Kartik Month 2022 चतुर्मास का आखिरी माह कार्तिक मास होता है। इस माह में भगवान विष्णु जल में निवास करते हैं। माना जाता है कि इस माह स्नान दान के साथ भगवान विष्णु की पूजा करने से हर पाप से मुक्ति मिल जाती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
नई दिल्ली, Kartik Maas 2022: भगवान विष्णु को समर्पित कार्तिक मास का काफी अधिक महत्व है। इस पूरे माह में भगवान विष्णु के साथ उनके अन्य अवतारों की पूजा करना काफी लाभकारी माना जाता है। कार्तिक मास में स्नान दान का काफी अधिक महत्व है। इस पूरे माह में भगवान विष्णु जल में ही वास करते हैं। इसी कारण स्नान दान करने से पापों से मुक्ति मिलती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। जानिए कार्तिक मास कब से हो रहे हैं शुरू और इसका महत्व।
कब से शुरू हो रहा कार्तिक मास 2022?
आश्विन मास की पूर्णिमा तिथि के बाद कार्तिक मास आरंभ हो सकता है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, साल 2022 में कार्तिक मास 10 अक्टूबर से शुरू हो रहा है और 8 नवंबर 2022 को समाप्त हो रहा है।
कार्तिक मास का महत्व
भगवान विष्णु के प्रिय माह में से एक कार्तिक मास हिंदू धर्म में काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। इस माह से देव तत्व मजबूत होता है। इस मास में भगवान विष्णु के साथ तुलसी पूजा करना फलदायी माना जाता है। इसके अलावा इस माह गंगा स्नान, दीप दान, यज्ञ, दान आदि करने से हर कष्ट से छुटकारा मिल जाता है। इस पूरे में दिवाली, छठ पूजा, धनतेरस, कार्तिक पूर्णिमा जैसे व्रत त्योहार पड़ते हैं।
कार्तिक मास में तुलसी पूजन का महत्व
कार्तिक मास में भगवान विष्णु की प्रिय तुलसी पूजन का भी अधिक महत्व है। इस पूरे माह में शाम के समय तुलसी के पौधे के नीचे घी का दीपक जलाना शुभ माना जाता है।ऐसा करने से धन लाभ होता है। इसके साथ ही कार्तिक मास में ही तुलसी माता और शालिग्राम का विवाह किया जाता है। जिसे तुलसी विवाह के रूप में मनाया जाता है।
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Edited By: Shivani Singh
Kartik Maas 2022 Date, कार्तिक मास की तिथि महत्व और नियम जानें, कार्तिक में ऐसे बढ़ाएं सेहत और समृद्धि
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Gitika dubey| नवभारतटाइम्स.कॉम | Updated: Oct 7, 2022, 4:06 PM
कार्तिक का महीना कब से लग रहा है, अगर आप यह जनाना चाह रहे हैं तो आपको बता दें कि इस साल 10 अक्टूबर से कार्तिक मास आरंभ हो रहा है। 10 अक्टूबर से ही कार्तिक स्नान का भी आरंभ होगा जो एक महीने तक चलेगा। आइए जानें कार्तिक मास के क्या नियम बताए गए हैं शास्त्रों में।
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कार्तिक में तुलसी में पूजन कार्तिक मास में क्या खाएं और क्या नहीं कार्तिक में बैंगन खाना अशुभ माना गया है। साथ ही इस
माह द्विदलन अर्थात जो अनाज दो भागों में बंटे हों उनका सेवन नहीं करना चाहिए। उड़द, चना, मसूर, मूंग, मटर ऐसे ही अनाज माने गए हैं। कार्तिक मास में जीरे के उपयोग भी नहीं करना चाहिए। यूं तो जीरा स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद बताया गया है, लेकिन कार्तिक के महीने में इसे खाने से नुकसान होता है। कार्तिक के महीने में दही का सेवन न करें तो आपकी सेहत और आर्थिक दृष्टि दोनों में लाभ होगा। कार्तिक में दही खाना संतान के लिए अशुभ माना जाता है। कार्तिक के महीने में करेला भी नहीं खाना चाहिए।
ऐसा माना जाता है कि करेला वात रोग बढ़ाने वाली सब्जी है और इस महीने में करेले में कीड़े भी पड़ जाते हैं, इसलिए करेला खाना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक माना गया है।
पौराणिक मान्यताओं के चातुर्मास का सबसे प्रमुख मास होता है कार्तिक मास। कार्तिक मास की ही देवोत्थान एकादशी पर भगवान विष्णु चार महीने की निद्रा के बाद जागृत होते हैं। इस महीने में भगवान विष्णु के साथ तुलसी पूजन का विशेष महत्व माना गया है। इसी महीने में तुलसी और शालिग्राम का विवाह आयोजित होता
है। कार्तिक मास में गंगा स्नान, दीप दान, यज्ञ और अनुष्ठान परम फल देने वाले माने गए हैं। इनको करने से आपके कष्ट दूर होने के साथ पुण्य की प्राप्ति होती है और ग्रह दशा भी सुधरती है। कार्तिक मास में ही धनतेरस, दीवाली, छठ और कार्तिक पूर्णिमा जैसे महत्वपूर्ण व्रत त्योहार पड़ते हैं।
कार्तिक मास भगवान विष्णु की पूजा के लिए सबसे खास माना गया है। इसलिए इस महीने में विष्णुप्रिया तुलसी की पूजा करना भी बहुत अच्छा माना जाता है। इस पूरे महीने में
तुलसी के पौधे के नीचे घी का दीपक जलाने की परंपरा है। ऐसा करने से आपको धन लाभ होता है और आपके घर में मां लक्ष्मी का वास होता है। कार्तिक पूर्णिमा के दिन शालिग्राम और तुलसी का विवाह करवाया जाता है।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस महीने में श्रीहरि मत्स्य अवतार में रहते हैं, इसलिए इस महीने में भूलकर भी मछली या फिर अन्य प्रकार की तामसिक चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए।
कार्तिक के महीने में मूली खाना शास्त्रों में बहुत ही फायदेमंद माना गया है। इस मौसम में कफदोष और पित्तदोष संबंधित बीमारियां होने की समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं इसलिए इस माह में मूली खाना लाभकारी है।
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कार्तिक मास में जरूर करें ये शुभ कार्य
कार्तिक के महीने में परमपावनी गंगा नदी में डुबकी लगाना बहुत ही अच्छा माना गया है। अगर आप गंगा में
स्नान नहीं कर सकते तो घर पर नहाने के पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान कर सकते हैं।
कार्तिक के महीने में पूरे 30 दिन तुलसी के नीचे घी का दीपक जरूर जलाना चाहिए। अगर आप लगातार इतने दिन दीपक जलाने में असमर्थ हैं तो देवोत्थान एकादशी से लेकर कार्तिक पूर्णिमा तक कम से कम 5 दिन दीपक जरूर जलाएं। तुलसी के पूजा करने पर मां लक्ष्मी के साथ-साथ कुबेरजी की कृपा भी प्राप्त होती है।
कार्तिक के महीने में भगवान विष्णु का स्मरण करते हुए शाम के वक्त पूजा के स्थान में तिल के तेल का दीपक जलाकर रखें।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भगवान विष्णु ने स्वयं कुबेरजी से कहा के कार्तिक मास में जो मेरी उपासना करे उसे कभी धन की कमी मत होने देना।
कार्तिक के महीने में पलंग पर सोने की बजाए भूमि पर सोना अधिक श्रेष्ठ माना जाता है। इसके साथ साथ कार्तिक के महीने में जरूरतमंदों को यथासंभव अन्न और वस्त्र का दान करें। रोजाना उगते सूर्य को जल दें।
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