नई दिल्ली, Mangal Dosh: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, कुंडली में मौजूद हर एक ग्रह का अपना एक स्थान और लाभ होता है। लेकिन अगर इनमें से किसी एक ग्रह की भी दशा खराब हो जाएं तो व्यक्ति को कई तरह की शारीरिक, मानसिक और आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इसी तरह अगर किसी जातक की कुंडली में मंगल की दशा खराब है तो इसे मंगल दोष या फिर मांगलिक दोष के नाम से जाना जाता है। इसके कारण कर्ज का बोझ बढ़ जाता है। इसके अलावा प्रापर्टी संबंधी कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। आइए जानते हैं कि कुंडली में मंगल दोष कैसे बनता है, इसके लक्षण और कैसे करें बचाव। Show Astro: हाथ से सिंदूर, तेल सहित ये चीजें गिरना है अशुभ, करना पड़ सकता है आर्थिक, परिवारिक मुश्किलों का सामना यह भी पढ़ेंमंगल दोष के लक्षणज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जब कुंडली में किसी ग्रह की स्थिति खराब होती है तो वह संकेत देना शुरू कर देते हैं जिन्हें पहचान कर आप कुछ उपाय कर सकते हैं। इसी तरह मंगल ग्रह की स्थिति कुंडली में खराब होने पर वह कई तरह के संकेत देना शुरू कर देता हैं। जानिए इन लक्षणों के बारे में।
Shani Sade Sati: क्या है शनि की साढ़े साती? अशुभ परिणामों से बचने के लिए करें इन मंत्रों का जाप यह भी पढ़ेंकुंडली में किस भाव में होता है मंगल दोषज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जब जन्मपत्रिका में मंगल पहले, चौथे, सातवें, आठवें या बारहवें भाव होता है तो मंगल दोष का कारण बनता है। इसी कारण जातक के जीवन पर बुरा प्रभाव पड़ने लगता है। लेकिन कहा जाता है कि अगर जातक की कुंडली में मंगल ग्रह पर किसी शुभ ग्रह का प्रभाव पड़ता है तो इसका दुष्प्रभाव कम हो जाता है। कुंडली में मंगल ग्रह मजबूत करने के उपाय
Pic Credit- Freepik/instagram/bhagwan_ji_ki_bhakt Puja Tips: देवी-देवता की तस्वीर सहित पूजा संबंधित ये चीजें टूटना शुभ या अशुभ, जानिए यह भी पढ़ेंडिसक्लेमर' इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।' आपकी राय हमारे लिए महत्वपूर्ण है। खबरों को बेहतर बनाने में हमारी मदद करें।खबर में दी गई जानकारी और सूचना से आप संतुष्ट हैं? खबर की भाषा और शीर्षक से आप संतुष्ट हैं? खबर के प्रस्तुतिकरण से आप संतुष्ट हैं? खबर में और अधिक सुधार की आवश्यकता है? मंगल भावनाओं का स्वामी भी होता है इसलिए वैवाहिक जीवन की हर भावना को प्रभावित करता है. विवाह के समय इसीलिए मंगल दोष को देखना महत्वपूर्ण हो जाता है. मंगल का कुंडली के कुछ विशेष भावों में स्थित होना मंगल दोष कहलाता है. मान्यता है कि मंगली व्यक्ति का विवाह मंगली से ही कराया जाना चाहिए अन्यथा वैवाहिक जीवन में बड़ी समस्याएँ आ सकती हैं. कभी कभी तो ये भी कहा जाता है कि मंगल दोष होने से दूसरे पक्षकार की मृत्यु तक हो सकती है. कैसे बनता है मंगल दोष ? - मंगल एक क्रूर ग्रह है , अतः विवाह पर इसका प्रभाव होना एक समस्या बनता है. - जिस कुंडली में मंगल दोष होता है , वहाँ पर विवाह के मामले में सावधानी रखनी चाहिए. - कुंडली के लग्न, चतुर्थ, सप्तम, अष्टम और द्वादश भाव में मंगल, मंगल दोष पैदा करता है - यह अगर कुछ मामलों में ख़राब होता है तो कुछ मामलों में विशेष तरह का लाभ भी देता है अगर मंगल प्रथम भाव में हो ? - यहाँ व्यक्ति बहुत ज्यादा सुन्दर नहीं होता , चेहरे पर लालिमा रहती है - यहाँ मंगल माता और जीवनसाथी के प्रति ख़राब व्यवहार करवाता है - यहाँ वैवाहिक जीवन में समस्याएं आ जाती है - व्यक्ति साहसी और पराक्रमी होता है - कठिन से कठिन स्थितियों में भी समस्याओं पर विजय प्राप्त कर लेता है - इस मंगल के प्रभाव को समाप्त करने के लिए नियमित रूप से गुड़ का सेवन करें - लाल रंग का प्रयोग कम से कम करें अगर मंगल चतुर्थ भाव में हो ? - यह मंगल दोष सबसे कम अशुभ प्रभाव पैदा करता है - यह मंगल वैवाहिक जीवन में तालमेल में समस्या देता है - ऐसे लोग बड़े शक्तिशाली और आकर्षक होते हैं - दूसरों को बड़ी तेजी से अपनी और आकर्षित करते हैं - इस मंगल के प्रभाव को समाप्त करने के लिए हनुमान जी की उपासना करें - घर में सूर्य के प्रकाश की पर्याप्त व्यवस्था करें अगर मंगल सप्तम भाव में हो ? - यह मंगल व्यक्ति के अंदर उग्रता और हिंसा पैदा करता है - इसके कारण व्यक्ति चीज़ों को लेकर बहुत ज्यादा उपद्रव करता है - इस मंगल के कारण अक्सर वैवाहिक जीवन में हिंसा आ जाती है - पर यह मंगल संपत्ति और संपत्ति सम्बन्धी कार्यों में लाभकारी होता है - व्यक्ति बड़े पद और ढेर सारी सम्पत्तियों का स्वामी होता है - इस मंगल के प्रभाव को समाप्त करने के लिए मंगलवार का उपवास रक्खें - एक ताम्बे का छल्ला , मंगलवार को , अनामिका अंगुली में धारण करें अगर मंगल अष्टम भाव में हो ? - यह मंगल वाणी और स्वभाव को ख़राब कर देता है - इसके कारण जीवन में अकेलापन पैदा होता है - कभी कभी पाइल्स और त्वचा की समस्या हो जाती है - ऐसा मंगल वैवाहिक जीवन में अलगाव या दुर्घटनाओं का कारण बनता है - इस मंगल के कारण आकस्मिक रूप से धन लाभ होता है - व्यक्ति कभी कभी अच्छा शल्य चिकित्सक भी बन जाता है - इस मंगल के प्रभाव को समाप्त करने के लिए नित्य प्रातः मंगल के मंत्र का जाप करें - हर मंगलवार को हनुमान जी को चमेली का तेल और सिन्दूर चढ़ाएं अगर मंगल द्वादश भाव में हो? - यह मंगल सुख और विलास की इच्छा को भड़काता है - ऐसे लोग किसी भी चीज़ से संतुष्ट नहीं होते - यह मंगल वैवाहिक जीवन तथा रिश्तों में अहंकार की समस्या देता है - यह मंगल दोष भी सामान्य नकारात्मक होता है , बहुत ज्यादा नहीं - इस मंगल के कारण व्यक्ति विदेश में खूब सफलता पाता है - ढेर सारे लोगों के प्रेम और आकर्षण का पात्र बनता है - ऐसा मंगल होने पर मंगलवार का उपवास रखना लाभदायक होता है मंगल दोष कब नहीं माना जाता?-यदि मंगल वक्री, नीच, अस्त का हो तो मंगल दोष नहीं होता। -यदि मंगल-गुरु, मंगल-राहु या मंगल-चंद्र दोनों एक ही राशि में हों तो मंगल दोष नहीं लगता है। -केंद्र-त्रिकोण में शुभ ग्रह और 3,6,11 में पाप ग्रह हों तथा सप्तमेश सप्तम में हो तब भी मंगल दोष नहीं लगता है।
मंगल दोष है या नहीं कैसे पता करें?यदि किसी जातक के लग्न भाव, चतुर्थ भाव, सप्तम भाव, अष्टम भाव, द्वादश भाव में यदि मंगल स्थित हो तो कुंडली में मंगल दोष होता है। अगर जातक के लग्न भाव में सूर्य है तो उसका स्वभाव अत्यधिक तेज, गुस्सैल, और अहंकारी हो जाता है। चतुर्थ भाव में मंगल होने से सुखों में कमी आती है और अधिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
मंगल शुभ कब होता है?यदि मंगल की शुभ दृष्टि रहती है तो अच्छी होती है और यदि अशुभ दृष्टि हो तो यह भी अव्वल दर्जे की ही होती है। कुंडली के किसी भी एक घर में सूर्य के साथ बुध हो तो मंगल शुभ होता है। शनि-राहु या शनि-केतु जन्मकुंडली में एक ही घर में बैठे हो तो मंगल शुभ फल देने वाला होता है।
आंशिक मांगलिक दोष कितने साल तक रहता है?क्या आंशिक मांगलिक दोष शादी में बाधा उत्पन्न करता है? और 30 के बाद यह दोष स्वतः समाप्त हो जाता है? - Quora. कुछ ज्योतिषियों के अनुसार 28 वर्ष की आयु होने के बाद मांगलिक दोष अपने आप आपकी कुंडली से समाप्त हो जाता है।
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