खून का शुद्धिकरण कैसे होता है? - khoon ka shuddhikaran kaise hota hai?

ऐसे बढ़ता है खतरा -
शरीर को 90-100% ऑक्सीजन की जरूरत होती है लेकिन प्रदूषण के कारण जब यह स्तर 10 % से कम हो जाता है तो हाइपोऑक्सिया (ऑक्सीजन की कमी) होने लगता है जिससे थकान, आलस, जुकाम, खांसी, आंखों में जलन व त्वचा संबंधी संक्रमण होने लगते हैं।

तुलसी का पौधा लगाएं -
तुलसी वातावरण में मौजूद प्रदूषण को 30% तक कम करती है। इसके लिए 7-11 तुलसी के पत्ते, अदरक, गुड़ व दो कालीमिर्च के दानों को एक गिलास पानी के साथ उबाल लें। एक चौथाई रहने पर इसे गुनगुना पिएं। हफ्ते में एक बार इस काढ़े को बनाकर पीने से दूषित वायु का असर कम होता है।

ये भी जानें -
नेचुरोपैथी उपचार में आंतों की शुद्धि के लिए एनीमा दिया जाता है जिससे रक्त भी शुद्ध होता है। दिनभर में पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से खून साफ होता है। पत्तागोभी का जूस भी ले सकते हैं।

इन्हें आजमाएं -
तुलसी के पत्तों के एक चम्मच रस को दो चम्मच शहद के साथ लेें। लेकिन डायबिटीज के मरीज न लें।
आधा चम्मच तुलसी के सूखे पत्तों का चूर्ण, एक चौथाई चम्मच सौंठ पाउडर व एक चम्मच शहद को मिलाकर चटनी बना लें। दिन में दो बार चाटें।
गिलोय का रस या आंवला व एलोवेरा का रस 2-2 चम्मच लें।
मिर्च-मसाले, तले-भुने और गरिष्ठ भोजन की बजाय सलाद, उबला व कच्चा खानपान लाभकारी होगा।
अनुलोम-विलोम व भस्त्रिका प्राणायाम रक्त को शुद्ध करते हैं। इन्हें सूर्याेदय के बाद व सूर्यास्त से पहले 15-15 मिनट करें।

शरीर में खून का शुद्धिकरण कौन करता है?

सही उत्तर वृक्क है। रक्त के शुद्धिकरण के लिए वृक्क जिम्मेदार है।

रक्त का शुद्धिकरण कैसे होता है?

गिलोय का रस या आंवला व एलोवेरा का रस 2-2 चम्मच लें। मिर्च-मसाले, तले-भुने और गरिष्ठ भोजन की बजाय सलाद, उबला व कच्चा खानपान लाभकारी होगा। अनुलोम-विलोम व भस्त्रिका प्राणायाम रक्त को शुद्ध करते हैं। इन्हें सूर्याेदय के बाद व सूर्यास्त से पहले 15-15 मिनट करें।

ब्लड शुद्ध कहाँ होता है?

मानव शरीर में संपूर्ण रक्त वृक्क (किडनी) के माध्यम से शुद्ध होता है। यह रक्त में फॉस्फेट, नाइट्रोजन यौगिक, यूरिया एवं यूरिक आम्ल को पृथक् करता है। यह रक्त में हाइड्रोजन आयन की सांद्रता अर्थात् pH मान को स्थायी बनाए रखता है। रक्त के परासरणी दाब तथा उसकी मात्रा का नियंत्रण करता है।