कौन सा फल खाने से हार्मोन बढ़ता है? - kaun sa phal khaane se haarmon badhata hai?

Hormonal Imbalance Diet: भागदौड़ भरी जिंदगी और खान-पान का अच्छे से ध्यान नहीं रखने की वजह से आजकल ज्यादातर लोग हार्मोन इम्बैलेंस का शिकार हो रहे हैं। दरअसल, हार्मोन्स एंडोक्राइन ग्रंथि से बनने वाले ऐसे रसायन होते हैं, जो खून के जरिए शरीर के अन्य हिस्सों में पहुंच कर उन्हें अलग-अलग कार्य करने का संदेश देते हैं। हार्मोन्स की छोटी सी मात्रा के घटने-बढ़ने भर से ही शरीर की कोशिकाओं का मेटाबॉलिज्म प्रभावित होने लगता है। आपको बात दें कि मानव शरीर में कुल 230 हार्मोन्स होते हैं। जो कई बार उम्र, तनाव की अधिकता, अस्वस्थ जीवनशैली, स्टेरॉएड दवाओं का अधिक सेवन या फिर वजन ज्यादा बढ़ने से भी गड़बड़ा जाते हैं। 

हार्मोन असंतुलन के लक्षण-
-वजन बढ़ना
-थकान
-नींद की कमी
-पाचन समस्या
-चिड़चिड़ापन
-पसीना आना
-कामेच्‍छा में कमी

हार्मोन असंतुलन के कारण
-डायबीटीज
-थाइरॉयड
-अधिक दवाओं का इस्तेमाल
-चोट लगना
-तनाव
-ट्यूमर

हार्मोन असंतुलन के दौरान क्या खाएं-
अलसी के बीज-

अलसी का बीज ‘फाइटोएस्ट्रोजेन’ का एक बड़ा स्रोत है। इसके अलावा अलसी के बीज में ओमेगा -3 फैटी एसिड, फाइबर और एंटीऑक्सिडेंट भी अच्छी मात्रा में पाया जाता है। ओमेगा-3 और ओमेगा-6 युक्त फैटी एसिड को खाने में शामिल करने से हार्मोन का संतुलन बनाए रखने में मदद मिलती है।

बादाम-
बादाम जैसे नट्स एंडोक्राइन सिस्टम पर प्रभाव डालते हैं, जो कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करके रक्त शर्करा के स्तर को भी नियमित करने में मदद करते हैं। यह टाइप-2 मधुमेह के जोखिम को भी कम करके शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करता है। 

सेब-
सेब क्वेरसेटिन का एक समृद्ध स्रोत है। यह एक ऐसा एंटीऑक्सिडेंट है जो शरीर में सूजन को कम करता है। यह फल उच्च रक्तचाप से लड़ने में ही नहीं बल्कि कैंसर के खतरे को कम करने और वायरल संक्रमण को भी दूर रखने में मदद करता है। यह वजन घटाने के लिए एकदम सही फल है। यह कैलोरी में कम और फाइबर से भरपूर होने के साथ-साथ पोषण प्रदान करता है।

एवोकाडो-
एवोकाडो का सलाद खाने से हार्मोन के स्तर को संतुलित बनाए रखने में मदद मिलती है। एवोकाडो में बहुत से पौष्टिक तत्व और खनिज मौजूद होते हैं जो उच्च मात्रा में फाइबर प्रदान करते हैं, जिससे शरीर को स्वस्थ रखने के साथ हार्मोन को संतुलित बनाए रखने में मदद मिलती है। 

अश्वगंधा-
अश्वगंधा भी एक प्रभावी जड़ीबूटी है जिसका सेवन रोजाना करने से हार्मोन्स के स्तर को संतुलित करने में मदद मिलता है। यह जड़ीबूटी थायरॉइड की समस्या को ठीक करने में भी सहायता करती है। 

इन चीजों से करें परहेज-
-हार्मोनल इम्बैलेंस के दौरान बैंगन, मिर्च, आलू और टमाटर जैसी कुछ सब्जियों को कम मात्रा में खाने की सलाह दी जाती है। ऐसा इसलिए क्योंकि इससे शरीर में सूजन हो सकती है। 

-रेड मीट हाइड्रोजनीकृत वसा से भरपूर भोजन है इसलिए इसका सेवन करने की भी मनाही होती है। डिब्बा पैक मांस का सेवन करने से भी परहेज करें। अनहेल्दी फेट एस्ट्रोजेन हार्मोन को बढ़ा सकता है और हार्मोनल असंतुलन को और अधिक बिगाड़ सकता है। रेड मीट के बजाय आप अंडे और वसायुक्त मछली लें।

-शोध के अनुसार हार्मोनल इम्बैलेंस के दौरान हरी बीन्स का सेवन करने की सलाह दी जाती है। हरी बीन्स में कैलोरी कम होती है जो वसा को बढ़ने नहीं देती है जिसकी वजह से हार्मोन का संतुलन बना रहता है। 

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हार्मोन का असंतुलन कई परेशानियां खड़ी कर देता है। शरीर में मौजूद कोई भी हार्मोन जब तय सीमा से कम या ज्यादा हो जाता तो बीमारियां घेरने लगती हैं। महिलाओं और पुरुषों को स्वस्थ रहने के लिए जरूरी है कि शरीर में हार्मोन का संतुलन बना रहे। हार्मोन्स शरीर को ही नहीं मस्तिष्क और भावनाओं को भी प्रभावित करते हैं।

  www.myupchar.com से जुड़े एम्स के डॉ. अनुराग शाही का कहना है कि हार्मोन शरीर के केमिकल घटक होते हैं, जिनसे शरीर में कई ग्रंथियां बनती हैं। ये शक्तिशाली केमिकल रक्त के साथ पूरे शरीर में फैले होते हैं और ऊतकों व अंदरूनी अंगों को उनके काम में मदद करता है। जब हार्मोन का संतुलन खराब हो जाता है तो कोई विशेष हार्मोन या तो बहुत कम हो जाता है या ज्यादा हो जाता है। इस स्थिति को ही हार्मोन असंतुलन या हार्मोन इम्बेलेंस कहते हैं।

  विशिष्ट खाद्य पदार्थ हार्मोन को संतुलित करने में सहायता कर सकते हैं। किसी भी दवा का सेवन किए बिना समग्र स्वास्थ्य में सुधार हो सकता है। हालांकि, हर किसी का शरीर अलग-अलग प्रतिक्रिया करता है, इन स्वस्थ खाद्य पदार्थों से एक स्वस्थ आहार सुनिश्चित हो सकता है जो शरीर को बेहतर तरीके से काम करने में मदद करता है।

  अलसी के बीज
अलसी के बीज से हार्मोन के लिए सभी प्रकार के लाभ हो सकते हैं। अलसी का बीज ‘फाइटोएस्ट्रोजेन’ का एक बड़ा स्रोत है और इसमें विशेष रूप से एक प्रकार का फाइटोएस्ट्रोजन होता है, जिसे लिगनेन कहा जाता है। लिगनेन्स में एस्ट्रोजेनिक और एंटीस्ट्रोजेनिक प्रभाव दोनों होते हैं, और उन्हें विशिष्ट प्रकार के कैंसर के खिलाफ सुरक्षात्मक लाभ होने के लिए जाना जाता है। अलसी के बीज भी ओमेगा -3 फैटी एसिड, फाइबर और एंटीऑक्सिडेंट का एक अच्छा स्रोत है।

  नट्स
बादाम जैसे नट्स एंडोक्राइन सिस्टम पर प्रभाव डालते हैं, जो कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद कर सकते हैं। वे इंसुलिन को कम करने और रक्त शर्करा के स्तर को संतुलित करने में भी सहायता कर सकते हैं।

  विशेष रूप से अखरोट में पॉलीफेनोल्स होते हैं, जो शरीर में मुक्त कणों का मुकाबला करके हृदय की रक्षा कर सकते हैं। इस घटक में एंटी-इन्फ्लेमेटरी एजेंट भी हो सकते हैं और वे ओमेगा -3 से भरपूर होते हैं जो मस्तिष्क स्वास्थ्य के लिए उत्कृष्ट हैं।

  अनार
यह एंटीऑक्सिडेंट युक्त फल शरीर में अतिरिक्त एस्ट्रोजन उत्पादन को अवरुद्ध करने में सहायता कर सकता है। अनार में स्तन कैंसर के प्रकारों को रोकने की क्षमता होती है जो एस्ट्रोजेन को प्रतिक्रिया देते हैं। अनार में एक प्राकृतिक एजेंट होता है जो महिलाओं के शरीर में एंजाइम को बाधित कर सकता है जो एस्ट्रोन को एस्ट्राडियोल में परिवर्तित करता है। यह एक शक्तिशाली एस्ट्रोजन है जो हार्मोन से होने वाले कैंसर के मूल में भूमिका निभा सकता है।

  हल्दी
हल्दी हमेशा सूजन के इलाज के लिए एक अच्छा उपाय के रूप में जाना जाता है, क्योंकि यह करक्यूमिन से बना होता है।  हल्दी में कई हीलिंग के गुण पाए जाते हैं। इस पारंपरिक भारतीय मसाले में गठिया के दौरान होने वाले दर्द को कम करने की क्षमता है। हल्दी का एक्टिव इनग्रेडियेंट करक्यूमिन, एस्ट्रोजेन की गतिविधि का अनुकरण कर सकता है। यह जड़ी बूटी पीरियड्स के दर्द को कम करने में मदद कर सकती है।

अधिक जानकारी के लिए देखें : https://www.myupchar.com/tips/hormone-ke-naam-prakar-karya-aur-fayde-in-hindi

स्वास्थ्य आलेख www.myUpchar.com द्वारा लिखे गए हैं, जो सेहत संबंधी भरोसेमंद जानकारी प्रदान करने वाला देश का सबसे बड़ा स्रोत है।

हारमोंस बनाने के लिए क्या खाना चाहिए?

हार्मोन असंतुलन के दौरान क्या खाएं- अलसी का बीज 'फाइटोएस्ट्रोजेन' का एक बड़ा स्रोत है। इसके अलावा अलसी के बीज में ओमेगा -3 फैटी एसिड, फाइबर और एंटीऑक्सिडेंट भी अच्छी मात्रा में पाया जाता है। ओमेगा-3 और ओमेगा-6 युक्त फैटी एसिड को खाने में शामिल करने से हार्मोन का संतुलन बनाए रखने में मदद मिलती है।

हार्मोन बढ़ाने के लिए कौन सा फल खाना चाहिए?

अनार: यह रेड ब्लड सेल्स बढ़ाता है बल्कि इससे अंडों की गुणवत्ता अच्छी होती है। केला: इसमें विटामिन बी1, ए, सी और प्रोटीन तो अच्छी मात्रा में पाए ही जाते हैं, साथ ही इसमें मौजूद ब्रोमेलिन एन्जाइम फर्टिलिटी हार्मोन बढ़ाने में मदद करता है। सेब: एंटीऑक्सीडेंट्स महिलाओं में फर्टिलिटी बढ़ाने में मददगार होते हैं।

क्या खाने से हार्मोन की कमी दूर होती है?

एवोकाडो- एवोकाडो (avocado) विटामिन्स से भरपूर होता है, इसलिए शरीर में हार्मोन की कमी होने पर एवोकाडो का सेवन करना चाहिए। एवोकाडो का सेवन हार्मोन को संतुलित बनाने में मदद करता है। अनार- अनार (Pomegranate) का सेवन भी हार्मोन की कमी होने पर काफी फायदेमंद माना जाता है।

हार्मोन को कैसे पूरा करें?

खाद्य पदार्थों के साथ हार्मोन को संतुलित करने के कुछ तरीके यहां दिए गए हैं.
हर मील में स्वस्‍थ प्रोटीन का सेवन करें:.
स्वस्थ वसा की एक मध्यम राशि का उपभोग करें.
ओमेगा -3 फैट खाएं.
मैग्नीशियम युक्त खाद्य पदार्थ खाए.
कैफीन का सेवन सीमित करें.
थायराइड बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करें.
प्लास्टिक को न कहें:.