मानसून को एक सूत्र में बाँधने वाला क्यों समझा जाता? - maanasoon ko ek sootr mein baandhane vaala kyon samajha jaata?

मानसून को एक सूत्र में बाँधने वाला क्यों समझा जाता है?

(i) पूरा भारतीय भूदृश्य इसकी जीव तथा वनस्पति, कृषि-चक्र, त्यौहार उत्सव आदि सभी मानसूनी लय के चारों ओर घूम रहे हैं।

(ii) सभी भारतवासी प्रतिवर्ष मानसून के आने की प्रतीक्षा करते हैं।

(iii) यह मानसूनी पवने हमें जल प्रदान कर कृषि की प्रक्रिया में तेजी लाती है और संपूर्ण देश को एक सूत्र में बांधती हैं।

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भारत की जलवायु अवस्थाओं की क्षेत्रीय विभिन्नताओं को उदाहरण सहित समझाएँ।

(i) गर्मियों के समय राजस्थान के मरुस्थल में कुछ स्थानों का तापमान लगभग 50o से. तक पहुँच जाता है जबकि जम्मू-कश्मीर में पहलगाम में तापमान लगभग 20o से. तक रहता है।

(ii) सर्दी में रात के समय जम्मू-कश्मीर में द्रास का तापमान 45o हो जाता है जबकि तिरुवंतपुरम यह 20o हो जाता है।

(iii) देश के अधिकतर भागों में जून से सितंबर तक वर्षा होती है, परन्तु कुछ क्षेत्रों जैसे तमिलनाडु तट पर अधिकतर वर्षा अक्टूबर और नवंबर में होती है।

(iv) हिमालय के ऊपरी भाग में वर्षण अधिकतर हिम के रूप में होता है तथा देश के अन्य भागों में यह वर्षा के रुप में प्राप्त होता है।

(v) तटीय क्षेत्रों के तापमान में कम अंतर होता है। देश के आंतरिक भागों में मौसमी अंतर अधिक होता है।

(vi) उत्तरी मैदानों में पूर्व से पश्चिम की ओर यह मात्रा वर्षा की मात्रा सामान्यतः घटती है।

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भारत के रेखा मानचित्र पर निम्नलिखित को दर्शाइए-
(1) 400 से.मी. से अधिक वर्षा वाला क्षेत्र।
(2) 20-40 से.मी.वर्षा वाला क्षेत्र।
(3) 60-100 से.मी.वर्षा वाला क्षेत्र।

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मानसून को परिभाषित करें। मानसून में विराम से आप क्या समझते हैं?

मानसून का अर्थ, एक वर्ष के दौरान मानसून पवन की दिशा में ऋतू के अनुसार परिवर्तन है।
मानसून में विराम: मानूसन की एक प्रकृति है 'वर्षा में विराम'। इसमें आर्द्र एवं शुष्क दोनों तरह के अंतराल होते है। मानसूनी वर्षा एक वर्ष में कुछ दिनों तक ही होती है। इसमें वर्ष रहित अंतराल भी होते है।

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भारत में होने वाली मानसूनी वर्षा एवं उसकी विशेषताएँ बताएँ।

भारत में होने वाली मानसूनी वर्षा एवं उसकी विशेषता निम्नलिखित है:

(i) भारत में मानसून अनिश्चित होता है।

(ii) भारत के विभिन्न स्थानों में वर्ष-प्रतिवर्ष प्राप्त होने वाली वर्षा की मात्रा में बहुत परिवर्तनशीलता पाई जाती है। ये 15% से 80% तक होती है।

(iii) मानसून में भारत के सभी भागों में एक समान वर्षा नहीं होती अलग-अलग क्षेत्रों में प्राप्त होने वाली वर्षा की मात्रा में अंतर पाया जाता है।

(iv) मानसून और ग्रीष्मकालीन मानसून की अवधि में भी अंतर पाया जाता है।

(v) लगातार भारी वर्षा के अंतराल के बाद बिना वर्षा वाला शुष्क अंतराल होता है।

(vi) भारत में होने वाली मानसूनी वर्षा की एक प्रमुख समस्या बाढ़ और सूखा है। एक और लगातार भारी वर्षा से बाढ़ आ जाती है, वही दूसरी ओर मानसून की विफलताओं के कारण कुछ क्षेत्रों में सूखा पड़ता है।

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शीत ऋतु की अवस्था एवं उसकी विशेषता बताइए।

शीत ऋतु की जलवायु की स्थिति:

(i) दिन गर्म और राते ठंडी होती है।

(ii) शीत ऋतु नवंबर से आरंभ होकर फरवरी तक रहती है।

(iii) सहित ऋतू में तापमान दक्षिण से उत्तर की ओर बढ़ने पर घटता जाता है।

(iv) भारत में उत्तर-पूर्वी व्यापारिक पवनें प्रभावित होती है इनके कारण कुछ मात्रा में वर्षा तमिलनाडु के तट पर होती है।

(v) शीत ऋतु में आसमान साफ, तापमान तथा आर्द्रता कम और पवनें शिथिल तथा परिवर्तित होती है।

(vi) यह कम दाब वाली प्रणाली भू-मध्यसागर के ऊपर उत्पन्न होती है तथा पश्चिम सपनों के साथ भारत में प्रवेश करती है। परिणामस्वरूप शीतकाल में वर्षा होती है तथा पर्वतो पर हिमपात होता है।

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मानसून को एक सूत्र में बांधने वाले क्यों समझा जाता है?

i) पूरा भारतीय भूदृश्य इसकी जीव तथा वनस्पति, कृषि-चक्र, त्यौहार उत्सव आदि सभी मानसूनी लय के चारों ओर घूम रहे हैं। (ii) सभी भारतवासी प्रतिवर्ष मानसून के आने की प्रतीक्षा करते हैं। (iii) यह मानसूनी पवने हमें जल प्रदान कर कृषि की प्रक्रिया में तेजी लाती है और संपूर्ण देश को एक सूत्र में बांधती हैं।

मानसून के विराम से आप क्या समझते हैं?

मानसून का अर्थ, एक वर्ष के दौरान मानसून पवन की दिशा में ऋतू के अनुसार परिवर्तन है। मानसून में विराम: मानूसन की एक प्रकृति है 'वर्षा में विराम'। इसमें आर्द्र एवं शुष्क दोनों तरह के अंतराल होते है। मानसूनी वर्षा एक वर्ष में कुछ दिनों तक ही होती है।

उत्तर भारत में वर्षा की मात्रा पूर्व से पश्चिम की ओर क्यों घटती जाती है?

उत्तर : उत्तर भारत में पूर्व से पश्चिम की ओर वर्षा की मात्रा इसलिए घटती जाती है क्योंकि बंगाल की खाड़ी से मानसून भारत में सबसे पहले उत्तर पूर्व में प्रवेश करती है । ऊंचे हिमालय पर्वत इन्हें आगे नहीं जाने देते । वाष्प से भरी होने के कारण पवनों की यह शाखा इस भाग में खूब वर्षा करती है।

भारत में अधिकतर वर्षा कुछ ही महीनों में क्यों होती है?

भारत में होने वाली वर्षा मुख्यतः दक्षिण-पश्चिमी मानसून पवनों के कारण होती हैं। मानसून की अवधि 100 से 120 दिनों के बीच होती है। इसलिए देश में होने वाली अधिकतर वर्षा कुछ ही महीनों में केंद्रित हैं।

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