नात्सीवादी आन्दोलन की मुख्य विशेषताएँ क्या थी? - naatseevaadee aandolan kee mukhy visheshataen kya thee?

नात्सीवाद का उदय जर्मनी में हुआ था। नात्सी लोगों ने एडोल्फ हिटलर के नेतृत्व में आधुनिक काल की सर्वाधिक बर्बर तानाशाही की जर्मनी में स्थापना की।

नात्सीवाद की प्रमुख विशेषताएँ

  1. यहूदी नस्ल सबसे घटिया नस्ल है तथा संसार की अन्य सभी नस्लें यहूदी और जर्मन के बीच की नस्लें हैं।

  2. हिटलर का मानना था कि लोगों को बसाने के लिए ज्यादा से ज्यादा इलाकों पर कब्जा करना जरूरी है। इससे मातृदेश का क्षेत्रफल भी बढ़ेगा और नए इलाकों में जाकर बसने वालों को अपने जन्म स्थान से सम्बन्ध बनाए रखने में कोई समस्या नहीं आएगी।

  3. वह पूर्व में जर्मनी की सीमाओं को फैलाना चाहता था ताकि सारे जर्मनों को भौगोलिक दृष्टि से एक ही जगह इकट्ठा किया जा सके।

  4. नात्सीवाद के अनुसार राज्य सबसे ऊपर है। लोग राज्य के लिए हैं न कि राज्य लोगों के लिए।
  5. नात्सीवाद लोकतंत्र तथा साम्यवाद को जड़ से मिटा देना चाहता था।

  6. नात्सीवाद युद्ध तथा शक्ति के प्रयोग को राज्य के विस्तार के लिए आवश्यक मानता था।

  7. नात्सीवाद के अनुसार ब्लाँड, नीली आँखों वाले नॉर्डिक जर्मन आर्य सर्वश्रेष्ठ नस्ल है। उसे अपनी शुद्धता बनाए रखनी चाहिए तथा उसे ही पूरी दुनिया पर वर्चस्व स्थापित करने का हक है।

नात्सीवादी आन्दोलन की मुख्य विशेषताएँ क्या?

नाजीवाद आन्दोलन की मुख्य विशेषताएँ क्या थी? उत्तर: 1) जर्मनी में हिटलर के अधीन नाजीवाद का उत्थान हुआ। 2) तानाशाही आन्दोलन था। 3) संसदीय संस्थाओं का विरोध ।

नात्सीवाद के उदय के क्या कारण थे?

जर्मनी में नाजीवाद के उदय का मुख्य कारण जर्मनी की आर्थिक मंदी, वाइमर गणतंत्र की असफलता, साम्यवाद का डर, यहूदियों की विरोधी नीति, जर्मनी के संविधान की कमियां और हिटलर का व्यक्तित्व ये सभी कारण थे जिनसे जर्मनी में नाजीवाद का उदय हुआ। जर्मनी द्वारा वर्साय की संधि पर हस्ताक्षर किए गए।

नात्सीवाद का उदय कब हुआ?

(2) हिटलर का जन्‍म 20 अप्रैल 1889 ई. को बॉन में हुआ था. (3) हिटलर ने नेशनल सोशलिस्‍ट पार्टी या नाजी दल की स्‍थापना 1920 ई. में की.

नात्सी सोच के खास पहलू क्या है?

नाजी सोच सभी प्रकार की संसदीय संस्थाओं को समाप्त करने के पक्ष में थी और एक महान नेता के शासन में विश्वास रखती थी। 3. यह सभी प्रकार के दल निर्माण व विपक्ष के दमन और उदारवाद, समाजवाद एवं कम्युनिस्ट विचारधाराओं के उन्मूलन की पक्षधर थी।