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प्राथमिक चिकित्सा का प्रशिक्षण किसी रोग के होने या चोट लगने पर किसी अप्रशिक्षित व्यक्ति द्वारा जो सीमित उपचार किया जाता है उसे प्राथमिक चिकित्सा (First Aid) कहते हैं। इसका उद्देश्य कम से कम साधनों में इतनी व्यवस्था करना होता है कि चोटग्रस्त व्यक्ति को सम्यक इलाज कराने की स्थिति में लाने में लगने वाले समय में कम से कम नुकसान हो। अतः प्राथमिक चिकित्सा प्रशिक्षित या अप्रशिक्षित व्यक्तिओं द्वारा कम से कम साधनों में किया गया सरल उपचार है। कभी-कभी यह जीवन रक्षक भी सिद्ध होता है। प्राथमिक चिकित्सा विद्या प्रयोगात्मक चिकित्सा के मूल सिद्धांतों पर निर्भर है। इसका ज्ञान शिक्षित पुरुषों को इस योग्य बनाता है कि वे आकस्मिक दुर्घटना या बीमारी के अवसर पर, चिकित्सक के आने तक या रोगी को सुरक्षित स्थान पर ले जाने तक, उसके जीवन को बचाने, रोगनिवृत्ति में सहायक होने, या घाव की दशा और अधिक निकृष्ट होने से रोकने में उपयुक्त सहायता कर सकें। प्राथमिक चिकित्सा पशुओं पर भी की जा सकती है। प्राथमिक चिकित्सा की सीमा[संपादित करें]प्राथमिक उपचार आकस्मिक दुर्घटना के अवसर पर उन वस्तुओं से सहायता करने तक ही सीमित है जो उस समय प्राप्त हो सकें। प्राथमिक उपचार का यह ध्येय नहीं है कि प्राथमिक उपचारक चिकित्सक का स्थान ग्रहण करे। इस बात को अच्छी तरह समझ लेना चाहिए कि चोट पर दुबारा पट्टी बाँधना तथा उसके बाद का दूसरा इलाज प्राथमिक उपचार की सीमा के बाहर है। प्राथमिक उपचार का उत्तरदायित्व किसी डाक्टर द्वारा चिकित्सा संबंधी सहायता प्राप्त होने के साथ ही समाप्त हो जाता है, परंतु उसका कुछ देर तक वहाँ रुकना आवश्यक है, क्योंकि डाक्टर को सहायक के रूप में उसकी आवश्यकता पड़ सकती है। किन-किन स्थितियों में प्राथमिक चिकित्सा उपयोगी है[संपादित करें]ऊँचाई पर जाने से समस्या होना, हड्डी टूटना, जलना, हृदयाघात (हार्ट अटैक), श्वसन-मार्ग में किसी प्रकार का अवरोध आ जाना,पानी में डूबना,हीट स्ट्रोक, मधुमेह के रोगी का बेहोश होना, हड्डी के जोड़ों का विस्थापन, विष का प्रभाव, दाँत दर्द, घाव-चोट आदि में प्राथमिक चिकित्सा उपयोगी है। आवश्यक बातें[संपादित करें]प्राथमिक उपचार में आवश्यक बातें
प्राथमिक उपचार के मूल तत्व[संपादित करें]
स्तब्धता (Shock) का प्राथमिक उपचार[संपादित करें]इसके अंतर्गत निम्नलिखित उपचार करना चाहिए :
सांप काटने पर प्राथमिक चिकित्सा[संपादित करें]सर्पदंश भी देखें। बहुत सारे सांप विषैले नहीं होते उनके काटने पर घाव को साफ करने और दवाई लगाने से ठीक हो जाता है। लेकिन विषैले सांप के काटने पर जल्द-से-जल्द प्राथमिक चिकित्सा की आवश्यकता होती है। सांप के काटने से त्वचा पर दो लाल बिंदु जैसे निशान आते है। जहरीले सांप के काटने पर लक्षण सांप की प्रजाति के अनुसार होता है। नाग कोबरा या करैत प्रजाति के सांप के काटने पर न्यूरोलॉजिकल/मस्तिष्क सम्बन्धी लक्षण दीखते हैं जबकि वाईपर के काटने पर रक्त वाहिकाएं नष्ट हो जाती हैं। सांप काटने पर लक्षण
सांप के काटने पर प्राथमिक चिकित्सा के चरण
सांप के काटने पर इलाज के लिए सही एंटी-टोक्सिन या सांप के सीरम को चुनने के लिए सांप की पहचान करना बहुत आवश्यक है। अस्थिभंग का प्राथमिक सामान्य उपचार[संपादित करें]
मोच (sprains) का प्राथमिक उपचार[संपादित करें]
रक्तस्राव का प्राथमिक उपचार[संपादित करें]
अचेतनावस्था का प्राथमिक उपचार[संपादित करें]बेहोशी पैदा करनेवाले कारणों से घायल को दूर कर देना तथा अचेतनावस्था के उपचार के साधारण नियमों को यथासंभव काम में लाना चाहिए। डूबने, फाँसी, गलाघुटने तथा बिजली लगने का प्राथमिक उपचार[संपादित करें]डूबे हुए व्यक्ति को कृत्रिम रीति से सर्वप्रथम श्वास कराएँ तथा गीले कपड़े उतारकर उसका शरीर सूखे वस्त्रों में लपेटें। इसके पश्चात उसके पेट तथा फेफड़ों से पानी निकालने की प्रक्रिया शुरू करना चाहिए। कृत्रिम श्वास देने के लिए उसे पेट के बल सूखी जमीन पर लिटाकर अपने शरीर के भार उसके पीठ पर पर दबाव डालें। रोगी की पीठ पर दबाव पड़ने से उसके पेट तथा फेफड़ों में भ्ारा पानी बाहर निकल जाएगा। अब प्राथमिक चिकित्सा करने वाले को रोगी को कृत्रिम श्वास देने की प्रक्रिया तब तक करते रहना चाहिए जब तक कि रोगी की श्वास प्रक्रिया स्वाभाविक रूप से चालू न हो जाए। फाँसी लगाए हुए व्यक्ति के नीचे के अंगों को पकड़कर तुरंत शरीर उठा दें, ताकि उसके गले की रस्सी का कसाव कम हो जाए। रस्सी का कसाव कम हाने पर रस्सी काटकर गला छुड़ा दें। फिर कृत्रिम श्वास लिवाएँ। गला घुटने की अवस्था में पीठ पर स्कैपुला (scapula) के बीच में जोरों से मुक्का मारें और फिर गले में उँगली डालकर उसे वमन कराने की चेष्टा करें। इसी प्रकार विषैली गैसों से दम घुटने पर दरवाजे, खिड़कियाँ, रोशनदान आदि खोलकर कमरे का गैस बाहर निकाल दें और रोगी को अपने मुंह के श्वास द्वारा आक्सीजन देने का प्रयास करें। बिजली का शॉक मारने पर तुरंत बिजली का संबंध तोड़कर रोगी को कृत्रिम श्वास दिलाएँ तथा उत्तेजक पदार्थों का सेवन कराएँ। विश्व प्राथमिक चिकित्सा दिवस[संपादित करें]प्रतिवर्ष ८ सितम्बर को मनाया जाता है। इन्हें भी देखें[संपादित करें]
बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]
सन्दर्भ[संपादित करें]प्राथमिक उपचार किसे कहते हैं प्राथमिक उपचार पेटी में क्या क्या सामान होने आवश्यक है?किसी रोग के होने या चोट लगने पर किसी अप्रशिक्षित व्यक्ति द्वारा जो सीमित उपचार किया जाता है उसे प्राथमिक चिकित्सा (First Aid) कहते हैं। इसका उद्देश्य कम से कम साधनों में इतनी व्यवस्था करना होता है कि चोटग्रस्त व्यक्ति को सम्यक इलाज कराने की स्थिति में लाने में लगने वाले समय में कम से कम नुकसान हो।
प्राथमिक पेटी क्या है?फर्स्ट ऐड बॉक्स एक ऐसी किट है जिसमें आपातकालीन स्थिति में प्रयोग करने के लिए दवाएं, उपकरण और अपनी सुरक्षा करने वाला कुछ सामान होता है। इस किट की मदद से घायल हुए व्यक्ति को प्राथमिक उपचार देकर उसकी जान बचाई जा सकती है। इसलिए इसे कई वर्षों से हर घर, संस्थान, कहीं यात्रा करते हुए और हर जरूरी स्थान पर रखने की सलाह दी है।
प्राथमिक उपचार की पेटी में कौन कौन सी सामग्री होती है?विशिष्ट सामग्रियों में शामिल हैं, चिपकने वाली पट्टियां, नियमित शक्तिवर्धक दर्द की दवाएं, जालीदार कपड़े की पट्टी और निम्न दर्जे का रोगाणुनाशक. विभिन्न क्षेत्रों, वाहन या गतिविधियों के लिए विशिष्ट प्राथमिक चिकित्सा किट उपलब्ध हैं, जो क्रियाकलाप से जुड़े विशेष जोखिम या चिंताओं पर केंद्रित होते हैं।
प्राथमिक उपचार पेटी में मुख्यतः क्या क्या रखा जाता है?इसे सुनेंरोकेंदर्द निवारक दवाएं : डॉक्टर की सलाह से किट में शामिल करें और इमरजेंसी में ही लें। इसके अलावा डिस्पोजेबल ग्लव्ज, पॉकेट मास्क, प्लास्टिक की चिमटी, एंटीसेप्टिक वाइप्स (पट्टी), थर्मामीटर व हाथ धोने का साबुन भी इस किट में रख सकते हैं।
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