पक्षी किस वर्ग में आते हैं - pakshee kis varg mein aate hain

जीवों का पाँच जगत में वर्गीकरण के आधार की व्याख्या कीजिए।


जगत मोनेरा के अंतर्गत प्रोकैरियोटिक एक कोशिकीय जीवधारियों को रखा गया है। पोषण के आधार पर ये परपोषी या स्वपोषी होते हैं। अधिकांश जीवाणु परपोषी तथा नीले-हरे शैवाल स्वपोषी होते हैं। इनमें प्राय: कोशिका भित्ति पाई जाती है।
जगत प्रोटिस्टा के अंतगर्त यूकैरियोटिक एक कोशिकीय जीवधारियों को रखा गया है। कोशिकाओं में कोशिका भित्ति उपस्थित व अनुपस्थित होती है। कोशिका भित्ति युक्त कोशिकाएँ पादप जगत तथा कोशिका भित्ति रहित कोशिकाएँ जंतु जगत की सदस्य होती हैं। विभिन्न प्रकार के शैवाल, डायटम स्वपोषी तथा अमीबा, पैरामीशियम आदि प्रोटोजोआ कोशिकाएँ परपोषी होती हैं। जंतु कोशिकाओं में प्रचलन के लिए सिलिया, फ़्लैजेल आदि संरचनाएँ पाई जाती हैं।
फंजाई के अंतगर्त यूकैरियोटिक हरितलवक रहित परपोषी पादप आते हैं। ये परजीवी या मृतजीवी होते हैं। परजीवी अपना भोजन जीवित पोशद से प्राप्त करते हैं। परजीवी एवं पोशद के घनिष्ट संबंध होता है। मृतजीवी पोषण के लिए मृत, सड़े-गले कार्बनिक पदार्थों पर निर्भर करते हैं। उदाहरण: राइजोपस, कुकुरमुत्ता ( मशरूम ), यीस्ट, गुच्छी, पेनिसिलियम आदि।
प्लाण्टी के अंतगर्त बहुकोशिकीय, यूकैरियोटिक कोशिका वाले विकसित पादप आते हैं। ये स्वपोषी होते हैं। प्रकाश संश्लेषण द्वारा भिज्य पदार्थों का संश्लेषण करते हैं। इसके अंतगर्त थैलेफाइटा, ब्रायोफाइटा, टेरीडोफाइट, जिम्नोस्पर्म, एंजियोस्पर्म आदि पादप आते हैं।
ऐनिमेलिया के अंतगर्त बहुकोशिकीय, कोशिका भित्ति रहित यूकैरियोटिक कोशिका वाले जंतु आते हैं। ये पोषण की दृष्टि से परपोषी होते हैं। इसके अंतगर्त अकशेरुकी तथा कशेरुकी जंतु आते हैं।


ये टेट्रापोडा (Tetrapoda) होते है। लेकिन इनके अग्रपाद (Fore limb) पंखों में रूपांतरित होते है। पक्षियों के अध्ययन को ओर्निथोलोजी (Ornithology) कहते है।

भारत के डॉ. सलीम अली को पक्षी वैज्ञानिक कहा जाता है। जिन्होंने अपनी आत्मकथा “ The fall of a sperrow” लिखी थी।

 

Contents

  • वर्ग एवीज के सामान्य लक्षण (Common Charateritics of Class Aves)
  • वर्ग एवीज का वर्गीकरण (Classifications of Class Aves)
  • उपवर्ग आर्किओर्निथिज (Subclass Archaeornithes)
  • उपवर्ग निओर्निथिज (Subclass Neornithes)
  • अधिगण ऑडोन्टोग्नेथी (Suborder Odontognathae)
  • अधिगण पेलियोग्नेथी (Suborder Palaeognathae)
  • अधिगण इम्पेनी (Suborder Impennae)
  • अधिगण नियोग्नेथी (Suborder Neognathae)
  • इन्हें भी पढ़ें
  • बाहरी कड़ियां
  • ऑनलाइन लेक्चर वीडियो

वर्ग एवीज के सामान्य लक्षण (Common Charateritics of Class Aves)

इनके शरीर पर परों (Feathers) का आवरण पाया जाता है। जिसे प्लुमेज (Plumage) कहते है।

इनके अग्रपाद (Fore limb) पंखों में रूपांतरित होते है। तथा पश्च पाद (Hind limb) पर शल्क पाये जाते है।

पश्च पाद (Hind limb) में नखरयुक्त (Nailed) चार अंगुलियाँ होती है।

इनका शरीर धारा रेखित (stream lined) होता है। जो सिर (Head), गर्दन(Neck), धड (Trunk) तथा पूंछ (Tail) में विभक्त होता है।

इनका मुख दांतविहीन चोंच में रूपांतरित होता है।

इनकी त्वचा शुष्क (Dry skin) तथा ग्रथिविहीन होती है। इनकी त्वचा में केवल तेल ग्रंथियां (Sweat gland) होती है। जिसे प्रीनिंग ग्रंथियाँ (Preen gland) कहते है।

इनकी ग्रसिका में अन्नपुट (Crop) तथा आमाशय में गिजार्ड (Gizzard) पायी जाती है।

पक्षियों की श्वास नली के आधार में ध्वनि कोष (Voice box) या सिरिंक्स (Syrinx) पाये जाते है।

इनका हृदय चार कोष्ठकों (Four chambered heart) में विभक्त होता है। जिसमें दो आलिन्द (Atrium) तथा दो निलय (Ventricular) पाये जाते है।

इनके फेफड़े स्पंजी, अप्रसारी तथा वायुकोष (Air blabber) युक्त होते है।

इनकी RBC केन्द्रक युक्त तथा अंडाकार होता है।

इनके वृक्क मेटानेफ्रिक होते है। मूत्राशय अनुपस्थित होता है।

ये युरिकोटेलिक (Urecotelic) होते है।

ये समतापी (Homothermic) होते है। यानि इनके शरीर का तापमान स्थिर होता है।


Keywords –  वर्ग एवीज (Class Aves – Know What is bird)


सिर पर एक जोड़ी पार्श्व नेत्र स्थित होते है। बाह्य कर्ण में छिद्र होता है।

इनमें बारह जोड़ी कपालिय तंत्रिकाएँ पायी जाती है।

इनकी पुच्छ कशेरुक जुड़कर पाइगोस्टाइल (Pygostyle) बनाते है।

इनके कपाल में केवल एक ही ऑक्सीपीटल कोन्डाइल (Occipital Condyle) पाया जाता है।

इनकी स्टर्नम बड़ी तथा नौतल (Keel) होती है। जिससे उड़न पेशियाँ जुडी रहती है।

इनका अन्तःकंकाल अस्थियों (Bony endoskeleton) का बना होता है।  इनकी हड्डियाँ हल्की, खोंखली तथा वातिल (Pneumatic) होती है।

इनकी क्लेविकल तथा अन्तर क्लेविकल अस्थियाँ (Inter clavicle bone) जुड़कर फर्कुला अस्थि (Fercula bone) बनाती है।

 

ये एकलिंगी (Unisexual), निषेचन आंतरिक (Internal Fertilization), परिवर्धन प्रत्यक्ष (Direct development) होता है।

इनमें अंशभंजी विबाभ विदलन (Complete discoidal cleavage) होता है।  इनके अन्डे अतिपीतकी होते है।

पक्षी किस वर्ग में आते हैं - pakshee kis varg mein aate hain


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वर्ग एवीज का वर्गीकरण (Classifications of Class Aves)

एवीज वर्ग दो उपवर्गों में विभक्त किया गया है-

  1. आर्किओर्निथिज (Archaeornithes)
  2. निओर्निथिज (Neornithes)

 

उपवर्ग आर्किओर्निथिज (Subclass Archaeornithes)

[Archae – आद्य (Primitive) ornithes – पक्षी (Birds)]

इसके सभी सदस्य विलुप्त हो गये है।

ये आदिम पक्षी थे जो जुरेसिक काल में पाये जाते थे

इनमें पाइगोस्टाइल अनुपस्थित होते है। ये गर्तदंती होते है।

ये रेप्टिलिया तथा एवीज के बीच की योजक कड़ी है।

उदाहरण Archaeopterys, Archaeonis

 

उपवर्ग निओर्निथिज (Subclass Neornithes)

[Neo– नया (New) ornithes – पक्षी (Birds)]

ये सभी विकसित पक्षी है।

इस उपवर्ग को चार अधिगण में बांटा गया है-

ऑडोन्टोग्नेथी (Odontognathae)

पेलियोग्नेथी (Palaeognathae)

इम्पेनी (Impennae)

नियोग्नेथी (Neognathae)

 

अधिगण ऑडोन्टोग्नेथी (Suborder Odontognathae)

मुख में दाँत उपस्थित होते थे सभी विलुप्त

उदाहरण

 

अधिगण पेलियोग्नेथी (Suborder Palaeognathae)

इसे रेटीटी भी कहते है।

इसमें सभी न उड़ने वाले पक्षी आते है।

उदाहरण Ostrich (शुतुरमुर्ग), Kiwi, Cassowary, Emu, Rhea

 

अधिगण इम्पेनी (Suborder Impennae)

इसमें न उड़ने वाले जलीय पक्षी आते है।

उदाहरण Penguin

 

अधिगण नियोग्नेथी (Suborder Neognathae)

इसमें सभी उड़ने वाले पक्षी आते है।

उदाहरण Gallus (मुर्गा), Corvus (कौआ), Columba (कबूतर), Passer domesticus (गौरेया, घरेलू चिड़िया), Pavo (मोर), Humming bird (शकरखोर, सबसे छोटा पक्षी) Bubo (उल्लू) Cuckoo (कोयल), Picus (वुडपीकर), Great Indian basturd (गोडावन, राजस्थान का राज्य पक्षी)

पक्षी कौन से वर्ग में आता है?

ये नियततापी (warm blooded) जंतु होते हैं। ये हवा में उड़ते भी हैं तथा जमीन पर तेजी से चलते भी हैं। इनका शरीर तीन भागों में विभाजित रहता है- सिर, गर्दन एवं धड़।

पक्षियों के समूह को क्या कहा जाता है?

क्या आप कहते हैं कि पक्षियों के समूह को FLOCK कहा जाता है?

पक्षी वर्ग की क्या विशेषताएं हैं?

पक्षी वर्ग के चार लक्षण इस प्रकार हैं... पक्षियों का शरीर समतापी होता है, इनका शरीर शल्कों से ढका होता है। इनमें दो जोड़ी पाद पाये जाते हैं। अग्रपाद पंखों के रूप में रूपांतरित हो जाते हैं। पृष्ठपाद चलने-फिरने, पेड़ों या भूमि पर बैठने के लिये प्रयुक्त होते हैं

पक्षी वर्ग को इंग्लिश में क्या कहते हैं?

A bird is a creature with feathers and wings.