इस लेख में जानेंगे मैथिलीशरण गुप्त किस काल के कवि हैं? गुप्ता जी ने भारत के अतीत का गौरवपूर्ण वर्णन किया है। उन्होंने बीसवीं शताब्दी की शुरुआत से अपना लेखन कार्य शुरू किया। उस समय भारत पर ब्रिटिश शासन का शासन था। जनता के मन में अपने प्रति हीन भावना घर कर चुकी थी।मैथिलीशरण गुप्त किस काल के कवि हैं?
मैथिलीशरण गुप्त किस काल के कवि हैं
मैथिलीशरण गुप्त आधुनिक काल के द्विवेदी युग (1900-1918 ई.) के पूर्ण प्रतिनिधि कवि हैं। खड़ी बोली कविता को लोकप्रिय बनाने में उनका योगदान असाधारण है। गुप्त जी का महत्व इस तथ्य में निहित है कि व्यापक आलोचनात्मक अनिच्छा के बावजूद वे आधुनिक समय के एक महान कवि हैं। उनकी प्रमुख कृतियाँ भारत भारती, पंचवटी, जयद्रथ वध, यशोधरा, साकेत आदि हैं।
यदि हम गुप्त जी के राष्ट्रीय कवि के रूप में प्रसिद्ध होने के अन्य कारणों को देखें, तो हम पाते हैं कि उन्होंने आम जनता की भाषा को कविता की भाषा के रूप में इस्तेमाल किया। बता दें कि गुप्त से पहले भारतेंदु युग में खड़ी बोली में गद्य लिखा जा रहा था लेकिन कर्मकांडों के प्रभाव के कारण कविता ब्रज भाषा में ही लिखी जा रही थी। भारत-भारती ने जहाँ एक ओर लोगों में राष्ट्रीय चेतना का विकास किया, वहीं दूसरी ओर हिन्दी साहित्य ने कविता की भाषा को खड़ी बोली के रूप में स्थापित किया।
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