मीरा के अनुसार श्री कृ ष्ण ने द्रौपदी की लाज कै से बचाई और प्रहलाद की रिा के नलए हरर ने कौन सा रूप धारण ककया? - meera ke anusaar shree kr shn ne draupadee kee laaj kai se bachaee aur prahalaad kee ria ke nale harar ne kaun sa roop dhaaran kakaya?

मीरा के अनुसार श्री कृ ष्ण ने द्रौपदी की लाज कै से बचाई और प्रहलाद की रिा के नलए हरर ने कौन सा रूप धारण ककया? - meera ke anusaar shree kr shn ne draupadee kee laaj kai se bachaee aur prahalaad kee ria ke nale harar ne kaun sa roop dhaaran kakaya?

 मीराकेपद

Extra  Questions and Answers

  1. मीराकेआराध्यदेवकौन हैं ?

     Answer -मीराकेआराध्यदेवश्रीकृष्णहैं|

2.                कृष्ण नेकिसकीलाजबचाईथी?

Answer - कृष्णनेदौपदीकीलाजबचाई थी|

  1. भक्तकीरक्षाहेतुभगवाननेकौनसाअवतार लियाथा?

Answerभक्तकीरक्षाहेतुभगवाननेनरसिंहअवतारलियाथा |

  1. मीराबाईनेश्रीकृष्णकेरूप-सौंदर्यकावर्णनकिसप्रकार कियाहै ?

Answer - मीराबाईनेकृष्णकेरूपसौंदर्यकावर्णनकरतेहुए कहाहैकिउनकेमस्तकपरमोरकेपंखोंसेबनासुंदरमुकुटशोभायमानहोरहाहै |उनकेगलेमेंवनफूलोंसेबनीहुईमालासुशोभितहोरहीहै |वेपीलेवस्त्रपहनकर मुरलीबजातेहुएगायचरारहेहैं |

  1. पहलेपदमेंमीराने प्रभुसेअपनीपीड़ाहरनेकीविनतीकिसप्रकारकीहै ?

Answer - मीरास्वयंकोहरिकाजनबतातीहैं, इसलिएप्रभुकोउनकीपीड़ाहरनी चाहिए |मीराप्रभुकोउनकेउसरूपकास्मरणकरातीहैं ,जिसमेवेरक्षकबनकरअपने भक्तोंकीरक्षाकरतेहैंऔरउनकेकष्टहरतेहैं | उदाहरणकेलिए: द्रौपदीकीलाज बचाना,भक्तप्रह्लादकीरक्षाकरना,डूबतेहुएहाथीकोबचानाआदि| मीरानेहरिसे अपनाउद्धारकरनेकीगुहारलगाईहै |

  1. दूसरेपदमेंमीराबाईश्याम कीचाकरीक्योंकरनाचाहतीहैं?

Answer - दूसरेपदमेंमीराबाई श्यामकीचाकरीइसलिएकरनाचाहतीहैं,क्योंकिवहदिन-रातकृष्णकेपासरहकरउनके दर्शनकरनाचाहतीहैं |वहउनकीभक्तहैं|वहउन्हेंप्रसन्नकरनेकेलिएउनके बाग-बगीचेमेंकामकरनाचाहतीहैं,ताकिश्रीकृष्णयहसबदेखकरप्रसन्नहोसकेंऔर मीराकोउनकीकृपाप्राप्तहोसके |

  1. निम्नलिखितपंक्तियोंकाभाव-सौंदर्य स्पष्टकीजिए |

हरिआपहरोजनरीभीर|
द्रोपदीरीलाजराखी,आप बढ़ायोचीर |
भगतकारणरूपनरहरि,धर्योआपसरीर |

भाव-सौंदर्य  -मीराबाई श्रीकृष्णसेप्रार्थनाकरतीहैंकिहेईश्वर!केवलआपहीइसदासीकेकष्टोंको दूरकरसकतेहैं|आपनेहीद्रौपदीकीसाड़ीकोबढ़ाकरउसेअपमानितहोनेसेबचाया था|आपनेनरसिंहअवतारलेकरप्रह्लादकोबचाया | आपनेडूबतेहुएहाथीकोबचाया |प्रस्तुतपंक्तियों मेंमीराकादास्य-भावस्पष्टरूपसेदिखाईदेताहै |प्रस्तुतपंक्तियाँगेयात्मकहैं |

  1. कृष्णकीचाकरीकरनेसेमीराकोकौनकौनसेतीन लाभमिलसकेंगे?

Answer - कृष्णकीचाकरीकरनेसेमीराकोतीनलाभ होंगे|वहकृष्णकेनित्यदर्शनपासकेंगी|वहचाहतीहैंकिवृन्दावनकीगलियोंमें कृष्णकीलीलाकायशोगानकरें |उनकीतीसरीऔरअंतिमइच्छाहैकिकिसीप्रकारउन्हें श्रीकृष्णकीभक्तिप्राप्तहोजाए |अपनेइन्हींतीनइच्छाओंकोउन्होंनेतीनलाभबतायाहै|

  1. मीरानेअपनेपदोंमेंप्रभुकेप्रतिअपनीभावनाऍ कैसेव्यक्तकीहैं?

Answer - मीरानेअपनेपदोंमेंअपनेआराध्य देवकेप्रतिअनन्यभक्ति-भावकोव्यक्तकियाहै |उनकेगिरधरगोपालहमेशाअपनेभक्तों परदया-भावरखतेहैं| मीराभीइसीदयाभावकोपानेकीआकांक्षारखतीहैं इसलिएवेदासीबननेकोभीतैयारहैं|श्रीकृष्णकेरूपमाधुर्यकावर्णनकरतेहुए वेभाव-विभोरहोजातीहैं| उन्होंनेअपनेपदोंमेंकृष्णसेमिलनेकीअधीरताको व्यक्तकियाहैजोभक्तकीस्थितिकोदर्शातीहै |

  1. मीराऊँचे-ऊँचे महलोंऔरबीचबीचमेंबगियाकीकल्पनाक्योंकी है?

Answer - मीराऊँचे-ऊँचेमहलोंऔरबीच-बीचमेंबगियाकीकल्पनाइसलिए करतीहैं ,क्योंकिवृन्दावनमेंकृष्णकाभव्यऔरऊँचामहलहै|वहइसमहलके बीचोंबीचसुंदरफूलोंसेसजीफुलवारीबनानाचाहतीहैं ,ताकिजबकृष्णवहाँआएँतो इनफूलोंसेसजीफुलवारीकोदेखकरखुशहोजाएँऔरमीराउनकेइसमोहितकरदेने वालेरूपकेदर्शनकरसकें |