कपट के शोर में क्या दब जाता है - kapat ke shor mein kya dab jaata hai


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कपट के शोर में <br> सही होते ह...

कपट के शोर में <br> सही होते हुए भी दब जाना-बुरा तो है <br> किसी जुगनू की लौ में पढ़ना-बुरा तो है <br> मुधियाँ भींचकर बस वक्त निकाल लेना-बुरा तो है <br> सबसे खतरनाक नहीं होता। <br> "किसी जुगनू की लौ में पढ़ना' का अर्थ है

Text Solution

साधनहीनता की स्थिति से गुजरनाबुरी स्थिति से गुजरनाबहुत बुरी स्थितिसबसे बहुत बुरी स्थिति

Answer : A

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कपट के शोर में क्या दब जाता है - kapat ke shor mein kya dab jaata hai

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पाश: सबसे ख़तरनाक होता है हमारे सपनों का मर जाना...

                
                                                                                 
                            सबसे ख़तरनाक 
                                                                                                
                                                     
                            

मेहनत की लूट सबसे ख़तरनाक नहीं होती 
पुलिस की मार सबसे ख़तरनाक नहीं होती 
ग़द्दारी और लोभ की मुट्ठी सबसे ख़तरनाक नहीं होती

बैठे-बिठाए पकड़े जाना - बुरा तो है 
सहमी-सी चुप में जकड़े जाना - बुरा तो है 
सबसे ख़तरनाक नहीं होता

कपट के शोर में 
सही होते हुए भी दब जाना - बुरा तो है 
किसी जुगनू की लौ में पढ़ना - बुरा तो है 
मुट्ठियां भींचकर बस वक्‍़त निकाल लेना - बुरा तो है 
सबसे ख़तरनाक नहीं होता

सबसे ख़तरनाक होता है 
मुर्दा शांति से भर जाना 
न होना तड़प ना सब कुछ सहन कर जाना 
घर से निकलना काम पर 
और काम से लौटकर घर आना 
सबसे ख़तरनाक होता है 
हमारे सपनों का मर जाना

सबसे ख़तरनाक वो घड़ी होती है 
आपकी कलाई पर चलती हुई भी जो 
आपकी नज़र में रुकी होती है

सबसे ख़तरनाक वह आंख होती है 
जो सबकुछ देखती हुई भी जमी बर्फ़ होती है 
जिसकी नज़र दुनिया को मुहब्‍बत से चूमना भूल जाती है 
जो चीज़ों से उठती अंधेपन की भाप पर ढुलक जाती है 
जो रोज़मर्रा के क्रम को पीती हुई 
एक लक्ष्यहीन दुहराव के उलटफेर में खो जाती है

सबसे ख़तरनाक वह चांद होता है 
जो हर हत्‍याकांड के बाद 
वीरान हुए आंगनों में चढ़ता है 
पर आपकी आंखों को मिर्चों की तरह नहीं गड़ता है

सबसे ख़तरनाक वह गीत होता है 
आपके कानों तक पहुंचने के लिए 
जो मरसिए पढ़ता है 
आतंकित लोगों के दरवाज़ों पर 
जो गुंडों की तरह अकड़ता है

सबसे ख़तरनाक वह रात होती है 
जो ज़िंदा रूह के आसमानों पर ढलती है 
जिसमें सिर्फ़ उल्लू बोलते और हुआं हुआं करते गीदड़ 
हमेशा के अंधेरे बंद दरवाज़ों-चौगाठों पर चिपक जाते हैं

सबसे ख़तरनाक वह दिशा होती है 
जिसमें आत्‍मा का सूरज डूब जाए 
और उसकी मुर्दा धूप का कोई टुकड़ा 
आपके जिस्‍म के पूरब में चुभ जाए

मेहनत की लूट सबसे ख़तरनाक नहीं होती 
पुलिस की मार सबसे ख़तरनाक नहीं होती 
ग़द्दारी-लोभ की मुट्ठी सबसे ख़तरनाक नहीं होती।

- पाश 
 (संभवत: अपूर्ण रह गई एक लंबी कविता का अंश)

साभार - कविता संग्रह 'लहू है कि तब भी गाता है', परिकल्पना प्रकाशन

5 years ago