हिंदी न्यूज़ धर्म Pitrupaksha 2020: श्राद्ध में इन सब्जियों का भूलकर भी ना करें प्रयोग Show
श्रद्धया दीयते इति श्राद्ध। जो दान चाहे वह भोजन का हो या अन्न का, श्रद्धापूर्वक दिया जाता है, उसे श्राद्ध कहते हैं। हिंदू शास्त्रों में श्राद्ध कर्म विशेष प्रयोजन से...Praveenलाइव हिन्दुस्तान टीम ,मेरठ Tue, 08 Sep 2020 01:09 PM श्रद्धया दीयते इति श्राद्ध। जो दान चाहे वह भोजन का हो या अन्न का, श्रद्धापूर्वक दिया जाता है, उसे श्राद्ध कहते हैं। हिंदू शास्त्रों में श्राद्ध कर्म विशेष प्रयोजन से किया जाता है। हिन्दू धर्म में मान्यता है कि पितृपक्ष में हमारे पितर पृथ्वी पर आते हैं। उनके वंशज उनके नाम से ब्राह्मणोंको भोजन कराने से वे तृप्त होकर और आशीर्वाद देकर
अपने धाम चले जाते हैं। आश्विन मास के कृष्ण पक्ष में श्राद्ध पक्ष का आगमन होता है। कन्या राशि में सूर्य के आने से इसे कनागत भी कहते हैं। -श्राद्ध करने का अधिकारी पुत्र होता है। पुत्र ना हो तो भतीजा, भांजा और धेवता होता है। यह भी पढ़ेें: शुक्र का राशि परिवर्तन: शुक्र 27 सितंबर तक रहेंगे कर्क राशि में, जानें किन राशियों को होगा फायदा, किसे होगा नुकसान -श्राद्ध कर्म में गेहूं, सरसों, जौं, धान और कंगनी से
पूरित भोजन से पितर तृप्त होते हैं। नई दिल्ली: पितृ पक्ष शुरू हो गए हैं. परिवार में जिन पूर्वजों का देहांत हो चुका हो, उन्हें हम पितृ मानते हैं. पितृपक्ष का प्रारंभ 24 सितंबर से हो गया है. इस दौरान हम अपने पूर्वजों को याद करते हैं और उनकी याद में अनुष्ठान और तर्पण से पितरों को संतुष्ट करते हैं. सनातन धर्म में ये मान्यता है कि पितृपक्ष के दौरान पितृ किसी भी रूप में आते है और भोजन करते हैं. लेकिन हम कुछ ऐसी गलतियां कर देते हैं, जिससे पितृ नाराज हो कर लौट जाते हैं. लहसुन
और प्याज बासी खाना ये सब्जियां खाने से बचें चना और सत्तू मसूर की दाल पितृ पक्ष में कौन सी सब्जी नहीं खाना चाहिए?श्राद्ध के पवित्र समय में कच्चा अनाज वर्जित है इसलिए इस दौरान चावल, दाल और गेहूं नहीं खाना चाहिए. इन खाद्य पदार्थों का कच्चा सेवन करना वर्जित माना गया है. इसके अलावा आलू, अरबी और मूली जैसी सब्जियां भी वर्जित हैं. श्राद्ध करने वाले किसी भी व्यक्ति को मसूर दाल खाने से बचना चाहिए.
श्राद्ध में कौन सी सब्जी बनाना चाहिए?इस दौरान लोग अपने पूर्वजों को याद करते हुए उनका श्राद्ध करते हैं। पितरों का श्राद्ध करते समय कुछ खास नियमों का ध्यान रखा जाता है ताकि श्राद्ध कर्म खाली न जाए और पितर भी प्रसन्न रहें। ऐसा ही एक नियम है कि श्राद्ध के प्रसाद में कद्दू की सब्जी जरूर बनाई जाती है।
पितृ पक्ष में क्या परहेज करना चाहिए?मांस, मछली, मदिरा और लहसुन-प्याज का पूरे पितृपक्ष के दौरान त्याग कर देना चाहिए. पितृ पक्ष कच्चा अनाज खाना मना होता है. अंकुरित अनाज, दालें या चावल जैसी चीजों को कच्चा किसी भी रूप में न खाएं. मसूर की दाल पका कर खाना भी मना है.
पितृपक्ष में कौन कौन से काम वर्जित रहते हैं?पितृपक्ष के समय में लहसुन, प्याज, मांस, मदिरा आदि का सेवन नहीं करना चाहिए. ... . इस समय में अपने घर के बुजुर्गों और पितरों का अपमान न करें. ... . पितृपक्ष में स्नान के समय तेल, उबटन आदि का प्रयोग करना वर्जित है.. इस समय में आप कोई भी धार्मिक या मांगलिक कार्य जैसे मुंडन, सगाई, गृह प्रवेश, नामकरण आदि न करें.. |