Solution : ईश्वर से प्रार्थना कर रहा है कि उसे विपत्तियों से उबारने का काम न करे, केवल उसकी आन्तरिक चेतना में ऐसी क्षमता भरने का प्रयास करें, जिसके कारण वह विपदाओं में घबराए नहीं और बड़ी-बड़ी विपदाओं पर भी विजय प्राप्त कर सके। कवि ईश्वर से किसी प्रकार की भी सहायता नहीं चाहता। वह चाहता है कि ईश्वर उसे पौरुष दें, जिससे वह अपनी सहायता करने में सक्षम हो सके। और उसे भयरहित बनाएँ, जिससे वह उसकी सत्ता पर, उसके प्रति अपनी आस्था पर सन्देह न कर सके। Comprehensionनिम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के सबसे उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प चुनिए जीवन-पथ पर चलते हुए जब, मैं किसी चौराहे पर पहुंच जाऊं और अंतर्मन में चल रहा हो द्वंद्व तब, हे सर्वशक्तिमान ईश! मुझे तुम अपना अनुग्रह-पात्र समझकर सही राह चुन सकने की मनीषा देना. निराशा का कुहासा जब, मन-मस्तिष्क की शक्तियों को रोकने लगे जब, मानवता पर आस्था मेरी डगमगाने लगे तब, हे कृपालु प्रभु! मुझे थोड़ी दूर ही सही देख सकने योग्य दृष्टि देना. कवि ईश्वर से क्या प्रार्थना करता है?This question was previously asked in CTET Paper 1 - 22nd Dec 2021 (English-Hindi-Sanskrit) View all CTET Papers >
Answer (Detailed Solution Below)Option 4 : सही के चयन की क्षमता देना Free CT P1: 01 सामान्य हिन्दी (पर्यायवाची शब्द) 10 Questions 10 Marks 10 Mins कवि ईश्वर से "सही के चयन की क्षमता" देने की प्रार्थना करता है। Key Points
Additional Information
|