कभी कभी लेटरिंग में खून क्यों आता है? - kabhee kabhee letaring mein khoon kyon aata hai?

पालम विहार के कोलंबिया एशिया अस्पताल में जनरल फिजिशियन डॉ. मंजीता नाथ दास का कहना है कि मल में खून आना डाइजेस्टिव सिस्टम में खून बहने का परिणाम हो सकता है। बिगड़े पाचन तंत्र की वजह से कुछ रक्त खाद्य पदार्थों में मिल जाता है, जिस वजह से मल में रक्त आता है। डॉ. मंजीता का कहना है कि अगर बिना पेट दर्द के मल में खून आता है तो यह ज्यादा खतरनाक है। ऐसी स्थिति में डॉक्टर को दिखाना जरूरी होता है। मल में खून की परेशानी के लक्षण, कारण और बचाव के बारे में डॉ. मंजीता नाथ दास ने विस्तार से बताया। 

मल में खून आने के लक्षण

  • मल नहीं त्यागने पर दर्द होना 
  • मल त्याग करने के बाद पेट में दर्द होना
  • मल त्यागने पर म्युकस आना
  • किसी तरह का इन्फेक्शन होने पर जैसे डायरिया
  • बुखार की परेशानी
  • अगर बिना दर्द के ब्लीडिंग हो रही है तो ज्यादा खतरनाक है
  • थकान
  • दिल की धड़कनें तेज होना
  • पेट फूला हुआ महसूस करना

आमतौर पर मल में खून आने की समस्या मल का रंग काला होना देखा जाता है। लेकिन उसके अलावा ऊपर बताए गए लक्षण भी इस परेशानी का संकेत हैं।

मल में खून के कारण

डॉ. मंजीता का कहना है कि मल में खून आने के कई कारण होते हैं। पेशेंट की उम्र के अनुसार कारण अलग होते हैं। 

छोटे बच्चों के मल में खून आने का कारण

डॉ. मंजीता का कहना है कि अगर छोटे बच्चों के मल से खून आता है तो उसका मतबल है कि उन्हें किसी तरह का इंफेक्शन है। बैक्टीरियल या गैस्ट्रोएन्टराइटिस (gastroenteritis) आदि। 

बड़ों के मल में खून आने का कारण

अडल्ट्स या बुजुर्गों में भी अगर मल में खून आने की समस्या दिख रही है तो उसमें प्रमुख कारण बवासीर हो सकता है। बवासीर की शिकायत में भी मल में खून आता है। अगर खून के साथ दर्द भी होता है या कब्ज है तो उसमें एनल फिशर की भी समस्या हो सकती है। इनके अलावा कोलोन कैंसर भी मल में खून लगाने का कारण बन सकता है। इन बीमारियों को विस्तारपूर्वक समझते हैं-

बवासीर

बवासीर की समस्या में मल द्वार के आसपास मस्से हो जाते हैं, ब्लड वेसेल में सूजन हो जाती है , जिस वजह से मल त्यागते समय मल से खून आता है। बवासीर की परेशानी में व्यक्ति को मल त्यागने में दिक्कत होती है। साथ ही उसे उठने बैठने और लेटने में भी दिक्कत होती है। मल से खून आने का कारण बवासीर भी हो सकता है। डॉक्टर का कहना है कि जब छोटे बच्चों के मल से खून आता है तो उसे पहले इन्फेक्शन की तरह ट्रीट किया जाता है। बवासीर की परेशानी अडल्ट्स में ज्यादा दिखाई देती है। 

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एनल फिशर

कब्ज की समस्या होने या कई दिनों तक मल त्याग न करने पर एनल फिशर की समस्या होती है। दरअसल जिन लोगों को एनल फिशर की परेशानी होती है उनके मल द्वार पर दरारें पड़ जाती हैं। यह स्थिति अधिक कड़ा मल निकलने पर होती है।  ऐसे लक्षण दिखाए देने पर डॉक्टर को अवश्य दिखाएं। 

कोलोन कैंसर

डॉ. मंजीता का कहना है कि अमूमन बड़ी उम्र के जो लोग मल में खून आने की समस्या लेकर आते हैं, उनमें हम पहले कोलोन कैंसर के लक्षणों की जांच करते हैं। कोलन कैंसर बड़ी आंती का कैंसर है। 

मल में खून आने के अन्य कारण

  • आंतों में सूजन होने पर या आंतों में तेज रक्तक के बहाव की जह से मल में खून आने की समस्या हो सकती है। 
  • गहरे रंग के पदार्थ ज्यादा खाने से मल का रंग काला हो सकता है।
  • पेट में अल्सर होने पर मल के साथ खून आ सकता है।
  • एनल सेक्स करने की वजह से भी मल में खून आ सकता है। 
  • फूड पॉइजनिंग की वजह से भी मल में खून आ सकता है।  

मल में खून से बचाव

डॉ. मंजीता ने मल में खान आने से बचाव के लिए उम्र के अनुसार उसके उपाय बताए हैं। डॉक्टर ने मल में खून आने के घरेलू और डॉक्टरी दोनों उपाय बताए। 

हेल्दी लाइफस्टाइल

डॉ. मंजीता का कहना है कि छोटे बच्चे ज्यादातर समय बाहर का खाना खाते हैं। इस वजह से उनमें फूड पॉइजनिंग के लक्षण दिखाई देते हैं। इसलिए हेल्दी लाइफस्टाइल को अपनाकर ऐसे बच्चे मल में खून आने की परेशानी से बच सकते हैं। इसके अलावा साफ खाना खाकर वे डायरिया जैसी परेशानियों से भी बच सकते हैं। हेल्दी लाइफस्टाइल में एक्सरसाइज भी आता है। 

फाइबर रिच फूड्स का सेवन

फाइबर रिच फूड खाने से मल त्यागने में समस्या नहीं होती है जिस वजह से कब्ज की परेशानी भी नहीं होती है। कब्ज होने पर भी मल से खून आता है। फाइबर रिच फूड में मोटा अनाज, सब्जियां, फल, पानी आदि का सेवन करना चाहिए। खूब पानी पीने से मल मुलायम होता है,जिससे मल त्यागने में समस्या होती है।

तनाव कम करें

अधिक तनाव का असर पाचन क्रिया पर पड़ता है। जिस वजह से खाना पचने में परेशानी होती है। और मल त्यागने में दिक्कत होती और मल से खून आने की समस्या होती है। 

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कोलोनोस्कोपी

कोलोनोस्कोपी में बड़ी आंत में किसी तरह की खराबी की जांच के लिए की जाती है। इससे भी जांच की जाती है कि कहीं बड़ी आंत में इन्फेक्शन की वजह से मल से खून तो नहीं आ रहा। इस परीक्षण से कोलोन के सभी हिस्सों को परीक्षण किया जा सकता है।

एंजियोग्राफी

ब्लड वेसेल की वजह से अगर में मल से अगर खून आ रहा है तो उसके लिए एंजियोग्राफी की जाती है। इससे यह पता चल जाता है कि ब्लड वेसेल में किसी तरह की खराबी की वजह से मल से खून आ रहा है। फिर वैसा ही इलाज  किया जाता है।  इसी तरह कई अन्य मेडिकल परीक्षण होते हैं जिनसे रोग की जांच करके इलाज किया जाता है। 

मल में खून आने की समस्या कई कारणों से होती है। यह छोटों और बड़ों में अलग-अलग कारणों से होती है। लेकिन इससे बचाव के लिए हेल्दी लाइफस्टाइल को अपनाना जरूरी है। इसके साथ ही अगर यह परेशानी 1 हफ्ते से ज्यादा होने लगे तो डॉक्टर दिखाना जरूरी है। डॉक्टर जांच करके सही इलाज शुरू कर पाएंगे।    

कभी कभी मल में खून आने का क्या कारण होता है?

मल में खून आने के मुख्य कारणों में बवासीर, एनल फिशर, क्रोहन रोग, कोलोन कैंसर, आँतों में सूजन, आंतरिक ब्लीडिंग और रेक्टल प्रोलैप्स आदि शामिल हैं। अगर आपके मल में खून आता है तो जरा भी देरी या लापरवाही किए बिना आपको एक विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए।

लैट्रिन के रास्ते से खून आना क्या होता है?

अगर मल में खून आए तो तुरंत किसी डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। अगर संभव हो तो सर्जन की क्योंकि इसमें उस जगह की आंतरिक जांच की जरूरत होती है। उसी से बवासीर या फिशर होने का पता लगता है। अगर कैंसर या कोई ट्यूमर हो, तो उसका भी पता लग जाता है।

मल में खून आना कब्ज का लक्षण है?

कई बार कब्ज होने पर लोगों को मल त्याग करने में कठिनाई होती है, लेकिन इसके साथ खून आना या फिर बार-बार तेज दर्द होना किसी गंभीर रोग जैसे कोलोन (Colon Cancer) या रेक्टल कैंसर (Rectal cancer) की तरफ इशारा करता है. कई बार बवासीर, मलद्वार के पास ब्लड वेसल्स में सूजन होने से भी स्टूल पास करने में बेहद तकलीफ होती है.

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