लखनवी अंदाज पाठ के माध्यम से लेखक क्या संदेश देना चा ते ैं? - lakhanavee andaaj paath ke maadhyam se lekhak kya sandesh dena cha te ain?

One Line Answer

लखनवी अंदाज़’ पाठ में निहित संदेश स्पष्ट कीजिए।

Advertisement Remove all ads

Solution

‘लखनवी अंदाज’ नामक पाठ के माध्यम से लेखक यह संदेश देना चाहता है कि हमें अपना व्यावहारिक दृष्टिकोण विस्तृत करते हुए दिखावेपन से दूर रहना चाहिए। हमें वर्तमान के कठोर यथार्थ का सामना करना चाहिए तथा काल्पनिकता को छोड़कर वास्तविकता को अपनाना चाहिए जो हमारे व्यवहार और आचरण में भी दिखना चाहिए।

Concept: गद्य (Prose) (Class 10 A)

  Is there an error in this question or solution?

Advertisement Remove all ads

Chapter 12: यशपाल - लखनवी अंदाज़ - अतिरिक्त प्रश्न

Q 14Q 13Next

APPEARS IN

NCERT Class 10 Hindi - Kshitij Part 2

Chapter 12 यशपाल - लखनवी अंदाज़
अतिरिक्त प्रश्न | Q 14

Advertisement Remove all ads

लेखक को नवाब साहब के किन हाव-भावों से महसूस हुआ कि वे उनसे बातचीत करने के लिए तनिक भी उत्सुक नहीं हैं?


लेखक ने डिब्बे में प्रवेश किया तो वहाँ पहले से ही एक सज्जन पुरुष पालथी लगाए सीट पर बैठे थे। उनके सामने खीरे रखे थे। लेखक को देखते ही उनके चेहरे के भाव ऐसे हो गए जैसे लेखक का आना अच्छा नहीं लगा। ऐसा लग रहा था जैसे लेखक ने उनके एकांत चिंतन में विघ्न डाल दिया था। इसीलिए वे परेशान हो जाते हैं। परेशानी की स्थिति में कभी खिड़की के बाहर देखते हैं और कभी खीरों को देखते हैं। उनकी असुविधा और संकोच वाली स्थिति से लेखक को लगा कि नवाब उनसे बातचीत करने में उत्सुक नहीं है।

700 Views


निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिये:
मूफ़स्सिल की पैसेंजर ट्रेन चल पड़ने की उतावली में फुँकार रही थी। आराम से सेकंड क्लास में जाने के लिए दाम अधिक लगते हैं। दूर तो जाना नहीं था। भीड़ से बचकर, एकांत में नई कहानी के संबंध में सोच सकने और खिड़की से प्राकृतिक दृश्य देख सकने के लिए सेकंड क्लास का ही ले लिया।
कौन-सी ट्रेन चलने के लिए उतावली हो रही थी?

  • राजधानी
  • पैसेंजर
  • गुडज़ 
  • गुडज़ 

123 Views


नवाब साहब ने बहुत ही यत्न से खीरा काटा, नमक-मिर्च बुरका, अंतत: सूँघकर ही खिड़की से बाहर फेंक दिया। उन्होंने ऐसा क्यों किया होगा? उनका ऐसा करना उनके कैसे स्वभाव को इंगित करता है?


नवाब साहब ने बहुत नजाकत और सलीके से खीरा काटा, उन पर नमक-मिर्च लगाया। उन नमक-मिर्च लगी खीरे की फाँकों को खाया नहीं अपितु सूँघकर खिड़की से बाहर फेंक दिया था। उनकी इस हरकत का यह कारण होगा कि वे एक नवाब थे, जो दूसरों के सामने खीरे जैसी आम खाद्‌य वस्तु खाने में शर्म भव करते थे। लेखक को अपने डिब्बे में देखकर नवाब को अपनी रईसी याद आने लगी। इसीलिए उन्होंने खीरे को मात्र सूँघकर ही खिड़की से बाहर फेंक दिया।

नवाब साहब के ऐसा करने से ऐसा लगता है कि वे दिखावे की जिंदगी जी रहे हैं। वे दिखावा पसंद इंसान थे। उनके इसी प्रकार के स्वभाव ने लेखक को देखकर खीरा खाना अपमान समझा।

गुड -शक्कर, मूँगफली, तिल, चाय, कॉफी आदि का प्रयोग किया जाता है। बरसात में कई लोग कढ़ी खाना अच्छा नहीं समझते। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार एकादशी को चावल नहीं खाने चाहिए।

633 Views


निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिये:
मूफ़स्सिल की पैसेंजर ट्रेन चल पड़ने की उतावली में फुँकार रही थी। आराम से सेकंड क्लास में जाने के लिए दाम अधिक लगते हैं। दूर तो जाना नहीं था। भीड़ से बचकर, एकांत में नई कहानी के संबंध में सोच सकने और खिड़की से प्राकृतिक दृश्य देख सकने के लिए सेकंड क्लास का ही ले लिया।
गाड़ी जाने के लिए क्या कर रही थी?

  • फूत्कार
  • फुँकार
  • चीत्कार
  • चीत्कार

77 Views


‘लखनवी अंदाज’ पाठ के माध्यम से लेखक क्या कहना चाहता है?


‘लखनवी अंदाज’ पाठ के लेखक यशपाल हैं। लेखक इस पाठ के माध्यम से यह बताना चाहता है कि बिना पात्रों, घटना और विचार के भी स्वतंत्र रूप से रचना लिखी जा सकती है। इस रचना के माध्यम से लेखक ने दिखावा पसंद लोगों की जीवन शैली का वर्णन किया है। लेखक को रेलगाड़ी के डिब्बे में एक नवाब मिलता है। नवाब बड़े सलीके से खीरे को खाने की तैयारी करता है लेकिन उसे लेखक के सामने खीरा खाने में संकोच होता है इसलिए अपने नवाबी अंदाज में लजीज रूप से तैयार खीरे को केवल सूँघकर खिड़की के बाहर फेंक देता है। नवाब के इस व्यवहार से लगता है कि वे लोग आम लोगों जैसे कार्य एकांत में करना पसंद करते हैं उन्हें लगता है कि कहीं किसी के देख लेने से उनकी शान में फर्क न आ जाए। आज का समाज भी ऐसी ही दिखावा पसंद संस्कृति का आदी हो गया है।

3450 Views


Question Description
lakhnavi Andaaz path Se Kya Sandesh Milta Hai Related: NCERT Solutions: पाठ 12 - लखनवी अंदाज़, क्षितिज II, हिंदी, कक्षा - 10 for Class 10 2022 is part of Class 10 preparation. The Question and answers have been prepared according to the Class 10 exam syllabus. Information about lakhnavi Andaaz path Se Kya Sandesh Milta Hai Related: NCERT Solutions: पाठ 12 - लखनवी अंदाज़, क्षितिज II, हिंदी, कक्षा - 10 covers all topics & solutions for Class 10 2022 Exam. Find important definitions, questions, meanings, examples, exercises and tests below for lakhnavi Andaaz path Se Kya Sandesh Milta Hai Related: NCERT Solutions: पाठ 12 - लखनवी अंदाज़, क्षितिज II, हिंदी, कक्षा - 10.

Solutions for lakhnavi Andaaz path Se Kya Sandesh Milta Hai Related: NCERT Solutions: पाठ 12 - लखनवी अंदाज़, क्षितिज II, हिंदी, कक्षा - 10 in English & in Hindi are available as part of our courses for Class 10. Download more important topics, notes, lectures and mock test series for Class 10 Exam by signing up for free.

Here you can find the meaning of lakhnavi Andaaz path Se Kya Sandesh Milta Hai Related: NCERT Solutions: पाठ 12 - लखनवी अंदाज़, क्षितिज II, हिंदी, कक्षा - 10 defined & explained in the simplest way possible. Besides giving the explanation of lakhnavi Andaaz path Se Kya Sandesh Milta Hai Related: NCERT Solutions: पाठ 12 - लखनवी अंदाज़, क्षितिज II, हिंदी, कक्षा - 10, a detailed solution for lakhnavi Andaaz path Se Kya Sandesh Milta Hai Related: NCERT Solutions: पाठ 12 - लखनवी अंदाज़, क्षितिज II, हिंदी, कक्षा - 10 has been provided alongside types of lakhnavi Andaaz path Se Kya Sandesh Milta Hai Related: NCERT Solutions: पाठ 12 - लखनवी अंदाज़, क्षितिज II, हिंदी, कक्षा - 10 theory, EduRev gives you an ample number of questions to practice lakhnavi Andaaz path Se Kya Sandesh Milta Hai Related: NCERT Solutions: पाठ 12 - लखनवी अंदाज़, क्षितिज II, हिंदी, कक्षा - 10 tests, examples and also practice Class 10 tests.

लखनवी अंदाज कहानी के माध्यम से लेखक क्या संदेश देना चाहते हैं?

'लखनवी अंदाज' नामक पाठ के माध्यम से लेखक यह संदेश देना चाहता है कि हमें अपना व्यावहारिक दृष्टिकोण विस्तृत करते हुए दिखावेपन से दूर रहना चाहिए। हमें वर्तमान के कठोर यथार्थ का सामना करना चाहिए तथा काल्पनिकता को छोड़कर वास्तविकता को अपनाना चाहिए जो हमारे व्यवहार और आचरण में भी दिखना चाहिए।

लखनवी अंदाज़ नामक व्यंग्य से हमें क्या संदेश मिलता है?

लखनवी अंदाज' नामक व्यंग्य का क्या संदेश है? Solution : प्रस्तुत निबन्ध में लेखक का व्यंग्य का संदेश है कि जीवन में स्थूल और सूक्ष्म दोनों का महत्व है। केवल गंध के सहारे किसी का पेट नहीं भर सकता। जो लोग केवल गंध और काल्पनिक स्वाद के सहारे पेट भरने का दिखावा करते हैं, वे ढोंगी हैं।

लखनवी अंदाज पाठ के शीर्षक की सार्थकता पर प्रकाश डालते हुए बताइए कि लेखक ने पाठ का शीर्षक यह क्यों रखा होगा?

लेखक ने कहना चाहा है कि लखनवी नताब लोग खीरा खाने के नाम पर केवल इसकी गंध और स्वाद लेते हैं। इसी में वे अपना बड़प्पन मानते हैं। परन्तु उनका यह अंदाज स्वाभाविक तथा जीवन-विरोधी है। इस विरोध को दिखलाने के लिए इस पाठ का शीर्षक .

लखनवी अंदाज़ पाठ में लेखक ने नई कहानी की क्या विशेषता बताई है?

'लखनवी अंदाज़' पाठ के आधार पर लिखिए। उत्तरः नवाब साहब ने अपनी नवाबी का परिचय देने के लिए खीरा खाने के स्थान पर उसकी फाँकों को सूँघ-सूँघकर खिड़की से बाहर फेंक दिया और वे इस क्रियाकलाप से थक गए ऐसा दिखाने के लिए लेट गए और लेखक को दिखाने के लिए डकार भी ली।