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क्या आपको पता है डेटाबेस क्या है? What is Database in Hindi और डेटाबेस के प्रकार यह तो आपको पता ही होगा कि आज की दुनिया में Data or Information की कितनी ज्यादा मांग है Data और Information बहुत ही कम समय में आपको Internet में ढूंढने से मिल जाते हैं ।

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आपको इतना सा काम करना होता है कि आपको अपने Mobile के Browser में या Google Search Engine में आपको अपने सवालों को लिखना होता है । Internet में दिखने वाली हर चीज किसी ना किसी Database में Store रहती है । 

साथ के इस पोस्ट में हम Database से संबंधित सभी सवालों के बारे में हिंदी में जानेंगे वैसे आपने Data का नाम तो सुना होगा लेकिन Database के बारे में जानने से पहले आपको Data के बारे में जाना होगा । 

आपके Mobile से Computer में कोई भी जानकारी दो फाइलों, चित्र, वीडियो या फिर अन्य रूप में Store करके रखा जाता है उसे Data कहा जाता है । Data से मिलकर हैं, Database बना है तो चलिए जानते हैं कि Database क्या है और डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम क्या है इसके फायदे क्या हैं और Database क्यों जरूरी है ।

डेटाबेस क्या है? Database in Hindi 

यह सूचनाओं का एक ऐसा Organised Collection होता है, जिससे हम किसी भी सूचना को सरलता से प्राप्त कर सकते हैं। उसे डेटाबेस (Database) कहते है। Database व्यवस्थित इसलिए होता है, क्योंकि इसमें किसी भी Data या Information को एक निश्चित स्थान पर पहले से तय किए हुए रूप में रखा जाता है, ताकि कभी भी आवश्यकता पड़ने पर उसे आसानी से ढूंढ कर देखा जा सके। 

व्यवस्थित Database में हमें निम्नलिखित कार्य की सुविधा होती है:

  • आवश्यक सूचना को निकालना (Retrieving) । 
  • सूचनाओं के अनुसार उचित कार्यवाही करना या निर्णय लेना। 
  • सूचनाओं को नई आवश्यकताओं के अनुसार फिर से व्यवस्थित करना।
  • सूचनाओं के आधार पर रिपोर्ट आदि बनाना तथा नई सूचनाएँ निकालना। 

एक Database, नामों की सूची की एक फाइल के रूप में आसान भी हो सकता है और Data की बहुत-सी Files के समूह के रूप में कठिन भी हो सकता है। 

डेटाबेस के कितने प्रकार है? Types of Database in Hindi

Database मुख्य रूप से तीन प्रकार का होता है, जो कि निम्नलिखित है।

Network Database

इस प्रकार Database में, Data Record के समूह के रूप में तथा Data के बीच सम्बन्ध Link के माध्यम से दर्शाया जाता है। 

Hierarchical database 

इस प्रकार के Database में, Data को वृक्ष के रूप में Nodes के माध्यम से व्यवस्थित किया जाता है। Hierarchical database में Nodes आपस में Link के माध्यम से जुड़ी होती हैं। 

Relational Database

Relational Database को Structured Database भी कहा जाता है, जिसमें Data को Tables के रूप में Store किया जाता है। इन Data सारणियों में Column, सारणी में Store होने वाले data के प्रकार को तथा Rows data को दर्शाती हैं। 

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कम्प्यूटरीकृत डेटाबेस की आवश्यकता ( (Need Of Computerised Database) 

हाथ से बनाए गए डेटाबेस (हस्तचालित डेटाबेस) में बहुत-सी समस्याएं होती है, जैसे कि

1. नया Data जोड़ने की समस्या, 

2. Data को बदलने की समस्या,

3. Data को अपनी शतों के अनुसार प्राप्त करने की समस्या आदि। 

इन सभी समस्याओं को दूर करने के लिए कम्प्यूटरीकृत Database का निर्माण किया गया। इसमें सभी सूचनाएँ Computer पर रखी जाती हैं और Computer की सहायता से ही उनका रखरखाव तथा Processing की जाती है। Computer पर डेटाबेस बनाने के कई Processing की जाती है। Computer पर डेटाबेस बनाने के कई कारण है, जो निम्नलिखित हैं:

  1. Computer पर बड़े आकार का डेटाबेस सरलता से बनाया जा सकता है, क्योंकि उसमें Data को Store करने की Capacity अधिक होती है। 
  2. Computer की कार्य करने की गति तेज होने के कारण कितने भी बड़े डेटाबेस में से कोई भी इच्छित सूचना निकालना और डेटाबेस पर विभिन्न क्रियाएं करना आदि कार्य बहुत कम समय में ही सम्पन्न हो जाते हैं। इतना ही नहीं तेज गति के कारण उस पर कोई लम्बी-चौड़ी रिपोर्ट निकालना और छापना मिनटों का कार्य होता है। 
  3. इसमें हस्तचालित database की तुलना में बहुत कम खर्च आता है। 

डेटाबेस के कितने अवयव (Components) होते है

एक डेटाबेस विभिन्न प्रकार के अवयवों से मिलकर बना होता है। डेटाबेस का प्रत्येक अवयव Object कहलाता है। 

प्रत्येक डेटाबेस फाइल में आप अपने Data को विभिन्न Tables में विभाजित कर सकते हैं, Form के माध्यम से सारणी के डेटा को देख सकते हैं, नया डेटा जोड़ सकते हैं तथा Update भी कर सकते हैं, Queries के माध्यम से आवश्यकतानुसार सारणियों में से Data को खोज सकते हैं। तथा पुनः प्राप्त कर सकते हैं और Report के माध्यम से Data का Analyse तथा Data को एक विशेष layout में Print कर सकते हैं। 

डेटाबेस के अवयवों का विस्तार पूर्वक वर्णन निम्नलिखित हैं:

  1. Data 

किसी वस्तु, व्यक्ति या समूह के बारे में किसी तथ्य अथवा जानकारी को डेटा (Data) कहा जाता है। किसी व्यक्ति का नाम, किसी वस्तु का वजन तथा मूल्य, किसी कक्षा के विद्यार्थियों की उम्र आदि ये सभी Data के उदाहरण हैं। 

2. Information 

जब किसी Data को सार्थक तथा उपयोगी बनाने के लिए संसाधित, व्यवस्थित, संरचित किया जाता है, तो उसे हम सूचना (Information) कहते हैं।

संक्षेप में, Data, Database में Store मूल्यों को Refer करता है, जबकि Information उन मूल्यों से निकाले गए निष्कर्ष या अर्थ को संदर्भित करती है।

3. Table

वैसे तो Database कई प्रकार के होते हैं, परन्तु सबसे अधिक प्रचलित और प्राकृतिक Database Relational Database हैं, जिसमें data एक सारणी के रूप में Store होता है। सारणी, स्तम्भ तथा पंक्तियों के कटाव से बने Cells से मिलकर बनी होती है, यही Cell सारणियों में Data को Store करने के लिए प्रयोग की जाती है। इन सारणियों पर विभिन्न प्रकार के Operation, जैसे कि Data को Store करना, Filtering करना, पुनः प्राप्त करना, Data का सम्पादन करना आदि किए जा सकते हैं। मुख्य रूप से, सारणी Field तथा Record से मिलकर बनी होती है जिनका विवरण निम्नलिखित हैं: 

4. Field

Chart के प्रत्येक column को Field कहते हैं, प्रत्येक Field का एक निश्चित नाम होता है, जिसमें उसे पहचाना जाता है। प्रत्येक Field का नाम उस Field में Store होने वाले डेटा के प्रकार को बताता है। उदाहरण के लिए विद्यार्थी का Name, City, Country, Telephone No. आदि Field के नाम हो सकते हैं। 

5. Record

Chart की प्रत्येक पंक्ति को Record कहा जा सकता है। दूसरे शब्दों में, ‘One Record One Entity’ (जैसे कि वस्तु, व्यक्ति, आदि) से सम्बन्धित सभी Fields में उपस्थित Data का Store होता है। उदाहरण के लिए, आपके मित्रों के Name तथा Telephone No. वाले डेटाबेस की संरचना नीचे दिखाए गए चित्र की तरह हो सकती है।

NameTelephone No.Rakesh0123Ridhi4567Hradesh 7869Hari4123Kamal 8445

आप देख सकते हैं कि दी गई सारणी Friends में दो Field हैं- Name. Telephone_No. और पाँच Record है।

उदाहरण के लिए (Hradesh, 7869) एक रिकॉर्ड है। 

6. Queries

किसी Chart या Database से आवश्यकतानुसार Data को निकालने के लिए जो आदेश दिया जाता है, उसे Queries कहा जाता है। 

उदाहरण के लिए, आप अगर मेरठ शहर में रहने वाले मित्रों की सूची निकालनी चाहें, तो इसे एक Queries कहेंगे। Queries आपकी आवश्यकतानुसार डेटा को निकालने के लिए आवश्यक Fields, शते, सारणी का नाम आदि को दर्शाता है। किसी Queries के उत्तर में जो Informations या Record Database से निकाले जाते हैं, उसे उस Queries का Dynaset कहते हैं।

7. Forms

यद्यपि आप Chart में Data को Store कर सकते हैं। तथा सुधार भी सकते हैं, लेकिन Chart में डेटा को Store करना तथा सुधारना आसान नहीं होता है। इस समस्या को Form की सहायता से दूर कर सकते हैं। Form आपकी Screen पर एक ऐसी Window होती है, जिसकी सहायता से आप किसी सारणी में भरे गए डेटा को देख सकते हैं, सुधार सकते हैं और नया Data Add भी सकते हैं, सामान्यतः Form एक समय पर एक Record को देखने तथा सुधारने के लिए प्रयोग किया जाता है। 

8. Reports

सरल शब्दों में कोई Report एक ऐसा Dynaset है, जिसे कागज पर छापा गया हो, आप किसी Dynaset की Informations को किन्हीं आधारों पर समूहबद्ध कर सकते हैं।

डेटाबेस के अनुप्रयोगी क्षेत्र ( (Application Areas of Database) 

डेटाबेस का उपयोग विभिन्न क्षेत्रों में किया जाता है। जिनमें से कुछ क्षेत्र निम्नलिखित हैं:
> Banking के क्षेत्र में Customers की Personal Information, उनके Accounts Information की सूचना, Loans आदि की सूचना रखने के लिए। 
> विश्वविद्यालयों में विद्यार्थियों की Information, उनके digit, Course Registration की सूचना आदि रखने के लिए।
> Airline में Reservation तथा कार्यक्रम की सूचना आदि के लिए। 
> Credit Card के लेन-देन में (Credit-card Transaction) Credit Card के द्वारा खरीदारी तथा मासिक लेन-देन की रिपोर्ट तैयार करने के लिए।
> Telecom के क्षेत्र में Call की Monthly Record रखने के लिए, Monthly Bill बनाने के लिए। Sale के क्षेत्र में Customers, उत्पादों तथा खरीदारी की सूचना रखने के लिए।
> Finance क्षेत्र में बिक्री तथा खरीद के बारे में जानकारी संग्रहीत करने के लिए। Human Resource के क्षेत्र में कर्मचारियों, उनके वेतन, टैक्स आदि के बारे में जानकारी संग्रहीत करने के लिए। 

DBMS Full Form – Database Management System होता है।

डेटाबेस प्रबन्धन प्रणाली क्या है? (Database Management System in Hindi) 

Computerised Database के निर्माण तथा रख-रखाव के लिए हमें एक विशेष प्रकार के Software की आवश्यकता होती है, जिसे Database Management System (DBMS) कहा जाता है। मुख्यतः यह एक Computer आधारित Record के रखरखाव की प्रणाली है अर्थात् यह एक ऐसी प्रणाली है, जिसका उद्देश्य Record एवं Informations को सम्भाल कर रखना है। यह उपयोगकर्ता को एक ऐसा वातावरण प्रदान करती है, जिसके माध्यम से Data को Store करना तथा पुनः प्राप्त करना बहुत ही सुविधाजनक हो जाता है। MySQL, INGRES, MS ACCESS आदि इसके उदाहरण हैं।

DBMS की विशेषताएँ क्या है

DBMS की विशेषताएँ निम्नलिखित हैं:

  • Database का निर्माण करना 
  • नए Data को शामिल करना या जोड़ना। 
  • वर्तमान Data को संपादित करना। 
  • Data को अस्थायी एवं स्थायी रूप से मिटाना। 
  • Information Technology को ढूंढना एवं प्राप्त करना। 
  • Data को क्रमबद्ध रूप से व्यवस्थित करना।
  • आकर्षक एवं अर्थपूर्ण रिपोर्ट्स को Design करना एवं Print करना। 

डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम सॉफ्टवेयर कौन-कौन से हैं?

  • MySQL
  • SQLite
  • Microsoft SQL Server
  • Oracle
  • Microsoft Access
  • dBase
  • IBM DB2
  • PostgreSQL
  • Foxpro
  • MariaDB
  • NoSQL

डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम का उपयोग कहां होता है?

  • Banking
  • Airlines
  • Telecommunication
  • Railway Reservation System
  • Library Management System
  • Social media sites
  • Military
  • Manufacturing
  • Online Shopping
  • HR Management, Etc.

डेटाबेस के उदाहरण

वैसे तो बहुत सारे DBMS सॉफ्टवेयर हैं, परंतु उनमें से कुछ महत्वपूर्ण निम्नलिखित हैं:

  1. My SQL Database

यह एक प्रकार का Object relational database management System होता है। इसका नाम Co-founder Michael Windenius की बेटी के नाम पर रखा गया है। SQL का मतलब Structured query language होता है। इस सॉफ्टवेयर कंपनी का नाम my SQL lab है। इसकी स्थापना 1995 में की गई थी अब यह कंपनी Oracle Corporation के अधीन आती है।

  1. Oracle

यह DBMS एक के rational DBMS है, Oracle database को सामान्य रूप से Oracle RDBMS के नाम से जाना जाता है। इस डेटाबेस को Larry Ellison और उनके मित्र Co-founder, Bob miner and Ad Ostad ने मिलकर बनाया था। जिसका नाम software development laboratories रखा गया। इस तरह के डेटाबेस का इस्तेमाल बड़ी कंपनियों के द्वारा किया जाता है। यह डेटाबेस अपने आप में पहला डेटाबेस है। जिसका इस्तेमाल Enterprises Grid Computing के लिए Design करने में किया गया है।

  1. Microsoft Access

Computer Technology की जानी-मानी कंपनी माइक्रोसॉफ्ट द्वारा डाटाबेस को संचालन किया जाता है। यह डेटाबेस, rational Microsoft Jet Database Engine को एक Graphical User Interface के साथ software development tools के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है।

  1. Foxpro

Foxpro वास्तव में एक Text based proceedurally oriented programming language है लेकिन इसके साथ ही Foxpro का इस्तेमाल database management system के लिए भी किया जाता है।

एक object oriented programming language है। इस Software का पहला Version Fox Software ने Publish किया था लेकिन बाद में माइक्रोसॉफ्ट ने इसमें कुछ बदलाव किए और इससे MS Dos, Windows and Unix version में इस्तेमाल करने के लिए Develop किया गया वर्तमान में इसका नाम Visual Foxpro है, कुछ कारणों से इसे 2007 में बंद कर दिया गया।

  1. D base

सभी database management system में भी देश को सबसे पहले बनाया गया था। यह DBMS अपने जमाने में काफी प्रसिद्ध Software था। इसमें User तो कई सारे Features मिलते थे जिनमें Query System, database engine, form engine शामिल थे। इसमें एक साथ तीनों Components को Run कराने के लिए Programming Language का इस्तेमाल किया गया था। database management system को साल 1980 में ASHTON – TATE ने बनाया था।

DBMS के क्या लाभ है (Advantages of DBMS)

DBMS के के कई लाभ है जो निम्नलिखित हैं

  • Reduction in Data Repetition 

इसे अच्छी तरह व्यवस्थित किए गए डेटाबेस में सामान्यतः Data का कोई दोहराव नहीं होता। समस्त Data को एक जगह रखे जाने के कारण हर सूचना को केवल एक बार Store किया जाता है। 

  • Data Consistency

Data के एक ही स्थान पर केंद्रित होने के कारण Data की स्थिरता बनी रहती है, क्योंकि उसमें एक ही सूचना के दो मानों की संभावना समाप्त हो जाती है। Data अस्थिर तब होता है जब Data दो जगह रखा गया हो और केवल एक जगह सुधारा गया हो।

  • Data Sharing 

Data की साझेदारी करके एक समय पर कई Program data का प्रयोग कर सकते हैं। जिससे Programs को अपना डेटाबेस तैयार करने की आवश्यकता नहीं होती और बहुत-सा समय और परिश्रम बच जाता है। 

  • Security of Data

Database management System (DBMS) Data को निषिद्ध उपयोगकर्ताओं तथा अवैध परिवर्तन से बचाता है। यह केवल अधिकृत उपयोगकर्ताओं को Data का प्रयोग करने की अनुमति प्रदान करता है। 

  • Data Integrity 

Data की सम्पूर्णता, Data की Overall Completeness, Accuracy तथा Consistency को सन्दर्भित करती है। 

यह एक Data Record के दो Updates के बीच परिवर्तन के अभाव को दर्शाता है। यह दर्शाता है कि Database में Store Data बिल्कुल सही है और नवीनतम है।

डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम के नुकसान (Disadvantage of DBMS)

  • डाटाबेस Administrator, Programmer, Operator,  जैसे कई स्टाफ की जरूरत पड़ती है और इनके लिए एक अच्छी ट्रेनिंग इन्हें देने की जरूरत होती है।
  • DBMS एक काफी बड़ा Software है इसलिए इसे सही तरीके से चलाने के लिए High Configuration System की जरूरत होती है जो बहुत ही Costly होती है।
  • इसमें सभी डाटा को एक ही Database में स्टोर किया जाता है, इसलिए इसके Failure होने की संभावना अधिक होती है।
  • इसके Hardware और Software काफी Costly होते हैं।

DBMS की सीमाएँ (Limitation of DBMS)

DBMS के कई लाभ है, लेकिन साथ ही इसकी कुछ सीमाएँ भी हैं जो निम्नलिखित हैं:

  • Cost of Hardware and Software 

Software को चलाने के लिए Data को तीव्र गति से Process करने वाले Processor और अधिक क्षमता वाली Memory की आवश्यकता होती है, जिनकी लागत अधिक होती हैं। 

  • Complexity 

एक डेटाबेस प्रबंधन प्रणाली (DBMS) के अच्छे कार्य करने की क्षमता की पूर्व-कल्पना करना उस DBMS Software को कठिन बना देती है। Database management System को समझने की विफलता एक Organisation के लिए गंभीर परिणामों का कारण बन सकती है। 

  • Cost of Staff Training 

अधिकतर DBMS Software अत्यन्त जटिल होते हैं, इसलिए उपयोगकर्ताओं को डेटाबेस का प्रयोग करने के लिए एक प्रशिक्षण देने की आवश्यकता होती है। इस प्रकार, DBMS Software चलाने के लिए संगठन को कर्मचारियों के प्रशिक्षण के लिए एक बड़ी राशि का भुगतान करना पड़ता है। 

  • Appointing Technical Staff 

एक संगठन में डेटाबेस के लिए Trained Technical Staff जैसे कि Database Administrator, Application Programmers आदि की आवश्यकता होती है, जिसके लिए संगठन को इन व्यक्तियों को एक अच्छे वेतन का भुगतान करना पड़ता है जिससे प्रणाली की लागत बढ़ जाती है। 

  • Database Failure 

अधिकांश संगठन में सभी Data एक ही Database में एकीकृत होता है। यदि Power off हो जाने के कारण Database विफल हो जाता है या डेटाबेस Storage Device पर ही Fail हो जाता है। तो हमारा सभी Valuable Data Loss हो सकता है या हमारी पूरी प्रणाली बंद हो सकती है।

DBMS की संरचना कितने स्तरों की होती है

DBMS की संरचना तीन स्तरों से मिलकर बनी होती है, जिनका विवरण निम्नलिखित हैं 

Internal Level

इस स्तर में, डेटाबेस के भौतिक संग्रहण की संरचना का वर्णन करता है। यह वर्णित करता है कि वास्तव में डेटा डेटाबेस में कैसे Store और व्यवस्थित होता है। वह यह भी निर्धारित करता है कि कौन-सी Indexes मौजूद हैं, Store किए गए रिकॉर्ड किस क्रम में हैं आदि। इसे भौतिक स्तर (Physical Level) भी कहा जाता है।

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Conceptual Level 

इस स्तर में, पूर्ण डेटाबेस की संरचना होती है। यह स्तरों के मध्य जानकारी के रूपांतरण की प्रक्रिया होती है। यह डेटाबेस में Store Data के प्रकार को तथा Data के बीच सम्बन्ध को वर्णित करता है। इसे Logical Level भी कहा जाता है।

External Level 

इस स्तर में Data व्यक्तिगत उपयोगकर्ता द्वारा उपयोग में लाया जाता है। यह डेटाबेस के उस भाग का वर्णन करता है जो उपयोगकर्ता के लिए उपयोगी होता है। यह उपयोगकर्ताओं को उनकी आवश्यकतानुसार Data को Access करने की अनुमति इस प्रकार करता है, ताकि एक ही Data एक ही समय पर कई Users द्वारा प्रयोग किया जा सके। यह स्तर डेटाबेस की सूची को उपयोगकर्ता से छिपाता है। यह स्तर अलग-अलग उपयोगकर्ता के लिए अलग-अलग होता है। इसे (View Level भी कहा जाता है।

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डेटाबेस की भाषाएँ (Database Languages) क्या है  

सैद्धान्तिक रूप से किसी दिए गए डेटा की उपभाषाएँ दो भाषाओं के समूह होती

Data Definition Language-DDL 

यह Language Database objects की विशेषताओं को परिभाषित करती है, इसका उपयोग Data Structure, Array View आदि को परिभाषित करने हेतु होता हैं। 

Data Manipulation Language 

यह Language DDL के द्वारा परिभाषित Objects को Manually करती है या Process करती है। इसका प्रयोग Data को जोड़ने मिटाने (Deletion), Modification सारणी से सूचना को Retrieve करने के लिए होता है। 

रिलेशनल डेटाबेस क्या है? (Relational Database in Hindi) 

Relational Database में Data को 2-Dimensional Tables के रूप में संग्रहीत किया जाता है। इन सारणियों को रिलेशन (Relation) भी कहा जाता है। Relation Database के रख-रखाव के लिए Relational Database Management System-RDBMS की आवश्यकता होती है। RDBMS, DBMS का ही एक प्रकार है। Relational Database की मुख्य विशेषता यह है कि एक Single Database में एक से अधिक Chart को Store किया जा सकता है और ये Charts आपस में सम्बन्धित होती है।

 Related Terminology

Relational Database की कुछ सम्बन्धित पदावली निम्नलिखित हैं:

1.Relation

Relation के अन्तर्गत एक Table तैयार की जाती है जो एक Sequential File को निरूपित करती है, जिसमें टेबल की Rows File के Record को इंगित करती है एवं Column Record के Field को दर्शाता है। ये Table Relation ही होते हैं। Relation को High Level Files के रूप में समझा जाता है, जिसमें 

  • प्रत्येक Relation में एक ही तरह के Record होते हैं। 
  • किसी दिए गए Relation में प्रत्येक Record के Fields की संख्या समान होती है। 
  • प्रत्येक Record का एक अलग Identifier होता है। 
  • Relation के अन्दर Record किसी विशेष क्रम में व्यवस्थित होते हैं। 

इसके लिए निम्नलिखित उदाहरण पर विचार कीजिए

Relation : Part

P#P Name ColourWeightCity P1Nut Red12LondonP2BoltGreen 15ParisP3Screw Blue18RomeP4ScrewRed14LondonP5CarnBlue19Paris

Tuple क्या है

Relation में प्रत्येक Record को Tuple कहा जाता है। उदाहरण के लिए, दिए गए रिलेशन Parts में पाँच ट्यूपल है। उनमें से एक ट्यूपल (P2. Bolt, Green, 15, Paris) है जो एक Part के विषय में एक विशेष सूचना हैं। 

Attribute क्या है 

Relation के संदर्भ में प्रत्येक Field को Attribute कहते हैं। उदाहरण के लिए, दिए गए Relation Parts में पाँच Attribute (PF, P Name, Colour, Weight, City) हैं। जिनमें से प्रत्येक कॉलम एक Part के विषय सूचना प्रदान करता है। 

Domain क्या है 

Relation के सन्दर्भ में Domain मानों का एक समूह होता है जिससे किसी कॉलम में दिए गए वास्तविक मानों को व्युत्पन्न किया जा सकता है। 

उदाहरण के लिए, हम निम्न रिलेशन पर विचार कर सकते हैं।

Relation: S

S#S NameStatusCityS1 Amar30ParisS2Mohan20New Delhi S3Ram10London

Relation: P

P#P NameStatusQualityP1Nut12AP2Bolt15BP3Screw25C

Relation: SP

P#5#QuantityP1S1300P2S2400P3S1200P2S1300P1S2200

यहाँ SP Table के P# Column में जो मान दिए गए हैं उन्हें P Table से व्युत्पन्न किया गया है एवं SP Table के S# Column में जो मान दिए गए हैं उन्हें 5 Table से व्युत्पन्न किया गया है। अतः यहाँ Table P एवं Table S एक Domain के रूप में हैं, जिनसे P# एवं S# मानों को व्युत्पन्न कर एक SP Table तैयार किया गया है।

Cardinality क्या है 

Relation के सन्दर्भ में Tuple (Records) की कुल संख्या को Cardinality कहते हैं। अतः ऊपर वर्णित उदाहरण के लिए रिलेशन P की Cardinality 3.5 की 3 एवं SP की 5 है।

Degree क्या है  

Relation के सन्दर्भ में Attribute(Field या Column) की कुल संख्या को Relation की Degree कहते हैं। अतः ऊपर दिए गए उदाहरण में रिलेशन P की डिग्री 4,5 की 4 एवं SP की 3 है।

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Key-Field क्या है 

सामान्यतः किसी Database के हर Record को उसकी Record संख्या द्वारा पहचाना जाता हैं, लेकिन सभी Records की Record संख्या को याद रखना संभव नहीं है। इसलिए किसी Record को पहचानने के लिए हम उसके एक Field को मुख्य Field या की-Field मान लेते हैं। 

Key के कितने प्रकार होते है

की (Key) कई प्रकार की होती है, जो निम्नलिखित हैं 

(i) Primary Key

‘Primary Key’ किसी Relation का एक Attribute होता है, जिसमें विभिन्न मान होते हैं और जिनका प्रयोग उस Relation के Tuple को निर्धारित करने में किया जाता है। Primary की के रूप में चुना गया Field NULL Value स्वीकार नहीं कर सकता। उदाहरण के लिए, Relation P के लिए Attribute PF की यह विशेषता है कि प्रत्येक Relation में एक विशिष्ट P= मान होता है एवं यह मान उस tuple को उस Relation के अन्य Tuple से पृथक् करता है। इस स्थिति में Relation P के लिए P को एक Primary की कहा जाता है। 

(ii) Candidate Key

कभी-कभी ऐसे Relation भी उत्पन्न होते हैं जिनमें एक से अधिक Attribute का समूह होता है जिसमें विशेष निर्धारक गुण होते हैं एवं इसके लिए एक से अधिक की (Key) का निर्माण करना आवश्यक हो जाता है। वह की जिस पर Specific determinant property प्रयुक्त किए जाते हैं, Candidate की कहलाती है। 

किसी एक Relation में एक या एक से अधिक Candidate की हो सकती है। दिए गए उदाहरण में Relation 5 में Attribute S# एवं SNAME की यह विशेषता है- प्रत्येक Tuple में एक विशिष्ट S# एवं SNAME मान है। जिसका उपयोग उस Tuple को उस Relation में विद्यमान बाकी सभी Tuple से पृथक् से करने में किया जाता है। 

(ii) Alternate Key

Alternate की वह होती है जो Primary की नहीं होती। इसकी उपयोगिता उस Relation के लिए होती है जिसमें एक से अधिक Attributes का समूह होता है एवं एक से अधिक Candidate की होते हैं। इस स्थिति में, किसी विशिष्ट गुण को निर्धारित करने के लिए जब एक से अधिक की (Key) के समूहों का उपयोग किया जाता है तब First को Primary key एवं दूसरी Key को Alternate Key कहा जाता है। Alternate Key को Secondary की भी कहा जाता है। ऊपर दिए गए उदाहरण में, S# एक Primary key है एवं SNAME एक Alternate key है। 

(iv) Foreign Key

किसी Relational Database में, Foreign key एक या एक से अधिक Fields का Group होता है जो दो सारणियों के Data के बीच Link प्रदान करता है। किसी सारणी की Foreign key Field के लिए Value उसी सारणी के Primary key Field या अन्य किसी सारणी के Primary key Field की Value से Derived की जाती है। इस प्रकार Foreign key दो Arrays के बीच सम्बन्ध स्थापित करती है। किसी Array में एक से अधिक Foreign key हो सकती हैं जो उस सारणी का अलग-अलग सारणियों से सम्बन्ध स्थापित करती है। 

(v) Unique Key

किसी सारणी में Unique key एक या एक से अधिक Fields का समूह होती है जिनका उपयोग उस सारणी में प्रत्येक Tuple को निर्धारित करने के लिए किया जाता है। एक सारणी में एक से अधिक Unique key हो सकती हैं। Unique की के लिए चुना गया Field NULL value स्वीकार कर सकता है।

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Entity-Relationship Model क्या है  

Entity-Relationship Model (E-R Mode) का प्रयोग डेटाबेस के सन्दर्भ में Entities तथा उनके बीच के सम्बन्ध को Graphical रूप में प्रदर्शित करने के लिए किया जाता है। इसे Entity-Relationship Model (E-R Diagram) भी कहा जाता है। 

E-R मॉडल से सम्बन्धित पदों का विवरण निम्नलिखित है

  1. Entity

यह वास्तविक दुनिया की वस्तुओं को दर्शाती है। यह उन सभी वस्तुओं को सम्मिलित करती है जिनके बारें में डेटा एकत्रित किया जाना है, Entity Relationship Diagram मे इसे आयताकार बॉक्स के द्वारा दर्शाया जाता है। उदाहरण के लिए, Customer buys items, यहाँ पर Customer और items Entity हैं। 

  1. Attributes 

यह एक Entity की विशेषताओं और गुणों का वर्णन करता है। सारणी में Attributes को Fields द्वारा दर्शाया जाता है। E-R डायग्राम में Attributes को दीर्घ वृत्ताकार बॉक्स में दर्शाया जाता है। उदाहरण के लिए, ItemID और Price Entity ITEM के Attributes हो सकते हैं। 

  1. रिलेशनशिप (Relationship) 

यह Entities के मध्य परस्पर सम्बन्धों को दर्शाता है। यह E-R Diagram में डायमंड की आकृति वाले बॉक्स के द्वारा दर्शाया जाता है। उदाहरण के लिए,

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दिए गए चित्र में, Customer और Items Entity है। यहाँ पर Name तथा Address, Customer के और Item id तथा Price, Items के Attributes है, और Buys, customer तथा Items के बीच Relationship को दर्शा रहा है। 

Entity Set क्या है 

एक ही प्रकार की विशेषताओं या गुणों वाली Entities के Set को Entity Set कहते हैं। उदाहरण के लिए, Students डेटाबेस में उपस्थित सभी Students एंटिटीज का एक एंटिटी सेट है।

Entity Set दो प्रकार के होते हैं 

1. Strong Entity Set

ऐसा Entity Set, जिसमें Primary key Field होता है, Strong Entity Set कहलाता है। 

2. Weak Entity Set 

ऐसा Entity Set, जिसमें Primary key बनाने के लिए पर्याप्त नहीं होते हैं, Weak Entity Set कहलाता है। 

इन्हें भी जानें (Important Points)

>> Database Administrator यह एक कम्प्यूटर में प्रशिक्षित व्यक्ति होता है जो डेटाबेस के उपयोग को अधिकृत करने के लिए, समन्वित करने के लिए और इसके उपयोग को Monitor करने के लिए सॉफ्टवेयर तथा हार्डवेयर को प्राप्त करने के लिए भी जिम्मेदार होता है। इसे DBA (Database Administrator) भी कहा जाता है। 
>> Schema यह डेटाबेस की एक Logical Structure है। 
>> Instance एक विशेष समय पर डेटाबेस में संग्रहीत जानकारी का संग्रह Database instance कहलाता है। 
>> Data Mining डेटा माइनिंग अलग-अलग Perspective से डेटा का विश्लेषण करने और उपयोगी जानकारी में बदलने की प्रक्रिया है। कभी-कभी इसे Data or Knowledge Discovery भी कहा जाता है।
>> Dr. E. F. codd ने वर्ष 1970 में Relational database management system के लिए 12 नियम प्रस्तुत किए थे। 
>> Data Model यह Data, Data के बीच सम्बन्ध, Constraints, Semantics आदि का वर्णन करने के लिए वैचारिक उपकरणों (Conceptual Tools) का एक समूह होता है। सामान्यतः यह तीन प्रकार का होता है। 
1. Relational Data Model 
2. Network Data Model
3. Hierarchical Data Model

Frequently Asked Questions (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल)

Data Redundancy से आप क्या समझते हैं?

उत्तर: डेटाबेस में डेटा के दोहराव को Data Redundancy के रूप में जाना जाता है। data redundancy के परिणामस्वरूप, duplicate data कई स्थानों पर मौजूद होता है, इसलिए इससे Storage Space की बर्बादी होती है और डेटाबेस की continuity नष्ट हो जाती है।

DDL interpreter क्या है?

उत्तर: DDL interpreter DDL interprets की व्याख्या करता है और Metadata युक्त तालिका में उत्पन्न Statement को Record करता है।

Data Warehousing क्या है?

उत्तर: इसमें लेनदेन और अन्य स्रोतों से Storage और साथ ही डेटा तक पहुंच प्राप्त करती है, विश्लेषण करने के लिए एक केंद्रीय स्थान को Data Warehousing कहा जाता है।

B-Trees से आप क्या समझते हैं?

उत्तर: B-Trees External memory के लिए एक पेड़ के रूप में data structure का प्रतिनिधित्व करता है जो डेटा के बड़े ब्लॉक को पढ़ता और लिखता है। यह आमतौर पर Database और File System में उपयोग किया जाता है जहां सभी Insertion, Deletion, Sorting इत्यादि logarithmic समय में किए जाते हैं।

Project Database क्या है?

उत्तर: Project Database Austrian PES के भीतर Project Management and Practice साझा करने के लिए एक Web Platform है। डेटाबेस का उपयोग क्षेत्रीय कार्यालयों के आंतरिक प्रदर्शन मूल्यांकन के दौरान विशेष चुनौतियों के समाधान की पहचान करने और कार्यालयों को अच्छी प्रथाओं को साझा करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए किया जाता है।

SQL क्या है?

उत्तर: SQL का अर्थ है Structured Query Language, और इसका उपयोग डेटाबेस के साथ Communication करने के लिए किया जाता है। यह एक मानक भाषा है, जिसका उपयोग डेटाबेस से डेटा की Retrieval, update, insertion and deletion जैसे कार्यों को करने के लिए किया जाता है।

डेटा अखंडता क्या है?

उत्तर: Data Integrity, डेटाबेस में Store Data की accuracy and stability को परिभाषित करती है। यह डेटा पर व्यावसायिक नियमों को लागू करने के लिए अखंडता बाधाओं को भी परिभाषित कर सकता है जब इसे Application या Database में दर्ज किया जाता है।

आज आपने क्या सीखा 

दोस्तों मुझे आशा है कि आपको हमारा आर्टिकल डेटाबेस क्या है? What is Database in Hindi? के बारे में पूरी जानकारी मिल गई होगी ।

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DDL क्या है समझाइए?

DDL “Data Definition Language” के लिए जाना जाता है। डीडीएल एक ऐसी भाषा है जिसका उपयोग डेटा संरचनाओं को परिभाषित करने और डेटा को संशोधित करने के लिए किया जाता है। उदाहरण के लिए, DDL कमांड का उपयोग database में तालिकाओं को जोड़ने, हटाने या संशोधित करने के लिए किया जा सकता है।

DML कमांड क्या है?

डेटा मैनीपुलेशन लैंग्वेज (DML Commands) SQL कमांड जो डेटाबेस में मौजूद डेटा के हेरफेर से निपटते हैं, DML या डेटा मैनीपुलेशन लैंग्वेज से संबंधित होते हैं और इसमें अधिकांश SQL स्टेटमेंट शामिल होते हैं। डीएमएल आपको डेटाबेस में डेटा जोड़ने (डालने), हटाने और बदलने (अपडेट) करने की अनुमति देता है।

मूल डीएमएल कमांड क्या हैं?

Data Manipulation Language-DML Commands डेटा मैनीपुलेशन लैंग्वेज (Data Manipulation Language-DML), कमाण्ड्स (Commands) के एक ऐसे सेट (Set) को परिभाषित करती है, जिनका प्रयोग डेटाबेस ऑब्जेक्ट्स (Database Objects), जैसे—table (Table), को मॉडिफाई (Modify) करने के लिए किया जाता है।

डेटाबेस से आप क्या समझते हैं?

एक डेटाबेस डेटा रिकॉर्ड, फाइलों और अन्य वस्तुओं का एक एकीकृत संग्रह है। एक DBMS विभिन्न उपयोगकर्ता एप्लिकेशन प्रोग्रामों को एक ही डेटाबेस तक समवर्ती रूप से एक्सेस करने की अनुमति देता है। प्रसिद्ध DBMS में ओरैकल, माइक्रोसॉफ़्ट ऍस्क्यूऍल सर्वर, माइक्रोसॉफ़्ट ऐक्सेस, माइ एस्क्यूएल शामिल हैं।