NIPUN Bharat Mission lakshya, निपुण भारत 2022 क्या है NIPUN Bharat Mission Full Form कार्यान्वयन प्रक्रिया, गाइडलाइन्स पीडीएफ ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन, लॉगिन व कार्यान्वयन प्रक्रिया देखे | शिक्षा के क्षेत्र में विकास राष्ट्र के लिए सबसे अहम विकास होता है शिक्षा के क्षेत्र को आगे बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार द्वारा नई एजुकेशन पॉलिसी लांच की गई थी जिसके अंतर्गत शिक्षा के क्षेत्र में काफी बदलाव किए गए हैं न्यू एजुकेशन पॉलिसी के सफल क्रियान्वयन के लिए भारत सरकार विभिन्न प्रयास कर रही है इन्हीं प्रयासों के चलते भारत सरकार द्वारा निपुण भारत योजना की शुरुआत की गई है जिसके माध्यम से आधारभूत साक्षरता एवं संख्यात्मकता के ज्ञान को छात्रों तक पहुंचाना ही इस योजना का लक्ष्य है यदि आप भी NIPUN Bharat Mission के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो हमारे इस लेख को अंत तक पढ़े हैं Show
निपुण भारत योजना को शिक्षा मंत्रालय द्वारा 5 जुलाई को आरंभ किया गया है। इस योजना का पूरा नाम नेशनल इनीशिएटिव फॉर प्रोफिशिएंसी इन रीडिंग विद अंडरस्टैंडिंग एंड न्यूमेरेसी है। NIPUN Bharat Mission के माध्यम से सक्षम वातावरण का निर्माण किया जाएगा। जिसके माध्यम से आधारभूत साक्षरता और संख्यात्मकता के ज्ञान को छात्रों को प्रदान किया जा सकेगा। निपुण योजना के माध्यम से सन 2026-27 तक प्रत्येक बच्चे को तीसरी कक्षा के अंत तक पढ़ने, लिखने एवं अंकगणित को सीखने की क्षमता प्रदान की जाएगी। इस योजना का कार्यान्वयन स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग द्वारा किया जाएगा। यह NIPUN Bharat Missionस्कूली शिक्षा कार्यक्रम समग्र शिक्षा का एक हिस्सा होगी। इस योजना के कार्यान्वयन के लिए सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में 5 स्त्रीय तंत्र स्थापित किया जाएगा। यह 5 स्तरीय तंत्र राष्ट्रीय-राज्य-जिला-ब्लाक-स्कूल स्तर पर संचालित किया जाएगा। इस योजना का शुभारंभ राष्ट्रीय शिक्षा नीति के सफलतापूर्वक कार्यान्वयन के लिए किया गया है। NIPUN Bharat Mission की लॉन्चिंग20 जून 2022 को union minister हरदीप सिंह पुरी जी के द्वारा निर्माण कामगारों के लिए निपुण योजना launch करने का निर्णय लिया गया है। यह योजना दीनदयाल अंत्योदय योजना के अंतर्गत संचालित की जाएगी जिसके माध्यम से एक lakh निर्माण कामगारों को training प्रदान की जाएगी। इस योजना की launching के अवसर पर union minister हरदीप पुरी द्वारा योजना के विभिन्न लाभार्थियों से बात भी की गई। इस योजना के संचालन से निर्माण कामगारों की skill में वृद्धि की जा सकेगी। जिससे कि उनको रोजगार की प्राप्ति होगी। यह योजना रोजगार के अवसर को बढ़ाने में कारगर साबित होगी। इस योजना के अंतर्गत लगभग 80000 निर्माण श्रमिकों को onsite training प्रदान की जाएगी।
फ्री वाई-फाई- वाणी योजना Nipun Bharat Mission: आधारभूत साक्षरता तथा संख्यामकता क्या होती है?आधारभूत साक्षरता तथा संख्यामकता उस कौशल तथा रणनीति को कहते हैं जिसके माध्यम से छात्र पढ़ने, लिखने बोलने और व्याख्या करने में सक्षम होते हैं। आधारभूत साक्षरता भविष्य में शिक्षा प्राप्त करने का आधार बनती है। वह सभी बच्चे जो कक्षा तीन तक बुनियादी साक्षरता एवं संख्यामक्त कौशल प्राप्त करने में सफल रहते हैं उन्हें आने वाली कक्षाओं के पाठ्यक्रम को पढ़ने में आसानी होती है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए शिक्षा मंत्रालय द्वारा निपुण भारत योजना का शुभारंभ किया गया है। NIPUN Bharat Mission के माध्यम से आधारभूत साक्षरता तथा संख्यामकत को तीसरी कक्षा के छात्रों के अंतर्गत विकास किया जाएगा। जिससे कि आने वाले समय में उनको शिक्षा प्राप्त करने में किसी भी बाधा का सामना ना करना पड़े। इसके अलावा निपुण योजना के अंतर्गत निम्नलिखित क्षेत्रों पर भी ध्यान दिया जाएगा।
निपुण भारत मिशन हाइलाइट्सNIPUN Bharat Mission आधारभूत साक्षरता तथा संख्यामकता के प्रकारमूलभूत भाषा एवं साक्षरता
मूलभूत संख्यामकता और गणित कौशल
NIPUN Bharat Mission का उद्देश्यनिपुण भारत योजना का मुख्य उद्देश्य आधारभूत साक्षरता एवं संख्यामक्त के ज्ञान को छात्रों के अंतर्गत विकसित करना है। इस योजना के माध्यम से सन 2026-27 तक तीसरी कक्षा के अंत तक छात्र को पढ़ने, लिखने एवं अंकगणित को सीखने की क्षमता प्राप्त होगी। यह योजना बच्चों के विकास के लिए बहुत कारगर साबित होगी। निपुण भारत योजना के माध्यम से अब बच्चे समय से आधारभूत साक्षरता एवं संख्यामक्त का ज्ञान प्राप्त कर सकेंगे। जिससे की उनका मानसिक एवं शारीरिक विकास होगा। NIPUN Bharat का संचालन शिक्षा और साक्षरता विभाग द्वारा किया जाएगा। यह योजना स्कूली शिक्षा कार्यक्रम समग्र शिक्षा का एक हिस्सा होगी। इस योजना को नई शिक्षा नीति के अंतर्गत आरंभ किया गया है। निपुण भारत योजना के माध्यम से बच्चे संख्या, माप और आकार के क्षेत्र के तर्क को भी समझ पाएंगे। Pariksha Sangam NIPUN Bharat Mission का कार्यान्वयनसन 2026-27 तक निपुण भारत योजना के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए राज्य स्तर पर अलग-अलग लक्ष्य निर्धारित किए जाएंगे। इन सभी लक्ष्यों की प्रगति पर नोडल विभाग द्वारा नजर रखी जाएगी। इसके अलावा इस योजना के कार्यान्वयन के लिए समग्र शिक्षा के अंतर्गत राज्य को वित्तीय एवं तकनीकी सहायता भी प्रदान की जाएगी। राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए योजनाएं बनाई जाएंगी। जिससे कि सन 2026-27 तक मूलभूत साक्षरता एवं संख्यामक्त का लक्ष्य प्राप्त किया जा सके। राष्ट्रीय स्तर, राज्य स्तर एवं जिला स्तर पर आईटी आधारित संसाधनों के माध्यम से इस योजना की गतिविधियों की निगरानी की जाएगी। जिसमें क्षेत्र स्तर पर बच्चों की निगरानी भी शामिल होगी। इसके अलावा इस योजना के अंतर्गत प्रस्तावित निगरानी ढांचे को दो प्रकार में विभाजित किया गया है। जो कि वार्षिक निगरानी सर्वेक्षण एवं समवर्ती निगरानी है। Nipun Bharat Mission: छात्रों के आधारभूत साक्षरता तथा संख्यामकता के सुधार के लिए शैक्षणिक दृष्टिकोणछात्र के सीखने पर ध्यान:-हमारे देश में कई छात्र ऐसे हैं जो पहली पीढ़ी के शिक्षार्थी हैं। ऐसे सभी छात्रों के लिए शिक्षा प्राप्त करना कठिन होता है। क्योंकि वह घर पर शिक्षा का वातावरण नहीं प्राप्त कर पाते हैं। इसीलिए शिक्षकों को छात्रों पर अतिरिक्त ध्यान देने की आवश्यकता है। शिक्षक द्वारा शिक्षा प्रदान करते समय निम्नलिखित बातों पर ध्यान देना आवश्यक है।
स्कूल मॉड्यूल:विद्यालय शिक्षा की गुणवत्ता एवं समानता सुनिश्चित करने में एक बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। छात्र को विद्यालय में भेजने के लिए छात्र के पास न्यूनतम कौशल एवं ज्ञान होना चाहिए। नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के अंतर्गत एक 3 माह का स्कूल प्रिपरेशन मॉड्यूल रखा गया है। जिसके माध्यम से बच्चे प्री स्कूल शिक्षा प्राप्त कर पाएंगे एवं स्कूल जाने के लिए भी अपने आप को तैयार कर पाएंगे। सीखने का आकलन:छात्र द्वारा शिक्षा के माध्यम से विभिन्न प्रकार की नई चीजें सीखी जाती हैं। जिससे कि बच्चों का शारीरिक एवं मानसिक विकास होता है। इस विकास का आकलन करने के लिए एसेसमेंट किया जाता है। जिससे कि छात्र की सफलता को ट्रैक किया जा सके। यह आकलन करने के लिए विभिन्न प्रकार की तकनीकों का इस्तेमाल किया जाता है। जिससे कि छात्र की रूचिओ वरीयताओं की पहचान की जा सके। इसके अलावा बच्चों के प्रदर्शन का आकलन करके उनको हस्तक्षेप के माध्यम से तैयार किया जा सके और यह भी सुनिश्चित किया जा सके कि बच्चों को सीखने में कही कठिनाई तो नही आ रही है एवं ऐसी कठिनाइयों की पहचान करके उन कठिनाइयों को दूर किया जा सके। NIPUN Bharat Mission के भागनिपुण भारत योजना को सरकार द्वारा 17 भागों में विभाजित किया गया है। यह भाग कुछ इस प्रकार है।
NIPUN Bharat Mission योजना का परिचयइस योजना को सरकार द्वारा नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के सफल कार्यान्वयन के लिए आरंभ किया गया है। इस योजना के माध्यम से आधारभूत साक्षरता एवं संख्यामक्त पर ध्यान दिया जाएगा। जिससे कि सन 2026-27 तक प्रत्येक बच्चे को तीसरी कक्षा के अंत तक पढ़ने, लिखने एवं अंकगणित को सीखने की क्षमता प्राप्त हो सके। NIPUN Bharat के कार्यान्वयन के लिए सभी राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेशों में 5 स्तरीय तंत्र स्थापित किया जाएगा। यह 5 स्त्रीय तंत्र अंतरराष्ट्रीय-राज्य-जिला-ब्लाकजेडस्कूल स्तर पर संचालित किया जाएगा। इस योजना का संचालन शिक्षा मंत्रालय द्वारा किया जाएगा। निपुण योजना का पूरा नाम नेशनल इनीशिएटिव फॉर प्रोफिशिएंसी इन रीडिंग विद अंडरस्टैंडिंग एंड न्यूमेरेसी है। निपुण भारत योजना का राष्ट्रीय परिदृश्य
मूलभूत साक्षरता एवं संख्यामकता पर राष्ट्रीय मिशनशिक्षा की गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए एवं मूलभूत साक्षरता का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए नेशनल एजुकेशन पॉलिसी एवं अंतर्मनिर्भार भारत कैंपेन के अंतर्गत मूलभूत साक्षरता एवं संख्यामकता पर एक राष्ट्रीय मिशन स्थापित करने का निर्णय लिया गया है। इस मिशन के उद्देश्य को 2026-27 तक प्राप्त किया जाएगा। जिसके माध्यम से ग्रेड 3 के अंत तक प्रत्येक बच्चे को मूलभूत साक्षरता तथा संख्यामकता का ज्ञान प्रदान किया जाएगा। सभी जिला स्तर पर यह राष्ट्रीय लक्ष्य प्राप्त करने का पूरा प्रयास किया जाएगा। इस मिशन के अंतर्गत 3 वर्ष से लेकर 9 वर्ष तक की आयु के बच्चे शामिल किए जाएंगे। इस मिशन का संचालन सामग्र शिक्षा के अंतर्गत किया जाएगा। NIPUN Bharat Mission योजना के अंतर्गत मूलभूत भाषा और साक्षरता की समझबच्चों के अंतर्गत मूलभूत भाषा एवं साक्षरता की समझ होना बहुत महत्वपूर्ण है। जिसके माध्यम से वह भविष्य में बेहतर शिक्षा प्राप्त कर पाएंगे। एनसीईआरटी द्वारा एक सर्वे का आयोजन किया गया था। जिसके माध्यम से यह पता लगा था कि बच्चे पांचवी कक्षा तक की शिक्षा प्राप्त करने के बाद भी पाठ को समझकर पढ़ने में सक्षम नहीं होते हैं। इसी बात को ध्यान में रखते हुए निपर्ण भारत योजना के अंतर्गत मूलभूत भाषा और साक्षरता की समझ पर ध्यान देने का निर्णय लिया गया है। जिससे कि बच्चे आने वाले समय में समझ कर शिक्षा को प्राप्त कर सकें। इस योजना के माध्यम से पढ़ाई की गुणवत्ता में भी सुधार आएगा। Nipun Bharat Mission: मूलभूत भाषा एवं साक्षरता की आवश्यकता
Nipun Bharat Mission: प्रमभिक भाषा और साक्षरताभाषा केवल बोलने, सुनने, पढ़ने और लिखने से कहीं बढ़कर है। भाषा के माध्यम से एक व्यक्ति संचार, सोचा दुनिया की समझ बना सकता है। प्रारंभिक स्तर पर छात्रों के लिए भाषा की समझ होना बहुत महत्वपूर्ण है। भाषा को समझने के लिए निम्नलिखित भाग को समझना महत्वपूर्ण है।
Nipun Bharat Mission: मूलभूत भाषा एवं साक्षरता के प्रमुख घटक
भाषा और साक्षरता विकास को बढ़ाने के लिए कुछ महत्वपूर्ण कदम
Nipun Bharat Mission: मूलभूत संख्यामक और गणित कौशलमूलभूत संख्यामकता एवं गणित कौशल का अर्थ होता है दैनिक जीवन की समस्याओं का समाधान करने में तर्क करने और संख्यामकता अवधारणा को लागू करने की क्षमता। छात्रों के अंदर संख्या बोध एवं स्थानीय समझ तब विकसित होती है जब वह निम्नलिखित कौशल प्राप्त कर लेते हैं।
प्रारंभिक गणित कौशल की आवश्यकता
प्रारंभिक गणित के प्रमुख घटक
मूलभूत गणितीय कौशल को बढ़ाने के लिए शैक्षणिक प्रक्रिया
Nipun Bharat Mission: योग्यता आधारित शिक्षा की ओर स्थानांतरणज्ञान, कौशल और दृष्टिकोण का वर्णन करने वाले कथनों को योग्यता आधारित शिक्षा कहते हैं। योग्यता आधारित स्थानांतरण के माध्यम से छात्र को एक विशेष असाइनमेंट, कक्षा, पाठ्यक्रम या कार्यक्रम के अंत में पता चलता है कि उनके द्वारा प्राप्त किए गए कौशल से उनको क्या लाभ होगा। ज्ञान, कौशल, दृष्टिकोण और मूल्यों का संयोजन के माध्यम से उन दक्षता का निर्माण किया जा सकता है जो छात्रों को विकसित करने में उपयोगी साबित होता है। योग्यता आधारित शिक्षा के माध्यम से उन बुनियादी दक्षता को प्राप्त किया जा सकता है जिनको सीखने के परिमाण के माध्यम से मापा जा सकता है। Nipun Bharat Mission: योग्यता आधारित शिक्षा की विशेषताएं
शिक्षा और सीखना: बच्चों की क्षमता और विकास पर ध्यानबच्चे अपने आसपास के वातावरण के बारे में जानने के लिए सहेज जिज्ञासा एवं उत्सुकता रखते हैं। इसीलिए यह बहुत महत्वपूर्ण है कि उनको 3 से 9 वर्ष की आयु में सुनियोजित उपयुक्त की गतिविधियों के माध्यम से समृद्ध अनुभव प्रदान किया जाए। जो कि संचार कौशल, क्रिटिकल थिंकिंग, प्रॉब्लम सॉल्विंग और अपने बारे में समाज विकसित करें। शैक्षणिक प्रथाओं को बच्चों को ध्यान में रखते हुए विकसित करना चाहिए। जिसमें ऐसी गतिविधियां शामिल करनी चाहिए जिसमें संख्यामकता, सामाजिक भावना, भाषा और साक्षरता, मनो मोटर और रचनात्मकता विकास जैसे पहलू शामिल हों। Nipun Bharat Mission: शिक्षा एवं सीखने की प्रक्रिया के प्रमुख पहलू एवं घटक
Nipun Bharat Mission: शिक्षण अधिगम सामग्री (स्थानीय संदर्भ में)बच्चों की सीखने की क्षमता का विकास करने के लिए शिक्षक द्वारा विभिन्न प्रकार के खिलौने, खेल और अन्य शैक्षिक खेल सामग्री का इस्तेमाल किया जा सकता है। इन सभी खिलौनों को सुलभ खुली अलमारियों में रखा जाएगा। जिससे कि बच्चे आसानी से इन खिलौनों के माध्यम से सीख सकें। प्रत्येक कक्षा में एक मिनी लाइब्रेरी होनी चाहिए। खिलौनों एवं शैक्षिक खेल को शिक्षक द्वारा विकासात्मक अवधारणाओं के अनुसार विकसित किया जाएगा एवं शिक्षकों द्वारा स्वदेशी खिलौनों और सामग्रियों का उपयोग करके अपनी मासिक, सप्ताहिक एवं दैनिक पढ़ने की योजना बनाई जाएगी। FLY -1 तथा FLY -6 की लिंकेज
Nipun Bharat Mission: लर्निंग एसेसमेंटअसेसमेंट के माध्यम से बच्चों से संबंधित सभी संभावित सूत्रों से जानकारी एकत्रित की जाती है। जैसे कि बच्चों का ज्ञान कौशल, दृष्टिकोण, क्षमता और विश्वास। इस जानकारी को बच्चों की सीखने की क्षमता को बढ़ाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। असेसमेंट के माध्यम से शिक्षकों को भी बच्चो के स्वभाव को समझने में सहायता प्राप्त होती हैं। शिक्षकों को यह पता चल पाता है कि वह कैसे बच्चों की सीखने की क्षमता का विस्तार कर सकते हैं। इसके अलावा यह भी पता लगाया जा सकता है कि बच्चे किन विषयों में अच्छे हैं और उनके कौशल से भी संबंधित जानकारी लर्निंग एसेसमेंट के माध्यम से प्राप्त की जा सकती है। Nipun Bharat Mission: फाउंडेशनल वर्षों के दौरान मूल्यांकन
स्कूल बेस्ड एसेसमेंटSchool Based Assessment में शिक्षक द्वारा खुद मूल्यांकन कार्यों की तैयारी की जाती है। राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित किए जाने वाले परीक्षा को स्कूल बेस्ड एसेसमेंट के स्थान पर नहीं लिया जा सकता है। स्कूल बेस्ड एसेसमेंट प्रतिवर्ष एवं 1 वर्ष में कई बार आयोजित किए जाते हैं। जिससे छात्रों को अगली कक्षा में भेजने का निर्णय किया जाता है। यदि कोई छात्र कक्षा मैं पास होने लायक अंक प्राप्त नहीं कर पाता है तो उसे अगली कक्षा में नहीं भेजा जाता है। सरकार द्वारा स्कूल बेस्ड एसेसमेंट को तनावमुक्त करने का निर्णय लिया गया है। स्कूल बेस्ड एसेसमेंट करवाने के लिए विभिन्न प्रकार की तकनीकों का इस्तेमाल किया जाएगा। स्कूल बेस्ड एसेसमेंट का लक्ष्य
शिक्षण अधिगम प्रक्रिया: शिक्षक की भूमिकाशिक्षक छात्रों के जीवन में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। शिक्षकों द्वारा बच्चों को अच्छी शिक्षा प्रदान की जाती है। जिससे कि उनका आने वाला भविष्य बनता है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए नई शिक्षा नीति के अंतर्गत शिक्षकों की भूमिका पर भी जोर दिया गया है। शिक्षकों द्वारा विभिन्न प्रकार के बदलाव अपने स्वभाव में लाने की सुझाव दिए गए हैं। जिससे कि वह बच्चों को बेहतर तरीके से समझ पाए। इसके अलावा नई शिक्षा नीति में कई प्रकार की तकनीक का विवरण किया गया है। जिसके माध्यम से शिक्षक बच्चों को समझ पाएंगे और उन्हें बेहतर शिक्षा प्रदान कर पाएंगे। शिक्षकों द्वारा बच्चों को प्रेरित किया जाता है एवं उन्हें मार्गदर्शन भी प्रदान किए जाते हैं। शिक्षकों की क्षमता निर्माण
Nipun Bharat Mission: पहलू तथा दृष्टिकोणआधारभूत साक्षरता एवं संख्यामकता का राष्ट्रीय मिशन सन 2026-27 तक तीसरी कक्षा तक सर्व भौमिक आधारभूत साक्षरता और संख्यामकता की शिक्षा छात्रों को प्रदान करना है। जिससे कि बच्चे पढ़ने, लिखने और अंक गणित में ग्रेड स्तर पर दक्ष हो सके। इस योजना का संचालन राज्य स्तर पर किया जाएगा। इस मिशन के माध्यम से 3 वर्ष से लेकर 9 वर्ष तक के सभी बच्चों को तीसरी कक्षा तक आधारभूत साक्षरता एवं संखायामक का ज्ञान प्रदान किया जाएगा। प्रत्येक बच्चे को एक अच्छा पर्यावरण प्रदान किया जाएगा जिससे कि वह अच्छी से अच्छी शिक्षा प्राप्त कर सकें। इस मिशन को नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के अंतर्गत संचालित किया जाएगा। Nipun Bharat Mission का प्रशासनिक संचरण
NIPUN Bharat Mission योजना के हितधारक
SCERTs तथा DIETs के माध्यम शैक्षणिक सहायताFLN मिशन के अंतर्गत SCERT द्वारा टीचर ट्रेनिंग मॉड्यूल को विकसित करने का दायित्व उठाया जाएगा। उसके अलावा सभी टीचर ट्रेनिंग मॉड्यूल स्थानीय भाषा में उपलब्ध करवाए जाएंगे। कक्षा 1 से 5 वी के लिए कुछ अन्य लर्निंग मटेरियल उपलब्ध करवाए जाएंगे जो कि बच्चों के लिए हर्षित एवं आनंदपूर्ण होंगे। दूसरी और प्रत्येक DIET द्वारा एक एकेडमिक संसाधन पूल विकसित किया जाएगा जिसमें विश्वविद्यालयों की शिक्षा विभाग के शिक्षक, जिला शिक्षा योजनाकार और संकाय शामिल होंगी। इस योजना के अंतर्गत कई अन्य कदम उठाए जाएंगे जिसके माध्यम से शैक्षणिक सहायता प्रदान की जाएगी। Nipun Bharat Mission: दीक्षा डिजिटल सामग्रीनिपुण भारत योजना के अंतर्गत दीक्षा पोर्टल को भी आरंभ किया गया है। दीक्षा पोर्टल के माध्यम से ई कॉन्टेंट उपलब्ध करवाया जाएगा। जो कि स्थानीय भाषा में होगा। यह ई कॉन्टेंट शिक्षकों एवं छात्रों दोनों के लिए उपलब्ध होगा। दीक्षा पोर्टल पर उपलब्ध कॉन्टेंट एनसीईआरटी द्वारा तैयार किया जाएगा। शिक्षकों के लिए कई प्रकार के शिक्षक प्रशिक्षण संस्थाधन भी दीक्षा प्लेटफार्म पर उपलब्ध होंगे। जैसे कि प्रशिक्षण मॉड्यूल, प्रशिक्षण सत्रों के लिए सहायक सामग्री, वीडियो, पढ़ने के संसाधन, शिक्षक पुस्तिका आदि। दीक्षा प्लेटफार्म को ऐप के माध्यम से भी संचालित किया जा सकता है। शिक्षा विभाग द्वारा जल्द गूगल प्ले स्टोर एवं एप्पल एप स्टोर पर दीक्षा एप लांच किया जाएगा। Nipun Bharat Mission: दीक्षा प्लेटफार्म का उपयोग
साक्षरता के लिए डिजिटल सामग्रीदीक्षा प्लेटफार्म पर निम्नलिखित प्रकार की सामग्री का उपयोग करके आधारभूत साक्षरता प्राप्त की जा सकती है।
Nipun Bharat Mission: माता पिता एवं सामुदायिक जुड़ावNIPUN Bharat योजना के सफलतापूर्वक कार्यान्वयन के लिए माता पिता एवं पूरे समुदाय की एक बहुत महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी। लगभग 80% वक्त बच्चे घर पर होते हैं। ऐसे में बच्चों की सीखने की क्षमता स्कूल से ज्यादा घर में विकसित होती है। स्कूलों द्वारा यह प्रयास किया जाएगा कि बच्चों के माता-पिता को बच्चों की शिक्षा से जोड़ा जाए। इसके लिए विभिन्न प्रकार के कदम उठाए जाएंगे। जैसे कि स्कूल में विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन जिसमें माता-पिता को बुलाया जाए, ईमेल, व्हाट्सएप आदि के माध्यम से माता-पिता को बच्चों की पढ़ाई से जोड़ना, बच्चों को होम असाइनमेंट देना जिससे माता-पिता को यह जानकारी समय-समय पर प्राप्त होती रहेगी की बच्चे क्या पढ़ रहे हैं कैसे पढ़ रहे हैं आदि। Nipun Bharat Mission: परिवार एवं समुदाय को जोड़ने के विभिन्न तरीके
Nipun Bharat Mission: निगरानी एवं सूचना प्रौद्योगिकी ढांचासन 2026-27 तक NIPUN Bharat के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए राज्य स्तर पर अलग-अलग लक्ष्य निर्धारित किए जाएंगे। इन सभी लक्ष्यों की प्रगति पर नोडल विभाग द्वारा नजर रखी जाएगी। इसके अलावा इस योजना के कार्यान्वयन के लिए समग्र शिक्षा के अंतर्गत राज्य को वित्तीय एवं तकनीकी सहायता भी प्रदान की जाएगी। राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए योजनाएं बनाई जाएंगी। जिससे कि सन 2026-27 तक मूलभूत साक्षरता एवं संख्यामक्त का लक्ष्य प्राप्त किया जा सके। राष्ट्रीय स्तर, राज्य स्तर एवं जिला स्तर पर आईटी आधारित संसाधनों के माध्यम से इस योजना की गतिविधियों की निगरानी की जाएगी। जिसमें क्षेत्र स्तर पर बच्चों की निगरानी भी शामिल होगी। इसके अलावा इस योजना के अंतर्गत प्रस्तावित निगरानी ढांचे को दो प्रकार में विभाजित किया गया है। जो कि वार्षिक निगरानी सर्वेक्षण एवं समवर्ती निगरानी है। Nipun Bharat Mission: अनुसंधान, मूल्यांकन एवं दस्तावेजीकरण की आवश्यकताअनुसंधान, मूल्यांकन एवं दस्तावेजीकरण योजना के कार्यान्वयन में प्रमुख भूमिका निभाता है। अनुसंधान के माध्यम से यह पता लगता है कि शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए किन प्रकार के प्रयास करने होंगे। मूल्यांकन के माध्यम से यह पता लगता है कि इस योजना के कार्यान्वयन के लिए उठाए गए कदम कितने सफल हैं एवं दस्तावेजी करण से सभी प्रमाणों का अभिलेख रहता है। अनुसंधान, मूल्यांकन एवं दस्तावेजी करण NIPUN Bharat का एक अभिन्न हिस्सा है। अनुसंधान एवं मूल्यांकन राष्ट्रीय, राज्य, जिला, ब्लाक एवं स्कूली स्तर पर किया जा सकता है जिसके लिए लिए विभिन्न प्रकार की तकनीकों का इस्तेमाल किया जा सकता है जैसे कि एक्टिव रिसर्च, प्रोसेस इवेल्यूएशन, इंपैक्ट इवेल्यूएशन आदि। |