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Question पक्षी और बादल की चिट्ठियों में पेड़-पौधें, पानी और पहाड़ क्या पढ़ पाते हैं ?Solution इन चिट्ठियों में भगवान का लाया यह सन्देश रहता है कि मनुष्य को स्वयं को देशों में न बाँटकर सद्भावना से मिलजुलकर रहना चाहिए। भगवान की बनाई इस दुनिया में मनुष्य ने ही स्वयं को बाँटा हैइसलिए ये चिट्ठियाँ वे नहीं पढ़ पाते केवल प्रकृति ही इसे पढ़ पाती है क्योंकि नदी, जल, हवा, अपनी ठंडक, पेड़-पौधें, फूल अपनी सुगंध समान भाव से बाँटते हैं। ये एकता, मेल, सद्भावना का संदेश देते हैं। नदियाँ समान भाव से सभी लोगों में अपने जल को बाँटती है। वह कभी भेदभाव नहीं करती। हवा समान भाव से बहती हुई अपनी ठंडक, शीतलता व सुगन्ध को बाँटती जाती है। वो कभी भी भेदभाव नहीं करती। पेड़-पौधें समान भाव से अपने फल, फूल व सुगन्ध को बाँटते हैं, कभी भेदभाव नही करते। मनुष्य ही इस भेदभाव में उलझा रहता है, इसलिए यह सब भगवान के इस सन्देश को समस्त संसार में प्रचारित करते हुए सद्भावना का सन्देश देते हैं। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({});पक्षी और बादल की चिट्ठियों में पेड़ पौधे पानी और पहाड़ क्या क्या पढ़ पाते हैं?पक्षी और बादल की चिट्ठियों में पेड़-पौधे, पानी और पहाड़ भगवान के भेजे एकता और सद्भावना के संदेश को पढ़ पाते हैं। इसपर अमल करते नदियाँ समान भाव से सभी लोगों में अपने पानी को बाँटती है। पहाड़ भी समान रूप से सबके साथ खड़ा होता है। पेड़-पौधें समान भाव से अपने फल, फूल व सुगंध को बाँटते हैं, कभी भेदभाव नहीं करते।
पक्षी और बादल द्वारा लाई चिट्ठियाँ कौन कौन पढ़ पाते हैं?Question 2: पक्षी और बादल द्वारा लाई गई चिट्ठियों को कौन-कौन पढ़ पाते हैं? सोच कर लिखिए। Solution: पक्षी और बादल द्वारा लायी गई चिट्ठियों को पेड़-पौधे, पानी Page 4 और पहाड़ पढ़ पाते हैं।
पक्षी और बादल की लाई चिट्ठियाँ क्या संदेश देती है?इसके द्वारा हम किसी की व्यक्तिगत राय को जान सकते हैं किन्तु पक्षी और बादल की चिट्ठियाँ हमें भगवान का सन्देश देती हैं। ये दोनों बिना भेदभाव के सारी दुनिया में प्रेम और एकता का संदेश देते हैं। हमें भी इंटरनेट के माध्यम से विशव में प्रेम और एकता और भाईचारा का संदेश फैलाना चाहिए। 8.
पक्षी और बादल क्या पार करते है 1 Point समुद्र मनुष्य की बनाई सीमा नदी पहाड़?Solution : कवि ने पक्षी और बादल को भगवान के डाकिए बताया है, क्योंकि ये दोनों मनुष्य द्वारा बनाई सीमा-रेखा को पार कर एक देश से दूसरे देश में जाते हैं। पक्षी अपने पंखों द्वारा फूलों की सुगन्ध दूर-दूर के देशों तक फैलाते हैं और बादल एक देश के पानी से बनकर दूसरे देश में जाकर बरसते हैं।
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