Linux operating system क्या है इतिहास? - linux opairating systaim kya hai itihaas?

क्या आपको पता है की Linux Kya Hai? हम इस लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम का क्या इस्तमाल कर सकते हैं? चाहे आप कोई भी gadgets ले लो smartphones से cars तक, supercomputers या फिर आपके home appliances, ये Linux की operating system हर जगह में मेह्जुद है. हमें भले ही इसके विषय में इतनी जानकारी न हो लेकिन हम इसका इस्तमाल हमेशा कर रहे हैं.

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Linux को आये हुए करीब 30 सालों से भी ज्यादा हो चुके हैं. करीब मध्य 90s में ये हमारे बिच सबसे पहले आया. और तब से ही इसके उपयोगिता के कारण इसने प्राय सभी devices में पूरी तरह से अपनी तानासाह कायम करी है और आगे करते भी रहेगी.

जिन लोगों ने Linux operating system को पहले इस्तमाल किया होगा तो उन्हें इसके उपयोगिता के बारे में पता ही होगा लेकिन जो लोग इससे अभी तक भी परिचित नहीं हैं, तो मैं उन लोगों को ये बता देना चाहता हूँ की इन्हें हम प्राय सभी devices में इस्तमाल करते हैं जिन्हें हम आम तोर से इस्तमाल करते हैं. इसके साथ ये करीब करीब पूरी internet के servers में इस्तमाल में लाया जाता है, यहाँ तक की Stock exchanges में भी.

मुख्य रूप से ये ज्यादा reliable, secure और error-free operating system होने के कारण ही लिनक्स कर्नेल को सभी इस्तमाल करना चाहते हैं. और एक बात ये पूरी तरह से open source है और free भी, जो की developers को इसे अपने तरीके से customize करने में help करता है.

तो इसलिए आज मैंने सोचा की क्यूँ न आप लोगों को Linux क्या है के विषय में पूरी जानकारी प्रदान की जाये जिससे की आपको भी इस बेहतरीन open source operating system के विषय में पूरी जानकारी हो. तो फिर देरी किस बात की चलिए शुरू करते हैं और जानते हैं की आखिर ये लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम क्या होता है.

लिनक्स क्या है – Linux Operating System in Hindi

लिनक्स, UNIX operating System का एक बहुत ही popular version है. ये एक open source software है क्यूंकि इसकी source code internet में freely available है. इसके साथ इसे आप बिलकुल से Free में इस्तमाल कर सकते हैं, कहने का मतलब है की ये पूरी तरह से free है.

Linux को UNIX की compatibility को नज़र में रखकर designed किया गया था. इसलिए इसकी functionality list प्राय UNIX से मिलती झूलती है. Linux Os open source होने के कारण इसे developers अपने जरुरत के अनुसार customize कर सकते हैं. इसके साथ ये Computer के लिए बहुत ही reliable Operating system है.

Linux का Owner कोन है?

Linux का Owner Linus Torvalds हैं। चूँकि Linux की licensing open source है, इसलिए Linux किसी के लिए भी freely available है. लेकिन फिर भी “Linux” नाम का trademark उसके creator, Linus Torvalds को ही जाता है. Linux OS की source code का copyright बहुत से individual authors के नाम में जाता है, इसलिए इसे सामूहिक रूप से GPLv2 license के तहत रख दिया गया है.

क्यूंकि Linux के पीछे एक बहुत ही बड़े समूह का हाथ है जिन्होंने इसमें अपना योगदान दिया है और जिसे develop करने में बहुत साल लग गए, ऐसे में उन्हें individually संपर्क करना भी possible नहीं है इसलिए Linux के license को GPLv2 के अंतर्गत शामिल कर दिया गया है जिसमें सबकी सहमति शामिल है.

Linux को Linus Torvalds ने सन 1991 में create किया था, जब वो एक university student थे University of Helsinki में. Torvalds ने Linux को एक free और Minix Os का open source alternative के तोर पर बनाया था, जो की एक दूसरा Unix clone था और जिसे मुख्य रूप से academic settings में इस्तमाल किया जाता था.

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उन्होंने सबसे पहले इसका नाम “Freax” रखने का सोचा था लेकिन उस Server के administrator ने जिसे की Torvalds ने अपने Origonal code को distribute करने के लिए चुना थाm उसने उनकी directory का नाम “Linux” जो की एक combination था Torvalds’ के पहले नाम और Unix का. ये नाम सुनने में इतना अच्छा लगा की इसे बाद में और बदला नहीं गया.

लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम के Components (घटक)

देखा जाये तो Linux Operating System के मुख्य रूप से तीन components (घटक) होते हैं

1. Kernel –

ये Kernel Linux का core part होता है. ये operating system में हो रहे सारे major activities के लिए responsible होता है. इसमें दुसरे modules मेह्जुद होते हैं और ये underlying hardware के साथ directly interact करती हैं।

Kernel low-level hardware details की जानकारी को system or application programs तक पहुचने से रोकता है या यूँ कहे की abstraction के तरह behave करता है।

2. System Library −

System libraries उन special functions या programs को कहा जाता है जिन्हें इस्तमाल कर application programs या system utility Kernel के features को access करती हैं। ये libraries operating system के प्राय सभी functionalities को implement करती हैं और उन्हें ऐसा करने के लिए kernel module’s code access rights की भी जरुरत नहीं पड़ती है.

3. System Utility −

System Utility उन programs को कहते हैं जो की दुसरे specialized, और individual level tasks करने के लिए उत्तरदायी होते हैं.

लिनक्स के फायदे

यहाँ पर में आप लोगों को Linux Operating System के कुछ बहुत ही महत्वपूर्ण features के विषय में बताने वाला हूँ.

1.  Portable

Portability का मतलब है की यह software सभी तरह के hardware में सामान ढंग से चल सकता है. Linux kernel और application programs प्राय सभी Hardware platform support करते हैं.

2.  Open Source

Linux source code freely available है और ये एक community-based development project है. Multiple teams collaboration करके काम करते हैं जिससे Linux operating system की capacity को enhance किया जा सके और इसलिए ये हमेशा evolve हो रहा है.

3.  Multi-User

Linux एक multiuser system है जिसका मतलब है की multiple users एक ही समय में इसके सभी system resources जैसे की memory/ ram/ application programs को इस्तमाल कर सकें.

4.  Multiprogramming

Linux एक multiprogramming system है जिसका मतलब यह है की multiple applications एक साथ में run हो सकते हैं वो भी एक ही समय में.

5.  Hierarchical File System

Linux एक standard file structure प्रदान करती है जिससे system files/ user files को आसानी से arranged किया जा सके.

6.  Shell

Linux एक special interpreter program भी प्रदान करता है जिका इस्तमाल operating system के commands को execute करना होता है. इसके साथ इसका इस्तमाल दुसरे अलग अलग operations, call application programs को करने के लिए भी किया जाता है.

7.  Security

Linux बहुत ही अच्छे security feature भी प्रदान करता है users को जैसे की password protection/ controlled access कुछ specific files/ यहाँ तक की data encryption इत्यादि.

लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम की विशेषता

1.  Hardware layer – इस Hardware layer में सभी peripheral devices (RAM/ HDD/ CPU etc) होते हैं.

2.  Kernel – ये Os का core component होता है, जो की hardware के साथ directly interact करता है, इसके साथ ये upper layer components को low-level service प्रदान करता है.

4.  Shell – यह एक interface होता है kernel का, जो की Kernel के functions की complexity को users से hide करता है. ये shell users से commands लेते हैं और और kernel’s functions को execute करते हैं.

4.  Utilities – ये उन Utility programs को कहा जाता है को की user को operating systems के सभी functionalities provide करती हैं.

लेस्स कमांड इन हिंदी

अगर आप Linux पहली बार इस्तमाल करने वाले हैं और आपको Linux के बारे में पता भी नहीं है तब आपको basic common Linux commands के विषय में जरुर पता होना चाहिए.

यहाँ पर में आप लोगों को लिनक्स कमांड इन हिंदी की list देने जा रहा हूँ जो की आपको आगे बहुत काम आने वाली हैं, ध्यान दें की मैंने यहाँ केवल command की list ही प्रदान की है न की उनके syntax, syntax के विषय में आप दुसरे जगह से सिख सकते हैं जो की बहुत है आसान है.

Sl.No Command Function
1 ls : ये current directory content को list कर देगी.
2 cd : इससे आप अपने current Directory को change कर सकते हैं.
3 cat : इससे आप file content को screen पर display कर सकते हैं, इसके साथ text files को copy और combine भी कर सकते हैं.
4 history : इससे आप सारे executed commands list को screen में देख सकते हैं.
5 chmod : इससे आप file permission को बदल सकते हैं.
6 chown : इससे आप file owner बदल सकते हैं.
7 clear : इससे आप clear screen कर सकते हैं fresh start के लिए.
8 df : इससे आप used और available disk space देख सकते हैं.
9 date : इससे आप current system date और time को display कर सकते हैं.
10 du : इससे आप ये जान सकते हैं की कोन सी file कितनी जगह ली हुई है.
11 file : इससे आप file में मेह्जुद type of data को recognise कर सकते हैं.
12 find: इससे आप file में कोई भी term search कर सकते हैं.
13 man : इससे आप specific command के लिए help display कर सकते हैं.
14 cp : इससे आप files और folders copy कर सकते हैं.
15 mv : इससे आप files और Directory को rename और move कर सकते हैं.
16 mkdir : इससे आप नया directory create कर सकते हैं.
17 lpr : इससे आप कोई भी file content print कर सकते हैं.
18 less : इससे आप file content को page by page देख सकते हैं.
19 tar : इससे आप कोई भी file को compress, create और extract tar file कर सकते हैं.
20 grep : इससे आप एक file में एक string को search कर सकते हैं.
21 ssh : इससे आप remote machine के साथ connect और login (encrypted & secure) कर सकते हैं.
22 su : इससे आप अलग user में switch कर सकते हैं.
23 rmdir : इससे आप empty directory remove कर सकते हैं.
24 rm : इससे आप files and directories (empty or non-empty) remove कर सकते हैं.
25 pwd : इससे आप current user working directory को display करवा सकते हैं.
26 ps : इससे आप running process id के साथ और दुसरे information को display करवा सकते हैं.
27 passwd : इससे आप user password बदल सकते हैं.
28 more : इससे कोई भी file page by page display कर सकते हैं.
29 kill : इससे आप कोई भी process को kill कर सकते हैं उनके process id की मदद से.
30 gzip : इससे आप एक compress file with .gz extension create कर सकते हैं.
31 unzip : इससे आप कोई file को unzip or uncompress कर सकते हैं.
32 shutdown : इससे machine को shutdown कर सकते हैं.
33 free : इसका इस्तमाल dhow के लिए होता है.
34 top : इससे आप top process को show कर सकते हैं CPU usage के अनुसार.
35 who : इससे आप current user के information को display कर सकते हैं जो की logged in हो.
36 whereis : इससे आप किसी भी command की location को प्राप्त कर सकते हैं (की वो कहाँ पर stored हैं)
37 whatis : इससे आप कोई भी command information एक single line में दिखा सकते हैं.
38 tail : इससे आप किसी भी file के last ten lines को print करवा सकते हैं.
39 wget : इससे किसी भी file को internet से download कर सकते हैं, rename कर सकते हैं और कहीं भी store कर सकते हैं.

Windows Vs. Linux: Key Differences

                   Windows                               Linux
Windows में अगल अलग data drives जैसे की C: D: E का इस्तमाल किया जाता है files और folders को store करने के लिए वहीँ Linux एक tree के जैसे hierarchical file system का इस्तमाल करती है.
Windows में different drives होते हैं जैसे की C: D: E यहाँ कोई भी अलग drives नहीं होते हैं.
Hard drives CD-ROMs printers को devices माना जाता है वहीँ Linux में Peripherals जैसे की hard drives CD-ROMs printers को files माना जाता है.
यहाँ पर 4 प्रकार के user account types होते हैं 1) Administrator 2) Standard 3) Child 4) Guest यहाँ पर 3 प्रकार के user account types होते हैं 1) Regular 2) Root and 3) Service Account
यहाँ पर Administrator user के पास सभी administrative privileges होते हैं computers के वहीँ Linux में केवल Root user ही super user होता है और उसके पास ही सभी administrative privileges होते हैं.
यहाँ पर हम 2 files समान नाम के एक ही folder में नहीं रख सकते हैं वहीँ Linux में file naming convention case sensitive होते हैं. इसलिए आप दो files समान नाम के भी एक ही folder में रख सकते हैं.
Windows में My Documents default home directory होता है वहीँ Linux में सभी Users के लिए user /home/username directory create किया जाता है जिसे की उसकी home directory कहा जायेगा.
ये Closed Source Software होते हैं ये Open Source Software होते हैं.
ये ज्यादा Secure नहीं होते हैं जहाँ की Virus attack Malware Worms का होने आम बात है ये बहुत ज्यादा Secure होते हैं और यहाँ पर इन Virus attack का कोई प्रवाह नहीं होता है.
ये Single user और Multi Tasking होता है वहीँ ये Multi-User और Multi Tasking होता है.

Distribution क्या है?

सभी Linux distribution को आसानी से free में download किया जा सकता है और भी उसे कोई disk में burn कर बाद में install भी किया जा सकता है.

यहाँ पर आप सबसे popular Linux distributions देख सकते हैं :

Ubuntu Linux Linux Mint
Arch Linux Deepin
Fedora Debian
openSUSE

ये सारे Distribution अलग अलग features के साथ मेह्जुद हैं और आपको भी आपके जरुरत के अनुसार ही इनका चुनाव करना चाहिए.

ज्यादा Resources के लिए

यदि आप Linux के विषय में और भी ज्यादा जानना चाहते हैं तब मैंने यहाँ निचे ऐसे Website के link प्रदान किये हैं जो की आपको इस बेहतरीन Os के विषय में और अधिक जानकारी प्रदान करेंगी.
जरुर इन links को check करें जहाँ आप Linux के विषय में ज्यादा जान पाएंगे :

  • Linux.com: यहाँ पर आप Linux के विषय में सभी जानकारी प्राप्त कर सक्त हैं. (news, how-tos, answers, forums, and more )
  • Linux.org: यहाँ पर आप Linux kernel के विषय में सभी जानकारी प्राप्त कर सक्त हैं. (इसके साथ beginner, intermediate, और adavanced tutorials भी)
  • Howtoforge: यहाँ पर Linux tutorials
  • Linux Knowledge Base and Tutorial: यहाँ पर बहुत सारे tutorials.

क्या Linux Operating System पूरी तरह से Virus /Malware मुक्त होता है?

इसका जवाब है नहीं. दुनिया में ऐसा कोई भी OS नहीं है जो की 100% immune होता है Viruses और Malware से. लेकिन Linux में अभी तक कभी कोई widespread malware-infection नहीं हुआ है, यदि हम इसकी तुलना Windows से करें तब.

ये बात भी सही है की Linux Os को इस्तमाल करने वाले users बहुत ही कम हैं, यदि हम इसकी तुलना Microsoft Users से करें तब. वैसे तो Malware या virus का मुख्य उद्देश्य होता है mass destruction. ऐसे में कोई भी programmer अपना कीमती वक़्त, इस काम में कभी भी व्यर्थ नहीं करेगा, चूँकि में users बहुत ही कम हैं. इसी कारणवस Linux में ज्यादा Virus नहीं होते हैं.

Linux architecturally बहुत ही strong होता है और इसलिए ये बहुत ही ज्यादा immune होता है security threats को लेकर. याद रखें की Linux Kernel होता है और GNU/Linux एक OS होता है.

Technically बात करें तो आप एक Linux System को बिना root password के setting up नहीं कर सकते हैं और बिना user password के. इसका मतलब है की Linux के प्रत्येक user के पास एक password होता है केवल ‘Guest‘ को छोड़कर. वहीँ Windows में एक user कोई profile बिना password के भी बना सकते हैं.

इन्ही सभी खूबियों के होने से Linux Operating System में Virus और Malware का डर बहुत ही कम होता है.

Linux Operating Systems के Application in hindi

अब चलिए जानते हैं की आख़िर Linux Operating Systems के अलग अलग Application क्या क्या हैं :-

  • Linux movie industry की काफी मदद करती है एक render farm बनकर जहाँ की लाखों machines पर हमेशा movies चलती रहती हैं.
  • TV system में भी Linux का इस्तमाल menu system के लिए होता है.
  • सभी Android mobiles Linux platform पर run करती हैं.
  • यहाँ तक की आप अपने घर को भी Automate कर सकते हैं.
  • सभी Internet connection router Linux पर run करते हैं.
  • छोटे disk storage system manufacturer भी Linux पर run करते हैं.
  • Web App और Website Hosting भी.
  • सभी internet servers, databases, websites को Linux operating system के द्वारा ही चलाया और maintain किया जाता है.
  • सभी Stock exchanges भी Linux के Platforms पर ही चलते हैं.
  • आप एक Old और Slow PC को भी fast चला सकते हैं.
  • सभी ATM में भी payment process करने के लिए Linux Os का इस्तमाल होता है.
  • कोई भी Video Game Machine बनाने और dedicated Media Center के लिए इसका इस्तमाल होता है.

Linux Operating Systems का भविष्य

इसमें तो कोई भी सक नहीं है की Linux ही भविस्य का operating system है. ऐसा इसलिए क्यूंकि प्राय सभी latest technologies के foundation में Linux मेह्जुद है. आप कोई भी future technology बिना Linux के imagine ही नहीं कर सकते हैं. Embedded systems एक ऐसी ही उदहारण है जहाँ की Linux का भरपूर इस्तमाल किया गया है और जहाँ पर Linux को मुख्य रूप से इन applications को create और maintain करने के लिए इस्तमाल किया जाता है.

सभी बड़े organizations अब Linux का इस्तमाल सबसे ज्यादा कर रहे हैं Operating System के हिसाब से. चूँकि इसमें ऐसे बहुत से बेहतरीन features हैं जिससे इनकी demand दिनबदिन बढती ही जा रही है. इसके साथ कई system admin अपने job profile को windows से Linux operating system में change कर रहे हैं.

कोई भी नयी technologies जैसे की cloud computing, virtualization, VMware, database administration को सिखने के लिए आप Linux के विषय में जानकारी होना बहत जरुरी है. इसलिए मुझे ऐसा प्रतीत होता है की Linux Operating System का भविष्य आने वाले समय में बहुत उज्जवल है.

लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम से आप क्या समझते हैं?

LINUX एक ऐसी operating system है या एक kernel है जिसे की distribute किया गया होता है एक open-source license के अंतर्गत. इसकी functionality list काफ़ी समान होता है UNIX के जैसे ही. वहीं kernel एक ऐसा ही program होता है जो की Linux operating system में महजूद होता है वहीं ये सभी fundamental stuff करने में मदद करता है, साथ में ये hardware को software के साथ communicate करने में भी सहायता करता है। 

लिनक्स कितने प्रकार के होते हैं?

लिनक्स के तीन मुख्य distribution families होते हैं :१) Debian Family Systems (such as Ubuntu), २) SUSE Family Systems (such as openSUSE), ३) Fedora Family Systems (such as CentOS)।

लिनक्स कमांड क्या है?

less Command का प्रयोग लिनक्स सर्वर में किसी फाइल को Page By Page एक समय में एक पेज (one page at a time) पढ़ने के लिये किया जाता है!

लिनक्स का इस्तमाल कहाँ सबसे ज़्यादा होता है ?

Linux का सबसे ज़्यादा इस्तमाल commercial networking devices में होता है, लेकिन अभी के सभी में इसका इस्तमाल enterprise infrastructure में सबसे ज़्यादा होता है।  

Linux और Windows ऑपरेटिंग सिस्टम में क्या अंतर है ?

Linux एक open-source operating system होता है, वहीं Windows OS एक commercial operating system होता है। Linux में हमारे पास source code का access महजूद होता है, जिसे की हम चाहें तो अपने हिसाब से बदल भी सकते हैं। वहीं Windows में हमारे पास source code का access नहीं होता है।

लिनक्स की क़ीमत कितनी होती है ?

Linux की क़ीमत कुछ भी नहीं होती है, ये बिलकुल ही मुफ़्त होता है। आप चाहें तो Linux को एक से ज़्यादा Computers में इंस्टॉल कर सकते हैं वो भी बिना को फ़ीस दिए। 

क्या लिनक्स को एंटीवायरस की ज़रूरत होती है ?

जी नहीं, Linux को किसी भी प्रकार के Antivirus की ज़रूरत ही नहीं है। ऐसा इसलिए क्यूँकि Linux Operating System के लिए ज़्यादा Malware उपलब्ध नहीं है। वहीं विंडोज़ के लिए Antivirus की सबसे ज़्यादा ज़रूरत होती है।

क्या लिनक्स को हैक किया जा सकता है ?

हाँ, Linux को hack किया जा सकता है। इसमें भी आपको कुछ viruses, trojans, worms, और दूसरे प्रकार के malware देखने को मिलते हैं। लेकिन हाँ इसमें उतनी ज़्यादा ये सभी चीजें देखने को नहीं मिलती है।

लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम किस भाषा में लिखी गयी है ?

Linux ऑपरेटिंग सिस्टम मुख्य रूप से C language में लिखी गयी है। क़रीब 97 percent से ज़्यादा powerful supercomputers में Linux kernel का इस्तमाल होता है।

लिनक्स का आविष्कार किसने किया था ?

Linux का आविष्कार Linus Torvalds जी ने किया था। 

आज आपने क्या सीखा?

मुझे पूर्ण आशा है की मैंने आप लोगों को लिनक्स क्या है (Linux in Hindi) के बारे में पूरी जानकारी दी और में आशा करता हूँ आप लोगों को Linux क्या है in hindi के बारे में समझ आ गया होगा. मेरा आप सभी पाठकों से गुजारिस है की आप लोग भी इस जानकारी को अपने आस-पड़ोस, रिश्तेदारों, अपने मित्रों में Share करें, जिससे की हमारे बिच जागरूकता होगी और इससे सबको बहुत लाभ होगा.

मुझे आप लोगों की सहयोग की आवश्यकता है जिससे मैं और भी नयी जानकारी आप लोगों तक पहुंचा सकूँ. मेरा हमेशा से यही कोशिश रहा है की मैं हमेशा अपने readers या पाठकों का हर तरफ से हेल्प करूँ, यदि आप लोगों को किसी भी तरह की कोई भी doubt है तो आप मुझे बेझिजक पूछ सकते हैं.

मैं जरुर उन Doubts का हल निकलने की कोशिश करूँगा. आपको यह लेख लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम क्या है (Linux Operating System in Hindi) कैसा लगा हमें comment लिखकर जरूर बताएं ताकि हमें भी आपके विचारों से कुछ सीखने और कुछ सुधारने का मोका मिले. मेरे पोस्ट के प्रति अपनी प्रसन्नता और उत्त्सुकता को दर्शाने के लिए कृपया इस पोस्ट को Social Networks जैसे कि Facebook, Twitter इत्यादि पर share कीजिये.

लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम क्या है इतिहास बताइए?

लिनक्स यूनिक्स जैसा एक प्रचालन तन्त्र है। यह ओपेन सोर्स सॉफ्टवेयर अथवा मुक्त स्रोत सॉफ्टवेयर का सबसे कामयाब तथा सबसे लोकप्रिय सॉफ्टवेयर है। यह जीपीएल v 2 लाइसेंस के अन्तर्गत सर्व साधारण के उपयोग हेतु उपलब्ध है और इसका कुछ भाग यूनिक्स से प्रेरित है। मूलतः यह मिनिक्स का विकास कर बनाया गया है।

लिनक्स को कितने कंप्यूटर के लिए लिखा गया था?

आंकड़ों के अनुसार लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम एक मात्र OS है जिसे टॉप 500 सुपर कंप्यूटर में इस्तेमाल किया गया.

Linux ऑपरेटिंग सिस्टम से आप क्या समझते हैं Linux System के बेसिक आर्किटेक्चर की व्याख्या करें?

LINUX एक ऑपरेटिंग सिस्टम या कर्नेल है जो एक ओपन-सोर्स लाइसेंस के तहत वितरित(Distribute) किया जाता है। इसकी कार्यक्षमता सूची काफी कुछ यूनिक्स की तरह है। कर्नेल लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम के दिल(Heart) में एक प्रोग्राम है जो सॉफ्टवेयर के साथ हार्डवेयर संवाद(Communication) करने की तरह मौलिक सामान का ख्याल रखता है।

लिनक्स कितने प्रकार के होते हैं?

रेडहैट लिनक्स (Redhat Linux).
उबुन्टु लिनक्स (Ubuntu Linux).
मंड्रिवा लिनक्स (Mandriva Linux).
डेबियन लिनक्स (Debian Linux).
सुसे लिनक्स (Suse Linux).
नॉपिक्स लिनक्स (Knoppix Linux).
क्सानड्रोक्स लिनक्स (Xandros Linux).
बाँस लिनक्स (Bash Linux).