पेट में इंफेक्शन के दौरान इन चीजों से करें परहेज, बढ़ सकती है समस्या
लाइफस्टाइल डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: तेजस्वी मेहता Updated Thu, 08 Apr 2021 02:36 PM IST
डॉ शैलेष पंवार
गेस्ट्रोएंट्रोलॉजिस्ट, भारती हॉस्पिटल
डिग्री- एम. बी.बी.एस, एम.डी, एम.आर.सी.पी
अनुभव - आठ वर्ष
Medically Reviewed by Dr. Shailash Panwar
कई बार हमें पता ही नहीं होता है और हमारे पेट में इंफेक्शन हो चुका होता है। पेट में इंफेक्शन की इस समस्या को गैस्ट्रोएंटराइटिस कहा जाता है। कई लोग इसे फूड पॉइजनिंग समझ लेते हैं जबकि यह उससे अलग समस्या है। इसके होने पर उल्टी, घबराहट, दस्त, बार-बार पेट में दर्द, मरोड़ आदि लक्षण दिखाई देने लगते हैं। इसमें पेट में जलन तो होती ही है, साथ ही आंतों में भी सूजन हो जाती है। इसके होने के पीछे कई कारण हो सकते हैं लेकिन ज्यादातर यह दूषित भोजन करने से या लंबे समय तक ऐसे स्थान पर रहने से, जहां पर नुकसान पहुंचाने वाले जीवाणु हो, इन वजहों से होती है। अगली स्लाइड्स से डॉ शैलेष पंवार से जानिए पेट में इंफेक्शन के दौरान किन चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए।
फाइबर
वैसे तो पेट की समस्या में फाइबर के सेवन पर जोर दिया जाता है लेकिन पेट में इंफेक्शन होने पर फाइबर युक्त फल और सब्जी का सेवन अधिक नहीं करना चाहिए इससे दस्त की समस्या हो सकती है। नाश्ते में यदि ओट्स का सेवन करते हैं तो उसे बंद करें। फलों में सेब का सेवन नुकसान पहुंचा सकता है। हल्के और आसानी से पचने वाले आहार का सेवन करें। यह आपके शरीर को नुकसान नहीं पहुंचाएगा।
कैफीन युक्त पदार्थ
पेट में इंफेक्शन होने पर कैफीन युक्त पदार्थ का
सेवन न करें। कैफीन युक्त पदार्थ का सेवन करने से पेट की समस्या बढ़ सकती है क्योंकि इसके सेवन के बाद बार-बार व्यक्ति को पेशाब के लिए जाना पड़ता है। जिससे कि शरीर में पानी की कमी होने लगती है और पेट में इंफेक्शन के समय शरीर में पानी की कमी होना बिल्कुल भी ठीक नहीं है इसलिए कोल्डड्रिंक, चाय, कॉफी आदि का सेवन भूलकर भी न करें।
खट्टे फल
पेट की समस्याओं में अक्सर लोग फ्रूट डाइट पर चले जाते हैं या सलाद का अधिक सेवन करना शुरू कर देते हैं लेकिन
पेट में इंफेक्शन होने पर बहुत जरूरी है कि आप इस बात पर ध्यान दें कि किसी भी फल का सेवन ऐसे ही आप न करें। संतरा, पाइनएप्पल, अंगूर एवं अन्य खट्टे फल न खाएं। टमाटर भी न खाएं क्योंकि इन्हें खाने से पेट में एसिड की मात्रा बढ़ जाएगी क्योंकि खट्टे फलों में अत्यधिक एसिड होता है। पेट में अधिक एसिड बनेगा तो पेट में जलन और भारीपन की समस्या बढ़ जाएगी।
डेयरी उत्पाद
डेयरी उत्पादों का सेवन थोड़े दिन के लिए बिल्कुल बंद
कर दें। दूध, पनीर, चीज आदि आपके लिए पचाना मुश्किल हो जाएगा क्योंकि इन सभी में लैक्टोज होता है जिसे पेट में इंफेक्शन के दौरान आसानी से नहीं पचाया जा सकता क्योंकि पाचन तंत्र पहले से ही कमजोर पड़ चुका है। ऐसे में उसपर और दबाव डालने से तो आपको दस्त या पेट दर्द की समस्या और भी बढ़ जाएगी। दवा भी दूध से लेने की बजाय पानी से ही लें और यदि दूध से लेते हैं तो बहुत अधिक मात्रा में दूध न लें।
नोट- यह लेख भारती हॉस्पिटल के गेस्ट्रोएंट्रोलॉजिस्ट डॉक्टर शैलेष पंवार से बातचीत के आधार पर तैयार किया गया है। डॉक्टर शैलेष पंवार पिछले आठ सालों से प्रैक्टिस कर रहे हैं। उन्होंने अपनी डिग्री एमजीएम मेडिकल कॉलेज, इंदौर से ली है।
अस्वीकरण- अमर उजाला की हेल्थ एवं फिटनेस कैटेगरी में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को अमर उजाला के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। अमर उजाला लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।
बैक्टीरियल इन्फेक्शन की वजह से होते हैं पेट में अल्सर -(Image Canva)
Antioxidant Rich Diet In Stomach Ulcer -अगर सही समय पर पेट में होने वाले अल्सर का उपचार न किया जाए तो ये गंभीर रूप ले सकते हैं. उपचार के साथ-साथ उचित खानपान का ध्यान रखा जाए तो जल्द ही अल्सर से राहत मिल सकती है.
- News18Hindi
- Last Updated : September 27, 2022, 23:12 IST
हाइलाइट्स
मूली और गाजर खाने से मिलेगा अल्सर से आराम. गोभी भी करती है अल्सर का प्रभावी उपचार.सेब में मौजूद पॉलीफेनॉल्स है एक अच्छा एंटी-ऑक्सीडेंट.Antioxidant Rich Diet In Stomach Ulcer – पेट की सतह पर होने वाला पेप्टिक अल्सर एक तरह का घाव है. यह तब होता है जब भोजन पचाने वाले एसिड छोटी आंत को नुकसान पहुंचाने लगते हैं. पेट में अल्सर एक तरह के बैक्टीरियल इन्फेक्शन की वजह से भी हो सकता है, जिसका नाम हेलीकोबेक्टर पाइलोरी है. इसके अलावा ओवर-द-काउंटर बिकने वाले नॉनस्टेरॉयड एंटी-इनफ्लेमेटरी दवाओं जैसे एस्प्रिन और आइब्रूफेन अत्यधिक सेवन से भी पेट में अल्सर हो सकते हैं. अगर सही समय पर पेट में होने वाले अल्सर का उपचार न किया जाए तो ये गंभीर रूप ले सकते हैं. उपचार के साथ-साथ उचित खानपान का ध्यान रखा जाए तो जल्द ही अल्सर से राहत मिल सकती है. पेट में अल्सर होने पर क्या खाना चाहिए और क्या नहीं चलिए जानते हैं इसके बारे में.
पेट में अल्सर होने पर क्या खाएं
हेल्थलाइन के मुताबिक अल्सर बनने के लिए हेलीकोबेक्टर पाइलोरी बैक्टीरिया को जिम्मेदार माना गया है. इसके प्रभाव को कम करने में एंटी-ऑक्सीडेंट रिच डाइट लेने की सलाह दी जाती है. ये फूड अल्सर के लिए जिम्मेदार बैक्टीरिया को रोकने में भी काफी मददगार होते हैं. इनमें शामिल है-
फूल गोभी और पत्ता गोभी
फूल गोभी में इंडोल-3 कार्बिनोल नाम का फाइटो
केमिकल होता है, जो एंटी अल्सर प्रॉपर्टी से भरपूर होता है. फूल गोभी में मौजूद ये केमिकल अल्सर की समस्या में लाभकारी होता है. वहीं पत्ता गोभी के जूस में एंटी पेप्टिक अल्सर गुण होते हैं, जो अल्सर को कम करने में मदद करते हैं.
मूली
मूली में एंटी अल्सर गुण होते हैं, जो शराब के अत्यधिक सेवन से होने वाले कैस्ट्राइटिस और गैस्ट्रिक अल्सर के उपचार में प्रभावी होते हैं. अल्सर में मूली का सेवन लाभकारी माना जाता है.
गाजर
गाजर में मौजूद एंटी
पेप्टिक अल्सर गुण अल्सर को प्रभावी ढंग से ठीक करने में मदद करते हैं. गाजर का अर्क भी गैस्ट्रिक अल्सर से बचाने में मददगार होता है.
सेब
सेब में पॉलीफेनॉल्स होता है जो एक बहुत अच्छा एंटी ऑक्सीडेंट है. इसके अलावा सेब में गैस्ट्रो प्रोटेक्टिव गुण भी होते हैं, जो एस्प्रिन के अत्यधिक सेवन से होने वाले अल्सर को कम करने में प्रमुख भूमिका निभाता है. इतना ही नहीं सेब में एंटी हेलीकोबेक्टर पाइलोरी बैक्टीरिया से लड़ने में मदद करने वाले गुण भी
होते हैं.
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ब्रोकली
ब्रोकली में सल्फोराफेन होता है जो अल्सर के लिए जिम्मेदार हेलीकोबेक्टर पाइलोरी बैक्टीरियो को पनपने से रोकने में मदद करता है.
इसके अलावा हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे पालक को भी अल्सर के लिए फायदेमंद माना गया है.
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हल्दी
हल्दी औषधीय गुणों से भरपूर है
इसलिए इसे स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद माना गया है. हल्दी में करक्यूमिन कंपाउंड होता है, जिसमें कई तरह के औषधीय गुण मौजूद हैं. इसमें एंटी अल्सर गुण भी शामिल हैं. गैस्ट्रिक अल्सर में हल्दी का नियमित सेवन करने से बहुत जल्दी और प्रभावी लाभ हो सकता है.
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Tags: Food, Health, Lifestyle
FIRST PUBLISHED : September 27, 2022, 23:12 IST