किसका संधि प्रस्ताव माना जाता है - kisaka sandhi prastaav maana jaata hai

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पाठ 17. शक्ति और छमा,, “रामधारी सिंह दिनकर” (कुरुक्षेत्र), मौखिक प्रश्न:-, क :- कविता में कौन किससे बातें कर रहा है?, उत्तर:- कविता में भीष्म पितामह युधिष्ठिर से बातें कर रहे हैं।, ख :- दुर्योधन को समझाने के लिए किन-किन गुणों का सहारा लिया गया था?, उत्तर:- दुर्योधन को समझाने की लिए छमा, दया ,तप ,त्याग आदि गुणों का सहारा लिया गया था।, ग :- भुजंग का क्या गुण है ?, उत्तर :- भुजंग का गुण इससे भरे दांतो से छमा करने के समान जैसे है।, घ :- किसका संधि प्रस्ताव माना जाता है?, उत्तर:- श्री रामचंद्र जैसे शक्तिशाली और और बिजयी जैसे पुरुषों का संधि प्रस्ताव माना जाता है।, ड़:- कवि ने कौरवों को दुष्ट क्यों कहा है?, उत्तर :- जिसके पास छमा दया की भावना ही ना हो तो वह दुष्ट ही समझा जाएगा इसीलिए कवि ने कौरवों को दुष्ट कहां है।, च :- समुद्र के देह धारा करने का क्या कारण था?, उत्तर:- समुद्र के देह धारण करने का कारण यह था कि वह अपने प्राणों की रक्षा करने के लिए भगवान श्री रामचंद्र के चरणों को पकड़ लेना और सेवक बनकर रहना स्वीकार करना था ।, लिखित प्रश्नों, क:- श्री राम ने समुद्र से क्या प्राथना की?, उत्तर:- श्री राम ने समुद्र से पथ या रास्ता मांगने की प्रार्थना की।, ख :- समुद्र श्री राम के चरणों में क्या कहता हुआ गिर पड़ा?, उत्तर:- समुद्र फ्री राम के चरणों में त्राहि- त्राहि या छमा करो - छमा करो कहता हुआ गिर पड़ा।, ग:- किस प्रकार के व्यक्ति को विनम्रता का गुण शोभा देता है?, उत्तर:- पौरुष और शक्तिशाली व्यक्ति को विनम्रता के गुण शोभा देता है।, घ :- संसार में छमा और दया जैसे गुणों को कब माना जाता है?, उत्तर:- संसार में छमा और दया जैसे गुणों को तब माना जाता है जब कोई पौरूष शक्तिशाली बल का प्रयोग ना करके उसे क्षमा करें या माफ करते है तो संसार में उस पौरुष के गुणों को माना जाता है।, दीर्घ उतरी प्रश्न, क:- कविता में दुर्योधन की उपमा बाघ से क्योंकि गई है।, उत्तर:- कविता में दुर्योधन की उपमा बाघ से इसलिए कि गई है कि वह शक्तिशाली होने पर भी उसके पास दया और क्षमा जैसी कोई शक्ति नहीं है।, ख :- कौरव पांडवो को कायर क्यों समझते थे?, उत्तर:- कौरव पांडवो को कायर इसीलिए समझते थे। क्योंकि वह शक्तिशाली होने पर भी दया या क्षमा भीख मांगता था।, ग :- विनयी राम को अपने धनुष पर प्रत्यंचा क्यों चढ़ाना पड़ा ।, उत्तर:-विनयी रामचंद्र को अपने धनुष की प्रत्यंचा पर बाण। इसलिए चढ़ाना पड़ा क्योंकि वहां विनम्रता के भाव से काम करने के लिए समुद्र तैयार नहीं था। इसीलिए राम ने अपनी धनुष पर को चढ़ाना पड़ा।, घ :- शक्ति और क्षमा दोनों एक दूसरे के पूरक हैं क्यों?, उत्तर :- शक्ति और क्षमा दोनों एक दूसरे के पूरक इसलिए होता है क्योंकि शक्तिशाली लोगों के हृदय में ही क्षमा जैसे गुण विद्यमान होते है।, आशय स्पष्ट कीजिए?, छमा सोभती उस भुजंग को जिसके पास गरल हो ,, उसको क्या जो दंतहीन विष रहित विनीत सरल हो।।, आशय:- क्षमा उस सर्प को शोभा देती है, जिसके पास विष होता है, जिसके सर्प के पास विष नहीं हो और ना दांत हो और जो विनम्र और सरल हो तो वह किसको और क्या क्षमा करेगा । तथा बलशाली और पराक्रमी व्यक्ति किसी को क्षमा करे तो उसकी शोभा बढ़ जाती है।, (।।) सच पूछो तो शर में ही बस्ती है दीप्ति बिनय की।, संधि वचन संपूज्य उसी का जिसमें शक्ति विजय की।।, आशय :- भीष्म पितामह कहते हैं कि सच कहूं तो, विनम्रता की चमक बाण में ही रहती है, लोग उसी व्यक्ति से समधी करते हैं पूजा करते हैं जिसमें विजय की शक्ति होती है,। और शक्तिशाली और पराक्रमी व्यक्ति का सब लोग सम्मान करते हैं और उसके वश में रहते हैं।