भारत में शीत ऋतु में होने वाली वर्षा 20 दिसंबर से लेकर मार्च तक होती है। शीत ऋतु में मानसून के दो क्षेत्र है पहला पश्चिमोत्तर भारत के पहाड़ी एवं मैदानी भाग तथा तमिलनाडु का कोरोमण्डल तट। Show शीत ऋतु में वर्षा दो कारणों से होती है –
1. पश्चिमी विक्षोभ
2. शीत ऋतु में उत्तर-पूर्वी मानसून
Geography Notes पढ़ने के लिए — यहाँ क्लिक करें भारत में शीतकालीन वर्षा का कारण क्या है?यह गड़बड़ी आमतौर पर बादल वाले आसमान, रात के उच्च तापमान और असामान्य बारिश से जुड़ी होती है। ये नमी से भरपूर पश्चिमी विक्षोभ अंत में हिमालय टकराते हैं और अवरुद्ध हो जाते हैं, परिणामस्वरूप नमी फंस जाती है और उत्तर पश्चिम भारत और कभी-कभी उत्तर भारत के अन्य भागों में बर्फ और बारिश के रूप में वर्षा साझा की जाती है।
भारत में शीत ऋतु में वर्षा कहाँ होती है?मुख्य रूप से पश्चिमोत्तर भारत में वर्षा करता है। पहाड़ी राज्यों में अर्थात(जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखण्ड) में हिमपात के रूप में तथा मैदानी राज्यों में अर्थात पंजाब हरियाणा तथा दिल्ली में जल बूंदों के रूप में होती है।
भारत में शीतकालीन वर्षा कहाँ से उत्पन्न होने वाले चक्रवातों का परिणाम है?इसलिए, हम यह निष्कर्ष निकालते हैं कि भारत में शीतकालीन वर्षा भूमध्य सागर से उत्पन्न चक्रवातों का परिणाम है।
शीत ऋतु में होने वाली वर्षा को क्या कहा जाता है?शीत ऋतु में होने वाली वर्षा को क्या कहते हैं? मावठा । किसानों के लिए रबी की फसल के लिये यह अमृत वर्षा जैसी मानी जाती है ।
|