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कोरिओलिस बल का दूसरा नाम क्या है?पवन कई कारणों से अपनी दिशा में परिवर्तन करती हुई चलती हैं. ये कारण हैं- दाब प्रवणता बल, कॉरिऑलिस प्रभाव (Coriolis effect), अभिकेंद्रीय त्वरण और भू-घर्षण. कॉरिऑलिस प्रभाव (Coriolis effect)- पृथ्वी के घूर्णन के कारण पवनें अपनी मूल दिशा में विक्षेपित हो जाती हैं. इसे कॉरिऑलिस बल कहते हैं.
कोरिओलिस बल ध्रुवों पर अधिक क्यों होता है?कोरिओलिस बल भू मध्य रेखा पर शून्य होता है। इसी कारण यहां उष्णकटिबंधीय चक्रवात नहीं आते है। कोरिओलिस बल अक्षांश की ज्या के समानुपाती होती है। इसीलिए कोरिओलिस बल ध्रुवों पर सबसे अधिक तथा विषुवत रेखा पर न्यूनतम होता है ।
कोरिओलिस त्वरण की सही भूमिका कौन सी हैं?जब आप ध्रुवों की ओर भूमध्य रेखा से आगे बढ़ते हैं तो कोरिओलिस प्रभाव अधिक चरम हो जाता है। इस कोरिओलिस बल के कारण, उत्तरी गोलार्ध में हवाएँ दाईं ओर झुक जाती हैं, और दक्षिणी गोलार्ध में बाईं ओर झुक जाती हैं। कोरिओलिस प्रभाव से पवन और महासागरीय धाराएँ दृढ़ता से प्रभावित होती हैं।
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