शरीर में मौजूद सभी अंग और कोशिकाएं ही हैं, जो मिलकर हमें निरोग और सेहतमंद जीवन देने में मदद करते हैं। कुछ ऐसा ही अहम काम है रक्त में मौजूद प्लेटलेट्स का है, जिनका शरीर में सही मात्रा में होना यह सुनिश्चित करता है कि हम स्वस्थ हैं (1) (2)। कई बार प्लेटलेट्स कम होने और न बनने की वजह से शरीर कई तरह के विकार और बीमारियों की चपेट में आ जाता है। क्या आपको पता है कि घटते प्लेटलेट्स को बढ़ाने का राज आपके किचन में ही छुपा है। जी हां, स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम आपको प्लेटलेट्स क्या है, प्लेटलेट्स के कम होने के कारण, लक्षण और प्लेटलेट्स बढ़ाने के घरेलू उपाय के बारे में बताएंगे।
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आपने अक्सर प्लेटलेट्स के कम होने की बात सुनी होगी, लेकिन क्या आपको पता है कि यह होते क्या हैं? चलिए, प्लेटलेट्स क्या है, इस पर एक नजर डाल लेते हैं।
विषय सूची
- प्लेटलेट्स क्या होते हैं? – What Are Platelets in Hindi
- प्लेटलेट्स कम होने के कारण – Causes of Low Platelets in Hindi
- प्लेटलेट्स कम होने के लक्षण – Symptoms of Low Platelets in Hindi
- प्लेटलेट्स बढ़ाने के घरेलू उपाय – Home Remedies To Increase Platelets in Hindi
- प्लेटलेट्स में परहेज – What to Avoid During Low Platelets in Hindi
- प्लेटलेट्स का इलाज – Treatment for Low Platelets in Hindi
- प्लेटलेट्स कम होने से बचने के उपाय – Prevention Tips For Low Platelets in Hindi
प्लेटलेट्स क्या होते हैं? – What Are Platelets in Hindi
रक्त में तीन प्रकार की कोशिकाएं होती हैं, लाल रक्त कोशिकाएं, सफेद रक्त कोशिकाएं और प्लेटलेट। प्लेटलेट्स को थ्रोम्बोसाइट्स (Thrombocytes) भी कहा जाता है, जो रक्त कोशिकाओं के छोटे-छोटे टुकड़े होते हैं। यह आपके बोन मैरो (Bone Marrow) यानी हड्डियों में मौजूद स्पंज जैसे ऊतक/टिश्यू में बनते हैं। प्लेटलेट्स ब्लड कलोटिंग (रक्त थक्के बनाने) में भी प्रमुख भूमिका निभाते हैं। आमतौर पर, जब आपकी रक्त वाहिकाओं (ब्लड वेसल) में से कोई एक क्षतिग्रस्त हो जाती है, तो आपका खून बहने लगता है। इस दौरान आपके प्लेटलेट्स रक्त वाहिका के छिद्र को बंद करने और रक्तस्राव को रोकने में मदद करते हैं (3)। प्लेटलेट्स का 150,000 से 450,000 प्रति माइक्रोलीटर के बीच होना जरूरी है। प्लेटलेट्स का 150,000 से नीचे जाना चिंता का विषय हो सकता है।
आगे जानें
चलिए, अब नजर डाल लेते हैं प्लेटलेट्स कम होने के कारण पर। आगे हम आपको प्लेटलेट्स की कमी के लक्षण के बारे में भी बताएंगे।
प्लेटलेट्स कम होने के कारण – Causes of Low Platelets in Hindi
प्लेटलेट काउंट कम होने को मेडिकल भाषा में थ्रोम्बोसाइटोपेनिया (Thrombocytopenia) कहा जाता है। इसके कई कारक होते हैं। कुछ वजह तो आपको विरासत में भी मिली हो सकती है यानी यह समस्या आप में जन्मजात हो सकती है। वहीं, कुछ कारणों को आपका शरीर विकसित करता है। कई बार ऐसा भी होता है कि थ्रोम्बोसाइटोपेनिया का कारण ज्ञात नहीं हो पाता है। नीचे हम प्लेटलेट काउंट कम होने के आम कारण बता रहे हैं (3)।
- शरीर के बोन मैरो पर्याप्त प्लेटलेट्स नहीं बनाते।
- बोन मैरो शरीर में पर्याप्त प्लेटलेट्स तो बनाते हैं, लेकिन हमारा शरीर उन्हें नष्ट कर देता है या उनका उपयोग कर लेता है।
- जब शरीर का एक अंग स्प्लीन (Spleen), जो पेट के ऊपरी बाएं हिस्से में होते हैं, वो बहुत सारे प्लेटलेट्स को अपने पास रख लेता है।
शरीर इन स्थितियों में पर्याप्त प्लेटलेट्स नहीं बनाता (4):
- अप्लास्टिक एनीमिया (Aplastic anemia) की अवस्था में ऐसा होता है। यह ऐसा विकार होता है, जिसमें बोन मैरो पर्याप्त रक्त कोशिकाएं नहीं बना पाता है।
- बोन मैरो में कैंसर, जैसे कि ल्यूकेमिया (Leukemia)।
- सिरोसिस लिवर की अवस्था में, जिसमें लिवर में खराबी आ जाती है।
- फोलेट की कमी।
- विटामिन बी-12 की कमी।
- बोन मैरो में संक्रमण (ऐसा बहुत दुर्लभ होता है)।
- मयेलोडिस्प्लास्टिक सिंड्रोम (Myelodysplastic Syndrome), इसमें भी बोन मैरो पर्याप्त रक्त कोशिकाओं को नहीं बनाता है या दोषपूर्ण कोशिकाओं को बनाता है।
- किमोथेरेपी।
- एड्स।
- कुछ दवाएं भी शरीर में पर्याप्त प्लेटलेट्स बनने नहीं देती हैं, जैसे क्लोरम्फेनिकोल (एंटीबायोटिक), एस्पिरिन और इबुप्रोफेन।
- चिकनपॉक्स, मम्प्स व रूबेला जैसी वायरस संबंधी बीमारियां।
कुछ विकारों और बीमारियों के दौरान भी प्लेटलेट्स नहीं बनते या उन्हें हमारा शरीर नष्ट कर देता है (4) (5):
- थ्रोम्बोटिक थ्रोम्बोसाइटोपेनिक पुरपुरा (Thrombotic Thrombocytopenic Purpura – TTP) नामक रक्त विकार, जिसमें पूरे शरीर की छोटी रक्त धमनियों में रक्त के थक्के जमने लगते हैं।
- इम्यून थ्रोम्बोसाइटोपेनिक पुरपुरा (Immune Thrombocytopenic Purpura – ITP), नामक रक्तस्राव विकार, जिसमें प्रतिरक्षा प्रणाली प्लेटलेट्स को नष्ट कर देती है।
- डिसेमिनेटेड इंट्रावैस्कुलर कुगुलेशन (Disseminated Intravascular Coagulation – DIC) में पूरे शरीर में रक्त के थक्के बनने लगते हैं और छोटी रक्त वाहिकाएं अवरुद्ध हो जाती हैं।
- वायरस संबंधी बीमारी जैसे डेंगू।
- प्रेगनेंसी, सर्जरी और इंफेक्शन की वजह से भी शरीर में प्लेटलेट्स नष्ट होने लगते हैं।
और भी है कुछ खास
प्लेटलेट्स कम होने के कारण के बाद एक नजर प्लेटलेट्स की कमी के लक्षण पर डाल लेते हैं।
प्लेटलेट्स कम होने के लक्षण – Symptoms of Low Platelets in Hindi
प्लेटलेट्स की कमी के लक्षण अचानक या समय के साथ धीरे-धीरे दिखाई दे सकते हैं। कई बार तो हल्के थ्रोम्बोसाइटोपेनिया के कोई लक्षण नहीं होते हैं। ये रक्त की जांच के दौरान ही सामने आते हैं (3) (4)।
- बाहरी रक्तस्राव आमतौर पर कम प्लेटलेट काउंट का पहला संकेत है।
- बाहरी रक्तस्राव से बैंगनी, भूरे और लाल रंग के चोट जैसे निशान शरीर पर बन जाते हैं।
- मुंह और मसूड़ों में रक्तस्राव।
- नाक से खून बहना।
- योनि से असामान्य तरीके से खून का बहना।
- हल्की चोट के कारण भी देर तक खून का बहते रहना।
- मल और मूत्र दोनों में रक्त का दिखना।
प्लेटलेट्स की कमी के लक्षण के बाद हम आपको विस्तार से प्लेटलेट्स बढ़ाने के घरेलू उपाय बता रहे हैं।
1. पपीता या पपीते की पत्तियां
सामग्री:- 150 से 200 ग्राम पपीता या मुट्ठी भर पपीते की पत्तियां
- पपीते को छीलकर सीधे खा लें।
- पपीते के पत्तों को पानी में उबालकर पी लें।
- आप प्लेटलेट काउंट को जल्दी बढ़ाने के लिए पपीते के पत्तों से निकले अर्क और फल दोनों का सेवन कर सकते हैं।
- प्लेटलेट काउंट ठीक न होने तक इस प्रक्रिया को दिन में एक से दो बार दोहराया जा सकता है।
अगर आपके प्लेटलेट्स काउंट कम हैं, तो इसे बढ़ाने का काम पपीता कर सकता है। एक शोध के मुताबिक, पपीते का अर्क डेंगू में कम होने वाले प्लेटलेट काउंट को बढ़ाने में मदद कर सकता है (6)। फिलहाल, यह स्पष्ट नहीं है कि पपीते में मौजूद कौन-सा गुण रक्त में मौजूद प्लेटलेट्स को बढ़ावा देता है। माना जाता है कि पपीते के पत्ते के अर्क में मौजूद केमिकल कंपाउंड जैसे एल्कलॉइड, टैनिन, एंट्राक्विनोन, कार्डेनोलाइड्स, स्टेरॉयड, सैपोनिन व फेनोलिक्स शरीर के विभिन्न जैविक प्रक्रियाओं पर असर डालते हैं। ऐसे में कहा जा सकता है कि इन्हीं में से किसी एक या संयुक्त रासायनिक यौगिक प्लेटलेट्स को बढ़ाने में मदद कर सकते हैं (7)।
[ पढ़ें: पपीता के पत्ते के जूस के फायदे और नुकसान ]
2. अनार
सामग्री:- एक अनार का फल
- अनार को काटकर इसके दानों को निकाल लें।
- आप इसका सेवन नाश्ते के रूप में या सलाद की तरह कर सकते हैं।
- आप अनार के बीज को निचोड़कर, इसका जूस निकालकर भी पी सकते हैं।
- ध्यान रहें कि आप जूस निकालने के आधे घंटे के अंदर ही इसका सेवन कर लें।
- प्लेटलेट काउंट न बढ़ने तक आप रोजाना इसे अपने आहार में शामिल कर सकते हैं।
अनार एंटीऑक्सीडेंट व एंटी-इंफ्लेमेटरी जैसे कई गुणों से भरपूर है। यही वजह है कि अनार कई बीमारियों से लड़ने में भी मदद करता है (8)। वैज्ञानिक रिसर्च के अनुसार, अनार प्लेटलेट्स को एक जगह एकत्रित होने से रोकता है (9) (10)। इसकी मदद से आपके प्लेटलेट्स काउंट में आने वाली कमी दूर हो जाती है। दरअसल, जब प्लेटलेट्स एक जगह इकट्ठे हो जाते हैं, तो प्लेटलेट काउंट कम हो जाता है और खून के थक्के बन जाते हैं (4)।
[ पढ़ें: Anar Ke Fayde in Hindi ]
3. मछली का तेल
सामग्री:- आवश्कतानुसार मछली का तेल
- करीब दो से तीन ग्राम मछली के तेल को पी लें।
- इसका स्वाद पसंद नहीं है, तो आप मछली के तेल से बने कैप्सूल का भी सेवन कर सकते हैं।
- शरीर में पर्याप्त प्लेटलेट काउंट न बनने तक रोजाना इस प्रक्रिया को दोहराएं।
मछली का तेल सीधे तौर पर आपके प्लेटलेट काउंट बढ़ाने में मदद तो नहीं करता है, लेकिन यह प्लेटलेट्स को एकत्रित होने से रोकता है। अगर आपके प्लेटलेट में थ्रोम्बोटिक थ्रोम्बोसाइटोपेनिक पुरपुरा जैसे रक्त विकार की वजह से कमी आ रही है, तो यह रक्त को जमने से रोकने और ब्लड क्लॉट से आपको बचाने में मदद कर सकता है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि मछली के तेल में एंटीथ्रोबोटिक (Antithrombotic) प्रभाव पाए जाते हैं (11) (12)।
4. कद्दू
सामग्री:- आधे गिलास जूस के लिए आवश्यकतानुसार कद्दू
- कद्दू को पहले अच्छे से धोकर छील लें।
- अब कद्दू के छोटे-छोटे टुकड़े करके इसे महीन पीस लें।
- अब इससे आधा गिलास ताजा रस निकाल लें।
- स्वाद के लिए इसमें एक चम्मच शहद मिला सकते हैं।
- आप कद्दू को उबालकर, स्मूदी, सूप या अन्य पदार्थ में मिलाकर भी सेवन कर सकते हैं।
- अधिकतम लाभ के लिए प्लेटलेट काउंट ठीक न होने तक इसे दिन में दो या तीन बार पिया जा सकता है।
एक शोध के मुताबिक, कम विटामिन-ए का सेवन करने वालों में प्लेटलेट कम पाए गए हैं। वहीं, कद्दू विटामिन-ए से समृद्ध होता है, जो प्लेटलेट को बढ़ाने में मदद करता है (13) (14)। इसके अलावा, कद्दू के बीज में इम्यूनोमॉड्यूलेटरी प्रभाव भी होता है (15)। ऊपर लेख में हम आपको बता ही चुके हैं कि कई बार हमारा इम्यून सिस्टम ही प्लेटलेट्स को नष्ट कर देता है, ऐसे में यह प्रभाव प्रतिरक्षा प्रणाली को कंट्रोल करने का काम करता है (16)।
5. व्हीट ग्रास (Wheatgrass)
सामग्री:- आवश्यकतानुसार व्हीट ग्रास
- व्हीट ग्रास धोकर महीन पीस लें।
- अब इस पेस्ट को निचोड़कर रस निकाल लें।
- जरूरत पड़ने पर पानी की हल्की बूंदें मिला सकते हैं।
- करीब आधा कप जूस निकलने के बाद इसे पी लें।
- स्वाद के लिए व्हीटग्रास के जूस में नींबू के रस की कुछ बूंदों को मिलाया जा सकता है।
- प्लेटलेट काउंट ठीक न होने तक इसका सेवन दिन में एक बार किया जा सकता है।
व्हीट ग्रास का इस्तेमाल भी प्लेटलेट्स काउंट को बढ़ाने के लिए किया जा सकता है। दरअसल, इसमें क्लोरोफिल, फोलिक एसिड, जिंक व विटामिन जैसे तमाम पोषक तत्व मौजूद हैं, जो शरीर की जरूरत को पूरा करते हुए प्लेटलेट काउंट को बढ़ाने में मदद करते हैं। एक शोध में पाया गया है कि व्हीट ग्रास प्लेटलेट को बढ़ाने के साथ ही इसमें इम्यूनोमॉड्यूलेटरी प्रभाव भी होते हैं (17)। इम्यूनोमॉड्यूलेटरी प्रभाव वो होता है, जो आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली में शरीर की जरूरत के हिसाब से बदलाव करता है। यानी अगर आपका इम्यून सिस्टम ही आपके प्लेटलेट्स को कम कर रहा है, तो उसे नियंत्रित करने में व्हीटग्रास मदद कर सकता है।
6. विटामिन-सी युक्त खाद्य पदार्थ
सामग्री:- आवश्यकतानुसार विटामिन-सी युक्त खाद्य पदार्थ (संतरा, नींबू, कीवी)
- विटामिन-सी युक्त खाद्य पदार्थ को आप धोकर सीधे इनका सेवन कर सकते हैं।
- इसकी जगह आप इनका जूस निकालकर भी इसे पी सकते हैं।
- प्लेटलेट काउंट बढ़ने तक आप रोजाना इनका सेवन कर सकते हैं।
विटामिन-सी युक्त खाद्य पदार्थ भी प्लेटलेट काउंट कम होने के कारण को दूर करके इसके काउंट में सुधार कर सकते हैं। दरअसल, विटामिन-सी का सेवन आपको थ्रोम्बोथरोस्क्लेरोटिक (Thromboatherosclerotic) यानी ऐसा विकार जिसमें आपके धमनियों में ब्लड क्लॉट होने लगता है उससे बचाता है (18)। जैसा कि हम आपको ऊपर लेख में बता ही चुके हैं कि रक्त के जमने की वजह से भी प्लेटलेट काउंट में कमी आती है। ऐसे में कहा जा सकता है कि विटामिन-सी का सेवन करने से प्लेटलेट कम होने का कारण थ्रोम्बोसिस (Thrombosis) को दूर किया जा सकता है। इसके अलावा, विटामिन-सी एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट भी है। इसलिए, इससे भरपूर खाद्य पदार्थों के नियमित सेवन से प्लेटलेट निर्माण में सुधार हो सकता है (19)।
7. हरी पत्तेदार सब्जियां
सामग्री:- आवश्यकतानुसार हरी पत्तेदार सब्जियां (पालक, मेथी के पत्ते व अन्य)
- आप हरी पत्तेदार सब्जियों को पकाकर खा सकते हैं।
- इन्हें उबालकर सूप के रूप में भी पिया जा सकता है।
- हरी पत्तेदार सब्जियों को पीसकर आप जूस की तरह भी इसका सेवन कर सकते हैं।
- सलाद और स्मूदी में भी इनको मिलाया जा सकता है।
- रोजाना एक-एक कप हरी पत्तेदार सब्जियों का जूस या सूप का सेवन जरूर करें।
हरी पत्तेदार सब्जियां को फोलेट का अच्छा स्रोत माना जाता है, जो आपके कम होते प्लेटलेट काउंट को बढ़ाने में मदद कर सकते हैं। दरअसल, फोलेट की कमी की वजह से भी प्लेटलेट कम हो जाते हैं (20) (21) ।
8. आंवला
सामग्री:- 1 से 2 छोटे आंवले
- आप आंवले को धोकर रोज सुबह खाली पेट इसका सेवन कर सकते हैं।
- आप आंवले का रस निकालकर भी पी सकते हैं।
- स्वाद के लिए इसमें शहद मिलाया जा सकता है।
- आप घर में बने स्वादिष्ट आंवले के अचार और जैम भी खा सकते हैं।
- प्लेटलेट का उत्पादन न बढ़ने तक आंवला या इसके जूस को दिन में 2 से 3 बार सेवन करें।
आंवला विटामिन-सी से भरपूर होता है (22)। जैसा कि हम आपको ऊपर बता ही चुके हैं कि विटामिन-सी प्लेटलेट के लिए लाभदायक साबित हो सकता है। इसलिए, प्लेटलेट्स काउंट के लिए आप आंवले का सेवन कर सकते हैं। एक शोध के मुताबिक, आंवले का सेवन करने से प्लेटलेट काउंट बढ़ने के साथ-साथ घट भी सकते हैं (23)। इसलिए, आपको प्लेटलेट्स के मामले में आंवले का सेवन से पहले एक बार डॉक्टर की सलाह जरूर लेनी चाहिए।
9. चुकंदर और गाजर
सामग्री:- आवश्यकतानुसार चुकंदर और गाजर
- आप चुकंदर और गाजर को अच्छी तरह धोकर छील लें।
- आप इनका जूस निकालकर भी पी सकते हैं।
- आप चुकंदर और गाजर का मिक्स जूस का सेवन भी कर सकते हैं।
- रोजाना एक गिलास जूस प्लेटलेट में सुधार न होने तक पिया जा सकता है।
गाजर में फेनोलिक यौगिक पाए जाते हैं, जो पौधों में पाए जाने वाला एंटीऑक्सीडेंट है। यह शरीर में प्लेटलेट को एकत्र होने से रोकता है (24)। वहीं, चुकंदर में मौजूद नाइट्रिक ऑक्साइड भी प्लेटलेट को शरीर में एक जगह इकट्ठा होने नहीं देता है (25)। ऐसे में इसकी मदद से प्लेटलेट्स काउंट में आने वाली कमी दूर हो जाती है। दरअसल, जब प्लेटलेट्स एक जगह इकट्ठे हो जाते हैं, तो प्लेटलेट काउंट कम हो जाता है और खून के थक्के बन जाते हैं (26)। अगर आपके प्लेटलेट रक्त विकार की वजह से कम हो रहे हैं, तो आप इन दोनों का जूस का सेवन कर सकते हैं। इन्हें एक साथ भी लिया जा सकता है और अलग-अलग भी।
10. नारियल का तेल
सामग्री:- आवश्यकतानुसार नारियल तेल
- आप कोकोनट ऑयल को खाना बनाने में इस्तेमाल कर सकते हैं।
- सलाद और स्मूदी बनाने के लिए इसका उपयोग किया जा सकता है।
- अगर आपको नारियल के तेल का स्वाद पसंद है, तो आप इससे रोजाना खाना बना सकते हैं।
- प्लेटलेट काउंट न बढ़ने तक आप इसका सेवन कर सकते हैं।
नारियल तेल स्वस्थ वसा और अन्य पोषक तत्वों से समृद्ध होता है। इसलिए, इसे सबसे स्वस्थ तेल कहा जाता है। यह कई शारीरिक लाभ पहुंचाने के साथ ही हमारी प्लेटलेट को एक जगह इकट्ठा होने से रोकता है (27)। एक शोध के मुताबिक, जब नारियल के तेल का सेवन किया गया, तो इसके परिणामस्वरूप प्लेटलेट में सक्रियता देखी गई (28)।
11. ताजा दूध
सामग्री:- एक गिलास ताजा दूध
- सुबह या रात को बिस्तर पर जाने से पहले एक गिलास दूध का सेवन करें।
- आप इसे स्मूदी, रेडी-टू-इट नाश्ते, मिठाई और खीर के रूप में भी अपने आहार में शामिल कर सकते हैं।
- इसका सेवन आप नियमित रूप से एक से दो बार कर सकते हैं।
दूध का उपयोग आप अपने प्लेटलेट को बढ़ाने के लिए भी कर सकते हैं। दरअसल, दूध में विटामिन बी-12 पाया जाता है, जिसकी कमी से बोन मैरो में पर्याप्त मात्रा में प्लेटलेट नहीं बनता है (29) (4)। इसके अलावा, दूध कैल्शियम, विटामिन-डी, फोलेट और विटामिन-के का भी अच्छा स्रोत है। विटामिन-के प्लेटलेट की कमी की वजह से होने वाले रक्तस्राव को रोकने के लिए आवश्यक है (30)। वहीं, फोलेट के बारे में भी हम आपको ऊपर लेख में बता चुके हैं कि शरीर में इसकी मात्रा कम होने पर प्लेटलेट काउंट कम हो जाते हैं (4)।
12. किशमिश
सामग्री:- 4 से 5 किशमिश
- रात भर किशमिश भिगोएं।
- सुबह आप पानी निकालकर इसका सेवन कर सकते हैं।
- इन्हें आप स्मूदी, ब्रेकफास्ट या दूध के साथ भी खा सकते हैं।
- इसे मिठाई में और टॉपिंग की तरह आहार में भी शामिल किया जा सकता है।
- किशमिश को आप प्रतिदिन एक से दो बार खा सकते हैं।
किशमिश लोह तत्व यानी आयरन से भरपूर होती है (31)। यह आरबीसी और प्लेटलेट के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इसकी कमी के कारण थ्रोम्बोसाइटोपेनिया या कम प्लेटलेट काउंट और एनीमिया जैसी समस्या हो सकती है। इसलिए, आप प्लेटलेट काउंट बढ़ाने के लिए अपने आहार में किशमिश को शामिल कर सकते हैं (32)।
13. फोलेट युक्त खाद्य पदार्थ
सामग्री:- आवश्यकतानुसार फोलेट युक्त खाद्य पदार्थ (काली सेम, लोबिया, सरसों का साग, ब्रोकली)
- आप फोलेट युक्त दानेदार पदार्थ (लोबिया, राजमा) को रातभर भिगोकर रख दें।
- अगली सुबह इन्हें दाल, सब्जी, सूप व स्नैक्स में प्रयोग कर सकते हैं।
- इसके अलावा, अन्य फोलेट युक्त हरी सब्जियों का जूस बनाकर पी सकते हैं।
- संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए फोलेट को आप नियमित रूप से दो बार अपने आहार में शामिल कर सकते हैं।
फोलेट का सेवन आपके प्लेटलेट काउंट को घटाने की गति को रोकने के साथ ही इन्हें बढ़ाने में भी मदद करता है। स्वाभाविक रूप से फोलेट किडनी बीन्स, संतरे, मूंगफली और काले मटर जैसे कई खाद्य पदार्थों में होता है (33)। दरअसल, फोलेट की कमी की वजह से बोन मैरो प्लेटलेट नहीं बना पाते हैं (4)। इसलिए, फोलेट युक्त पदार्थ प्लेटलेट काउंट को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाते हैं।
14. विटामिन बी-12 युक्त खाद्य पदार्थ
सामग्री:- आवश्यकतानुसार विटामिन बी-12 युक्त खाद्य पदार्थ (दही, अंडा, मीट, क्लैम्स, क्रैब, लॉबस्टर इत्यादि)
- अंडे को उबालकर, तलकर या पोच्ड (पानी में पके हुए) रूप में सेवन करें।
- अंडे को आप सैंडविच व व्रैप में भी शामिल कर सकते हैं।
- चीज़ को आप सलाद में इस्तेमाल करके सेवन कर सकते हैं।
- मीट, सीप, क्लैम्स, क्रैब व लॉबस्टर को आप अच्छे से धोकर पकने के बाद खा सकते हैं।
- इन्हें आप बर्गर या सैंडविच में फिलिंग के रूप में इस्तेमाल करके भी सेवन कर सकते हैं।
- स्वस्थ रहने के लिए आप हमेशा विटामिन बी-12 युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन कर सकते हैं।
अगर आपके शरीर में विटामिन बी-12 की कमी हो जाती है, तो रक्त में प्लेटलेट नहीं बनते हैं (4)। इसलिए, आपको विटामिन बी-12 युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन नियमित रूप से प्लेटलेट के लिए करना चाहिए (34)। विटामिन बी-12 युक्त खाद्य पदार्थों में अंडा, मीट, ब्रोकली, दही व सीप शामिल हैं (30)।
15. ब्रसेल स्प्राउट्स (Brussel Sprouts)
सामग्री- आवश्यकतानुसार ब्रसेल स्प्राउट्स
- आप ब्रसेल स्प्राउट्स को ग्रिल करके और अच्छे मसाले डालकर खा सकते हैं।
- सलाद के रूप में या इसमें मिलाकर भी आप खा सकते हैं।
- इसे अन्य सब्जियों के साथ मिलाकर भी बनाया जा सकता है।
- बेसेल्स स्प्राउट्स को ड्रेसिंग और गार्निशिंग के लिए भी उपयोग कर सकते हैं।
- ब्रेसल स्पाउट्स पौष्टिक होते हैं, इसलिए आप इसका इस्तेमाल रोजाना कर सकते हैं।
- अगर आपको इसका स्वाद पसंद नहीं है, तो कम से कम प्लेटलेट काउंट बढ़ने तक इसे उपयोग में लाएं।
ब्रसेल स्प्राउट्स विटामिन, खनिज और फाइबर से भरपूर होता है। इसमें प्रतिरक्षा प्रणाली, रक्त और हड्डियों को स्वास्थ्य रखने की क्षमता होती है। साथ ही विटामिन-सी, विटामिन-के, विटामिन-ए और फोलेट जैसे सभी पोषक तत्व होते हैं, जिनकी जरूरत प्लेटलेट काउंट बढ़ाने के लिए होती है, जिनका जिक्र हम ऊपर लेख में कर चुके हैं (35)।
लेख को अंत तक जरूर पढ़ें
प्लेटलेट्स बढ़ाने के उपाय के बाद चलिए आपको बताते हैं कि प्लेटलेट काउंट कम होने पर किन चीजों से आपको परहेज करना चाहिए।
प्लेटलेट्स में परहेज – What to Avoid During Low Platelets in Hindi
कुछ चीजों का सेवन आपके प्लेटलेट्स काउंट को घटाने का काम करता है, जिनके सेवन और संपर्क में आने से आपको बचना चाहिए। नीचे हम आपके प्लेटलेट्स कम होने पर क्या-क्या परहेज करना चाहिए, इसके बारे में बताएंगे (36)।
- विषाक्त रसायन जैसे कीटनाशक, आर्सेनिक और बेंजीन के संपर्क में आने से प्लेटलेट्स का उत्पादन धीमा हो सकता है।
- क्लोरमफेनिकॉल (Chloramphenicol) जैसी दवाएं प्लेटलेट्स के उत्पादन को धीमा कर सकती हैं।
- शराब का सेवन।
प्लेटलेट्स बढ़ाने के घरेलू उपाय तो आप ऊपर जान ही चुके हैं। अब आपको इससे संबंधित ट्रीटमेंट के बारे में हम बता रहे हैं।
प्लेटलेट्स का इलाज – Treatment for Low Platelets in Hindi
थ्रोम्बोसाइटोपेनिया का उपचार इसके कारण और गंभीरता पर निर्भर करता है। उपचार का मुख्य लक्ष्य प्लेटलेट्स बढ़ाकर रक्तस्राव के कारण होने वाली मृत्यु और विकलांगता को रोकना है। इसलिए, अगर आपकी स्थिति सामान्य है और कुछ ही प्लेटलेट्स कम हुई हैं, तो आपको उपचार की जरूरत नहीं है। वहीं, अगर प्लेटलेट्स जरूरत से ज्यादा कम हैं, तो ऐसी स्थिति में इलाज करना जरूरी होता है (3)।
- अगर किसी दवा के रिएक्शन या इम्यून सिस्टम की वजह से आपके प्लेटलेट्स कम हुए हैं, तो डॉक्टर कोर्टिकोस्टेरोइड (Corticosteroids) जैसी कुछ दवाइयां लेने की सलाह दे सकते हैं।
- अगर आपके प्लेटलेट्स काफी कम हो जाते हैं, तो आपको डॉक्टर खून व प्लेटलेट्स चढ़ाने की सलाह दे सकते हैं। कुछ गंभीर मामलों में डॉक्टर सर्जरी करने का भी निर्णय ले सकते हैं।
प्लेटलेट्स बढ़ाने के उपाय के बाद अब प्लेटलेट्स कम होने से बचने के तरीके और प्लेटलेट्स कम होने पर ब्लीडिंग को कैसे रोका जाए यह जान लेते हैं।
प्लेटलेट्स कम होने से बचने के उपाय – Prevention Tips For Low Platelets in Hindi
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थ्रोम्बोसाइटोपेनिया के कई मामले ऐसे होते हैं, जिनको रोका नहीं जा सकता है। कई स्थितियां ऐसी होती हैं, जिनमें आप कुछ बातों का ख्याल रखकर कम होते प्लेटलेट काउंट को रोक सकते हैं (37)।
- थ्रोम्बोसाइटोपेनिया के खतरे को कम करने के लिए आपको शराब से दूर रहना होगा।
- अगर किसी तरह की दवा लेने की वजह से आपको थ्रोम्बोसाइटोपेनिया हो चुका है, तो उस दवाई को लेने से बचें।
- डॉक्टर की सलाह पर ऐसी दवा की सूची तैयार कर लें, जिनकी वजह से आपको थ्रोम्बोसाइटोपेनिया हो सकता है।
अगर आपके प्लेटलेट कम हो जाते हैं, तो आपको ब्लीडिंग हो सकती है। ऐसे में आप इन टिप्स की मदद से ब्लीडिंग रोक सकते हैं (38) (39)।
- इलेक्ट्रिक शेवर का इस्तेमाल करें, रेजर का नहीं। रेजर से शरीर में कट लगने का खतरा हो सकता है और प्लेटलेट्स कम होने की वजह से आपका खून ज्यादा बह सकता है।
- अपने दांत ब्रश करते समय नरम टूथब्रश का उपयोग करें। टूथ पिक के इस्तेमाल से भी बचें।
- डेंटल वर्क करवाना जरूरी हो, तो अपने डेंटिस्ट को जरूर बताएं कि आपके पास प्लेटलेट काउंट कम हैं।
- बागवानी, बर्तन और घर की मरम्मत करते समय दस्ताने पहनें।
- फाइबर युक्त आहार खाएं और खूब सारा पानी पिएं, ताकि आपको कब्ज न हो। प्लेटलेट कम होने के दौरान कब्ज होने पर आपके मलद्वार से खून बह सकता है।
- ऐसी किसी भी गतिविधि से बचें, जिससे चोट लगने का खतरा हो।
- मुंह से खून न बहे इसका भी खास ख्याल रखें। इसके लिए नरम खाद्य पदार्थ का सेवन करें। नट्स और चिप्स जैसे खाद्य पदार्थों को खाने से बचें।
- अपने होठों को नम रखें। इन्हें ड्राई होने से बचाने के लिए लिप मॉइस्चराइजर का उपयोग करें।
लेख को पढ़कर तो आप जान ही गए होंगे कि प्लेटलेट्स बढ़ाने का काम आपकी रसोई घर में मौजूद खाद्य पदार्थ भी कर सकते हैं। तो बस आज से ही प्लेटलेट्स बढ़ाने के उपाय के लिए अपने आहार में इन सभी 15 खाद्य पदार्थों को शामिल करना शुरू कर दें। हमेशा ध्यान रखें कि स्वस्थ रहने की कुंजी स्वस्थ आहार ही है। इसलिए, खाने के साथ कभी समझौता न करें। हम आर्टिकल के आखिरी हिस्से में अक्सर पूछे जाने वाले सवालों के जवाब देंगे। उम्मीद करते हैं आपको हमारा यह लेख पसंद आया होगा।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
हमारे पास कितने प्लेटलेट्स होते हैं?
सामान्य प्लेटलेट काउंट 150,000 से 450,000 प्लेटलेट्स प्रति माइक्रोलीटर होता है। अगर आपका प्लेटलेट काउंट 150,000 प्लेटलेट्स प्रति माइक्रोलीटर है, तो यह सामान्य से कम है। जब प्लेटलेट काउंट 50,000 से कम होता है, तो कही कटने या चोट लगने पर गंभीर रक्तस्राव होने की आशंका होती है। वहीं, जब प्लेटलेट 20,000 से 10,000 के नीचे तक आ जाते हैं, तो भी शरीर में रक्तस्राव का खतरा बढ़ जाता है (40)।
प्लेटलेट्स कब तक जीवित रहते हैं?
प्लेटलेट्स एक बार बनने और आपके रक्त प्रवाह में संचारित होने के बाद 8 से 10 दिन तक जीवित रहते हैं (40)।
Sources
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और पढ़े:
- कैल्शियम युक्त खाद्य सामग्री और उनके फायदे
- स्टैमिना कैसे बढ़ाएं? व्यायाम, डाइट और अन्य उपाय
- मेटाबॉलिज्म बढ़ाने के उपाय और आहार
- विटामिन K की कमी के कारण, लक्षण और घरेलू इलाज
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सरल जैन ने श्री रामानन्दाचार्य संस्कृत विश्वविद्यालय, राजस्थान से संस्कृत और जैन दर्शन में बीए और डॉ. सी. वी. रमन... more
Dr. Zeel Gandhi is an Ayurvedic doctor and an expert at providing holistic solutions for health problems encompassing Internal medicine,... more