वर्ष की आयु तक बच्चे पैदा कर सकती अतः विवाह जितना जल्दी होगा संतानोत्पति उतना अधिक होगी।

इसी वजह से भारत में बाल विवाह जनसंख्या के वृद्धि का मुख्य कारण बना। बाद में सरकार द्वारा बाल विवाह पर प्रतिबंध लगा दिया गया। और विवाह के लिए आयु निर्धारित कर दिया गया। शारदा एक्ट 1929 में लड़कियों के लिए विवाह का उम्र 14 वर्ष एवं लड़को का 18 वर्ष किया गया था बाद में 1978 में इसमें संशोधन किया गया जिसमे लड़कियों के लिए 14 वर्ष से बढ़ाकर 18 वर्ष, जब्कि लड़को के लिए यह 18 वर्ष बढ़ाकर 21 वर्ष कर दिया गया।

विकसित देशो में विवाह की उम्र अधिक होती है जिसके कारण वहां जन्मदर कम होती है और जनसंख्या में कम वृद्धि होती है।

जलवायु

जलवायु भी जनसंख्या वृद्धि को प्रभावित करती है। कुछ क्षेत्र ऐसे है जहाँ के लोगो के प्रजनन शक्ति तेरह से चौदह वर्ष के आयु में पूर्ण रूप से विकसित हो जाती है। जिसके कारण इस उम्र में ही सन्तानोउतपत्ति कि क्रिया सुरु हो जाती है और चालीस बयालीस वर्ष आयु तक चलते रहता है और जनसंख्या तीव्र गति से बढ़ती है। ऐसे क्षेत्र का सबसे अच्छा उदाहरण मानसून एशिया है इसी क्षेत्र में विश्व के दस जनसंख्या वाले देशो में पांच बड़े देश(चीन, भारत, इंडोनेशिया, पाकिस्तान, बंगलादेश)स्थित है। जिसमे से चीन विश्व के सबसे बड़े जनसंख्या वाला देश है ,जब्कि भारत दूसरा बड़ा देश।

स्वास्थ्य संबंधी सुविधाओं का विकास

स्वास्थ्य संबंधी सुविधाओं में विशेषकर परिवार नियोजन के साधनो के लोगो तक पहुंच से दूर रहने के कारण लोग इसका लाभ नहीं उठा पते है। एक तो अशिक्षा के कारण जानकारी का आभाव ऊपर से परिवार नियोजन के साधनो का आभाव एवं उच्च मूल्य में मिलन हलांकि कुछ देशो में इस पर ध्यान दिया है जिसके कारण ये सुविधाएँ आसानी से तथा निशुल्क प्राप्त हो रही है जैसे भारत में ,लेकिन तब तक जनसंख्या अधिक बढ़ चुकी होती है। बहुत सारे अफ्रीकी,एशियाई देश है जहां पर ये सुविधाएँ अभी भी लोगो के पहुंच से दूर है और जनसंख्या वृद्धि दर प्रति वर्ष 2.00 प्रतिशत से भी अधिक है।

धार्मिक मान्यताएँ

सभी धर्मो के अपने अपने मान्यताएँ होती है जिसके अनुसार उस धर्म को मानने वाले लोग अनुसरण करते है। कुछ धर्मो में ऐसी मान्यतायें है जो जनसंख्या वृद्धि के कारण बन जाते है। जैसे सनातन धर्म के अनुसार कम से कम एक पुत्र का होना अति आवश्यक है और पुत्र की कामना में कई सन्तानो को जन्म दे देते है। उसी तरह इस्लाम धर्म में यह मान्यता है कि बच्चा ऊपर वाले का देन है। जितना मिलता है उतना लेते रहना चाहिए उसे आने से नहीं रोकना चाहिए उससे पाप लगता है इत्यादि।

इन सभी कारणों के अलावे भी और कई कारण है जो जनसंख्या वृद्धि को बढ़ावा देती है। जैसे: सामजिक मान्यताएं, अन्धविश्वास, बेरोजगारी इत्यादि।

जनसंख्या में ऋणात्मक वृद्धि (परिवर्तन) के कारण

जनसंख्या में ऋणात्मक वृद्धि किसी क्षेत्र में किसी निश्चित समयांतराल में जनसंख्या में कमि होने या जनसंख्या घटने से है। यह स्थिति तब उत्तपन होती है जब जन्मदर से मृत्युदर अधिक हो जाती है। इस स्थिति में जन्मदर पूर्ण रूप से नियंत्रित हो जाती है या मृत्युदर किसी कारण से जन्मदर से अधिक हो जाती है। जिससे जनसंख्या वृद्धि ऋणात्मक हो जाती है। ऋणात्मक जनसंख्या वृद्धि के कुछ निम्नलिखित कारण है।

रहन-सहन का उच्च स्तर

वर्तमान विश्व जनसंख्या वृद्धि के आंकड़ों को विश्लेषण करने से यह स्पष्ट होता है, कि विकसित देशो के लोगो का रहन-सहन का स्तर उच्च होता है। आर्थिक स्थिति उच्च होती है पति और पत्नी दोनों कार्यशील तथा आत्मनिर्भर होते है। बच्चे को देख-रेख करने का उनके पास समय नहीं होता है। अधिकांश दम्पत्ति सेवा सेक्टर में जुड़े होते है। इसके साथ-साथ दोनों (पति-पत्नी) को एक साथ समय बिताने का बहुत कम समय मिलता है। दोनों अपने-अपने कार्यो में व्यस्त रहते है। वे बच्चा नहीं चाहते है। और बच्चे को अपने कार्य में बाधक समझते है। जिसके कारण जन्मदर पूर्ण रूप से नियंत्रित हो जाती है। और जनसंख्या बढ़नी रुक जाती है।

सरकार की जनसंख्या नीति

कुछ हद तक सरकार की जनसंख्या नीति भी जनसंख्या के ऋणात्मक वृद्धि का कारण बनता है। कुछ देशो की सरकारें बच्चा पैदा करने पर जबरन पाबंधी लगती है। और इस आदेश को पालन करवाने के लिए जो इसके विरोध में जाते है सरकारी लाभों से वंचित कर दिया जाता है। और जो सरकारी सेवा में होते है। उनके विभन्न प्रकार के भत्ते नियंत्रित कर दिए जाते है। और जो लोग इन आदेशों को पालन करते है। उनको प्रोत्साहित किया जाता है। इसी भय के कारण जन्मदर नियंत्रित हो जाती है। इसका सबसे अच्छा उदाहरण चीन है। चीन का 1970-75 में CBR 28.3 व्यक्ति प्रतिहजार थी और वर्तमान समय 2019-20 में यह घटकर 12 व्यक्ति प्रतिहजार रह गई है।

महामारियाँ, आपदाएँ(प्राकृतिकऔर मानव निर्मित)

कभी-कभी किसी क्षेत्र में महामारियों और आपदाएँ के कारण लाखो लोगो का जान चली जाती है। अगर यह स्थिति पुनः दोबारा, तिबारा होती है तो उस क्षेत्र की जनसंख्या में अचानक गिरावट हो जाती है। और जनसंख्या कम हो जाती है।

साक्षरता दर का उच्च होना

ज़्यदातर विकसित देशो के साक्षरता दर उच्च है और जनसंख्या वृद्धि दर ऋणात्मक है इससे स्पष्ट होता है कि साक्षरता जनसंख्या परिवर्तन को प्रभावित करती है। जिन देशो में साक्षरता दर उच्च है। वहाँ जनसंख्या वृद्धि दर निम्न है। और जिन देशो में साक्षरता दर निम्न है। उन देशो में जनसंख्या वृद्धि दर उच्च है। साक्षरता दर और जनसंख्या वृद्धि में ऋणात्मक सहसंबंध पाया जाता है।

महिला साक्षरता दर उच्च होना

साक्षरता के भांति महिला साक्षरता दर भी जनसंख्या वृद्धि के ऋणात्मक परिवर्तन को प्रभवित करता है महिला साक्षरता दर उच्च होने से समाज में फैली अन्धविश्वास पर नियंत्रण होता है। महिलाएँ भी घरो से बाहर कार्य के लिए जाती है, और बड़े परिवार के हानियों को समझने लगती है , परिवार नियोजन के साधनो को सही समय में उपयोग इत्यादि के कारण प्रजनन दर में कमि होती है। और जनसंख्या में ऋणात्मक परिवर्तन होता है।

जलवायु

जलवायु भी जनसंख्या वृद्धि के ऋणात्मक परिवर्तन में प्रभाव डालती है। ज़्यदातर धनात्मक जनसंख्या वृद्धि दर वाले देश मानसूनी और समशीतोष्ण जलवायु वाले है इन क्षत्रो में व्यक्तियों के प्रजनन दर जल्द विकसित होते है। जिसके कारण जन्म दर में बढ़ोतरी होती है। इसके विपरीत शीत जलवायु वाले क्षेत्रो में व्यक्तियो के प्रजनन दर का विकास बाद में होता है एवं समाप्ति भी पहले हो जाता है। और सम्पूर्ण प्रजनन कल भी 10 से 15 वर्षो तक ही होता है। जिससे इन क्षेत्रो में उत्पादकता दर कम होती है। जिससे जनसंख्या कम वृद्धि होती है।

उपरोक्त वर्णित कारणों के कारण किसी क्षेत्र में जनसंख्या वृद्धि (परिवर्तन) होती है।

जनसंख्या वृद्धि के कारक कौन कौन से हैं?

2 जनसंख्या वृद्धि 4 प्राथमिक कारकों पर आधारित है: प्रजनन दर, मृत्यु दर आप्रवास, और उत्प्रवास। Q. 3 जनसंख्या के फैलाव और घनत्व को प्रभावित करने वाले कारक कौन से हैं?

जनसंख्या वृद्धि को प्रभावित करने वाले कौन कौन से कारक?

विश्व जनसंख्या एवं वितरण.
भौतिक कारक उच्चावच / भू-आकृति जल कि उपलब्धता जलवायु मृदाएँ.
आर्थिक कारक खनिज नगरीकरण औद्योगिकीकरण.
सामाजिक एवं सांस्कृतिक कारक.
राजनैतिक कारण.

जनसंख्या वृद्धि का मुख्य कारण क्या है?

जनसंख्या वृद्धि का प्रमुख कारण जन्म दर एवं मृत्यु दर के बीच असंतुलन है। जब प्रत्येक वर्ष जन्म लेने वाले बच्चों की संख्या मरने वाले व्यक्तियों की संख्या से अधिक हो जाती है तो जनसंख्या में वृद्धि होने लगती है।

जनसंख्या परिवर्तन के 3 कारक कौन से हैं?

जनसंख्या परिवर्तन के मुख्य घटक जन्म, मृत्यु और प्रवास हैं