नदी घाटी मैदान में पाई जाने वाली महत्वपूर्ण स्थलाकृति कौन सी है? - nadee ghaatee maidaan mein paee jaane vaalee mahatvapoorn sthalaakrti kaun see hai?

नदी घाटी मैदान में पाई जाने वाली महत्त्वपूर्ण स्थलाकृतियाँ कौन-सी हैं? इनका विवरण दें।

नदी जब पर्वतीय भाग से उतरकर मैदानी भागों में बहती है तो कई स्थलाकृतियों का निर्माण होता है। नदी जब पर्वतीय भाग से मैदानी भाग में उतरती है। तो सबसे पहले जलोढ़ पंख का निर्माण होता है। इसके अतिरिक्त नदियों द्वारा और भी कई तरह की स्थलाकृतियों का निर्माण किया जाता है। जैसे तराई क्षेत्र के दक्षिण में स्थित मैदान जो पुराने और नए जलोढ़ से बना होने के कारण बाँगर और खादर कहलाता है। इस मैदान में नदी की प्रौढावस्था में बनने वाली अपरदनी और निक्षेपण स्थलाकृतियाँ, जैसे-बालू रोधिका, विसर्प, गोरखुर झीलें और गुंफित नदियाँ पाई जाती हैं। ब्रह्मपुत्र घाटी का मैदान नदीय द्वीप और बालू रोधिकाओं की उपस्थिति के लिए जाना जाता है। जैसे-जैसे नदियाँ मैदानी भागों में आगे बढ़ती हैं, उनका बहाव मंद होता चला जाता है। जब नदी अपने मुहाने पर पहुँचती है तो वह एक भाग में न बहकर कई भागों में बहने लगती हैं, जिसे डेल्टा कहा जाता है। इसके बाद नदी समुद्र में मिल जाती है।

नदी घाटी मैदानों का निर्माण नदियों द्वारा लाए गए अवसाद से हुआ है। ये मैदान दो प्रकार के होते हैं–खादर एवं बांगर। खादर मैदान नवीन जलोढ़ मृदा से तथा बांगर पुराने जलोढ़ से बने हैं। नदी घाटी मैदानों की उत्तरी सीमा पर्वतीय है, जिन्हें गिरिपाद मैदान कहते हैं, जो महीन मलबे और मोटे कंकड़ों से बने हैं। इन्हें भाबर कहते हैं। इनके दक्षिण में तराई के मैदान हैं। यहाँ नदियों का विस्तार अधिक हो जाता है तथा कहीं-कहीं दलदले बन जाते हैं। नदी घाटी मैदानों में बाढ़कृत मैदान पेनीप्लेन, ऊँचे टीले, गर्त, विसर्प, गोखुर झील, बालू रोधिका आदि प्रमुख स्थलाकृतियाँ पाई जाती हैं जो नदी की प्रौढ़ावस्था में बनने वाली अपरदनी और निक्षेपण स्थलाकृतियाँ हैं।

These Solutions are part of NCERT Solutions for Class 11 Geography. Here we have given NCERT Solutions for Class 11 Geography Indian Physical Environment Chapter 2 Structure and Physiography.

[NCERT TEXTBOOK QUESTIONS SOLVED] (पाठ्यपुस्तक से हल प्रश्न)

प्र० 1. बहुवैकल्पिक प्रश्न
(i) करेवा भूआकृति कहाँ पाई जाती है?
(क) उत्तरी-पूर्वी हिमालय
(ख) पूर्वी हिमालय
(ग) हिमाचल-उत्तरांचले हिमालय
(घ) कश्मीर हिमालय
उत्तर- (घ) कश्मीर हिमालय

(ii) निम्नलिखित में से किस राज्य में ‘लोकताक’ झील स्थित है?
(क) केरल
(ख) मणिपुर
(ग) उत्तरांचल
(घ) राजस्थान
उत्तर- (ख) मणिपुर

(iii) अंडमान और निकोबार को कौन-सा जल क्षेत्र अलग करता है?
(क) 11° चैनल
(ख) 10° चैनल
(ग) मन्नार की खाड़ी
(घ) अंडमान सागर
उत्तर- (घ) अंडमान सागर

(iv) डोडाबेटा चोटी निम्नलिखित में से कौन-सी पहाड़ी श्रृंखला में स्थित है?
(क) नीलगिरी
(ख) काडमम
(ग) अनामलाई
(घ) नल्लामाला
उत्तर- (क) नीलगिरी

प्र० 2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 30 शब्दों में दीजिए :
(i) यदि एक व्यक्ति को लक्षद्वीप जाना हो तो वह कौन-से तटीय मैदान से होकर जाएगा और क्यों?
उत्तर- लक्षद्वीप अरब सागर में स्थित है। यह केरल तट से 280 किलोमीटर से 480 किलोमीटर दूर स्थित है। केरल तट मालाबार तट का ही भाग है। अत: मालाबार तट से इसकी दूरी सबसे कम 280 किलोमीटर है। इसलिए मालाबार तट के मैदानी भाग से होकर हम लक्षद्वीप कम समय में पहुँच जाएँगे।

(ii) भारत में ठंडा मरुस्थल कहाँ स्थित है? इस क्षेत्र की मुख्य श्रेणियों के नाम बताएँ।
उत्तर- भारत में ठंडा मरुस्थल कश्मीर हिमालय के उत्तरी-पूर्वी भाग में लद्दाख श्रेणी पर है जो वृहत हिमालय और काराकोरम श्रेणियों के बीच स्थित है। इस क्षेत्र की मुख्य श्रेणियाँ काराकोरम, लद्दाख, जास्कर और पीरपंजाल हैं।

(iii) पश्चिमी तटीय मैदान पर कोई डेल्टा क्यों नहीं है?
उत्तर- भारत के पश्चिमी भागों में बहने वाली नदियों की ढाल काफी तीव्र है, इसलिए ये नदियाँ अपने मुहाने पर अनेक भागों में न बहकर एक भाग में बहती हैं। अर्थात ये नदियाँ डेल्टा न बनाकर ज्वारनदमुख बनाती हैं। इसलिए पश्चिमी तटीय मैदान पर कोई भी डेल्टा नहीं है।

प्र० 3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 125 शब्दों में दीजिए :
(i) अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में स्थित द्वीप समूहों का तुलनात्मक विवरण प्रस्तुत करें।
उत्तर- अरब सागर के द्वीपों में लक्षद्वीप और मिनिकॉय हैं। ये केरल तट से 280 किलोमीटर से 480 किलोमीटर दूर स्थित है। बंगाल की खाड़ी में स्थित द्वीप समूह अंडमान निकोबार द्वीप समूह है। लक्षद्वीप और मिनिकॉय का निर्माण प्रवाल निक्षेप से हुआ है जबकि अंडमान निकोबार द्वीप समूह समुद्र में जलमग्न पर्वतों का हिस्सा है। कुछ छोटे द्वीपों की उत्पति ज्वालामुखी के उद्गार से भी हुई है। अरब सागर में कुल 36 द्वीप है जबकि बंगाल की खाड़ी में 572 द्वीप हैं। अरब सागर के द्वीप 8° उत्तर से 12° उत्तर और 71° पूर्व से 74° पूर्व के बीच बिखरे हुए हैं। बंगाल की खाड़ी के द्वीप 6° उत्तर से 14° उत्तर और 92° पूर्व से 94° पूर्व के बीच स्थित हैं।

(ii) नदी घाटी मैदान में पाई जाने वाली महत्त्वपूर्ण स्थलाकृतियाँ कौन-सी हैं? इनका विवरण दें।
उत्तर- नदी जब पर्वतीय भाग से उतरकर मैदानी भागों में बहती है तो कई स्थलाकृतियों का निर्माण होता है। नदी जब पर्वतीय भाग से मैदानी भाग में उतरती है। तो सबसे पहले जलोढ़ पंख का निर्माण होता है। इसके अतिरिक्त नदियों द्वारा और भी कई तरह की स्थलाकृतियों का निर्माण किया जाता है। जैसे तराई क्षेत्र के दक्षिण में स्थित मैदान जो पुराने और नए जलोढ़ से बना होने के कारण बाँगर और खादर कहलाता है। इस मैदान में नदी की प्रौढावस्था में बनने वाली अपरदनी और निक्षेपण स्थलाकृतियाँ, जैसे-बालू रोधिका, विसर्प, गोरखुर झीलें और गुंफित नदियाँ पाई जाती हैं। ब्रह्मपुत्र घाटी का मैदान नदीय द्वीप और बालू रोधिकाओं की उपस्थिति के लिए जाना जाता है। जैसे-जैसे नदियाँ मैदानी भागों में आगे बढ़ती हैं, उनका बहाव मंद होता चला जाता है। जब नदी अपने मुहाने पर पहुँचती है तो वह एक भाग में न बहकर कई भागों में बहने लगती हैं, जिसे डेल्टा कहा जाता है। इसके बाद नदी समुद्र में मिल जाती है।

(iii) यदि आप बद्रीनाथ से सुंदर वन डेल्टा तक गंगा नदी के साथ-साथ चलते हैं तो आपके रास्ते में कौन-सी मुख्य स्थलाकृतियाँ आएँगी?
उत्तर- बद्रीनाथ हिमालय पर्वत पर स्थित है। जब गंगा नदी हिमालय पर्वत पर बहती है तो V आकार की घाटी का निर्माण होता है। जब वह V आकार की घाटी को और अधिक गहरी करती है तो महाखड्ड का निर्माण होता है। इसके अतिरिक्त हिमालय पर्वतीय भाग में ही जलप्रपात और क्षिप्रिकाओं का भी निर्माण होता है। जब वह हिमालय पर्वत से हरिद्वार के पास मैदानी भाग में उतरती है तो वहाँ पर अवसादों, छोटे कंकड़-पत्थरों को जमा करती है, जिससे जलोढ़ पंख का निर्माण होता है। इसके बाद वह और आगे बढ़ती है और अपने दोनों किनारों पर अवसादों को जमा करती है, जिससे तटबंध का निर्माण होता है। उसके और आगे बढ़ने पर बहाव मंद हो जाता है, जिससे नदी सीधा न बहकर टेढ़ी-मेढ़ी बहने लगती है, जिससे विसर्प का निर्माण होता है। वह विसर्प के अतिरिक्त रोधिका, गोखुर झीलें और गुंफित नदियों का भी निर्माण करती है। जब वह अपने मुहाने पर पहुँचती है तो वह एक भाग में न बहकर कई भागों में बहने लगती हैं, जिसे डेल्टा कहा जाता है।

परियोजना/क्रियाकलाप
(i) एटलस की सहायता से पश्चिम से पूर्व की ओर स्थित हिमालय की चोटियों की एक सूची बनाएँ।
(ii) आप अपने राज्य में पाई जाने वाली स्थलाकृतियों की पहचान करें और इन पर चलाए जा रहे मुख्य आर्थिक कार्यों का विश्लेषण करें।
उत्तर- छात्र स्वयं करें।

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नदी घाटी मैदान में पाए जाने वाली महत्त्वपूर्ण स्थलाकृतियाँ कौन सी हैं इनका विवरण दें?

नदी घाटी मैदानों में बाढ़कृत मैदान पेनीप्लेन, ऊँचे टीले, गर्त, विसर्प, गोखुर झील, बालू रोधिका आदि प्रमुख स्थलाकृतियाँ पाई जाती हैं जो नदी की प्रौढ़ावस्था में बनने वाली अपरदनी और निक्षेपण स्थलाकृतियाँ हैं

पश्चिमी तटीय मैदान पर कोई डेल्टा क्यों नहीं है बताइए?

(iii) पश्चिमी तटीय मैदान पर कोई डेल्टा क्यों नहीं है? उत्तर- भारत के पश्चिमी भागों में बहने वाली नदियों की ढाल काफी तीव्र है, इसलिए ये नदियाँ अपने मुहाने पर अनेक भागों में न बहकर एक भाग में बहती हैं। अर्थात ये नदियाँ डेल्टा न बनाकर ज्वारनदमुख बनाती हैं। इसलिए पश्चिमी तटीय मैदान पर कोई भी डेल्टा नहीं है।

नदी निक्षेपण क्या है?

बाढ़ के दौरान जल जब तटों से बाहर फैलता है, तो वेग कम होने के कारण बड़े आकार के मलबे नदी के समानांतर जमा होकर प्राकृतिक तटबंध का निर्माण करते हैं। रोधिका विसर्पीः का निर्माण नदी के उत्तल ढ़ालों पर होता है। ये प्रवाहित जल द्वारा लाए गए तटछटों के नदी किनारों पर निक्षेपण के कारण बनी हैं।

मैदानों का मानव के लिए क्या महत्व है?

इसलिए ये मैदान विश्व के सबसे अधिक जनसंख्या वाले भाग होते हैं। नदियों के द्वारा बनाए गए कुछ बड़े मैदान एशिया तथा उत्तरी अमेरिका में पाए जाते हैं। एशिया में स्थित भारत में गंगा एवं ब्रह्मपुत्र का मैदान तथा चीन में यांगत्से नदी का मैदान इसके प्रमुख उदाहरण हैं । कारण यह भाग खेती के लिए काफी उपयुक्त होता है।