पीलिया रोग के रोगी को क्या पीला दिखाई देता है? - peeliya rog ke rogee ko kya peela dikhaee deta hai?

अरहर के पत्तों को पीसकर उसका रस निकाल लें और इस रस का कम से कम 60 मिलीलीटर प्रतिदिन सेवन करने से पीलिया ठीक हो जाता है। इनमें से फलियां भी बहुत पोषक होती हैं और इन्हें आहार में शामिल किया जा सकता है।

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पीलिया का रामबाण इलाज -करेले के पत्ते

पीलिया रोग के रोगी को क्या पीला दिखाई देता है? - peeliya rog ke rogee ko kya peela dikhaee deta hai?

लगभग 7-10 पत्ते लें और इसे एक कप पानी में उबालकर ठंडा होने दें। 10-15 धनियां लेकर आधा लीटर पानी में उबाल लें। इसे पहले से तैयार काढ़े के साथ मिलाएं। पीलिया के प्रभावी इलाज के लिए दिन में कम से कम तीन बार पियें।

पीलिया में क्या खाना चाहिए- मूली के पत्ते

पीलिया रोग के रोगी को क्या पीला दिखाई देता है? - peeliya rog ke rogee ko kya peela dikhaee deta hai?

मूली के कुछ पत्ते लेकर छलनी की सहायता से उसका रस निकाल लें। निकाले गए रस का लगभग आधा लीटर प्रतिदिन सेवन करें, लगभग दस दिनों में रोगी को रोग से मुक्ति मिल जाएगी।

पीलिया का इलाज हैं पपीते के पत्ते

पीलिया रोग के रोगी को क्या पीला दिखाई देता है? - peeliya rog ke rogee ko kya peela dikhaee deta hai?

नेशनल हेल्थ पोर्टल (NHP) के अनुसार, एक चम्मच पपीते के पत्तों के पेस्ट में एक चम्मच शहद मिलाएं। इसे लगभग एक या दो सप्ताह तक नियमित रूप से खाएं। यह पीलिया का बहुत ही असरदार घरेलू इलाज है।

पीलिया का घरेलू उपचार- तुलसी के पत्ते

पीलिया रोग के रोगी को क्या पीला दिखाई देता है? - peeliya rog ke rogee ko kya peela dikhaee deta hai?

लगभग 10-15 तुलसी के पत्ते लें और उसका पेस्ट बना लें। इसमें आधा गिलास ताजा तैयार मूली का रस मिलाएं। बेहतर परिणाम के लिए इस तैयारी को लगभग दो से तीन सप्ताह तक रोजाना पियें।

शरीर में बिलीरुबिन का स्तर बढ़ जाने के कारण त्वचा, नाखून और आंखों का सफेद भाग पीला नजर आने लगता है। इस समस्या को ही पीलिया (Jaundice) कहते हैं।  खून में बिलीरुबिन के बढ़ जाने से  पीलिया से पीड़ित मरीज का समय पर इलाज ना हो तो रोगी को बहुत नुकसान झेलना पड़ता है। यह एक सामान्य-सा दिखने वाला गंभीर रोग हैं। इस रोग में लिवर कमजोर होकर काम करना बंद कर देता है। प्रायः पीलिया होने पर लोग घबराने लगते हैं और पीलिया का इलाज करने के लिए एलोपैथिक के साथ-साथ अन्य कई तरह के उपाय करने लगते हैं। क्या आपको पता है कि आप पीलिया का घरेलू उपचार (home remedies for jaundice) भी कर सकते हैं।

 

पीलिया रोग के रोगी को क्या पीला दिखाई देता है? - peeliya rog ke rogee ko kya peela dikhaee deta hai?

आयुर्वेद में पीलिया का उपचार करने के लिए कई तरीके बताए गए हैं। आइए जानते हैं।

Contents

  • 1 पीलिया क्या है? (What is Jaundice in Hindi?)
  • 2 पीलिया होने के कारण (Jaundice Causes in Hindi)
  • 3 पीलिया के लक्षण (Jaundice Symptoms in Hindi)
  • 4 पीलिया किन लोगों को हो सकता है? (Who is at Risk of Jaundice?)
  • 5 एनीमिया और पीलिया के लक्षणों में अन्तर (Anemia and Jaundice Difference)
  • 6 पीलिया के कारण होने वाली दूसरी बीमारियां (Disease Due to Jaundice)
  • 7 पीलिया का घरेलू इलाज करने के लिए उपाय (Home Remedies for Jaundice in Hindi)
    • 7.1 पीलिया का इलाज गन्ने के रस से (Sugarcane: Home Remedies for Jaundice Prevention in Hindi)
    • 7.2 पीलिया का उपचार हल्दी से (Turmeric: Home Remedies to Treat Jaundice in Hindi)
    • 7.3 पीलिया के घरेलू उपचार के लिए नारंगी का उपयोग (Orange: Home Remedy to Treat Jaundice in Hindi)
    • 7.4 पीलिया के घरेलू इलाज के लिए टमाटर का प्रयोग (Tomato: Home Remedy for Jaundice Treatment in Hindi)
    • 7.5 धनिया के बीज से पीलिया का इलाज (Dhaniya: Home Remedy for Jaundice Treatment in Hindi)
    • 7.6 छाछ-मट्ठा का सेवन पीलिया में फायदेमंद (Buttermilk: Home Remedies to Treat Jaundice in Hindi)
    • 7.7 दही के सेवन से पीलिया का उपचार (Curd: Home Remedy for Jaundice Prevention in Hindi)
    • 7.8 नारियल पानी से पीलिया का इलाज (Coconut: Home Remedy for Jaundice Treatment in Hindi)
    • 7.9 गिलोय से पीलिया (कामला) रोग में फायदा (Giloy: Home Remedies to Treat Jaundice in Hindi)
    • 7.10 पपीता से पीलिया (कामला) में लाभ (Papaya: Home Remedy to Treat Jaundice in Hindi)
    • 7.11 पीलिया (कामला) में प्याज का प्रयोग (Onion: Home Remedies for Jaundice Prevention in Hindi)
    • 7.12 मूली का सेवन पीलिया (कामला) में लाभदायक (Radish: Home Remedies for Jaundice Treatment in Hindi)
    • 7.13 तुलसी से पीलिया का इलाज  (Tulsi: Home Remedies for Jaundice Treatment in Hindi)
    • 7.14 फिटकरी से पीलिया का इलाज (Alum: Home Remedies for Treatment Jaundice in Hindi)
  • 8 पीलिया में आपका खान पान (Your Diet in Jaundice in Hindi)
  • 9 पीलिया में आपकी जीवनशैली (Your Lifestyle in Jaundice Disease)
  • 10 पीलिया में परहेज (Avoid These in Jaundice Disease)
  • 11 पीलिया से जुड़े सवाल-जवाब (FAQ Related Jaundice Disease)

पीलिया क्या है? (What is Jaundice in Hindi?)

पीलिया (Piliya) तब होता है, जब शरीर में बिलीरुबिन नामक पदार्थ बहुत अधिक हो जाता है। बिलीरुबिन की अत्यधिक मात्रा होने से लिवर पर बुरा प्रभाव पड़ता है, और इससे लिवर के काम करने की क्षमता कमजोर पड़ जाती हैं। बिलीरुबिन धीरे-धीरे पूरे शरीर में फैल जाता हैं जिससे व्यक्ति को पीलिया रोग हो जाता है। इस बात का ध्यान रखें कि बिना डॉक्टर की सलाह लिए पीलिया की दवा ना खाएं।                                                                                                              

पीलिया होने के कारण (Jaundice Causes in Hindi)

बिलीरुबीन पीले रंग का पदार्थ होता है। ये रक्त कोशिकाओं में पाया जाता है। जब ये कोशिकाएं मृत हो जाती हैं तो लिवर इनको रक्त से फिल्टर कर देता है। जब लिवर में कुछ दिक्कत होने के चलते यह प्रक्रिया ठीक से नहीं हो पाती तो बिलीरुबीन बढ़ने लगता है। इसी के चलते त्वचा पीली नजर आने लगती है। लिवर में गड़बड़ी के कारण, बिलीरुबिन शरीर से बाहर नहीं निकलता है, और इससे पीलिया हो जाता है। इसके अलावा नीचे दिए जा रहे कारण से भी पीलिया हो सकता हैः-

  • हेपेटाइटिस
  • पैंक्रियाटिक का कैंसर
  • बाइल डक्ट का बंद होना
  • एल्कोहल से संबधी लिवर की बीमारी
  • सड़क के किनारे, कटी, खुतली, दूषित वस्तुएं और गंदा पानी पीने से।
  • कुछ दवाओं के चलते भी यह समस्या हो सकती है।

 

पीलिया के लक्षण (Jaundice Symptoms in Hindi)

पीलिया होने पर ये लक्षण हो सकते हैंः-

  • त्वचा, नाखून और आंख का सफेद हिस्सा तेजी से पीला होने लगता है।
  • फ्लू जैसे लक्षण दिखाई देना- इसमें मितली आना, पेट दर्द, भूख ना लगना और खाना ना हजम होना जैसे लक्षण भी दिखाई देते हैं।
  • लिवर की बीमारियों की तरह- इसमें मितली आना, पेट दर्द, भूख ना लगना और खाना ना हजम होना जैसे लक्षण भी दिखाई देते हैं।
  • वजन घटना
  • गाढ़ा/पीला पेशाब होना
  • लगातार थकान महसूस करना
  • भूख नहीं लगना
  • पेट में दर्द होना
  • बुखार बना रहना
  • हाथों में खुजली चलना

पीलिया किन लोगों को हो सकता है? (Who is at Risk of Jaundice?)

निम्न उम्र वर्ग के लोगों को पीलिया (Piliya) हो सकता हैः-

  • पीलिया नवजात शिशु से लेकर वृद्धावस्था तक किसी भी वर्ग के व्यक्ति को हो सकता है।
  • नवजात शिशुओं को पीलिया का खतरा अधिक होता है। जब शिशु का जन्म होता है तो शिशु के शरीर के लाल रक्त कोशिकाओं की अधिकता होती है। जब ये अतिरिक्त (RBC) सेल्स टूटने लगते हैं तो नवजात को पीलिया होने की संभावना हो जाती है।
  • शिशु में पीलिया की शुरुआत सिर से होती है, फिर चेहरा पीला पड़ जाता है। इसके बाद सीने और पेट में फैल जाता है। अंत में पैरों में फैलता है। शिशु को अगर पीलिया से 14 दिन से ज्यादा समय तक ग्रस्त रहता है तो उसके परिणाम घातक हो सकते हैं।

 

पीलिया रोग के रोगी को क्या पीला दिखाई देता है? - peeliya rog ke rogee ko kya peela dikhaee deta hai?

एनीमिया और पीलिया के लक्षणों में अन्तर (Anemia and Jaundice Difference)

एनीमिया और पीलिया के लक्षणों में निम्न मुख्य अंतर ये हैंः-

  • एनीमिया रोग में रोगी का रंग सफेद-पीला हो जाता है, लेकिन पीलिया में रोगी की त्वचा, आंख, नाखून और मुंह का रंग हल्दी की तरह पीला हो जाता है।
  • एनीमिया खून की कमी के कारण होता है, लेकिन पीलिया में पित्ताशय से निकलने वाला पित्त, खून में मिलकर पूरे शरीर में फैलता है।
  • एनीमिया में भूख लगती है, लेकिन पीलिया में भूख नहीं लगती है।

पीलिया के कारण होने वाली दूसरी बीमारियां (Disease Due to Jaundice)

पीलिया एक जानलेवा बीमारी नहीं है लेकिन कभी-कभी रोग का सही समय पर उपचार ना किया गया, तो यह गंभीर रूप ले सकता है। पीलिया के कारण अन्य ये बीमारियां हो सकती हैंः-

फैटी लिवर-

जब लिवर में वसा अधिक जमा हो जाता है तो उस स्थिति को फैटी लिवर कहते हैं। वसायुक्त भोजन करने, अनियमित दिनचर्या जैसे व्यायाम ना करने, तनाव, मोटापा, शराब का सेवन, या किसी बीमारी के कारण लंबे समय तक दवाइयां लेने से फैटी लिवर की समस्या हो सकती है।

लक्षण- पाचनक्रिया में गड़बड़ी, पेट के दाई और मध्य भाग में हल्का दर्द, थकान, कमजोरी, भूख ना लगना और कई बार पेट पर मोटापा दिखने लगता है। कारणों का पता लगाकर विशेषज्ञ दिनचर्या में बदलाव करने के लिए कहते हैं। स्थिति गंभीर होने पर लिवर सिरोसिस भी हो सकता है। ट्रांसप्लांट ही इसका अंतिम इलाज होता है।

और पढ़ें – फैटी लिवर का उपचार करने के घरेलू नुस्खे

सिरोसिस रोग-

शराब का सेवन, वसायुक्त भोजन और खराब जीवनशैली की वजह से कई बार लिवर में रेशे बनने लगते हैं, जो कोशिकाओं को ब्लॉक कर देते हैं, इसे फाइब्रोसिस कहते हैं। इस स्थिति में लिवर अपने वास्तविक आकार में ना रहकर सिकुड़ने लगता है, और लचीलापन खोकर कठोर हो जाता है। लिवर ट्रांसप्लांट से इसका इलाज किया जाता है। पीलिया के कारण इस बीमारी के होने का खतरा ज्यादा रहता है इसलिए पीलिया के लक्षणों (Piliya ke lakshan) को अनदेखा ना करें बल्कि जल्द से जल्द इलाज कराएं।

लक्षण- पेट दर्द, खून की उल्टियां, पैरों में सूजन, बेहोशी, मल त्यागने के दौरान रक्त आना, शरीर पर अत्यधिक सूजन और पेट में पानी भर जाने जैसे लक्षण होने लगते हैं।

लिवर फेल्योर- लिवर की कोई भी बीमारी यदि लंबे समय तक रहे, या उसका ठीक से इलाज ना हो तो यह अंग काम करना बंद कर देता है। इसे लिवर फेल्योर कहते हैं। यह समस्या दो प्रकार की होती है, जो ये हैंः-

एक्यूट लिवर फेल्योर– इसमें मलेरिया, टायफॉइड, हेपेटाइटिस- ए, बी, सी, डी व ई जैसे वायरल, बैक्टीरियल या फिर किसी अन्य रोग से अचानक हुए संक्रमण से लिवर की कोशिकाएं नष्ट होने लगती हैं। लिवर सिरोसिस होने की एक वजह लंबे समय से शराब पीना है, जिससे लिवर फेल्योर हो सकता है। इसमें बचने की संभावना 10 फीसदी ही रहती है।

क्रोनिक लिवर फेल्योर- यह लंबे समय से इस अंग से जुड़ी बीमारी के कारण होता है। इन दोनों अवस्थाओं में लिवर ट्रांसप्लांट से ही स्थायी इलाज होता है।

पीलिया का घरेलू इलाज करने के लिए उपाय (Home Remedies for Jaundice in Hindi)

पीलिया (Piliya) का घरेलू इलाज इन उपायों द्वारा किया जा सकता हैः-

पीलिया का इलाज गन्ने के रस से (Sugarcane: Home Remedies for Jaundice Prevention in Hindi)

  • गन्ने का रस पीलिया के इलाज (Piliya ka ilaj) में अत्यंत लाभकारी होता हैं। अगर दिन में तीन से चार बार सिर्फ गन्ने का रस पिया जाए तो इससे बहुत ही लाभ होता हैं।
  • अगर रोगी सत्तू खाकर गन्ने का रस सेवन किया जाय तो सप्ताह भर में ही पीलिया ठीक हो जाता है।
  • अगर गेहूं के दाने के बराबर सफेद चूना गन्ने के रस में मिलाकर सेवन किया जाय तो भी जल्द से जल्द पीलिया दूर हो जाता है।

पीलिया रोग के रोगी को क्या पीला दिखाई देता है? - peeliya rog ke rogee ko kya peela dikhaee deta hai?

और पढ़ेंः गन्ने के फायदे और उपयोग

 

पीलिया का उपचार हल्दी से (Turmeric: Home Remedies to Treat Jaundice in Hindi)

हल्दी पीलिया रोग के उपचार के लिए बहुत अच्छी होती हैं। पीलिया होने पर आप एक चम्मच हल्दी को आधे गिलास पानी में मिला लें। इसे रोजाना दिन में तीन बार पिएं। इससे शरीर में मौजूद सभी विषाक्त पदार्थ मर जाएंगे। यह नुस्खा बिलीरुबिन को शरीर से बाहर करने में भी बहुत मदद करता है। पीलिया के इलाज के लिए बहुत ही आसान नुस्खा हैं। जिससे शरीर के खून की सफाई भी हो जाती हैं।

और पढ़ेंः हल्दी के फायदे और नुकसान

 

पीलिया के घरेलू उपचार के लिए नारंगी का उपयोग (Orange: Home Remedy to Treat Jaundice in Hindi)

नारंगी पाचनतंत्र को दुरुस्त करती है। यह पीलिया में भी बहुत ही प्रभावकारी साबित होती है। नारंगी के रस का सेवन करने से बिलीरुबिन की मात्रा कम होती है, और लिवर की कमजोरी भी दूर होती है।

और पढ़ेंः कैसे संतरे के सेवन से होता है रोगों से बचाव

 

पीलिया के घरेलू इलाज के लिए टमाटर का प्रयोग (Tomato: Home Remedy for Jaundice Treatment in Hindi)

टमाटर लाइकोपीन का एक भरपूर स्रोत है। सुबह खाली पेट टमाटर का रस लेने से लिवर स्वस्थ होता है। टमाटर को नरम बनाने के लिए पानी में कुछ टमाटर उबालें। अच्छे से उबल जाने के बाद टमाटर की छाल को अगल निकाल लें। टमाटर के अंदर के हिस्से को एक बर्तन में निकालें। इसे अच्छे से मिलाकर पी जाएं। पीलिया के लक्षण (Piliya ke Lakshan) दिखने पर कुछ दिनों तक इसका सेवन करें।

 

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और पढ़ेंः टमाटर के फायदे और नुकसान

 

धनिया के बीज से पीलिया का इलाज (Dhaniya: Home Remedy for Jaundice Treatment in Hindi)

धनिया के बीजों को 7-8 घण्टे भिगो कर रखें। इस पानी का सेवन करें। धनिया पानी हरी सब्जी, रोटी बनाने में इस्तेमाल करें। धनिया पानी पीलिया रोग को सुधारने करने में सहायक है।

और पढ़ेंः धनिया के फायदे और नुकसान

 

छाछ-मट्ठा का सेवन पीलिया में फायदेमंद (Buttermilk: Home Remedies to Treat Jaundice in Hindi)

पीलिया रोग में रोज सुबह-शाम 1-1 गिलास छाछ या मट्ठा में सेंधा नमक मिलाकर पिएं। छाछ, सेंधा नमक पीलिया जल्दी ठीक करने में सहायक है।

और पढ़े – पीलिया में अतिबला के फायदे

दही के सेवन से पीलिया का उपचार (Curd: Home Remedy for Jaundice Prevention in Hindi)

पीलिया रोग में दही का सेवन करने से बैक्टीरिया के संक्रमण की रोकथाम होती है। दही पीलिया के लक्षणों (Piliya ke Lakshan) को कम करने में बहुत अधिक लाभ पहुंचाता है।

पीलिया रोग के रोगी को क्या पीला दिखाई देता है? - peeliya rog ke rogee ko kya peela dikhaee deta hai?

और पढ़ेंः दही के औषधीय गुण

 

नारियल पानी से पीलिया का इलाज (Coconut: Home Remedy for Jaundice Treatment in Hindi)

पीलिया रोग के इलाज (Piliya ka ilaj) के दौरान नारियल पानी पीना फायदेमंद होता है। पीलिया में नारियल पानी का सेवन लीवर को स्वस्थ करता है, और पाचनतंत्र ठीक करता है।

और पढ़ेंः नारियल के अनेक फायदे

 

गिलोय से पीलिया (कामला) रोग में फायदा (Giloy: Home Remedies to Treat Jaundice in Hindi)

गिलोय का रस शहद में मिलाकर सुबह-सुबह सेवन करने से कामला रोग दूर होता है। अधिक लाभ के लिए किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श लें।

और पढ़ें: पीलिया रोग में गिलोय से फायदा

पपीता से पीलिया (कामला) में लाभ (Papaya: Home Remedy to Treat Jaundice in Hindi)

कच्चे पपीते की बिना मसाले की सब्जी खाएँ। इसके साथ ही पका पपीता खाने से भी पीलिया के लक्षणों (Piliya ke Lakshan) में कमी आती है।

पीलिया रोग के रोगी को क्या पीला दिखाई देता है? - peeliya rog ke rogee ko kya peela dikhaee deta hai?

और पढ़ेंः पपीता के अनेक फायदे

 

पीलिया (कामला) में प्याज का प्रयोग (Onion: Home Remedies for Jaundice Prevention in Hindi)

प्याज के छोटे-छोटे टुक़ड़े काटकर एक मिट्टी या शीशे के बर्तन में रखें। बर्तन में नींबू का रस इतना डालें कि प्याज के टुकड़े उसमें अच्छी तरह ड़ूब जाए। इसी में सेंधा नमक और कालीमिर्च भी उचित मात्रा में डाल दें। इसका रोज सेवन करने से पलिया में बहुत लाभ होगा।

और पढ़ेंः प्याज के फायदे और नुकसान

 

मूली का सेवन पीलिया (कामला) में लाभदायक (Radish: Home Remedies for Jaundice Treatment in Hindi)

  • 5 तोला मूली के पत्तों का अर्क निच़ोड़कर 1 तोला मिश्री मिला लें। बासी मुंह से पियें। यह पीलिया का रामबाण इलाज है।
  • मूली को पत्तों सहित पीसकर केवल रस निकाल लें। इसमें नींबू का रस 10 मि.ली., चीनी इच्छानुसार मिला लें। सब मिलाकर एक कप की मात्रा में रोज सुबह खाली पेट, एवं रात को सोने से पहले सेवन करायें। एक सप्ताह में ही चमत्कारी लाभ होता है।

और पढ़ें: एनीमिया के इलाज में मूली के फायदे

 

तुलसी से पीलिया का इलाज  (Tulsi: Home Remedies for Jaundice Treatment in Hindi)

तुलसी के पत्ते 5 ग्राम और पुनर्नवा की जड़ 5 ग्राम मात्र पीसकर रोज सुबह-शाम सेवन करने से पीलिया के इलाज (Piliya ka ilaj) में लाभ मिलता है। 

पीलिया रोग के रोगी को क्या पीला दिखाई देता है? - peeliya rog ke rogee ko kya peela dikhaee deta hai?

और पढ़ेंः तुलसी के अनेक फायदे

 

फिटकरी से पीलिया का इलाज (Alum: Home Remedies for Treatment Jaundice in Hindi)

फिटकरी को तवे पर सेक कर फूला लें। जब फूल जाएँ तब उसे पीस लें। 1 ग्लास में आधा चम्मच ड़ालकर रोज सुबह पिला दें। इसका दो-तीन दिन सेवन करने से पीलिया के लक्षणों (Piliya ke Lakshan) में लाभ मिलेगा।

और पढें: पीलिया रोग में परवल के फायदे

पीलिया में आपका खान पान (Your Diet in Jaundice in Hindi)

ऐसी कई आदतें होती है जो कि पीलिया जैसे रोग को उत्पन्न करती हैं। कई लोगों के मन में यह सवाल रहता है कि पीलिया में क्या खाएं और क्या ना खाएं. आइये जानते हैं कि पीलिया होने पर आपका खान-पान  कैसा होना चाहिएः-

  • ताजा व शुद्ध भोजन की करना चाहिए।
  • खाना बनाने, परोसने और खाने से पहले हाथों को साबुन से अच्छी तरह धोना चाहिये।
  • ज्यादा पानी पिएं- इससे लीवर मैजूद टॉक्सिन्स बाहर निकलता है, और लीवर ठीक रहता है। पीने के लिये साफ एवं स्वच्छ जल का ही प्रयोग करें।
  • फलों का रस पिएं- नींबू, संतरे तथा अन्य फलों के रस से ताकत मिलती है,  और शरीर भी स्वस्थ रहता है।
  • थोड़ा-थोड़ा खाएं- दिन में कई बार थोड़ा-थोड़ा खाएं। इससे लीवर पर ज्यादा दवाब नहीं पड़ता।

पीलिया में आपकी जीवनशैली (Your Lifestyle in Jaundice Disease)

पीलिया के कारण लीवर कमजोर होने लगता है, इसलिये रोगी की जीवनशैली ऐसी होनी चाहिएः-

आराम करें– ज्यादा शारीरिक क्रिया-कलापों से कमजोरी व तकलीफ बढ़ सकती है। इसलिए पीलिया होने पर अधिक आराम करें।

पीलिया में परहेज (Avoid These in Jaundice Disease)

जॉन्डिस के लक्षण दिखने पर सबसे ज़रुरी है कि जीवनशैली और खानपान में बदलाव लाएं. आइये जानते कि 

  • बाहर के बने खाने का परहेज करें।
  • एक साथ ढेर सारा खाना ना (home remedies for jaundice) खाएं।
  • ज्यादा मिर्च-मसालेदार तले हुए खाना मैदा आदि का प्रयोग ना करें।
  • दाल और बींस न खाएं। ये लीवर पर ज्यादा बोझ डालते हैं और तकलीफ बढ़ सकती है।
  • ज्यादा मेहनत करने से बचें। ज्यादा मेहनत से तकलीफ बढ़ सकती है।
  • शराब- शराब लिवर के लिए बहुत हानिकारक होता है। इसके सेवन से लिवर पर बुरा असर पड़ता है।
  • नमक- पीलिया में ज्यादा नमक वाली चीजें (अचार) खाने से बचना चाहिए। ज्यादा नमक वाली चीजें खाने में पीलिया को ठीक होने में अधिक समय (home remedies for jaundice) लगता है।
  • कॉफी या चाय- चाय और कॉफी में मौजूद कैफीन पीलिया ठीक होने में बाधक बन सकती है। इसलिए पीलिया में इनका परहेज करना चाहिए।
  • दाल- पीलिया में दाल खाने से परहेज करना चाहिए, क्योंकि दालों से आंतों में सूजन हो सकती है।
  • मक्खन- पीलिया के मरीज को मक्खन खाने से परहेज करना चाहिए। मक्खन में वसा बहुत ज्यादा होता है। इसे खाने से पीलिया के मरीज में तनाव भी बढ़ता है।
  • जंक फूड- पीलिया में जंक फूड खाने से बचना चाहिए। जंक फूड में कई तरह के तेल मसाले डाले जाते हैं, जो कि पीलिया के मरीज के लिए बहुत ही नुकसानदायक होते हैं।
  • मीट, अंडे, चिकन और मछली- पीलिया में कुछ प्रोटीन युक्त आहार (अंडा, मांस आदि) लेने से बचना चाहिए। पीलिया के मरीज के लिए इन सभी चीजों को पचा पाना मुश्किल होता है।

 

पीलिया रोग के रोगी को क्या पीला दिखाई देता है? - peeliya rog ke rogee ko kya peela dikhaee deta hai?

 

आयुर्वेद के अनुसार, पीलिया क्यों होता है?

प्रत्येक व्यक्ति का स्वास्थ्य वात-पित्त-कफ के संतुलन पर ही निर्भर करता है। इनमें असंतुलन होने पर व्यक्ति रोगग्रस्त हो जाता है। पीलिया भी इसी तरह होता है। पीलिया होने का कारण पित्त दोष है। जब पाण्डु (एनीमिया) रोगी पित्त से जुड़े द्रव्यों का अधिक मात्रा में सेवन करता है तो उसका बड़ा हुआ पित्त रक्त एवं मांस को जलाकर पीलिया रोग पैदा करता है।

पीलिया में क्या क्या दिक्कत होती है?

पीलिया के लक्षण (Piliya ke lakshan in Hindi).
बुखार होना.
थकान होना.
वजन घटना.
कमजोरी होना.
भूख नहीं लगना.
पेट में दर्द होना.
सिर में दर्द होना.
शरीर में जलन होना.

पीलिया रोग की पहचान कैसे करें?

पीलिया के लक्षण.
श्वेतपटल (आंख का सफेद क्षेत्र), या कंजंक्टिवल इक्टेरस का पीलापन.
त्वचा का रंग पीला नजर आने लगता है।.
मुंह के अंदर का पीला रंग.
मूत्र का रंग गहरा (बिलीरुबिन्यूरिया) या भूरे रंग का होता है।.
मल पीला या मिट्टी के रंग का होता है.
बिलीरुबिन एक त्वचा अड़चन है; इसलिए पीलिया के कारण खुजली (खुजली) हो जाती है।.

पीलिया में मुख्य रूप से कौन सा अंग प्रभावित होता है?

दरअसल, पीलिया सीधे लिवर को प्रभावित करता है। रक्त में पित्त की मात्रा बढऩे से आंखों के सफेद भाग और त्वचा में पीलापन आ जाता है। नाखून भी पीले नजर आने लगते हैं।

सबसे खतरनाक पीलिया कौन सा होता है?

जबकि काल पीलिया का वायरस एचआईवी से अधिक खतरनाक है। यह बात डाक्टर अतुल शर्मा डायरेक्टर येलो क्लिीनिक लुधियाना ने आफीसर क्लब में इस बीमारी के खिलाफ जागरूकता के तहत आयोजित कार्यक्रम में पत्रकारों से बातचीत के दौरान कही। उन्होंने कहा कि अगर काला पीलिया से पीड़ित मरीज का सही समय पर इलाज न हो तो मरीज की मौत हो सकती है।